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Tag: पोएट्री

मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे?या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे??

मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
सपा की साइकिल का अब क्या होगा ,ट्यूब बचेगी या टायर तबाह होगा
पहिया कौन सा कौन लेकर भागेगा,सपा की साइकिल का अब क्या होगा
चैन स्नैच होगी या पैडल कोई टूटेगा ,हैंडल किसके हाथों अब टूटेगा
कॅरियर पर लदा माल किसका होगा ,चचा भतीजे में से कौन हैंडल लूटेगा ,
मुलायम होंगे कठोर या खांसते रह जायेंगे,या फिर कोई दावँ नया दिखलायेंगे
भुआ या भगवा के हाथों सत्ता गवाएंगे ,सपा की साइकिल का अब क्या होगा?

टाइमपास झल्ली शायरी

9/11/2013
मन में पी एम् पद की चाह लिए मोदी चले बनने दौर का महा मानव
मनीष तिवारी ने थाम ली ये लगाम और उवाच दिए नरेंदर को दानव
२००२ में जिसे कहा मौत का सौदागर उ स को ११ साल बाद दिया और एक नया नाम
महंगाई ,भष्टाचार ,बेरोजगारी,अपराध से जन जन का जीना हो रहा है दुश्वार
लगता है कि सत्ता कुमारों को पर्यायवाची ठोकने के अलावा नहीं दूसरा कोई काम
सरकारे आलिया का फरमान है,३६० टीवी चैनलों सुधर जाओ ,मोदी मोदी चिल्लाना करो बंद राहे फतह में ना रोड़े अटकाओं,
प्रधान मंत्री की राष्ट्रीय दिवस पर स्पीच का कुछ तो रखो मान ,नरेंदर मोदी से तुलना करके हमारी जग में हसाईँ न कराओ
इतना रखना याद ये यह सिर्फ सलाह नहीं कोई धमकी ख़ास ,लेकिन हुई अगर हुकुम अदूली तो फिर बचने की मत रखना आस
रहनुमा हो तो हुजूर रहनुमाई करो ,बेरुखी से बददुआएँ क्यूँ खरीदते हो
इंसान हूँ इंसानियत ही है ईमान मेरा ,इंसानियत की खुश्बू को ही तरसता हूँ
आये हैं वोह मेरी कब्र पर कई उम्मीदों के साथ ,सितम गर ने अभी तक सितम ढाना नहीं छोड़ा
बन्दर तो बन गया इंसान, कुदरत का करिश्मा देखिये ,लो इंसान अब बन रहा हैवान, सियासी करिश्मा देखिये

हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

[मेरठ] कंकरखेडा, में स्वामी सत्यानन्द जी महाराज द्वारा रचित अमृतवाणी सत्संग के सुअवसर पर पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी ने प्रवचन में प्रभु के सच्चे गाढे रंग में रंगे जाने की कामना की है| :
रंगन वाले देर क्या है, मेरा चोला रंग दे
राम रंग दे प्रेम रंग रंग दे ॥

 हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो

हे प्रभु मुझे राम के रंग से रंग दो : अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित करो


उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की कि हे दीनदयाल मेरा चित्त जो जगत के भोगों की दलदल में रंग हुआ है उसे अपने रंग में रंग दो। अभी तक मैंने जितनी बार भी रंगा सारे के सारे रंग झूठे एवं फीके थे हे प्रभु तू इसे अपने प्रेम के गूढे रंग में रंग दे। इसे राम रंग से रंग दे जिससे मेरा अंतःकरण में शान्ति एवं प्रेम का साम्राज्य स्थापित हो जाये।
पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि जी,
प्रस्तुति रकेः खुराना