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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्‍ताव ध्वनि मत से पारित :पी एम् ने हैट्रिक बनाने का दावा किया

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्‍ताव पर लोकसभा में बयान देते हुए प्रधान मंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह आज बुधवार ६ मार्च को आक्रामक रुख दिखाते हुए मुख्‍य विपक्षी बीजेपी पर जमकर निशाने साधे लेकिन इसके साथ ही संसद की उबाऊ कार्यवाही में शायरी के रोचकता भी भर दी| पीएम ने शुरुआत एक शेर से की तो बीजेपी की नेत्री श्री मति सुषमा स्वराज ने भी इसका उधार चुकता कर दिया उन्होंने एक ही नहीं बल्कि दो-दो शेर शेर सुनाये |लेकिन दुर्भाग्य से डाक्टर मन मोहन सिंह और सुषमा स्वराज के शेरों पर केवल उनकी पार्टी के ही सदस्यों ने मेजें थपथपा कर दाद दी|
राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर बहस प्रस्‍ताव के बाद लोकसभा में बयान देते हुए डाक्टर मनमोहन सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।’ उन्‍होंने दावा किया कि यूपीए का राज एनडीए से बेहतर रहा है। आर्थिक सुधार की कोशिश जारी है। इसके लिए निवेश को बढ़ावा देना होगा। 2009 में यूपीए की दूसरी पारी शुरू होने के बाद से ही सरकार 8 % का विकास दर बरकरार रखा है। एनडीए के शासनकाल में यह महज छह % रही है। बाकी सरकारों की तुलना में यूपीए की विकास दर अच्‍छी रही है। इस प्रकार केप्रत्येक दावे पर सदस्यों ने मेज थपथपाई |
मनमोहन सिंह ने यूपीए राज में गरीबी कम होने का दावा भी किया| शिक्षा का अधिकार को उन्होंने यूपीए सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया | सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर है। उन्‍होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘2004 में इंडिया शाइनिंग फेल रहा है। हमें बीजेपी के स्तर पर उनकी भाषा में जवाब नहीं देना है। बीजेपी ने हमारे खिलाफ एक ‘आयरन मैन’ [एल के अडवाणी]को चुनाव में उतारा और कहा गया कि मनमोहन सिंह कमजोर प्रधानमंत्री हैं। लेकिन जो हश्र हुआ, वह हमारे सामने है। बीजेपी इसी तरह अहंकार दिखाती रही तो 2014 में भी उसका सफाया हो जाएगा। उन्होंने तीसरी बार यूं पी ऐ को सत्ता में आने का दावा भी किया

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्‍ताव ध्वनि मत से पारित :पी एम् ने हैट्रिक बनाने का दावा किया

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्‍ताव ध्वनि मत से पारित :पी एम् ने हैट्रिक बनाने का दावा किया


राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बुधवार को बोलते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में देश का विकास दर कम रही जिसे बढ़ाना होगा तथा आठ प्रतिशत का विकास दर हासिल करना हमारा लक्ष्य होना चहिए।
बीजेपी पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि जो गरजते हैं, वे बसरते नहीं। उन्होंने भाजपा को समर्पित एक शेर पड़ा

हम को है उनसे वहा की उम्मीद जो नहीं जानते वहा क्या है|

इसके उत्तर में सुषमा स्वराज ने दो शेर सुनाये

कुछ तो मजबूरियां रही होगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता

उन्होंने एक और शेर पढ़ा, ‘‘

तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं। जिन्दगी और मौत दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं एक हमें याद नहीं

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा कि उन्होंने नौ साल में मनमोहन सिंह को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है,

जैसे बुझने से पहले दिए की लौ तेज हो जाती है।

विपक्ष के संशोधनों को निरस्त करते हुए ध्वनि मत से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्‍ताव को पारित कर दिया गया |

एन सी पी को छोड़ चुके पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

कांग्रेस के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से [एन सी पी]से भी नाता तोड़ने वाले पी ए संगमा ने आज नेशनल पीपुल्स पार्टी [:एनपीपी]: का गठन किया और उसके तुरंत बाद इस दल के भाजपा के नेतृत्व वाले राजग[एन डी ऐ] में शामिल होने की घोषणा की। देश के आदिवासी बहुल इलाकों में एन डी ऐ को मजबूत करने के प्रयत्न को गति दी जायेगी|
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यताप्राप्त पार्टी पहले से ही है।संगमा ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय राष्टवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। एनपीपी मणिपुर में पहले ही राज्य स्तर का मान्यता प्राप्त दल है ।वहीं राष्ट्रपति चुनाव में संगमा को समर्थन देने के कारण मंत्री पद से हटाए गई उनकी पुत्री अगाथा फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बनी रहेंगी। संगमा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगाथा अगला चुनाव एनपीपी से ही लड़ेंगी।
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा की थी. संगमा ने कहा कहा था कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी पहले से ही है. राकांपा की सांसद बनी हुई संगमा की बेटी अगाथा के बारे में कोई स्पष्ट रण नीति का खुलासा नही किया गया|गौरतलब है कि एन सी पी ने यूं पी ऐ केउम्मीद वार प्रणव मुखर्जी को सपोर्ट किया था|
पार्टी[एन सी पी] के विरोध के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव में अपने पिता का प्रचार करने के लिए अगाथा को राकांपा के निर्देश पर केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. संगमा ने बताया कि उनकी पार्टी का राष्ट्रीय चुनाव चिह्न किताब होगा, क्योंकि हम मानते हैं कि केवल शिक्षा और साक्षरता ही कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण कर सकती है.| मिजोरम ,मेघालय विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी.
एनपीपी देश के आदिवासी बहुल आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, ओडिशा, उत्तरी बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में खास ध्यान देगी.

भाषण के बीच में ही पैकअप की घंटी बजा कर क्या सोचा था जय ललिता बहुत खुशहोगी शाबाशी देंगी क्यों?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये तमिल नाडू की मुख्य मंत्री जय ललिता के तेवर तो देखो | नॅशनल डेवलपमेंट कौंसिल की मीटिंग में पूरे राष्ट्र के विकास के लिए यौजनाएं बनाई जाती है और ऎसी महत्वपूर्ण मीटिंग से जयललिता ने भाषण के लिए कम समय दिए जाने का बहाना बना कर वाक् आउट कर दिया | केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना कर दी और नरेन्द्र मोदी के सुर में सुर मिला दिया | ठीक है इनकी पींगें आज कल एन डी ऐ से बढ रही हैं मगर देश के विकास को तो प्राथमिकता देनी ही चाहिए थी|ऐसे थोड़ी बीच में से ही महत्वपूर्ण बैठक को छोड़ा जाताहै |

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप लोगों को भली भांति मालूम है कि जयललिता नेता बनने से पहले फिल्म जगत की सुपर स्टार अभिनेत्री थी |इन्हें हो सकता है कि रीटेक की आदत हो | अब मीटिंग में आपने रिटेक की कोई व्यवस्था तो की नहीं उलटे दस मिनट में भाषण चलते हुए में ही पैकअप की घंटी बजा दी | आपने क्या सोचा था कि चलते भाषण के बीच में ही पैकअप की घंटी बजाने से सुपर स्टार खुश होंगी |बहुत शाबाशी मिलेगी? अरे सुपर स्टार को तो मूड बनाने में ही दस मिनट लग जाते हैं |अब आप के माननीय संसदीय कार्यों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला जी को ही लेलो इन्होने जब से सुपर स्टार रेखा को राज्य सभा की सदस्यता दिलाई है साए की तरह से रेखा को सम्मान देते हैं भवन के बाहर भी छोड़ने आते हैं और यहाँ आप लोगों ने उसीप्रदेश की मुख्य मंत्री बनी फ़िल्मी हस्ती जयललिता के मान +सम्मान+मर्यादा

C M Jaylalita Walked Out N D C

की घंटी बजा दी| अरे अगर ऐसा ही करना था तो सभी मुख्य मंत्रियो से भाषण मेल से मंगवा लेते मितव्यतता भी नहीं होती |

ऍफ़ डी आई पर पाला बदलने वाले जे डी यू के उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता और सांसद पद को छोड़ा

जे डी यू के उपेन्द्र कुशवाहा

जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) के बागी राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा दे कर नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है| नई पार्टी का नाम ‘बिहार नवनिर्माण मंच’ होगा।एफडीआई के मुद्दे पर जेडीयू के मतभेद होने के चलते राज्यसभा में सरकार के पक्ष में वोट देने वाले जेडीयू सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है।
हालांकि कुशवाला ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के तानाशाही व्यवस्था के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन दो साल पहले ही बना लिया था, इसीलिए इसे एफडीआई मामले से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इससे पहले जे डी यू के अध्यक्ष शरद यादव ने अपने बागी सांसद कुशवाहा को ऍफ़ डी आई के मुद्दे पर पार्टी लाईन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जरी करने का एलान किया था| बिहार में जेडीयू के लिए और राज्यसभा में मात्र ६४ सदस्यों वाली एन डी ऐ के लिए बड़ा झटका है|

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया

भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।जेठमलानी पर कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाले ब्यान जारी करने के आरोप हैं| राम जेठमलानी ने पहले पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे करप्शन के आरोपों के चलते उनसे इस्तीफा मांगा तो बाद में सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को लेकर सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के पीएम को लिखे पत्र को गलत ठहराया।

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया


आज सुबह ही राम जेठमलानी ने कहा था कि मैं पार्टी के लिए नहीं बोल सकता। मैं बहुत छोटा आदमी हूं। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे साथ कई और लोग हैं पर वो बोल नहीं पा रहे हैं। अगर मेरे ऊपर कोई कार्रवाई करता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं। लेकिन ऐसा कोई नहीं है जो मुझपर कार्रवाई कर सके। पार्टी ने जेठमलानी की इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए शाम को उनपर कार्रवाई का ऐलान कर दिया।पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अनुसार जेठमलानी ने पार्टी के दोनों नेताओं ( श्रीमती सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) का विरोध किया था और कांग्रेस को मदद पहुंचाई थी। पार्टी इसे अनुशासनहीनता की तरह देखती है। ये दोनों संसद के दोनों सदनों में एन डी ऐ का न्रेतत्व करते हैं||
श्री हुसैन ने कहा कि आज फिर प्रेस के माध्यम से जेठमलानी ने चुनौती दी कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। पार्टी संविधान से चलती है। जेठमलानी ने अपने बयानों से पार्टी का अहित किया है। पार्टी अध्यक्ष ने बयान और चुनौती को सख्ती से संज्ञान लिया है और राम जेठमलानी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
हुसैन ने कहा कि जेठमलानी का मामला आगे संसदीय बोर्ड को रेफर किया गया है। सोमवार की शाम 4.30 बजे बोर्ड की बैठक होगी और आगे की प्रक्रिया की जाएगी। बीजेपी के इस रुख से साफ है कि पार्टी राम जेठमलानी को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और कल शाम को उन्हें पूरी तरह से पार्टी से बाहर किया जा सकता है।
राम जेठमलानी के सस्पेंशन से उनके सहयोगी शत्रुघन सिन्हा और यशवंत सिन्हा पर इनडायरेक्ट दबाब डालने का यह प्रयास माना जा रहा है|
उधर अरुण जेटली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सी बी आई में संस्थागत सुधार के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई थी. पार्टी चाह रही थी कि सिलेक्‍ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्‍टर की नियुक्ति हो. उन्‍होंने राम जेठमलानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनकी भावनाओं को गलत समझ लिया.
दरअसल, सरकार ने सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति की है. जेठमलानी ने अब सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का विरोध करने के पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
गौरतलब है कि राम जेठमलानी के मुताबिक, ‘सीबीआई डायरेक्‍टर के रूप में रंजीत सिन्‍हा की नियुक्ति कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक अच्‍छा काम किया है.’ पहले तो जेठमलानी ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के मामले में प्रधानमंत्री की तारीफ की और फिर पार्टी का ही विरोध कर दिया.’

एल के आडवाणी को ८५वे जन्म दिन की वधाईयां :राजनीतिक लालिमा और स्याही का गाढापन बरकरार है

एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता+ वरिष्ठ अधिवक्ता और अभी तक युवा पत्रकार लाल चंद किशन चंद आडवाणी को उनके ८५ वें जन्म दिन पर ढेरों वधाईयां | इस ८५वे जन्म दिन पर भी आडवाणी पर पीलापन नहीं छाया है कलम की स्याही के गाड़े पण को हल्का नहीं होने दिया है| उन्होंने अपने न्रेत्त्व की लाली को प्रगट करते हुए अपने पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के गलत कारनामों का पूरजोर विरोध किया और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी के एक अंश का अपने ब्लॉग में उल्लेख करके कांग्रेस की नीतिओं की धज्जियां उधेड़ी हैं|
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के ऊपर भ्रष्टाचार और गलत ब्यान बाजी के आरोप लग रहे है ऐसे में भजपा के जेठमलानी परिवार और एल के अडवानी द्वारा अध्यक्ष का पूर जोर विरोध मीडिया की सुर्खियाँ बना हुआ है| आज सुबह जन्म दिन की बधाई देने गडकरी अडवानी के निवास पर पहुंचे और अपनी स्थिति स्पष्ट की इसे एल के आडवानी के नजरिये की जीत माना जा रहा है | भाजपा का एक धडा नितिन के इस्तीफे का विरोध करते हुए इसमें पार्टी की छवि के धूमिल होने की आशंका से ग्रसित है जबकि दूसरों का मानना है कि अध्यक्ष के इस्तीफे से न केवल पार्टी की छवि सुधरेगी बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपण से घिरी कांग्रेस की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पर भी हमलावर होने का अवसर मिलगा| एल के आडवाणी को ८५वे जन्म दिन की वधाईयां :राजनीतिक लालिमा और स्याही का गाढापन बरकरार है [/caption
एल के आडवाणी वरिष्ठ पत्रकार है मगर उन्होंने पत्रकारिकता की नई विधा ब्लॉग को लिखने की शुरुआत सात जनवरी २००९ से की हैजिसके माध्यम से विसंगतियों पर आक्रमण के साथ अपना राजनितिक[विपक्ष] धर्म भी निभा रहे हैं| अपने नवीनतम ब्लाग में प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की पहले गृह मंत्री सरदार पटेल के प्रति इर्ष्या डाह का चित्रण किया है और नेहरू की नीतिओं की आलोचना की है|
आडवाणी ने अपने ब्लॉग में ३० अक्टूबर , २०१२ को ,पायनीयर में छपी एक नई स्टोरी का उल्लेख किया है| सरदार पटेल कि जन्म शती[१३७] पर छापी गई इस स्टोरी में हैदराबाद के भारत में विलय को लेकर नेहरू की तुष्टिकरण की नीति को उजागर किया गया है|इसमें लिखा गया है कि नेहरू जान बूझ कर हैदराबाद को भारत में शामिल करने के पटेल के प्रयासों को विफल कर देना चाहते थे |इस न्यूज स्टोरी में बताया है कि हैदराबाद के विलय को लेकर सरदार पटेल हैदराबाद की निजी सेना के निरंकुश अत्याचारी २ ,०० ,००० रजाकारों से मुकाबिला करके हैदराबाद को अन्यायी निजाम से मुक्त करना चाहते थे जबकि नेहरू इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना चाहते थे|इसी लिए आयोजित एक भरी केबिनेट मीटिंग में नेहरू ने तत्कालीन उप प्रधान मंत्री पटेल का अपमान करते हुए उन्हें कम्म्युनालिस्ट बताया |इस अपमान का पटेल के दिल पर गहरा असर हुआ और उसके बाद उन्होंने कभी केबिनेट की मीटिंग अटेंड नहीं की|
इस पर भी नेहरू के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया| दिसम्बर १५ , १९५० को सरदार पटेल के निधन पर नेहरू ने दो नोट तैयार करके भेजे एक नोट में सरदार पटेल द्वारा इस्तेमाल की जा रही ऑफिसियल किडिलैक कार [ Cadillac ] को वापिस मंगवाने का आदेश दिया गया था और दूसरे नोट में , सरका र के सचिवों को यह हिदायत दी गई थी कि अगर वोह पटेल की अंतिम संस्कार में जाना चाहते हैं तो अपने खर्चे से जायेंगे | उस समय वी पी मेनन ने सारा खर्चा ]स्वयम अपनी जेब से उठाया

    एल के अडवाणी ने पी एम् की रेस से फाईनली नाम वापिस लिया

एल के अडवाणी ने आज अपने ८५ वें जन्म दिन पर प्रधान मंत्री पद की रेस से अपना नाम फायनली हटा लिया |उन्होंने कहा है कि पी एम् के पद से पार्टी ज्यादा अहम है|सम्भवत इस त्याग से उन्होंने आरोपों से घिरे नितिन गडकरी और उन्हें बचाने वाले आर एस एस को भी एक सन्देश दे दिया है|उन्होंने एनडीए का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने की सारी अटकलों को खारिज कर दिया। आडवाणी ने कहा, ‘पार्टी और देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है। यह प्रधानमंत्री बनने से कहीं ज्यादा है।’
प्रधानमंत्री बनने की आडवाणी की इच्छा पर खूब चींटा कसी होती रहती है कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी इच्छा अधूरी ही रह गई।
एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद का कोई उम्मीदवार फिलहाल तय नहीं हुआ है, लेकिन नरेंद्र मोदी का नाम अक्सर उछाला जाता है। और जब जब ऐसा होता है, तो मोदी के विरोधी माने जाने वाले लोग आडवाणी का नाम उछाल कर मोदी की अहमियत कम करने की कोशिश करते हैं। कुछ वक्त पहले जब इस बात की काफी चर्चा थी कि मोदी एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाल कृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता दिया था। इससे पहले अपने ब्लॉग में भी अडवानी ने अगला प्रधान मंत्री गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी बन्ने की भविष्य वाणी की है|