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जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों की सहायतार्थ कॉर्पोरेट सेक्टर ने कोऑपरेट किया

जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पड़ितों की सहायतार्थ कॉर्पोरेट सेक्टर ने कोऑपरेट किया |
जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर आगे आया है।
[१]महिंद्रा एंड महिंद्रा [२]सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में क्रमश: 2 करोड़ + 3 करोड़ रुपए की मदद दी है।
बीते रोज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुसीबत के समय में जम्मू-कश्मीर के लोगों की मदद के लिए प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष में उदारता से दान करने की अपील की थी।

प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में आमद के मुकाबिले पांच वर्षों में २८४.२०८ करोड़ रुपयों का वितरण कम हुआ

भारत के प्रधान मंत्री के राहत कोष में २००७ -८ से लगातार खर्चे से ज्यादा आमदनी दिखाई जा रही है |ऐसे में यह प्रश्न यक्ष रूप ले रहा है कि क्या पीड़ितों को पर्याप्त सहायता दी जा रही है? पी एम् ओ के अनुसार मात्र बीते पांच वर्षों में इस फण्ड में दानी लोगों ने १०४४.५१८ करोड़ रुपये दान किये लेकिन इसमें से पीड़ितों को केवल केवल ७६०.३१० करोड़ ही वितरित किये जा सके|इसी के चलते इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय फण्ड में २०११-१२ तक १६९८ करोड़ रुपये हो गए हैं अब इन पर बैंकों से ब्याज भी आ रहा है |वितरण के मामले में २०१०-२०११ एक अपवाद है|
तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक अपील के अनुसरण में जनवरी, 1948 में, सार्वजनिक योगदान के साथ पाकिस्तान से विस्थापित व्यक्तियों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) स्थापित किया गया था। बेशक इस आपदा के अनेकों पीड़ित अभी भी राहत से वंचित हैं |चंडीगढ़ में फायले भरी पडी हैं| लाभार्थियों तक पहुंचाने की कार्यवाही लगभग बंद हो चुकी है|
पी एम् ओ के अनुसार अब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के संसाधनों का मुख्य रूप से उपयोग बाढ़,+ चक्रवात+, और भूकंप आदि और प्रमुख दुर्घटनाओं और दंगों के पीड़ितों को प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दिल की सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर उपचार, आदि में भी उपयोग किए जाते हैं और चिकित्सा उपचार के लिए सहायता की यह निधि पूरी तरह से सार्वजनिक योगदान की होती है और इसमें किसी भी बजटीय सहायता नहीं प्रदान की जाती है।इस में दान कि जाने वाली राशी पर आयकर में छूट भी मिलती रही है| कोष की राशि बैंकों के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश की जाती है। प्रधानमंत्री के अनुमोदन के साथ इसका संवितरण किया जाता है।