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Tag: डेथ सेंटेंस

पुराने कानूनों का कडाई से पालन करा लो देश और दिशा बदल जायेगी

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सोश्लाईट

ओये झाल्लेया देखा बेचारी दामिनी के साथ क्या जुल्म हुआ है|मरने के बाद भी धरा १४४ लगा कर गुपचुप तरीके से उस बेचारी का अंतिम संस्कार कर दिया गया|इसके बाद भी लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले रुक नहीं रहे हैं |अब दोषियों को फांसी देदेनी चाहिए या फिर इन्हें नपुंसक बना कर जिल्लत भरी जिन्दगी जीने का श्राप दे देना चाहिए| चलती चार्टर्ड बस में दरिन्दगी की शिकार इस 23 वर्षीय पीडिता की मौत और उसके बाद उसकी गोपनीय अंत्येष्टि से सुशासन के लिए चिंगारी एक बार फिर सुलग उठी है और अब की बार यह चिंगारी शोला बन कर भड़क भी जायेगी| ओये अब इस दामिनी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा|अब तो कुछ हो कर ही रहेगा

पुराने कानूनों का कडाई से पालन करा लो देश और दिशा बदल जायेगी

झल्ला

हां बाऊ साहब उस बेचारी के साथ तो बहुत बुरा ही हुआ है तभी पूरी मानवता रो रही है|और बदलाव की आग भड़क उठी है मगर शोले रूपी इस गरल को धारण करने के लिए अभी कोई कोई सुपात्र दर्शनीय नही है ।| रेपिस्ट को नपुंसक बना कर उनके अंग भंग करने से ये भिखारियों की संख्या बड़ा कर नेताओं के वोट बैंक बनेंगे और उलटे सीधे लाभ पाने के हक़दार कहलाये जायेंगे |फांसी की मांग जायज़ है मगर इसी दिल्ली में नाबालिग भाई बहन संजय, गीता चोपड़ा के हत्यारों [रंगा बिल्ला ] को भी १९८२ में फांसी दी गई थी मगर अपराध फिर भी नही रुके उलटे अब तो प्रति दिन एक की औसत से दिल्ली में ही बलात्कार दर्ज़ किये जा रहे हैं|| झल्लेविचारानुसार कानून बेशक नए नए बनाए जाएँ मगर जोकानून बने हुए हैं उनका पालन कड़ी से करा लो देश और दिशा बदल जायेगी