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Tag: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण

भारतीय दूरसंचार के ग्रामीण उपभक्ताओं की संख्या 355.60 मिलियन हुई

भारतीय दूरसंचार उपभक्ताओं की संख्या 904.46 मिलियन हो गई है और इनमे से 355.60 मिलियन उपभोक्‍ता ग्रामीण क्षेत्र के हैं|
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नवीनतम दूरसंचार उपभोक्‍ता आंकड़े (31 जुलाई, 2013) जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्‍ताओं की कुल संख्‍या 0.15 प्रतिशत मासिक वृद्धि के साथ (1.37 मिलियन) बढ़कर 904.46 मिलियन हो गई है। कुल उपभोक्‍ताओं में, 548.85 मिलियन उपभोक्‍ता शहरी क्षेत्रों से और शेष 355.60 मिलियन उपभोक्‍ता ग्रामीण क्षेत्र के हैं। जुलाई 2013 के अंत में कुल दूरसंचार घनत्‍व 73.54 था, जिसमें से 60.68 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों का और 39.32 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों का था।
मोबाइल नम्‍बर पोर्टेबिलिटि (एमएनपी) जून 2013 के अंत में 95.59 मिलियन उपभोक्‍ता से बढ़कर जुलाई, 2013 के अंत तक 97.82 मिलियन हो गई। सिर्फ एक महीने अर्थात् जुलाई, 2013 में एमएनपी के लिए 2.23 मिलियन अनुरोध प्राप्‍त हुए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा संशोधन प्रस्‍ताव पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय प्रेस परिषद के विचार मांगे
प्रिंट और प्रसारण क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा संबंधी वित्‍त मंत्रालय के परामर्श पत्र पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र के मुद्दों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशें और प्रिंट मीडिया संबंधी मामलों पर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की टिप्‍पणियां मांगी हैं। चूंकि ट्राई और पीसीआई के साथ परामर्श प्रक्रिया में समय लगेगा, इसलिए मंत्रालय ने औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग को सूचित किया है कि प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा जारी रहेगी तथा यथास्थिति बनी रहेगी।
इसके पूर्व प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा पर परामर्श पत्र के मसौदे की प्राप्ति के बाद मंत्रालय ने संबंधित मुद्दों पर प्रिंट और प्रसारण क्षेत्रों के हितधारकों के विचार लिए थे। बातचीत के दौरान विभिन्‍न विचार सामने आए थे, जिनके कारण बात तय नहीं हो पाई थी। उल्‍लेखनीय है कि इंडियन न्‍यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने अपने विचार देने के लिए और समय मांगा था। इसके अलावा न्‍यूज ब्रॉडकास्‍टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी अभी तक अपनी टिप्‍पणियां नहीं दी हैं। इस स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने यह मामला ट्राई और पीसीआई को सौंप दिया है।