झल्लीगल्लां
आस्थावानहिन्दू
ओए झल्लेया मुबारकां! ओये आज के पवित्र ध्याड़े हरिद्वार में महाकुंभ मेला शुरू होने जा रहा है।ओये तुझे मलूम है कि अब की बार बारह के बजाय ग्यारह बरस में ही यह पवित्र मेला शुरू हो रहा है।यहां हसाडी प्राचीन संस्कृति की भव्यता के दर्शन और स्नान लाभ मिल सकेंगे। ओये हरिद्वार में ही कल्याणकारी अमृत की बूंदे गिरी थी ।यहीं देवताओं ने कुम्भ घटक दबाया हुआ है ।ओए कुम्भ स्नान से हसाडा जीवन सफल हो जाणा है
झल्ला
भापा जी! आस्था के इस महाकुंभ की आप जी को भी लख लख वधाइयाँ। वैसे तो व्यवस्थापक आज कल कोरोना महामारी की आपदा में भी अवसर बनाने पर तुले हैं लेकिन आम नागरिक इन अवसरों में आपदा लेकर घरों को लौटते हैं इसीलिए झल्लेविचारानुसार प्राचीन अमृत ज्ञान के साथ साथ आधुनिक कोरोना विज्ञान का पालन करते हुए ही अवसरों का लाभ लेने को कदम बढाने चहिए इसीलिए कोरोना प्रोटोकॉल जरूरी है
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