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Tag: राबर्ट वढेरा

छत्तीस छेदों वाली भाजपा भी जवाईं राजा के खिलाफ संसद स्थगित करवाने लग गई है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक बेचारा ख्वाह्म्खाह दुखियारा कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये लोगों को क्या हो गया है?देखो तो आये दिन इन्हें केवल हसाडे जवाईं राजा ही दिखाई देने लगे है|आये दिन इन बेचारों पर कभी हरियाणा तो कभी राजस्थान में जमीन घोटालों के आरोप उछालते रहते हैं | कल तक तो ये लोग सडकों पर उतरते थे अब तो इन्होने संसद ही रोकनी शुरू कर दी है|छत्तीस छेदों वाली भाजपा भी जवाईं राजा के खिलाफ संसद स्थगित करवाने लग गई है| ओये लगता है की हसाडे मुल्क में अब इमानदारी से व्यापार करना भी गुनाह होगया है|

छत्तीस छेदों वाली भाजपा भी जवाईं राजा के खिलाफ संसद स्थगित करवाने लग गई है

छत्तीस छेदों वाली भाजपा भी जवाईं राजा के खिलाफ संसद स्थगित करवाने लग गई है

झल्ला

हाँ चतुर सुजाण जी वाकई वड्डे लोगाँ दियां वड्डी वड्डी गल्लां |अब आपके सबसे बड़े परिवार के दामाद के तो नाम में भी बडापन है |रोबर्ट वढेरा वढेरा का मतलब ही होता है बड़ा|ये तो आप जी को पता ही होगा कि बड़े मारें तो रोने भी नहीं देते | अशोक खेमका का उदहारण सामने है |इन बड़ों के गणित भी अलग ही होते हैं इनके तो देने वाले बीस पंजे भी सवा सौ होते हैं और लेने वाले बीस पंजे अस्सी ही निकलते हैं|

व्हिसल ब्लोअर खेमका ने राबर्ट वढेरा के खिलाफ फिर सीटी[व्हिसल]बजाई : अब राबर्ट के चेकों की वैधता पर प्रश्न

हरियाणा के चर्चित व्हिसल ब्लोअर आईएएस अफसर अशोक खेमका ने एक बार फिर राबर्ट वढेरा के खिलाफ सीटी[व्हिसल]बजा दी है|इस बार खेमका ने राबर्ट द्वारा जारी चेकों की वैधता पर प्रश्न उठाया है और रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 82 के तहत ऐक्शन की मांग की है| यूं पी ऐ की चेयरपर्सन श्री मति सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वढेरा के गुड़गांव जमीन घोटाले को लेकर अब नया मामला सामने लाया गया है | इस ज़मीन को वाड्रा ने डीएलएफ को 58 करोड़ में बेची थी. ज़मीन घोटाले की जांच के लिये चर्चित हुए आईएएस अशोक खेमका ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इन चेकों की स्थिति को लेकर पत्र लिखा है. आईएएस अफसर अशोक खेमका ने गुड़गांव के शिकोहपुर गांव में रॉबर्ट द्वारा खरीदी गई 3.53 एकड़ जमीन के लिए दिए गए चेक की वैधता को लेकर राज्य सरकार से सवाल किये हैं| खेमका ने पूछा है कि उस जमीन की खरीद के लिए रॉबर्ट की तरफ से दिया गया 7.5

Robert Wadhera V/S Ashok Khemka

करोड़ का चेक क्या डमी था?
रॉबर्ट ने यह जमीन साल 2008 में खरीदी थी। खेमका ने सवाल उठाया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटेलिटी की तरफ से जमीन बेचने वाले को साढ़े 7 करोड़ की पेमेंट कब हुई थी, जैसा की रजिस्टर्ड सेल डीड में पेमेंट किए जाने की बात 12 फरवरी 2008 बताई गई है।
इसी जमीन को बाद में रीयल एस्टेट की नामचीन कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दिया गया था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में लैंड कंसोलिडेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल पद पर रहते हुए राबर्ट और डीएलएफ के बीच हुई डील पर असिस्टेंट कंसोलिडेशन ऑफिसर की ओर से किए गए इंतकाल को अधूरा मानते हुए खारिज कर दिया गया था।खेमका ने मामले की जांच के लिए बैठी कमिटी के तथ्यों पर लिखे अपने ताजा पत्र में सरकार से कई और सवाल पूछे हैं। खेमका ने राबर्ट की कंपनी को जमीन का कॉमर्शियल लाइसेंस दिए जाने के लिए हरियाणा टाऊन ऐंड कंट्री प्लैनिंग डिपार्टमेंट को दी गई ऐप्लिकेशन की कॉपी और डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच सेल एग्रीमेंट संबंधी डिपार्टमेंट को दिए गए पेपर्स की कॉपी भी मांगी है।
गौरतलब है कि ज़मीन घोटाले की जांच का आदेश देने वाले आईएएस अशोक खेमका का अक्टूबर 2012 में तबादला कर दिया गया था. वे उस समय आईजी रजिस्ट्रेशन के पद पर कार्यरत थे. खेमका ने कहा था कि उनका तबादला बिल्डरों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के कारण किया गया है. इसको लेकर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था.इसके अलावा खेमका के राबर्ट की जमीन की डील सम्बन्धी निर्णय को भी कटघरे में खड़ा करने के प्रयास किये गए |
आरोपों के अनुसार रॉबर्ट और उनकी मां ने पांच कंपनियों का गठन 1 नवंबर 2007 के बाद किया. उन कंपनियों के बही-खातों और ऑडिट रिपोर्ट से पता चलता है कि इन कंपनियों की कुल शेयर पूंजी मात्र 50 लाख रुपए थी. इन कंपनियों के पास आय का एकमात्र वैध स्रोत था डीएलएफ द्वारा मिला ब्याज मुक्त कर्ज. इसके अलावा इन कंपनियों की आय का कोई वैध स्रोत नहीं है.फिर भी 2007 से 2010 के दौरान इन कंपनियों ने 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की जिसकी कीमत आज 500 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी है.

दामाद राबर्ट वढेरा ईमानदार है और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी चोर नहीं है

हमारा दामाद राबर्ट वढेरा इमानदार है और और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी पाक साफ़ है| यह सन्देश जांच एजेंसियां दे रही है|इन दोनों पर सत्ता का दुरूपयोग करके भूमि के घोटाले के आरोप लग रहे है| कांग्रेस ने हरियाणा में उपायुक्तों से आनन् फानन में जाँच करवा कर अब राबर्ट वढेरा को क्लीन चिट दे दी है| एजेंसियों का कहना है कि भूमि रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ नहीं हुई है रजिस्ट्री की पूरी फीस जमा की गई है| यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा को चारों जिलों की रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी गयी है। इस रिपोर्ट में साफ किया गया है कि हरियाणा के चार शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में वाड्रा को जो जमीन बेची गयी है उसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी हैं और वढेरा ने स्टांप ड्यूटी का पालन करते हुए सारे पैसे सही रूप से चुकाये हैं। इसके साथ ही नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर एजेंसियां जांच करने में लगा दी गई है इन एजेंसियों को एक माह में जाँच पूरी करके रिपोर्ट पेश करनी है| लेकिन आय कर की किस धारा में यह जाँच की जायेगी उसका खुलासा नहीं किया गया है|

अरविन्द केजरीवाल की गाजिआबाद में प्रेस कांफ्रेंस


आई ऐ सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने कमोबेश यही आरोप लगाते हुए कहा है कि यहजांच और रिपोर्ट केवल लीपापोती है| वढेरा और गडकरी दोनों बच जायेंगे | भाजपा और कांग्रेस दोनों मिली हुई है| उन्होंने दिग्विजय सिंह के बयाँ का हवाला देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने स्वयम यह स्वीकार कर लिया है कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के परिवार के सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाते| इससे साफ़ जाहिर है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोनों मिले हुए हैं|
उन्होंने गाज़ियाबाद में आज शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसकी हिम्मत है कि यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा की जांच करे |वास्तव में वढेरा को बचाने के लिए यह लीपापोती की गई है इसके साथ ही भजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर विभाग से जाँच शुरू करवाई जा रही है लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि आयकर कानून की किस धारा में यह जाँच होनी है|
अरविन्द केजरीवाल ने आज यह भी मांग उठाई है कि राबर्ट वढेरा और गडकरी की देश भर में सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजानिक किया जाना चाहिए|

देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है

लगता है कि देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है|तभी आजकल जो कुछ भी घट रहा है उसके केंद्र में अरविन्द केजरीवाल ही दिखाई दे रहे हैं| सी डब्लू जी \२ जी+कोयला+ दिल्ली में बिजली के बाद अब हरियाणा में डी एल ऍफ़ और राबर्ट वढेरा केस में भी मुख्य मुद्दों पर चर्चा छोड़ कर आई ऐ सी की गूँज ही सुनाई देती है| भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केजरीवाल को एक दूसरे की बी टीम बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे |कांग्रेस लगातार आई ऐ सी को भाजपा की इकाई बताती आ रही है| कांग्रेस के महासचिव दिग्विजयसिंह ने २७ सवाल जरूर पूछे मगर उन्हें भी इसके लिए केजरीवाल हे दिखाई दिए|अब दिल्ली की सरकार ने बिजली के दाम कम किये तब भी इसे केजरीवाल और कांग्रेस की मिली भगत बताया जा रहा है| मुम्बई में योगेश प्रताप सिंह अगर बोलते हैं तो वोह भी केजरीवाल को निशाना बनाने से नहीं चूकते | एक चलती हुई प्रेस कांफ्रेंस में आकर एनी कोहली नामक महिला अरविन्द केजरीवाल से ही प्रश्न पूछती है|इसके बाद आज फिर आई ऐ सी के प्रशांत भूषण के निवास पर पहुँच कर हंगामा करती है और वहां आई ऐ सी के कार्यकर्ताओं पर मार पीट का आरोप लगाती हैं\इनका बीच बचाव करने के लिए अरविन्द केजरीवाल को ही क्रेडिट दिया जा रहा है|आईएसी का पूर्व मेंबर बताने वालीं 59 वर्षीय एनी कोहली आज मंगलवार को प्रशांत भूषण के घर पहुँच गई जहां मार पीट के आरोप लगाये गए |घर में मौजूद केजरीवाल ने बीचबचाव किया और उन्हें घर में ले गए। कोहली ने केजरीवाल को रोते हुए बताया कि उनके समर्थकों ने उनसे बदसलूकी और मारपीट की।

देश की राजनीती अरविन्द केजरीवाल पर केन्द्रित हो कर रह गई है


गौर तलब है कि रविवार को केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन पर सवालों की झड़ी लगाने वाली एनी कोहली आज मंगलवार को आईएसी के सदस्य प्रशांत भूषण के घर जा पहुंचीं।कोहली के मुताबिक अन्ना ने जब भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी, तो उससे प्रभावित होकर वह आईएसी की मेंबर बन गईं और आंदोलन से जुड़ गईं। वह खुद को आम जनता बताती हैं। एनी कोहली ने एक और आरोप लगते हुए कहा कि केजरीवाल के राजनीतिक पार्टी बनाने के ऐलान से वह आहत हैं। यह अन्ना के साथ धोखा है। कुछ समय पहले केजरीवाल मुंबई आए थे। वहां एयरपोर्ट पर उन्होंने बात करने की कोशिश की, पर केजरीवाल के समर्थकों ने धक्का देते हुए सभी को भगा दिया। मुंबई की रहने वाली एनी कोहली 59 साल की हैं।उन्होंने बताया कि वह एक हफ्ते पहले मुंबई से दिल्ली पहुंची थीं और फिर रविवार को केजरीवाल से सवाल पूछने आईं। केजरीवाल ने उनके किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। पर वह सवाल पूछना बंद नहीं करेंगी। यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक वह जवाब नहीं दे देते।
बताते चलें कि सवाल करना और फिर उनके जवाब पाना संवैधानिक अधिकार है और लोकतांत्रिक परम्परा को गति प्रदान करने वाला है लेकिन सवालों में उलझा कर असली मुद्दों से देश को भटकाना जनता के साथ धोखा ही कहा जाएगा|दिग्विजय सिंह ने जो सवाल किये उनका जवाब देने के लिए बहस की चुनौती आने पर दिग्विजय सिंह का कहना है कि पहले केजरीवाल कोहली को जवाब देदें उसके बाद अपने प्रतिक्रया देंगें|वैसे अभी कोहली के विरोध को प्रायोजित कहना जल्द बाज़ी होगा मगर उनके मुख से कोहली का नाम निकलना कुछ सोचने को मजबूर जरूर करता है

केजरीवाल के खिलाफ रिले रेस चालू है आज एनी कोहली ने विरोध की बैटन संभाली

लगता है अरविन्द केजरीवाल आज कल सभी राजनीतिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनते जा रहे है तभी इन्हें घेरने के लिए रोज नए चेहरे मैदान में उतर रहे हैं| ऐसा प्रतीत हो रहा ही की केजरीवाल को पछाड़ने के लिए कोई रिले रेस चल रही है | रोजाना नए धावक आ रहे हैं और विरोध की बैटन थाम कर दौड़ में शामिल हो रहे है|
केजरीवाल के ही सहयोगी रहे वाई पी सिंह ने मुम्बई में प्रेस कांफ्रेंस करके अरविन्द केजरीवाल पर शरद पवार को बचाने का आरोप मडा\इसके अगले दिन ही कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने २७ प्रश्नों की झाड़ी लगा दी |आज एक और नए खिलाड़ी एनी कोहली ने अपने कुछ समर्थकों के साथ केजरीवाल के ही प्रेस कांफ्रेंस में हंगामा कर दिया| एनी कोहली नाम की इस अधेड़ महिला ने अचानक जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया। अपने को इंडिया अगेंस्ट करप्शन की पूर्व सदस्य बताने वाली एनी कोहली अपने समर्थकों के साथ अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन पर उतारू हो गए। इसको लेकर एनी कोहली और केजरीवाल के बीच तीखी बहस भी हो गई। जोर जोर से बोलने वाली यह महिला प्रश्न कम पूछ रही थी और आरोप स्वरुप भाषण ज्यादा दे रही थी | हालांकि कोहली के बारे में पूछने पर अरविंद ने बताया कि वह उन्हें नहीं जानते।एनी कोहली ने कहा की वह मुम्बई से आई हैं और कल से जंतर मंतर पर केजरीवाल के खिलाफ धरने पर बैठने जा रही हैं|

केजरीवाल के खिलाफ रिले रेस चालू है आज एनी कोहली ने विरोध की बैटन संभाली


इससे पूर्व आज रविवार को सुबह आई ऐ सी के लगभग २०० कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के मुख्य मंत्री और श्रीमति सोनिया गाँधी के दामाद राबर्ट वढेरा के दिल्ली स्थित आवासों के सामने प्रदर्शन किया और उनके पुतले भी फूंके|इस अवसर पर पोलिस द्वारा पानी की बौछारें और लाठियां चलाई गई |कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उनके प्रदर्शन में महिलायें भी थी लेकिन उन पर भी पुरुष पोलिस ने ही लाठियां चलाई | एक महिला कार्यकर्ता को पुरुष पोलिस अधिकारी ने लाठी मार कर घायल कर दिया है|
इसके पश्चात तमाम विरोधों के बावजूद घायलों को अस्पताल से इंडिया अगेंस्ट करप्शन [आइएसी] के कौशांबी स्थित कार्यालय पर लाया गया | यहाँ प्रेस कांफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दामाद को बचाने के लिए सरकार असंवेदन शील हो गई है| भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को रोकने व जन लोकपाल की लड़ाई में रोड़े डालने के लिए कांग्रेस व भाजपा आपस में मिल गई हैं। पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए।हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास पर पुलिस पिटाई से जख्मी हुए करीब आधा दर्जन कार्यकर्ता प्रेस वार्ता में रहे। उन्होंने बताया कि हुड्डा के आवास पर पहुंचे तो वहां पर पुलिस ने डंडे बरसाए और जमकर पिटाई की, जिसमें 70 से अधिक लोग घायल हुए है। इनमें बुजुर्ग भी है। केजरीवाल पुलिस की पिटाई में घायल हुए नवीन और अजय कादियान को भी मीडिया के सामने लाए।
नवीन ने बताया कि उनकी मांग है कि हरियाणा सरकार भूमि अधिग्रहण के मसले पर श्वेत पत्र लाए। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। वहीं इन लोगों का कहना था कि पुलिस का बल प्रयोग बेहद निंदनीय है।

आई ऐ सी अपनी जांच करवा रही है सरकार अपने नेताओं की भी जांच बैठाए

भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए जेहाद छेड़ने वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने अपनी टीम के तीन सदस्यों पर लग रहे आरोपों की जांच के लिए आज एक अहम घोषणा की है| केजरीवाल ने तय किया है कि आईएसी के अंजलि दमानिया, प्रशांत भूषण और मयंक गांधी पर लगाए जा रहे आरोपों की , जांच आंतरिक लोकपाल से कराई जाएगी। ।उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में यदि इनमे से कोई भी दोषी पाया जाता है तो उन्हें टीम छोड़नी होगी. केजरीवाल ने सरकार से भी अनुरोध किया है कि जो आरोप उनकी टीम के सदस्यों पर लगे हैं, वह भी उनकी जांच कराए और दोषी पाए जाने पर कानून के मुताबिक सजा दे| इसके साथ ही आई ऐ सी ने राबर्ट वढेरा +सलमान खुर्शीद+शरद पवार+नितिन गडकरी और राहुल गांधी को भी अपनी जांच कराने के लिए आगे आने को कहा है|इस तरह से एक बार फिर केजरीवाल ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है|
इस लोकपाल में शामिल तीनों रिटायर्ड जजों के बताये गए नाम इस प्रकार हैं-[१] जस्टिस ए.पी. सिंह (दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस),[२] जस्टिस बी.एच. मारलापल्ले ( बॉम्बे हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज) और[३] जस्टिस जसपाल सिंह (दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज)। केजरीवाल ने कहा कि ये तीनों पूर्व जज हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगे आरोपों की जांच करेंगे। अगर जांच में कोई भी कार्यकर्ता किसी भी तरह से दोषी पाया गया तो उसे पार्टी से इस्तीफा देना होगा। उन्होंने कहा कि हम इस आंतरिक लोकपाल से मांग करेंगे कि वह ज्यादा से ज्यादा 3 महीने में हमारे साथियों पर लगे आरोपों की जांच करे।

आई ऐ सी अपनी जांच करवा रही है सरकार भी वढेरा,सलमान,पवार,गडकरी की भी जांच बैठाए

अंजलि दमानिया पर आरोप

[अ] अंजलि ने मुंबई के पास करजात [ खर्वंडी गावं] में २००७ में खरीदी सात एकड़ ज़मीन को मात्र चार साल बाद ज़मीन का उपयोग बदलवाया और बिल्डर को बीच दिया| अंजलि का कहना है कि जो हुआ वो नियम के मुताबिक हुआ|गौरतलब है कि. बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर किसानों की जमीन हड़पने का खुलासा करने वालीं अंजलि दमानिया खुद भी इसी तरह के विवाद में घिर गई हैं। दमानिया पर आरोप लगा है कि उन्होंने खेती की जमीन खरीदने के लिए खुद को गलत तरीके से किसान साबित किया और बाद में जमीन का लैंड यूज बदलवाकर उसे प्लॉट में तब्दील कर बेच दिया। रायगढ़ प्रशासन ने जांच में पाया कि अंजलि दमानिया का किसान होने का दाव गलत है जबकि दमानिया का दावा है कि वह किसान है| खरवंदीगावं की ज़मीन बेचने वाले किसानों का दावा है कि दमानिया ने उनसे कहा था कि वो यहां खेती करेंगी लेकिन उन्होंने ज़मीन का इस्तेमाल बदलवा दिया और वहां 39 प्लॉट काट दिए. ज़मीन का इस्तेमाल बदलने की आज्ञा रायगढ़ के कलेक्टर ने दी थी.ज़मीन का इस्तेमाल बदलते ही पूरी जमीन एसवीवी डेवलपर्स को दे दी गई जिसमें दमानिया भी निदेशक हैं|कुल उनचालीस प्लॉट काटे गए जिनमें से सैंतीस प्लॉट अलग अलग लोगों को दे दिए गए.|
[आ] दमानिया ने करजत के जिस खरवंडी गांव में ज़मीन खरीदी थी उसके बगल के गांव कोंदिवाड़े में उन्होंने 30 एकड़ जमीन खरीदी थी. जहां बन रहे कोंधाणे बांध के खिलाफ दमानिया ने इसी साल अप्रैल में पीआईएल दायर की थी.
दमानिया के पीआईएल दायर करने के बाद प्रशासन ने उनके सभी प्लॉट की जांच शुरू कर दी. जांच के बाद अगस्त में प्रशासन ने कहा कि दमानिया ने किसान होने के पर्याप्त सबूत नहीं दिए थे और ना ही उस ज़मीन पर खेती की थी. इसलिए उन्होंने जो ज़मीन किसान होने का दावा करते हुए खरीदी थी वो उनसे वापस ले ली जाए.

प्रशांत भूषण और एम् गांधी पर आरोप

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और टीम केजरीवाल के अहम मेंबर प्रशांत भूषण पर भी हिमाचल गलत तरीके से कोडियों के भाव जमीन हासिल करने के आरोप लगाए गए हैं। मयंक गांधी पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने करप्शन के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के दिग विजय सिंह ने एम् गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं|

कांग्रेस का एतराज

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने अरविंद केजरीवाल के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें अरविंद ने कहा था कि सरकार उन लोगों के फोन टैप कर रही है। नारायण सामी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल कच्चे सबूतों पर आरोप लगा रहे हैं। सामी ने इस लोक पाल की धारणा और उपयोगिता पर भी सवाल उठाया है|
आई ऐ सी ने अपने सदस्यों की जांच शुरू करवा कर सरकार के लिए एक बार फिर से परेशानी पैदा कर दी है केजरीवाल का कहना है कि अब सरकार को भी आगे आ कर आई ऐ सी के साथ साथ राबर्ट वढेरा,सलमान खुर्शीद शरद ,पवार, नितिन गडकरी की जांच कराये |सबको भरोसा है कि सरकार किसी कीमत पर राबर्ट वढेरा और शरद पवार आदि कि जाँच नहीं करवायेगी और अगर इस बीच आई ऐ सी की जांच पूर्ण हो जाती है तब लोक सभा के लिए होने वाले चुनावों तक आई ऐ सी की गिरती साख कुछ हद तक संभल जायेगी |

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग छेड़ने वाले केजरीवाल और योगेश आपसी तू तू में में में फंसे

देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के लिए प्रसिद्द हुए पूर्व आई आर एस अरविन्द केजरीवाल और उनके साथी पूर्व आई पी एस और वर्तमान में वकील योगेश प्रताप सिंह स्वयम को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की होड़ में आपस में ही तू तू में में फंसते जा रहे हैं|बीते दिन योगेश प्रताप सिंह ने खुद के द्वारा शरद पवार के विरुद्ध किये खुलासे को सबसे बड़ा खुलासा बताते हुए अरविन्द केजरीवाल पर पवार को बचाने का आरोप मड दिया|केजरीवाल ने इसे झुट्लाते हुए कहा की इस इशु को जुलाई में ही उठा कर १५ मंत्रिओं के खिलाफ बनाई गई लिस्ट में शामिल करके केंद्र सरकार को दे दिया गया था| उन्होंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह बहुत पहले बता दिया गया था कि अगला खुलासा गडकरी के विरुद्ध ही होगा|इसीलिए यह कहना कि हमने शरद पवार को बचाने के लिए गडकरी को निशाना बनाया सरासर गलत होगा |

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग छेड़ने वाले केजरीवाल और योगेश आपसी तू तू में में में फंसे


करप्शन के विरुद्ध बने सवयम्भू इन पुराधाओं में फूट पड़ते देख कर इनकी कार्यशैली की आलोचना भी होने लग गई है|कहा जाने लगा है कि ये लोग बिना पर्याप्त तथ्यों या सबूतों के ही मीडिया में जाकर हर किसी पर आरोप लगा रहे थे अब ये लोग खुद ही लड़ने लग गए हैं इसीलिए कहा जा सकता है कि सूत ना कपास और जुलाहों में लठम लठ|इन पुरोधाओं द्वारा उठाये जा रहे सवालों पर कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही | कांग्रेस+भाजपा+एन सी पी+सपा आदि सभी पार्टिओं के प्रवक्ता कैमरे के सामने आकर आरोपण को झुटला देते हैं +अपनी करनी को जायज बता देते हैं और उसके बाद ये लोग अगले पड़ाव की तरफ कूच करदेते है| शरद पवार ने योगेश के आरोपण को नकारते हुए कहा कि लवासा का प्रोजेक्ट का निर्णय बिलकुल प्रदेश हित में लिया गया निर्णय है|उधर गडकरी के साथ भाजपा ने भी १०० एकड़ भूमि के इस्तेमाल को किसानों के हित में बता कर इन आरोपों को चिल्लर आरोप बता कर इनकी खिल्ली तक उडाई है| राबर्ट वढेरा और राहुल गांधी पर लागाये जा रहे हरियाणा में लैंड ग्रेबिंग के आरोपण के जवाब में पूरी कांग्रेस ही मैदान में उतर आई है| विकलांग फंड में धांधली में फंसाए गए सलमान खुर्शीद गाली गलौच पर उतर आये हैं| शायद इसीलिए अब इनके प्रति गंभीरता कम होती जा रही है| चूंकि मीडिया को हमेशा ब्रेकिंग न्यूज की जरुरत रहती सो इनके कांफ्रेंस में अब १००० तक प्रेस वाले पहुँच ही जाते है| स्कैम का खुलासा किया जाता है|अख़बारों में सुर्खियाँ बटौरता है|और चैनलों में प्राईम टाईम को टाईम देता है|उसके बाद एक नए खुलासे की प्रष्ठभूमि तैयार होने लग जाती है| इसीलिए यह अपूर्ण + अशक्त+अपरिपक्व+अलोकतांत्रिक और शायद अंधी दौड़ है |और हो सके तो अंग्रेज़ी की इस कहावत पर अम्ल किया जाना चाहिए कि वन इन हेंड इज बेटर देन २ इन बुश | अर्थार्त अलीबाबा बन कर चालीस चोरों का नाश करो उसके भाई कासिम बन कर न रह जाओ|यानि जो हाथ में पूर्ण है वोही सत्य है| दूर के ढोल तो सुहावने लगते ही हैलेकिन इनका मोह छोड़ कर अगर तू तू में में बढ़ते गए तो इन ज्वलंत मुद्दों से भटकना लाजमी हो जाएगा| जोकि देश हित में नहीं होगा

अरविन्द केजरीवाल सच्चे हैं तो गडकरी के साथ खुर्शीद और राबर्ट को भी सलाखें गिनने का मौका देना होगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया इंडिया अगेंस्ट करप्शन वालों ने अब की बार तो कमाल ही कर दिया| ओये ये भाजपा वाले अपने आप को लीक से हट कर बेहद इमानदार पार्टी कहते नहीं थकते थे अब की बार अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा के सिरमौर नितिन गडकरी की १०० एकड़ लैंड ग्रैबिंग आदि धांधलियों का पर्दा फाश कर दिया | भाजपा अध्यक्ष खुद उपजाऊ सरकारी जमीन कब्जा कर वहां इंडस्ट्रीज लगा रहे हैं|किसानो को आत्म हत्या के लिए मजबूर कर रहे हैं| पर्यावरण की ऐसी की तैसी कर रहे हैं |इस पर नंगई तो देखो पूरी भाजपा खुल कर नंगी होकर एक तरफ यह मान रही है के हाँ नितिन गडकरी ने जमीन ली है लेकिन उसके साथ ही बेचारे अरविन्द को ब्लैक मेलर भी कह रही है|अब चूँकि | बंगारू लक्ष्मण जेल से बाहर आ गए हैं उन्होंने जेल में जो कोठरी खाली की है उसमे नितिन गडकरी को भी सलाखें गिनने का मौका दे दिया जाना चाहिए|बंगारू लक्ष्मण और गडकरी काण्ड के बाद अब तो इस भाजपा को गंगा जी में डूब ही मरना चाहिए|

अरविन्द केजरीवाल सच्चे हैं तो गडकरी के साथ खुर्शीद और राबर्ट को भी सलाखें गिनने का मौका देना होगा

झल्ला

मेरे चतुर सुजान जी अगर केजरीवाल की बात में दम है और तथ्यों में सच्चाई है तब तो सलमान खुर्शीद और राबर्ट वढेरा के साथ स्वयम प्रधान मंत्री के लिए भी कोठरी रिजर्व होनी चाहिए क्योंकि इससे पहले केजरीवाल ने इन्ही महापुरुषों के सर में दर्द पैदा किया है|लेकिन यह नहीं होगा और वोह भी नहीं होगा क्योंकि अरविन्द जो भाजपा के लिए कहता है आपके लिए वोही सत्य है और आपके लिए जो कहता है भाजपा के लिए केवल वोही सत्य है| देखा नहीं किस तरह राबर्ट वढेरा के लैंड स्कैम के विषय में पूछते ही दिग्विजय सिंह+हरीश रावत जैसे धुरंध्र्रों को भी सांप सूंघने लगा है|उसकी जाँच तो दूर चर्चा करने से भी कतराने लग गए हैं|

हरियाणा भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में खेमका घुसे हैं अभिमन्यु बन कर शहीद होंगें या अव्यवस्था परास्त होगी

हरियाणा भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में खेमका घुसे हैं अभिमन्यु बन कर शहीद होंगें या अव्यवस्था परास्त होगी

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह में अशोक खेमका घुस तो गए हैं अब देखना है कि वोह अभिमन्यु बन कर शहीद होते है या अर्जुन की भांति व्यवस्था को परास्त कर बाहर निकलते हैं| राबर्ट वढेरा को आर्थिक साम्राज्य दिलाने के लिए हरियाणा के मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जो भूमि अधिग्रहण चक्रव्यूह रचा था उसमे बेचारे आधुनिक अभिमन्यु वरिष्ठ आई ऐ एस अधिकारी [१९९१] अशोक खेमका फंस गए हैं|अशोक खेमका ने वढेरा के स्काई लाईट हासपितेलिती प्रायवेट लिमिटेड और डी एल ऍफ़ के भूमि सौदों की जांच के आदेश देकर[३.५३१ एकड़] शिकोहपोर -मानेसर की एक डील क्या रद्द कर दी की हरियाणा सरकार ने तत्काल अशोक को मात्र २१ साल में ४० वां ट्रांसफर आर्डर थमा कर साईड लाइन कर दिया है|भूमि सम्बन्धी [आई जी आर]विभाग से हटा कर अशोक को बीज संबंधी विभाग में[डी जी] भेज दिया गया है|इस पर ऐतराज़ करना भी अधिकारी पर भारी पड़ गया है |अब उन पर कार्यवाही की तलवार दिखाई जा रही है| आश्चर्यजनक रूप से मुख्य मंत्री हुड्डा ने तत्काल इस पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा है के ट्रांसफर कोई पनिशमेंट नहीं होता| उन्होंने एक तरह से वढेरा और डी एल ऍफ़ के तमाम डील्स को क्लीन चिट देते हुए इस डील्स पर अरविन्द केजरीवाल के आरोपों को भी दर किनार कर दिया है|बताया जा रहा है कि इसी खेमका ने २००४ में तत्कालीन मुख्यमंत्री ॐ प्रकाश चौटाला के आदेशों का पालन करने के लिए मिड टर्म में टीचर्स का ट्रांफर करने से मना कर दिया था| अब कैंसिल की गई मुटेशन को दोबारा जीवित करने के लिए स्थानित प्रशासन से फेवोर वाली रिपोर्ट भी मगा ली गई है|
चीफ सेक्रेटरी पी चौधरी ने सरकार के पक्ष को सामने रख्रते हुए कहा है कि खेमका का ट्रांसफर किसी जल्द बाजी में नहीं किया गया है वरन स्वयम खेमका ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रांसफर माँगा था जबकि खेमका ने कोर्ट में फ़रियाद कि थी कि उनके पास कई चार्ज हैं उनमे से एक चार्ज उनके पद से बेहद जूनियर आधिकारी के लिए है अत उसे विड्रा कर लिया जाए|अब खेमका के ट्रांसफर के लिए उसी कोर्ट के मामले को आधार बनाया जा रहा है|
अगर देखा जाए तो बीज सम्बंधित विभाग में इन्हें डी जी बनाया गया है यह पद इन्स्पेक्टर जनरल रजिस्ट्रेशन के पद से जूनियर है ऐसे में यह ट्रासफर एक तरह से हाई कोर्ट के आदेशो की अवहेलना है |क्योंकि खेमका से जूनियर पोस्ट विड्रा करने के बाजए उन्हें ही दूसरे जूनियर विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है और इस ट्रांसफर को जायज़ ठहराया जा रहा है जाहिर है इससे शक की सुई अपने आप में मुख्य मंत्री की तरफ घूम रही है| शायद इसीलिए अब ३९ ट्रांसफर झेल चुके अशोक खेमका ने व्यवस्था में रह कर व्यवस्था को बदलने का निश्चय कर लिया है और चीफ सेक्रेटरी को पत्र भी भेज दिया है| शायद इसी लिए अब खेमका पर तमाम आरोप लगाने लग हैं| शासन की तरफ से कहा जा रहा है कि अशोक खेमका ने अपने ट्रांसफर होने के बाद लैंड मुटेशन को रद्द किया|इसके अलावा जबी जुबान से हरियाणा सरकार +रॉबर्ट वढेरा और डी एल ऍफ़ के नेक्सस की डिटेल अहोक खेमका ने ही प्रेस को लीक की हैं|
गौरतलब है के 12-02-२००८ में राबर्ट वढेरा को जमीन का एक टुकड़ा साडे सात करोड़ में बेचा गया जिसके लैंड यूज को बदलने के लिए एक ही दिन में परमिशन दे दी गई| इसके मात्र ६५ दिनों के पश्चात ही साडे सात करोड़ के जमीन को डी एल ऍफ़ ही ६५ करोड़ रुपयों में खरीद लेता है|इस भूमि के खरीद फरोख्त में टैक्स के चोरी करने के लिए कई नियम भी बदले गए|इस घोटाले को बीते साल इकोनोमिक्स टाइम्स ने उठाया थाफिर अब इसी महीने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविन्द केजरीवाल ने राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया |अरविन्द द्वारा मुद्दा उठाये जाने के मात्र दो दिन के पश्चात ही हरियाणा के इन्स्पेक्टर जनरल पंजीकरण [ आई जी आर] ने वढेरा और डी एल ऍफ़ के बीच हुई भूमि सौदों के जांच के आदेश दे दिए एक सौदा के मुटेशन रद्द कर दी गई | इस अधिकारी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया |अंग्रेज़ी के हिन्दू अखबार और इंडियन एक्सप्रेस ने इसे प्रमुखता से उठाया | और कई नए खुलासे किये| फर्स्ट पोस्ट ने तो डी एल ऍफ़ के स्वर्गीय राजीव गांधी से भी रिश्ते खोल दिए |२८-०३-२००८ को टाउन & कंट्री प्लानिंग विभाग ने हाउसिंग कालोनी के लिए परमिशन प्रदान कर दी|लेकिन वहां वढेरा की कंपनी ने कोई निर्माण नहीं किया|हाँ उनके लायसेंस के अवधि को जरूर दो बार[रिन्यू] बढाया गया | इसके बाद बड़े नाटकीय ढंग से मात्र ६५ दिनों के पश्चात यह भूमि डी एल ऍफ़ को ६५ करोड़ में बीच डाली गई|अब कहा जा रहा ही के दी एल ऍफ़ के साथ पहले अग्रीमेंट हुआ था जिसके एवाज़ में ५० करोड़ ले लिए गए थे अब सवाल उठाया गया है के अगर पहले सेल एग्रीमेंट हो गया था तब लायसेंस का रिनुअल कैसे हो गया|
इस डील को देखते हुए आरोप लगाया जा रहे है के राबर्ट वढेरा ने अपने राजनीतिक कनेक्शनों का इस्तेमाल करके जमीन का लैंड यूज बदलवाकर भूमि पुनः डी एल ऍफ़ को लौटा कर मोटा मुनाफ़ा कमाया| केपिटल गेन आदि टैक्सों की चोरी हुई |चूंकि वढेरा रूलिंग पार्टी के सबसे बड़े परिवार से सम्बन्धित हैं और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी मुख्य मंत्री की सीट बचाने की खातिर पार्टी प्रधान के दामाद के लिए एक रियल एस्टेट का एम्पायर खड़ा कर दिया| अब पोल खुलने के बाद इस परिवार को बचाने के लिए इनकी एम्पायर को सुरक्षित रखने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं |शायद हुड्डा और राबर्ट वढेरा के दुर्भाग्य से क़ानून मंत्री सलमान खुर्शीद के खिलाफ अरविन्द केजरीवाल ने अपना अनिश्चित कालीन धरना समाप्त कर दिया है| जाहिर है कि अब मीडिया और इंडिया अगेंस्ट करप्शन वालों को राबर्ट वढेरा पर ध्यान केन्द्रित करने का पर्याप्त समय मिलरहा है| | दुर्भाग्य वश इन सारे हरियाणवी हथकंडों से कांग्रेस की छवि लगातार गिरती ही जा रही है|इन तमाम तरह की एक के बाद एक नकारात्मक घटनाक्रम के बीच १९९१ बैच के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी अशोक खेमका ने व्यवस्था में रहते हुए ही व्यवस्था को बदलने का निश्चय किया है यह अपने आप में एक सकारात्मक सन्देश देता है
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राबर्ट वढेरा को निशाना बना रहे भाजपाई भी तो बेटी दामाद वाले हैं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये भाजपा वालों को क्या भसूडी पड़ जाती है|अब देखो महाराष्ट्र में खुले सिंचाई घोटाले में आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने व्हिसल ब्लोअर का काम किया|उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी और एक सांसद अजय संचेती सम्बन्धी भ्रष्टाचार के केस उजागर किये तो भाजपा ने बेचारी अंजलि के खिलाफ केस दायर कर दिया |अब इसके आधार पर हसाडे प्रवकता जनार्दन द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस करके भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ जांच की मांग क्या कर दी अब ये सारे चट्टे बट्टे हसाडे बेचारे जवाई बाबू राबर्ट वढेरा के पीछे ही पड़ गए हैं|जवाई बाबू बेचारे सीधे साधे अपना बिजनेस कर रहे हैं तो उन्हें भी राजनीति की दलदल में घसीटा जा रहा है|वैसे जवाई बाबू खानदानी बिजनेस मेन हैं उन्होंने डी एल ऍफ़ से डील करके पैसा क्या कमा लिया ये भाजपाई हसाडी सोनिया जी के भी पीछे हाथ धो कर पड़ गए हैं| ये भी तो बेटी दामाद वाले हैं | ओये ऐसा भी कभी होता है |

राबर्ट वढेरा को निशाना बना रहे भाजपाई भी तो बेटी दामाद वाले हैं

झल्ला

चतुर सुजाण जी आप भी तो गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हो|महाराष्ट्र में १९८३ से ठेके लंबित हैं|संचेती को २००७-२००८ में विदर्भ सिंचाई विकास निगम से बांध का ठेका मिला |इसके भुगतान के लिए गडकरी ने आपके पवन बंसल को चिट्टी लिखी बेशक संचेती का नाम आदर्श घोटाले में भी आ चुका है लेकिन आप कहाँ सोये हुए थे |अब नरेन्द्र मोदी ने १८८० करोड़ की यात्राओं का हिसाब माँगा तो आपने उसके जवाब में गडकरी की कुण्डली खंगालनी शुरू कर दी| आप सरकार में बैठे हो और जांच करवाने के बजाये जांच की मांग का नाटक ही तो कर रहे हो | आप तो राजनीतिक शतरंज़ के पुराने घाघ हो आपको पता होना चाहिए कि क्रिया की प्रतिक्रिया और एक्शन का रिएक्शन होता ही है|