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Tag: राज्यसभा

संसद बजट के बजाए राहुल पर भिडी; कल तक के लिए स्थगित

(नई दिल्ली) संसद ,बजट के बजाए राहुल पर भिडी; कल तक के लिए स्थगित
संसद के दोनो सदनो में आज बजट के दूसरे सत्र  के शुरू में ही बजट के बजाए राहुल गांधी के लंदन में दिए  ब्यान पर हंगामा मच गया।सत्ता पक्ष के प्रह्लाद जोशी (एलएस) और पीयूष गोयल (राज्यसभा) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कांग्रेस को माफ़ी माँगने को कहा  गया  नेता विपक्ष खड़गे ने अपने नेता राहुल के बयान का समर्थन करते हुए प्रजातंत्र पर सवाल उठाने शुरू कर दिए , और  राज्यसभा में व्यवस्था का प्रश्न लाकर राहुल गांधी को राज्य सभा से बाहर का बता कर सत्तारूढ़  की माँग को मि तांने  को कहा गया, हंगामा शुरू हो गया और अध्‍यक्ष जगदीप धनकड़ द्वार सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया ,
उधर लोक सभा में भी विपक्ष के हंगामा करने पर पीठासीन ओम बिरला द्वारा सदन स्थगित कर दिया गया,दोबारा भी यही स्थिति रही, सत्तपक्ष और विपक्ष दोनो ही पीठ की बात सुनाने को तैय्यार नहीं हुए तो दोनो सदानो को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।कांग्रेस के व्यवस्था का प्रश्न पर भी कल ही निर्णय होगा

हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी: Shortage Of 57%Staff In Civil Aviation Govt.Accepted In Parliament

CivilAviation Minister Ch.Ajit Singh

नागरिक उड्डयन छेत्र में सुरक्षा के लिए उत्तरदाई डी जी सी ऐ में ५७%स्टाफ की कमी है|यह स्वीकारोक्ति केंद्र सरकार द्वारा संसद में की गई है| पार्लियामेंट में बताया गया है कि ९२४ अधिकृत पोस्ट पर वर्तमान में केवल ५२८ पोस्ट पर ही तैनाती है|इसीलिए यह कहना उचित ही होगा कि नौकरियां देने का दावा करने वाली सरकार के अपने विभाग में ही आधे से ज्यादा पद खाली हैं|यह केवल पद , नौकरी या सरकार की विश्वसनीयता की ही बात नहीं है वरन एयर ट्रैफिक की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है|
गौरतलब है कि डी जी सी ऐ के कन्धों पर राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी भी है| लेकिन सिविल एविएशन राज्य मंत्री वेणु गोपाल [के सी]ने राज्य सभा में यह कह कर छुट्टी पा ली कि भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अंतर्गत की जाती है|आश्चर्यजनक रूप से यह भी बताया गया कि वर्ष २००९ में ग्रुप ऐ के लिए ४२७ और बी & सी के लिए ४८ पोस्ट क्रियेट की गई थी मगर ये पोस्ट एक दम नई होने के कारण इनकी भर्ती के लिए कोई नियम कानून नहीं है| इस सब के बावजूद भी खाली पदों पर न्युक्ति की प्रक्रिया जारी है|
व्यवस्थापक स्वयम ही अभावों में जी रहा है ऐसे में दूसरे निजी विमानन कंपनियों में चल रहे जायज़ नाजायज़ की खोज और जांच वह कैसे रख पायेगा |विमानों के आपस में टकराने,चिंताजनक नद्जीक आने ,आपातकालीन स्थिति में फ़ोर्स लेंडिंग,स्टाफ के वेतन,बोनस,ट्रेनिग,और अन्य अनेकों समस्यायों के प्रति सरकारी उदासीनता जग जाहिर है|हड़ताल से लौटे स्टाफ की नियुक्ति या वेतन सम्बन्धी कार्यवाही हो, एयर पोर्ट से ऐ टी ऍफ़ के स्टोरेज टैंक हटवाने हों या क़र्ज़ की वसूली के मामले हों,विदेशी निवेशकों की रूचि यहाँ तक कि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के गृह मंडल में एयर पोर्ट के विस्तार की यौजना में केवल बयाँ बाज़ी ही हो रही है|हाँ एक अपवाद जरूर है चौधरी अजित सिंह ने एयर पोर्ट के नज़दीक होने वाले निर्माण [ऊँचाई] के लिए ऐ ऐ आई की परमिशन को गैर जरूरी घोषित कर दिया है मगर इससे डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली सुधरेगी इस पर बहस की जा सकती है|

आरक्षण विरोधी हड़ताल पर तो आरक्षण समर्थक करेंगे अतिरिक्त चार घंटे काम

Save The National Unity &Integrity

आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है|राज्यसभा में बसपा और सपा में जारी जुबानी जंग जारी है | इस जंग के नतीजे के लिए बड़ी राष्ट्रीय पार्टी भाजपा और कांग्रेस की हरी झंडी की प्रतीक्षा की जारही है |इसी बीच आरक्षण समर्थक और विरोधी भी आमने सामने आ गए हैं| सपा द्वारा कल किये गए राज्य सभा के बहिष्कार के बाद आरक्षण विरोधी कर्मचारियों ने जहां उत्तर प्रदेश में हड़ताल की घोषणा कर दी है वहींआरक्षण बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने चार घंटे अधिक ड्यूटी करने का ऐलान किया है।
आरक्षण विरोधी कर्मचारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को चेतावनी दी है कि अगर 117वें संविधान संशोधन को पारित करने में जल्दबाजी की गई या इसे गलत तरीके से पारित किया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हड़ताल में विभिन्न कर्मचारी संगठन, टीचर्स और अलग-अलग विभागों के सामान्य और ओबीसी कैटेगरी के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं
आरक्षण का विरोध कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को वापस लिया जाए। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे ने दावा किया है कि स्वास्थ्य, बिजली और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी विभागों एवं निगमों के 18 लाख कर्मचारियों ने आज शाम से संपूर्ण कार्य बहिष्कार आंदोलन (हड़ताल) शुरू कर दिया है। श्री दुबे का कहना है कि 14 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राजधानी में सभी सरकारी विभागों पर अधिकारी व कर्मचारी विरोध सभाएं करेंगें।

अपवाद

[१] राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वह आरक्षण के समर्थन व विरोध में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि उनके संगठन में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने हड़ताल के निर्णय को शैलेंद्र दुबे की निजी राय बताया।
[२] राज्यकर्मचारी महासंघ के महामंत्री अजय सिंह ने कर्मचारियों की हड़ताल पर अनभिज्ञता जताई है।
[३] कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने भी हड़ताल में शामिल न होने की बात कही है।

आरक्षण समर्थक

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने चार घंटे अतिरिक्त कार्य करने का एलान किया है। समिति पदाधिकारियों का मानना है कि जब कार्य बहिष्कार का कोई असर नहीं पड़ा तो ऐसे ही हड़ताल का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। फील्ड हास्टल में हुई बैठक में समिति के केबी राम ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के अलावा कोई भी दल अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है। उन्होंने हड़ताल के दावे को बेबुनियाद बताया।
वी पी सिंह की सरकार के दौरान भी आरक्षण के मुदे पर ढुल मुल्ता के कारण कई युवाओं ने अपनी जान गवाई थी और सरकार को हार का सामना करना पड़ा था |अब पुनः केवल अपनी राजनीतिक बढत पाने के लिए वोही जिन्न बाहर निकाल दिया गया है|मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा भी इतिहास को दोहराया जा रहा हैजिसके फलस्वरूप अब सरकारी कर्मी तक आमने सामने आने शुरू हो गए हैं| कहना अनुचित नहीं होगा कि सरकारी विभागों में इस प्रकार के टकराव को देश की एकता अखंडता के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता इस विषय में यथा शीघ्र विवेक पूर्ण निर्णय जरूरी हो गया है|

ऍफ़ डी आई के भारतीय खुदरा व्यापार में आने से पहले ही वालमार्ट की १२५ करोड़ की लाबिंग आड़े आ गई:संसद स्थगित

अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि चाय की

Indian Parliament

प्याली होटों तक लाते लाते कई अगर +मगर [ईफ एंड बट्स]आ सकते हैं वाल मार्ट के मुद्दे पर सरकार के साथ संसद में कुछ कुछ ऐसा ही हो रहा है| यदपि संसद में ऍफ़ डी आई के मुद्दे पर सरकार ने जीत हासिल करके वाल मार्ट जैसे बहु राष्ट्रीय कम्पनी के भारतीय खुदरा व्यापार में प्रवेश पर मोहर लगा दी मगर वाल मार्ट द्वारा लोबिंग पर १२५ करोड़ खर्च करने के मुद्दे से सरकार को एक बार फिर कटघरे में खड़ा करने का प्रयास शुरू हो गया है| इस मुद्दे को लेकर सोमवार को संसद नहीं चली और आज भी दोनों सदन हंगामे की भेंट चड़ गए| आज भाजपा और वाम पंथियों के अलावा सरकार के कई सहयोगी दलों ने भी समयबद्ध जांच की मांग की और संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी | भाजपा ने जहाँ न्यायिक जाँच कि मांग की तो वाम पंथ और अन्य दलों ने जायंट पार्लिअमेंट कमेटी के द्वारा जांच कराये जाने पर जोर दिया| सी बी आई से जांच का विरोध किया गया |वहीं संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि इसकी जांच करने के लिए कोई हिचक नहीं है कोई संकोच नहीं है|
वॉलमार्ट के मुद्दे पर लोकसभा में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि वॉलमार्ट ने रिटेल लाने के लिए पैसे खर्च किए हैं, ये सिद्ध हो गया है। वो पैसे उन्होंने भारत में खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि किस चीज पर पैसे खर्च किए गए और किसको ये पैसे दिए गए, इसकी जांच होनी चाहिए। कौन है जो वॉलमार्ट का पैसा लेकर बैठा हुआ है इसकी ज्यूडीशियल जांच होनी चाहिए। इसके बाद शून्यकाल शुरू हो गया लेकिन हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले वॉलमार्ट लॉबिंग रिपोर्ट पर विपक्षी दलों द्वारा जमकर हंगामा किए जाने के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर 12 बजे तक लिए स्थगित कर दी गई। सुबह संसद में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक भी हुई।
लोकसभा में यशवंत सिन्हा और राज्यसभा में वेंकैया नायडू ने लॉबिंग मामले को उठाया। दोनों नेताओं ने इस संबध में सदन में नोटिस दिया। विपक्ष को आश्वस्त किया गया को वॉलमार्ट के मुद्दे पर उसे बोलने का मौका दिया जाएगा लेकिन हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई और दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा।
वहीं राज्यसभा के उपसभापति ने हंगामे को देखते हुए कहा कि आजकल आलम ये है कि चेयर को असहाय होकर प्रश्नकाल की कार्यवाही में हर क्षण खड़े हो रहे व्यवधान देखना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी ने भी न्यायिक जांच की मांग की है। वहीं इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी रही राष्ट्रीय जनता दल ने भी वॉलमार्ट पर लगे लॉबिंग के आरोपों की जेपीसी से जांच करवाए जाने की मांग की है। ऐ आई ऐ डी एम् के [जयललिता]ने भी भाजपा के साथ समय बद्ध जाँच की मांग उठाई|
उधर वाम पंथी सीता राम येचुरी ने भाजपा से दूरी बानाने का प्रयास करते हुए एक चैनल को यह बताया है कि वाल मार्ट के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों मिले हुए हैं| सरकार ने नियम १८४ के अंतर्गत ऍफ़ डी आई पर चर्चा करा कर भाजपा को ओब्लाईज़ किया है जिसके बदले में भाजपा सरकार को अन्दरखाने सपोर्ट कर रही है|

वाल मार्ट की लाबिंग के बादल आज प्रमोशन में रिजर्वेशन के मायावती के ड्रीम बिल पर मंडराए:राज्य सभा स्थगित

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राज्यसभा की कार्यवाही आज वॉलमार्ट की लॉबिंग और रिजर्वेशन में प्रमोशन की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दस मिनट्स उसके बाद डेड घंटे और तीसरी बार सारे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सदन में आज प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल लाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती के समर्थन के बदले और भरोसे सरकार ये बिल ला रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बिल का पूरजोर विरोध कर रही है।
मानसून सत्र में जब इस बिल को पेश किया गया था तो समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बीएसपी के सांसद अवतार सिंह करीमपुरी के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी।
। विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती ने लोकसभा में वॉक आउट करके सरकार को मदद पहुंचाई थी। वहीं, राज्यसभा में मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डालकर सरकार की नाक बचाई थी। उसी समय मायावती ने साफ कर दिया था कि वो जनहित के बिलों के लिए सरकार का समर्थन कर रही हैं और इसमें प्रमोशन में आरक्षण बिल मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर थालेकिन आज सोमवार को आरक्षण का यह बिल राज्यसभा में वॉलमार्ट की लॉबिंग संबंधी रिपोर्ट पर मचे बवाल के चलते पेश नहीं हो पाया। बहुजन समाज पार्टी इससे नाराज है और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार को जल्द से जल्द बिल पास कराने का अल्टीमेटम दे दिया है। माया ने विपक्षी बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी के चलते बिल पेश नहीं हो पा रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी।गौरतलब है कि सरकार को आज राज्यसभा में प्रमोशन में आरक्षण का बिल पेश करना था। आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने वॉलमार्ट की उस रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस रिटेल कंपनी ने भारत में एंट्री के लिए करीब 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च करने का दावा किया था। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा होता रहा और सदन की पूरे दिन की कार्यवाही इसकी भेंट चढ़ गई। कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित होने से बीएसपी को झटका लगा और उसकी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हंगामा किया ताकि प्रमोशन में आरक्षण बिल सदन में पेश न हो पाए।मायावती ने कहा कि वॉलमार्ट की लॉबिंग की जो बात बीजेपी ने राज्यसभा में उठाई उसपर लोकसभा में उसका ध्यान नहीं गया। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि ये विधेयक पास हो जाए। राज्यसभा में पार्टी का हंगामा पहले से तय था और उसे सोचसमझकर अंजाम दिया गया। मायावती ने कहा कि सरकार चलाना यूपीए की जिम्मेदारी है
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने इस बिल को राष्ट्रीय संकल्प बताया| इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आम सहमति के प्रयास कर रहे हैं। हम इस बिल को पास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जबकि संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार समाजवादी पार्टी को मना लेगी।वहीं सपा के तेवर साफ बताते हैं कि वो इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। पार्टी महासचिव रामआसरे कुशवाहा ने कहा कि हम प्रमोशन बिल का लगातार विरोध करते रहे हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाते रहेंगे। सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बसपा को बेवकूफ मना रही है। वो जानती है कि इस बिल को पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है जो कभी हासिल नहीं होगा।जबकि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल का विरोध करेगी। नरेश अग्रवाल के मुताबिक एसपी चाहती है कि संसद चले लेकिन सरकार को भी बिल के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता पी एल पुनिया ने कहा है कि ऐसा इम्प्रेशन दिया जा रहा है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन ख़त्म हो गया है। उसे नए सिरे से लाया जा रहा है। ये गलत है, जनसंख्या से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान खत्म किया जा रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचारों से निजात पाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। इसका सबको समर्थन देना चाहिए और ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक बिहार में पहले से ही प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा है और उनकी पार्टी वर्तमान बिल पर भी नजर बनाए हुई है

इतिहास

1992 में इंद्रा साहनी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले से प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त हो गया। सरकार ने 17 जून 1995 को संविधान में 77वां संशोधन कर अनुच्छेद 16 (4ए) जोड़ा और एससी-एसटी को प्रोन्नति में फिर आरक्षण दे दिया। इस संशोधन से कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया।
सरकार के गले में अभी भी एक फांस अटकी थी क्योंकि 10 फरवरी 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने आरके सब्बरवाल के मामले में कहा कि एससी-एसटी वर्ग को परिणामी ज्येष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार ने साल 2001 में संविधान में 85वां संशोधन किया और अनुच्छेद 16 (4ए) में बदलाव करके प्रोन्नति में आरक्षण के साथ परिणामी ज्येष्ठता भी दे दी।
19 अक्टूबर 2006 को एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी परिणामी ज्येष्ठता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण देने के कानूनी प्रावधान को नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर ही राजस्थान हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के साथ आरक्षण देने के राज्यों के कानून निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई और सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के मामले में एक बार फिर एम नागराज फैसले को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।

ऍफ़ डी आई पर पाला बदलने वाले जे डी यू के उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता और सांसद पद को छोड़ा

जे डी यू के उपेन्द्र कुशवाहा

जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) के बागी राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा दे कर नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है| नई पार्टी का नाम ‘बिहार नवनिर्माण मंच’ होगा।एफडीआई के मुद्दे पर जेडीयू के मतभेद होने के चलते राज्यसभा में सरकार के पक्ष में वोट देने वाले जेडीयू सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है।
हालांकि कुशवाला ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के तानाशाही व्यवस्था के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन दो साल पहले ही बना लिया था, इसीलिए इसे एफडीआई मामले से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इससे पहले जे डी यू के अध्यक्ष शरद यादव ने अपने बागी सांसद कुशवाहा को ऍफ़ डी आई के मुद्दे पर पार्टी लाईन का उल्लंघन करने के लिए नोटिस जरी करने का एलान किया था| बिहार में जेडीयू के लिए और राज्यसभा में मात्र ६४ सदस्यों वाली एन डी ऐ के लिए बड़ा झटका है|

ऍफ़ डी आई पर देश के १२३ बड़ों ने भी आज राज्यसभा में मोहर लगा दी

ऍफ़ डी आई पर देश के बड़ों ने भी आज शुक्रवार को राज्यसभा में मोहर लगा दी लोक सभा पहले ही इसे पास कर चुकी है| आज २३२ सदस्यों वाली राज्यसभा में हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में १२३ वोट पड़े जबकि विपक्ष केवल १०९ वोट ही हासिल कर सका|सपा के मुलायम सिंह यादव ने पूर्व घोषणा के अनुसार मतदान का बहिष्कार किया आज उन्होंने इस बहिष्कार के लिए किसान हित का कारण बताया |जबकि सपा की धुर्र विरोधी बसपा की मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डाली|आज के इस कदम के लिए उन्होंने भाजपा बनाम सी बी आई को मुद्दा बनाया| |गौरतलब है की सरकार को जीत के लिए ११७ वोट चहिए थीं लेकिन बसपा के नकारात्मक रुख होने की संभावना पर सरकार को १०९ वोट जरूरी होते लेकिन उस सूरत में सरकार के पास इस आवश्यक संख्या से एक वोट कम होता| जाहिर है के भाजपा के कमल के सामने सरकार का कमल खिलाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने सराहनीय फ्लोर को मैनेज कियाऔर समय समय पर अपने सहयोगी मायावती+राम विलास पासवान आदि का समर्थन भी करते रहे|

संसद का दूसरा दिन भी ऍफ़ ड़ी आई की गर्मी की भेंट चड़ा

भारतीय जनता पार्टी + मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने आज शुक्रवार को भी लगातार एफडीआई के मुद्दे पर लोकसभा व राज्यसभा में हंगामाकिया।सदन में शोर शराबे और नारेबाजी के कारण एक बार के स्थगन के बाद अंतत: कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है|[शनिवार और रविवार को अवकाश] आज प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।

संसद का दूसरा दिन भी ऍफ़ ड़ी आई की गर्मी की भेंट चड़ा


अध्यक्षा मीरा कुमार ने सुबह ग्यारह बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, तृणमूल कांग्रेस, मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तथा वामपंथी दलों के सदस्यों ने एफडीआई के मुद्दे पर जबर्दस्त नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण अध्यक्षा ने सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भाजपा नियम १८४ और राज्यसभा में नियम १६८ के अंतर्गत चर्चा करवाने के मांग करती रही जबकि सरकार नियम १९३ के अंतर्गत ही चर्चा करवाने पर अड़ी रही |नियम १९३ के अंतर्गत मतदान नहीं होता |
कार्यवाही पुनः शुरू होने पर वही नजारा दिखाई दिया जिसके कारण सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी फ्रांसिस्को सरदीन्हा ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए। दूसरी तरफ लोकपाल पर सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में पेश कर दी गई है।

संसद के शीतकालीन सत्र के प्राम्भिक घंटों को ऍफ़ डी आई की गर्मी लगी

संसद का शीतकालीन सत्र चलने देने के लिए पी एम् की डिनर डिप्लोमेसी सत्र के पहले दिन के पहले घंटों में ही फीकी नजर आई| आज गुरुवार को विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई. एफडीआआई मुद्दे पर इस हंगामे के चलते दोनों सदनों को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गयाइसके पश्चात भी जब हंगामा बंद नहीं हुआ तो लोक सभा साड़े बारह बजे तक और राज्य सभा शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है| साड़े बारह बजे पुनः दो बजे तक के लिए लोक सभा स्थगित कर दी गई|
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संसद के शीतकालीन सत्र के प्राम्भिक घंटों को ऍफ़ डी आई की गर्मी लगी


संसद की कार्यवाही आज प्रात शुरू होते ही दिवंगत नेताओं को श्रधान्जली दी गई| राज्यसभा में प्रधान मंत्री ने अपने नए मंत्रियों का परिचय कराया| तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. साथ ही लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में स्पीकर को एफडीआई पर चर्चा और वोटिंग के लिए नोटिस दिया|बसपा आरक्षण के मुद्दे के लिए प्राथमिकता की इच्छुक दिखी| प्रथक तेलंगाना के लिए प्ले कार्ड्स का प्रदर्शन हुआ|
संसद में जाने के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संसद चलाने के लिए सबसे सहयोग माँगा और कहा की देश की अर्थव्यवस्था को बल चाहिए ताकि खूब नौकरियां पैदा की जा सकें.
हालांकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को फिलहाल व्यापक समर्थन नहीं मिल पाया है. इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि 19 सदस्यों वाली तृणमूल कांग्रेस प्रस्ताव के लिए ज़रूरी 50 सांसदों का समर्थन भी हासिल कर पाएगी या नहीं|
लेकिन सरकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव से बड़ा मसला ख़ुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का है.
खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति देने के फैसले पर विपक्ष के अधिकतर दल ऐसी संसदीय बहस चाह रहे हैं जिसमें वोटिंग का प्रावधान हो, जब कि सरकार की पूरी कोशिश है कि इस मुद्दे पर मतदान के पक्ष में नज़र नहीं आ रही|
विपक्ष की नाराजगी इस बात पर है कि सरकार तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा दिए गए उस आश्वासन से मुकर गई है जिसमें यह कहा गया था कि खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के बारे में सभी संबंधित पक्षों से सलाह मशविरा करने के बाद ही अंतिम फैसला किया जाएगा.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ज़ोर देकर कहा है,”हम चाहते हैं कि सदन चले. कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है लेकिन हमारी शर्त यही है कि सबसे पहले वह मुद्दा उठाया जाए जिसके बारे में सरकार ने सदन को आश्वासन दिया था और वह भी उस नियम के तहत [१८४]जिस पर मतदान हो सके”
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के गुरुदास गुप्ता का भी कहना था कि वह सुषमा स्वराज की खुदरा क्षेत्र में निवेश पर नियम 184 के तहत बहस कराए जाने की माँग का समर्थन करते हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता पीसी चाको ने पार्टी और सरकार के उस तर्क का समर्थन करते हुए कहा कि खुदरा क्षेत्र में निवेश का फैसला पूरी तरह से कार्यपालिका द्वारा लिया गया फैसला है जिस पर संसद में मतदान नहीं कराया जा सकता.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर विपक्ष सही समझता है तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. उनके अनुसार सरकार को संसद में बहुमत हासिल है और वह इसे संसद में सिद्ध भी कर सकती है.|साड़े बारह बजे पुनः लोक सभा में नारे गूंजते रहे इसी शोर गुल में भाजपा नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने नियम १८४ के अंतर्गत बहस करा कर वोटिंग कराने की मांग को दोहराया|इसके पश्चात लोक सभा फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई|

सुरक्षा व्यवस्था के चेक करने के लिए माक ड्रिल

आज सुबह संसद परिसर में उस समय अफरातफरी मच गई जब कुछ सुरक्षा बालों ने एक्शन पोजीशन ले ली लेकिन कुछ समय पश्चात जब बताया गया की यह माक ड्रिल है तब लोगों की जान में जान आई