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मनीष तिवारी ने नरेन्द्र मोदी पर २० हज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा कर भाजपा को आरोपों का सिक्का लौटाया

घोटालों के आरोपों में घिरी यूं पी ऐ ने आज भाजपा के चर्चित चेहरे नरेन्द्र मोदी की सरकार पर 20 हजार करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगा कर भाजपा के सिक्के को लौटाने का प्रयास किया | सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने चुनावी मौसम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार पर तहलका अखबार की एक रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में गैस ब्लॉक की दस फीसदी हिस्सेदारी २००३ में एक ऐसी कंपनी को दे दी जो डील से कुछ दिन पहले ही महज चौंसठ डॉलर की पूंजी के साथ बनी थी.उधर, बीजेपी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि कांग्रेस बिना सबूत, मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

I&B minister मनीष तिवारी


सीएजी ने भी सरकारी कंपनियों पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के दिए इस ठेके पर सवाल उठाए थे। अब भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस को पहली बार मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला है।
तहलका की रिपोर्ट के मुताबिक इस जियो ग्लोबल पर गुजरात सरकार अब तक 20 हजार करोड़ लुटा चुकी है. सीएजी रिपोर्ट के हवाले से छपी खबर के मुताबिक बारबाडोस में बनी कंपनी ने इस सौदे के बदले एक रुपया नहीं चुकाया और उसे बीस हजार करोड़ रुपये दिए गए और तो और गैस खोजने का खर्च भी गुजरात सरकार की सार्वजनिक कंपनी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कार्पोरेशन ने उठाया.
गुजरात सरकार के साथ सौदा करने के तुरत बाद जियोग्लबोल ने अपनी हिस्सेदारी का 50 फीसदी हिस्सा मॉरीशस की कंपनी को बेच दिया. अब इस डील को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार से सवाल पूछ रही है. |
केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर इस डील के पीछे क्या मंशा थी? आरोप गंभीर हैं लेकिन अपने पर बात आई तो बीजेपी को सवाल का सीधा जवाब नहीं सूझा और कहा कि आरोप लगाने की तो कांग्रेस की आदत है
उधर .बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस बिना सबूत, मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुझे तो कांग्रेस पर दया आती है। जो खुद माइनिंग स्कैम में आकंठ डूबा है वो तहलका के मध्यम से लांछन लगा रहा है जिसमें कोई घोटाला नहीं है। हम इनके आरोपों को ख़ारिज करते हैं। गुजरात को बदनाम करने की कोशिश है।
वैसे, सीएजी ने भी सरकारी कंपनियों पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के दिए इस ठेके पर सवाल उठाए थे। अब भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस को पहली बार भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला है।