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Tag: नरेन्द्र मोदी

केंद्र सरकार के कुशासन का नमो मन्त्र लोगों को भा रहा है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चीयर लीडर भाजपाई

ओये झाल्लेया देखा हसाड़े नरेन्द्र भाई मोदी का कमाल ओये लगातार दुसरे दिन भाषण की हैट्रिक बना कर कर दिया कांग्रेसियों के साथ वाम पंथियों को भी बेहाल||फिक्की और थिंक इंडिया के भेषणों के बाद ये लोग कहते फिरते थे के मोदी ने तो केवल महिलाओं के विषय में हीबोलने का दिखावा किया |अब देखा कोलकत्ता में सबको ढह ढेरी कर दिया|कांग्रेस+कांग्रेस के पी एम् और कांग्रेस के होने वाले पी एम् बोले तो सभी अगले पिछले पी एम् की पोल खोल करके रख दी|अब देखो ये कांग्रेसी मोबाईल देते हैं तो चार्जर[बिजली] नहीं देते+ अपने खुद के पी एम् को नेता नहीं मानते+कारखाने बनाते हैं तो बिजली नही बनाते +खुद को सर्व शक्तिशाली कहते हैं और सी डब्लू जी जैसे बड़े बड़े घोटाले करते फिर रहे हैं+गैर कांग्रेसी राज्यों के साथ भेद भाव बरता जा रहा है+ विकास के नाम पर खेती को तबाह किया जा रहा है+ लोग भूखे मर रहे हैं और अनाज गौदामों में सड रहा है+ भूखों को देने के बजाय शराब व्यवसाईयों को मात्र ६५ पैसे किलों में दिया जा रहा है+सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जा रही है+ गुजरात को नुक्सान पहुंचाने के लिए ही कपास निर्यात पर रोक लगा दी गई+बिजली के लिए कोयला नहीं दिया जा रहा+ विदेश नीति फ़ैल हो रहे है|ऐसा नहीं की सिर्फ केंद्र सरकार और वाम पंथियों की आलोचना ही की हो उन्होंने गुजरात में विकास के सफल मोदी माडल को भी प्रस्तुत किया|सांसद चन्दन मित्रा ने भी ऐसा बढिया एरेंजमेंट किया था के सभी मोदी के दीवाने हुए जा रहे थे|

केंद्र सरकर के कुशासन का नमो मन्त्र लोगों को भा रहा है

केंद्र सरकर के कुशासन का नमो मन्त्र लोगों को भा रहा है

झल्ला

हाँ सेठ जी बात तो आप ठीक ही कह रहे हो|दरअसल कांग्रेसी बड़बोलों ने ही मोदी को उकसाया शायद इसीलिए आपजी के मोदी ने केंद्र सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार के साथ साथ कुशासन का फ्रंट भी खोल दिया है|मोदी का यह कहना के केंद्र सरकार अपनी विश्वसनीयता +इकबाल खो चुकी है|कुशासन की हद हो चुकी है और यह नमो मन्त्र लोगों को ज्यादा भा रहा है |वैसे पी एम् ओ ने मोदी आरोपों को मोदी के भाषण खत्म होते ही नकार दिया लेकिन यह बात तो तय हो गई है के अब पी एम् ओ भी नरेन्द्र मोदी तो महत्त्व देने लगा है|मोदी को सीरियसली लेने लगा है|

एक्टिविस्ट लोकायुक्त की लटकती तलवार से बचाव के लिए गुजरात में ढाल के रूप में बिल पास कराया तो सबको गुस्सा आया


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बेचारा दुखी भाजपाई

ओये झल्लेया हसाड़े सोणे नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ये क्या षड्यंत्र रचा जा रहा है?जो कुछ भी करने लगते हैं कांग्रेस और मीडिया वाले अपना खाना पीना सब छोड़ छाड़ कर बेचारे मोदी के पीछे ही पड जाते हैं| मोदी को हमने अपनी पार्टी के केंद्र में लिया तो इनके पेट में मरोड़ उठने लगे |अब देखो सुप्रीम कोर्ट और गवर्नर के आदेशों का पालन करते हुए गुजरात में लोकायुक्त को शक्तिशाली और प्रभावी बनाने के लिए लोकायुक्त बिल पास कराया तो इसे लोक तंत्र पर ही खतरा बता दिया गया|ओये छान तो बोले सो बोले लेकिन छन्नी भी बोली जिसमे सैंकड़ो छेद |इस कांग्रेस ने केंद्र में जन लोकपाल बिल का जिस तरह मजाक बनाया उसे देश अभी तक भूला नहीं है |अब ये लोग हमें ही निशाना बना रहे हैं|कहा जा रहा है कि गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति में अब राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं रह गई है।
भाई हमने गुजरात में अब लोकायुक्त के अलावा चार उप−लोकायुक्त भी बना दिए हैं|इनका अनुमोदन सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाएगा|
जो प्रक्रिया केन्द्र सरकार लोकपाल की नियुक्ति के लिए अपना रही है वही प्रक्रिया गुजरात सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अपना रही है इस पर भी इन्हें ऐतराज है| ओये पहले कहा जाता था कि समरथ को नहीं दोष गुसाईं लेकिन अब तो समरथ राजनीतिक मोदी में ही सारे अवगुण तलाशे जा रहे हैं |ओये ये लोग गोस्वामी तुलसी दास जी से भी बड़े हो गए

एक्टिविस्ट लोकायुक्त की लटकती तलवार से बचाव के लिए गुजरात में ढाल के रूप में बिल पास कराया तो सबको गुस्सा आया

एक्टिविस्ट लोकायुक्त की लटकती तलवार से बचाव के लिए गुजरात में ढाल के रूप में बिल पास कराया तो सबको गुस्सा आया

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी जो आप दिखाना चाह रहे हो वैसा सब कुछ नहीं है| दरअसल राज्यपाल कमला बेनीवाल ने न्यायाधीश आर ऐ मेहता को लोकायुक्त बना कर मुख्य मंत्री को चुनौती दी है|ये न्यायाधीश महोदय गुजरात में मोदी के खिलाफ काम कर रहे एक्टिविस्ट के सहयोगी रहे हैं|इसीलिए अपने ऊपर लटक रहे इस एक पक्षीय तलवार से बचने के लिए मोदी ने ढाल के रूप में लोकायुक्त बिल पास करा लिया है| अब तलवार और ढाल का तो पुराना रिश्ता रहा है|जहां तलवार होगे वहां ढाल भी जरुरी है|

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के होटल ताज में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में समस्यायों के साथ उनके हल बता कर अपनी राष्ट्रीय क्षमता का प्रदर्शन किया| अपने भाषण में मोदी चार बार पानी के घूँट भरते हुए हर एक मिनट को बांध कर रखा।उन्होंने इस कॉनक्‍लेव में पूर्व की भांति एक गुजराती या किसी वर्ग विशेष की तरह बात नहीं की बल्कि बतौर भारतीय भाषण दिया। हाँ उन्होंने गुजरात में कराये जा रहे विकास के कार्यों पर देश को चलाये जाने की इच्छा जरुर प्रगट की| उन्‍होंने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों से मित्रवत रिश्‍ते बनाने की जरूरत है, लेकिन हमारे हितों को दरकिनार करके नहीं। उन्‍होंने कहा, “मेरा सपना है कि एक दिन भारत खुद हथियार बनाये और दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। ऐसा करने से गंदे हथियार दलालों से छुटकारा मिलेगा,और हम आत्‍मनिर्भर भी होंगे, हमारा देश गर्व के साथ खड़ा हो[हथियारों कि यह बात उन्होंने पूर्व जनरल वी पी मालिक के एक प्रश्न के उत्तर में कही] लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज फौज या आर्थिक शक्ति के बजाये ज्ञान के आधार पर विश्व में शिखर पर पहुंचा जा सकता है|और ज्ञान के मामले में भारत हमेशा आगे रहा है|इस अवसर पर दंगों और पी एम् के प्रश्नों पर बचते भी दिखाई दिए

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

उन्‍होंने गुड गवर्नेन्‍स से लेकर यूपीए सरकार की खामियों तक हर बात पर प्रकाश डाला और भारत के संघीय ढांचे को बनाये रखने पर जोर दिया। इस भाषण में आम आदमी को बहुत करीब से देखने वाले एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ की झलक मिली |जनता से संवाद कायम करने की अटल बिहारी वाजपई की झलक आज उनके [संभवत] उत्तराधिकारी मोदी में मिली |उन्होंने ना केवल विकास का मार्ग बताया वरन अपने भाषण में रोचकता बनाए रखने के लिए हलके फुल्के व्यंगात्मक तीर भी छोड़े| उन्‍होंने हर उस मुद्दे को उठया, जो आम जनता से जुड़े हैं| उन्‍होंने नरेगा की जगह डेवलपमेंट गारंटी स्‍कीम को जरुरी बताते हुए कहा कि इससे लोगों को खुद ब खुद रोजगार मिलता।
उन्‍होंने कहा कि देश का समुचित विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक हम लोगों को यह अहसास नहीं दिलायेंगे कि वो जो कर रहे हैं वो राष्‍ट्र के लिये कर रहे हैं।उन्होंने वोट बैंक की राजनीती से ऊपर उठ कर तकनीक+निज़ीकरण और यहाँ तक हथियारों के एक्सपोर्ट को जरुरी बताया| रेलवे की पटरियों पर निजी ट्रेन चलवाने के एक अनूठे मार्ग को उजागर किया| जब राहुल ने मोदी से पूछा कि क्‍या उनकी मां ने सोचा है कि आप प्रधानमंत्री बनें, मोदी ने जवाब दिया यहां चर्चा विकास की चल रही है, माता और पिता ऐसे में कोई मायने नहीं रखते| कोई भावुक्‍तापूर्ण कथा काम नहीं आती, कोई मां रोती नहीं, सिर्फ काम बोलता है। हर मुद्दे पर मोदी ने तथ्‍यों के साथ जवाब दिये। चाहे बात सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट की हो, या सोलर पावर प्रोजेक्‍ट की। मोदी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिये। मोदी तैयारी के साथ नहीं आते, बल्कि वो हमेशा तैयार रहते हैं|उन्होंने अपने विपक्षपर कटाक्ष करने की परिपाटी का भी पालन किया |उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने मोदी के विकास के सुझाव स्वीकारे मगर उनपर अमल नहीं करवा पाए

पी एम् इन वेटिंग का पद भी छीन लेने को उतारू हो रहे हैं ऐसे में अच्छे अच्छों का पार्टी मोह भंग हो जाएगा जी |


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक परेशान भाजपाई

ओये झल्लेया ये हसाडी सोणी भाजपा को किसकी बुरी नज़र लग गई |ओये एक तरफ गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने वार्टन फोरम कोजवाब देने के लिए धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को ही बदल दिया | हिदू फर्स्ट हिंदुस्तान फर्स्ट को छोड़ छाड़ कर N R I जमावड़े को विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ‘इंडिया फर्स्ट इंडिया फर्स्ट का उपदेश देने लग गए तो दूसरी तरफ वयोवृद्ध [डाडा] लाल कृषण आडवाणी भी कांग्रेस को घेरते घेरते अपनी पार्टी से भी निराशा उछालते जा रहे हैं| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा +पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की खुले आम आलोचना करते फिर रहे हैं |मेग्जीनो में इंटर व्यू देते फिर रहे हैं कि जनता का मूड कांग्रेस के खिलाफ है और इसके साथ ही उनकी [भाजपा]पार्टी से भी लोग निराश हैं। ओये अगर हसाड़े ये दोनों सितारे ऐसे ही चलते रहे तो पार्टी के सितारे कभी भी गर्दिश से बाहर नही आ पायेंगे|

पी एम् इन वेटिंग का पद भी छीन लेने को उतारू हो रहे हैं ऐसे में अच्छे अच्छों का पार्टी मोह भंग हो जाएगा जी

पी एम् इन वेटिंग का पद भी छीन लेने को उतारू हो रहे हैं ऐसे में अच्छे अच्छों का पार्टी मोह भंग हो जाएगा जी

झल्ला

ओह सेठ जी अब देखो ये तो आप भी मानोगे न कि नरेन्द्र मोदी की पुरानी मान्यताओं की आलोचना करके आपके अपने नेताओं द्वारा उनके पी एम् मार्ग में गड्डे खोदे जा रहे हैं अब उन गड्डों को पाटने के लिए अन्तराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर स्वीकार्य नई धर्म निरपेक्षता को लाना जरूरी है| जहां तक रहे बात डाडा आडवाणी की तो उम्र के इस पड़ाव में आ कर आप लोग उनसे पी एम् इन वेटिंग का काल्पनिक पद भी छीन लेने को उतारू हो रहे हैंऐसे में तो अच्छे अच्छों का पार्टी मोह भंग हो जाएगा जी |

हवन के जरिये नरेन्द्र मोदी के लिए ,एन डी ऐ वाले समर्थन जुटाएंगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक तिलमिलाया कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये एन डी ऐ वालों ने क्या मजाक बना रखा है?एक तरफ तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए इनके घटक दल जे डी यूं वाले हसाड़े साथ पींगे बड़ा रहा हैं और दूसरी तरफ इनके सांसद कैप्टेन जय नारायण निषाद अपने दिल्ली की आलिशान कोठी में हसाड़े कट्टर दुश्मन नरेन्द्र मोदी को प्रधान मंत्री बनवाने के लिए हवन करवा रहे हैं ओये हवन करवाने के लिए और कोई नहीं अपनी सहयोगी भाजपा के पूर्व सांसद श्याम बिहारी को बुक किया गया है|ओये एक नहीं दो दिन तक हवन के जरिये ये लोग हसाडी लम्बी नाक के नीचे नरेन्द्र मोदी के लिए समर्थन जुटाएंगे| और इनकी नंगई तो देखो , ये भाजपाई नेता मुख्तार अब्बास नकवी और गिरिराज सिंह खुले आम यज्ञ-पूजा का समर्थन करने से गुरेज तक नहीं कर रहे|

 हवन के जरिये नरेन्द्र मोदी के लिए ,एन डी ऐ वाले समर्थन जुटाएंगे

हवन के जरिये नरेन्द्र मोदी के लिए ,एन डी ऐ वाले समर्थन जुटाएंगे

झल्ला

ओ भोले चतुर सुजाण जी बकौल जेडीयू के प्रवक्ता एस अली कैप्टेन निषाद की उम्र बहुत हो गई है। और आज बिहार का कोई भी राजनैतिक दल उनको तवज्जो नहीं देता है।अब जब उनकी अपनी पार्टी ने ही उन्हें खुडडे लाइन लगा कर पार्टी को ही दूसरी पटरी पर लाने की कोशिश शुरू कर दी है तो ये कैप्टेन महाशय अगर अपना प्लेन बदलना चाह रहे हैं तो इसमें क्या बुराई है?वैसे देखा गया है कि अन्य बातों के असामान्य हो जाने पर अपने खुद के बयानों तक से पलटने की परिपाटी है और यहाँ तो दिल्ली से अनुपस्थित निषाद ने अपनी कोठी के मैदान का एक हिस्सा ही दिया है| क्यों समझे या नहीं समझे ?

भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में नरेन्द्र मोदी ने उकसा कर कांग्रेस को दीमक और सांप, बिछु की लड़ाई में फंसाया

भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में नरेन्द्र मोदी ने उकसा कर कांग्रेस को दीमक और सांप, बिछु की लड़ाई में फंसाया

भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में नरेन्द्र मोदी ने उकसा कर कांग्रेस को दीमक और सांप, बिछु की लड़ाई में फंसाया

भाजप के राष्ट्रीय अधिवेशन में गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी नेअपने ४८ मिनट्स के भाषण में राष्ट्रीय स्तर के न्रेतत्व की बाजीगरी दिखाई और अपनी धुर्र विरोधी कांग्रेस को उकसाने में सफलता पा ली | अपने मोदी मार्का सम्मोहन बाणों से कांग्रेस को अपने इर्द गिर्द ले आये इससे बौखलाई कांगेस दीमक और सांप बिच्छु के वाद विवाद में फंस गई है | उन्होंने कहा कि कांग्रेस दीमक कि तरह है और इसे मिटाने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं का पसीना कारगर होगा|
अपने ४८ मिनट्स के भाषण में मोदी ने कांग्रेस को ‘कमीशन पार्टी’ बताया उन्होंने पहले तो गांधी-नेहरू परिवार पर अपने तरकश से अग्निबाण चलाए और फिर कार्यकर्ताओं के मुख से ‘दामाद’ का जिक्र करवा कर अपनी ब्रांडिंग भी कर दी।इसके साथ ही भाजपा को मिशन की पार्टी बताया |
कांग्रेस में गैर परिवार वादी विचारधारा वाले नेताओं को उकसाने के लिए उन्होंने कांग्रेस से सिर्फ लालबहादुर शास्त्री को योग्य पी एम् बताया | मोदी ने जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के नेतृत्व पर सवाल उठा दिया। दूसरी तरफ अटल बिहारी वाजपेयी को देश के इतिहास का सबसे योग्य पीएम बताकर उन्होंने यह भी संदेश दिया कि उनकी पार्टी ही योग्य पीएम और सुशासन दे सकती है।
10 जनपथ को निशाने पर लेते हुए मोदी ने नाम लिए बगैर कहा कि। यह परिवार पर्दे के पीछे से शासन चलाना चाहता है।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर संकेत करते हुए मोदी ने कहा कि महत्वाकांक्षाओं के पोषण के लिए यहगाँधी परिवार महत्वपूर्ण पदों पर नाइट वॉचमैन बैठा देता है।मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह की जगह प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री होते तो देश का इतना नुकसान नहीं होता। मोदी के निशाने पर सबसे ज्यादा नेहरू-गांधी परिवार ही रहा।
कांग्रेस शासन की खामियां गिनाने के बाद मोदी ने अपने विकास मॉडल का जिक्र भी किया उन्होंने बताया कि गुजरात की कमान थामते वक्त राज्य लगभग 6700 करोड़ के घाटे में था, लेकिन सुशासन के चलते अब 4500 करोड़ के फायदे में है।अंत में मोदी ने कहा

माना कि अंधेरा घना है,
पर दीया जलाना कहां मना है।

[1] भाजपा मिशन पार्टी है और कांग्रेस करप्शन पार्टी है। इसके शासनकाल में हर सौदे में कमीशन लिया गया।
[2]- एक परिवार प्रमुख पदों पर नाइट वाचमैन बैठा देता है। ताकि पर्दे के पीछे से सब नियंत्रित करता रहे।
[3] लोकसभा चुनाव को दूसरे स्वतंत्रता संग्राम के तौर पर लें। देश को कांग्रेस से मुक्त कराना है।
[4]- मनमोहन सिंह के बजाए प्रणब मुखर्जी बेहतर प्रधानमंत्री होते। तब देश को इतना नुकसान नहीं होता।
[5] कांग्रेस देश के लिए दीमक है। इससे मुक्ति की एक ही दवा है, भाजपा कार्यकर्ताओं का पसीना।
[6] देश चल पड़ा है। कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का फैसला कर लिया गया है। हमे यह चिंता करना है कि यह जगह योग्य लोग भरें।
[7] एक परिवार के लिए कांग्रेस ने देश के साथ स्वयम अपना भी नुकसान किया है
नरेन्द्र मोदी के तरकश से निकले सम्मोहन बाणों के सम्मोहन में कांग्रेस के नेताओं के बयाँ आने लग गुए है|[१]मणि शंकर अय्यर का कहना है कि अगर हम दीमक हैं तो मोदी स्वयम सांप और बिछुआ हैं|[२]संसदीय कार्यमंत्री राजीव शुक्ला ने पुछा कि अगर प्रणब मुख़र्जी इतने अच्छे थे तब भाजपा ने संगमा का साथ क्यूं दिया|[३]इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद ने तो स्वयम को मोदी का बाप ही कह दिया|

जस्टिस काटजू पुराना स्कोर सेटल करने के लिए राईट टू स्पीक का प्रयोग करके राजनीतिक बयान देने लगे हैं ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपा वालों ने क्या मज़ाक बना रखा है? उन्हें कोई नहीं मिला तो अब प्रेस कौंसिल के चेयर मैन जस्टिस मार्कंडेय काटजू को ही लपेटना शुरू कर दिया है|भाई जस्टिस काटजू ने भाजपा के नरेन्द्र मोदी बंगाल की ममता बेनर्जी और बिहार की आलोचना के साथ महाराष्ट्र में कांग्रेसी की सरकार की भी तो आलोचना की है|मगर भाजपा पूरी की पूरी हाथ धो कर जस्टिस काटजू की चेयरमेनी काटने को तैय्यार हो गई है| इनकी टिपण्णी को अवांछित+ हास्यास्पद टिप्पणी और ना जाने क्या कया कहे जा रहे हैं,अब तो राज्यसभा सांसद और पत्रिका कमल संदेश के संपादक प्रभात झा को भी जस्टिस काटजू की टिपण्णी भारतीय नेतृत्व और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के बारे मे अभद्र टिप्पणियां दिखाई देने लग गई है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी की कांग्रेस पार्टी के नेता गण +पत्रकार संजय झा+ दिग्विजय सिंहजैसे महारथी अर्ध न्यायिक चेयर मैन काटजू के समर्थन में आ गए हैंइससे तो पूरी दाल ही काली नज़र आने लग गई है| और हाँ आप जी ने सही कहा आपजी के काटजू साहब ने कांग्रेसी सरकारों की आलोचना की जरूर है मगर भाजपा शासित राज्यों में तो उन्होंने केवल नेता अर्थार्त नरेन्द्र मोदी को ही निशाना बनाया है|
वैसे जस्टिस काटजू साहब ने अरुण जेटली की आलोचना करते हुए जो भड़ास निकाली है उसमे उन्होंने एन डी ऐ के शासन काल में न्यायाधीशों की न्युक्ति को भी ढाल बनाने का प्रयास किया है इसी लिए झल्लेविचारानुसर ऐसा लगता है की जस्टिस काटजू कोई पुराना स्कोर सेटल करने के लिए राईट टू स्पीक का प्रयोग करके राजनीतिक बयान देने लग गए हैं?

भाजपाई ब्रैंडिंग की पैकेजिंग के लिए विकास को रैपर बनाया जाएगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये भाजपाईयों ने क्या मखौल बना रखा है ओये एक तरफ बी जे पी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह अलाहाबाद में प्रयाग कुम्भ में संतों को राम मंदिर मुद्दे पर लौटने का भरोसा दे रहे हैं और दूसरी तरफ भाजपा के प्रधान मंत्री पद के प्रबल दावेदार नरेन्द्र मोदी ने श्री राम कालेज आफ कामर्स में छात्रों के बीच गुजरात के कथित विकास का लंगर घुमा दिया|‘इमर्जिंग बिजनेस मॉडल्स इन द ग्लोबल सिनारियो’ नामक विषय पर व्याख्यान देते हुए विकास की आड़ में डंपिंग ग्राउंड+मेड इन इंडिया + कामन वेल्थ गेम्स+विजन का अभाव+वोट बैंक की राजनीति आदि आदि का उल्लेख करके हासाडी कांग्रेस पर निशाने साध गए ओये ऐसा भी होता कभी ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप ने मोदी के एक विशेष बाण पर गौर नहीं किया |उन्होंने बातों बातों में ब्रैंडिंग और पैकेजिंग की वकालत करके छात्रों से स्टैंडिंग ओवेशन (खड़े होकर तालियां बजाईं)ले लिया |इसका मतलब साफ़ है अब तो भाजपाई विचार धारा की पैकेजिंग के लिए विकास को रैपर बनाया जाएगा|नहीं समझे तो फिर से सुनो राम मंदिर का मुद्दा काठ की हांडी पर बेशक चढ़ गया था मगर उस हांड़ी कुछ चटख गई सो उस दरार या चठ्ख या लीकेज को भरने के लिए विकास का लेप या फिलिंग या भराव का उपयोग होगा क्यों ठीक है न ठीक?

नरेन्द्र मोदी दिल्ली आये पी एम् से शिकायत की छात्रों को सुराज समझाया दिल जीते और चले गए

[नयी दिल्ली ]नरेन्द्र मोदी दिल्ली आये पी एम् से मिले छात्रों को संबोधित किया दिल्ली जीती और चले गए |:छात्रों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन (खड़े होकर तालियां बजाईं) दिया। जबकि मोदी के कॉलेज में पहुंचने से पहले वामपंथी विचारधारा के कई छात्रों ने उनकी यात्रा का विरोध भी किया।
एस आर सी सी [डीयू] में छात्रों को संबोधित करते हुये गुजरात के मुख्य मंत्री मोदी ने कहा कि . लोगों को स्वराज तो मिला पर सुराज का अब भी इंतजार है.इसके लिए गुड गवर्नेंस जरूरी है और यह गुड गवर्नेंस प्रो पीपल होनी चाहिए है |अपने तीसरे दृष्टिकोण के अनुसार उन्होंने गिलास आधा पानी और आधा हवा से भरा हुआ देखने की प्रवृति को विकसित किये जाने पर बल दिया
उन्होंने गुजरात के विकास का डंका बजाते हुए बताया कि गुजरात में विकास के मॉडल को तीन स्तंभों पर खड़ा किया है।[१] हिस्सा-कृषि, [२]-उद्योग और [३]सर्विस सेक्टर।
उन्होंने एस आर सी सी में ‘इमर्जिंग बिजनेस मॉडल्स इन द ग्लोबल सिनारियो’ विषय पर बोलते हुए कहा कि गुजरात ने इस मामले में देश के सामने मिसाल पेश की है. देश की हर प्याली में गुजरात का दूध है. केवल दूध ही नहीं आप चाय भी गुजरात की ही पीते हैं. गुजरात में जानवरों के लिए मेडिकल कैंप लगाया. गया है|सिंगापुर में गुजरात का दूध जा रहा है. हमारा देश गरीब है लेकिन इसके बावजूद देश में प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है|
हमने गुजरात में प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल किया है| युवा शक्ति का उपयोग देश नहीं कर पा रहा हैं. हमारी राजनीति युवा को केवल वोटर नहीं माने बल्कि यह शक्ति है. इस शक्ति को इस्तेमाल करने की जरूरत है. तभी स्वामी विवेकानंद का सपना पूरा होगा. स्वामी विवेकानंद को सपनों को पूरा करने का वक्त आ गया है. हम इन युवाओं को केवल वोटर मानेंगे तो देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं है.
उन्होंने बताया कि गुजरात में देश का पहला रक्षा विश्वविद्यालय खुलने जा रहा है. गुजरात में सुराज है. मेरे लिए सुराज का मतलब है गुड गवर्नेंस है. आप देश में किसी परिवार से पूछिए तो वह बताता है कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा चाहिए. मित्रों हम क्यों नहीं देश में अच्छी शिक्षा की व्यवस्था कर सकते हैं. हम पूरी दुनिया से सब कुछ एक्सपोर्ट करते हैं हम क्यों नहीं टीचर एक्सपोर्ट करें|
.हम भारत को एक विजन के साथ देखते हैं. हमने टेक्नॉलजी अपग्रेडेशन की उपेक्षा की है. इसी वजह से आज भारत कई दशक दुनिया के विकसित देशों से पीछे है.सच यह है कि भारत को लोग बाजार नहीं

डंपिंग ग्राउंड की तरह

इस्तेमाल कर रहे हैं.. हम कब-तक बाजार बने रहेंगे. हम कब-तक मेड इन जापान और चीन सुनते रहेंगे.मेड इन इंडिया का ढोल कब गूंजेगा. नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम यही करना चाहते हैं.

मेड इन इंडिया का परचम लहराना होगा.

हम अपनी चीजों की ब्रैंडिंग नहीं तक कर पा रहे हैं. जिस तरह से साउथ कोरिया ने विकास का डंका पीटा उसे पूरी दुनिया ने स्वीकार किया. हम क्यों नहीं कर पा रहे हैं? हम साउथ कोरिया से क्यों नहीं सीख पा रहे हैं. हम वही करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि यूरोप में भिंडी गुजरात से जा रही है.
जब तक हम युवाओं के सपनों को पूरा नहीं कर पाएंगे निराशा कम नहीं होगी. हर युवा को काम और शिक्षा चाहिए. दुर्भाग्य से हम नहीं दे पा रहे हैं. नहीं देने की जिम्मेदारी हम क्यों नहीं ले पा रहे हैं. हम चाहते हैं कि देश विकास की राह पर इस कदर बढ़े की मेड इन इंडिया का परचम बुलंद हो जाए.
.इससे पहले बुधवार की सुबह मोदी ने दिल्‍ली में

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।

मोदी ने इस मुलाकात और इसमें हुई बात को सकारात्मक बताया। पीएम से मिलने के बाद मोदी ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद पीएम से मुलाकात अच्छी रही। अनेक विषयों पर बात हुई। पीएम ने गुजरात के विकास और नई सरकार के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं और उन्होंने भी गुजरात की ओर से भारत सरकार के जनता के हित में होने वाले कामों में पूरी शक्ति से सहयोग का आश्वासन दिया। मोदी का कहना था कि

नर्मदा पर गेट लगाने

का काम काफी समय से अटका है। उन्होंने इस बारे में पीएम को एक मेमोरेंडम भी दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही इसकी परमिशन मिल जाएगी। मोदी का कहना था कि गुजरात की भारत सरकार के साथ

कम कीमत में रसोई गैस देने के संबंध में कानूनी जंग चल रही

है। उन्होंने बताया कि गुजरात ने केंद्र सरकार से मुंबई और दिल्ली के हिसाब से ही गैस सिलेंडर देने की मांग की थी और इस पर केंद्र सरकार अदालत में चली गई। उन्होंने बताया कि उन्होंने पीएम के सामने इस पर नाराजगी भी प्रकट की। मोदी का कहना था कि पीएम ने आश्वासन दिया कि वे सारे मामलों को खुद देखेंगे। पीएम ने जनता के हित के काम आगे बढ़ाने का भरोसा भी दिया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी

ने गुजरात में हुए नरसंहार पर चुप्पी को लेकर मोदी की आलोचना की

मणि और कीर्ति में जुबानी जंग : मणि शंकर अय्यर और कीर्ती आज़ाद ने खोले जुबानी तीरों के तरकश

मणि और कीर्ति में जुबानी जंग :

एक जमाना था जब लोग काम करके नाम कमाते थे और अखबारों में भी छापे जाते थे लेकिन आज कल के इस भौतिकवादी दौर में तो केवल जुबान चलाने और नेगेटिव जुबान चलाने से ही मीडिया के चहेते बना जा सकता है|अब अगर आपकी पार्टी और अपनी सरकार आप को भाव नहीं दे रही|आपके पास कुछ करने की क्षमता नहीं तो मौका मिलते ही नेगेटिव जुबान का प्रयोग करने मात्र से मीडिया की आँख का तारा बना जा सकता है|शायद यह कलयुगी गुरुमंत्र कांग्रेस के हाशिये पर आये मणि शंकर अय्यर और भाजपा के कीर्ति आज़ाद को अच्छी तरह समझ आ गया है तभी कांग्रेस के दो दिवसीय चिंतन शिविर के चलते जुबान चलाने लग गए हैं| यूं तो मणिशंकर अय्यर पर अरसे से बड़बोलेपन का आरोप लगता आ रहा है। लेकिन अब कांग्रेस के चिंतन[ jaipur] शिविर में पार्टी के लिए चिंतन करने की बजाय उन्होंने भाजपा को कुत्ते बिल्लियों की पार्टी की संज्ञा देने में गुरेज नहीं की |पार्टी फोरम से मणि शंकर अय्यर को कोई पब्लिसिटी नहीं मिली शायद इससे विचलित होकर उन्होंने मीडिया के समक्ष आ कर कह डाला कि बीजेपी सत्ता के लिए कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ती है।
इस विवादित बयान को बीजेपी के नेता कीर्ति आजाद ने मौका बनाते हुए कहा है कि मणि शंकर अय्यर का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है।इन साहब को भी पार्टी और अपने क्रिकेट गेम मेंअपनी कीर्ति फैलाने की आज़ादी नहीं मिल रही
गौरतलब है कि इससे पहले एक टी वी चेनल के कार्यक्रम एजेंडा में मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि संसद के वेल में आकर विपक्षी दल के सांसद जानवरों की तरह व्यवहार करते हैं। उन्हें अपने इस बयान पर जरा अफसोस भी नहीं हुआ|
श्री अय्यर ने यह भी कहा कि बीजेपी आरएसस की कठपुतली है।इसके अलावा अय्यर ने नरेन्द्र मोदी पर चुनिन्दा काबिले एतराज़ शब्दों से निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस को आम चुनाव लड़ने की भी जरूरत नहीं होगी.
इतना ही नहीं पार्टी और सरकार की उपेक्षासे व्यथित मणिशंकर अय्यर ने शिविर में ही अपनी ही सरकार और पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कह डाला कि सरकार और पार्टी में तालमेल की कमी है। सरकार को पार्टी की बात सुननी चाहिए। इससे पूर्व १८ जनवरी को उन्होंने आम जनता को भी नहीं छोड़ा डीजल को लेकर देश में मच रही हाय-तौबा पर उन्होंने कहा था, ‘देश की जनता एक कौड़ी भी नहीं देना चाहती है। अगर जनता को एक भी कौड़ी देनी पड़ेगी तो वह हमेशा नाराज ही होगी। बीजेपी तो ऐसा चिंतन शिविर चला ही नहीं सकती है क्‍योंकि वो आरएसएस की कठपुतली है. वो क्‍या चिंतन करेंगे.’
इन नेताओं को मीडिया हाईप देने से लगता है कि अब काम और जुबान की कोई कीमत नहीं रह गई है प्रसिद्धि पाने के लिए नेगेटिव जुबान ही काफी है |शायद तभी कांग्रेस के चिंतन शिविरके चलते भाजपा को इसके प्रति चिंता व्यक्त करनी पड़ रही हैऔर कांग्रेस को शिविर से बाहर आ कर भाजपा पर निशाना साधना पड़ रहा है|क्योंकि जिस प्रकार कांग्रेस के एक और चिन्तक संजय झा ने ऐ बी पीन्यूज पर चर्चा के दौरान मणि शंकर अय्यार वाली भाषा को अंग्रेज़ी में अनुवाद करके कहा हैउससे लगता है कि अब मणि शंकर अय्यर की भाषा के पीछे पार्टी खड़ी होने लगगई है |बुरुज लोग बताते थे कि उनके ज़माने में जबान और मूछ कि कीमत हुआ करती थी और यह कीमत उनकेजनहित के कार्यों पर आंकी जाती थी मूछ के एक बाल और मूह से निकले अलफ़ाज़ या कौल या वायदे के लिए अंतिम सांस तक कुर्बान की जाती थी लेकिन आज कल तो दुर्भाग्य से नेगेटिव जुबान चला कर ही राजनीतिक सिद्दि प्राप्त होने लग गई है|