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Tag: पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, का वार्षिकोत्सव धूम धाम से मनाया गया

श्री रामशरणम् आश्रम, गुरुकुल डोरली, मेरठ का वार्षिक उत्सव धूम धाम से मनाया गया| इस शुभ अवसर पर एक मई के सायंकालीन सत्संग में पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रेरणा दाई प्रवचनों की वर्षा की और श्रधालुओं को परमानन्द परमात्मा का आश्रय लेने के लिए प्रेरित किया||पूज्य भगत जी ने कहा कि -हम अपने जीवन में उनका आश्रय लेते हैं जो स्वयं किसी दूसरे पर आश्रित हैं । हम उस परिपूर्ण , नहीं लेते , प्रभु का सहारा भी संतों की कृपा से ही मिलता है । हम संतों की शरण में जाते हैं और ग्रंथों का स्वाध्याय भी करते है परन्तु संतों के वचनों को सुनकर हम उन वचनों को अपने जीवन में नहीं उतारते । हम संतों को तो मानते हैं परन्तु संतों के वचनों का अनुकरण , अनुशरण नहीं करते । प्रभु समय-समय पर महापुरुषों को अपनी आलौकिक शक्तियां देकर धरा धाम पर भेजते हैं । संत धरा धाम पर आकर मनुष्यों के पाप-ताप से तपे हुए मन और तन को सत्संग के जल से शीतल करते हैं । संत हमारे परम हितैषी है ।
जब हमारे जीवन में कोई पुण्य कर्म जागते हैं तो प्रभु की कृपा से हमारे जीवन में संत आते हैं और संत हमें नाम , शबद से सुसज्जित करते हैं और हम नाम , सहज योग की सीढ़ी पर चढ़कर प्रभु दर्शन , प्रभु प्राप्ति के मार्ग पर अग्रसर होते हैं ।