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भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने प्रोमोशन में रिजर्वेशन के विरोधियों को सपा के बहकावे ना आने की सलाह: Reservation On Promotion
गौरतलब है कि बीते दिन प्रोमोशन में रिजर्वेशन के विरोधियों ने मेरठ शहर में स्थित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वाजपई के निवास पर नारे लगाए और भाजपा से सम्बंधित पोस्टर फाड़ कर अपना विरोध जताया था|जमोस न्यूज़ डाट काम द्वारा इसकी प्रतिक्रया पूछने पर डाक्टर वाजपई ने कहा कि लोक तंत्र में अपनी भावनाएं प्रगट करना सभी का अधिकार है|लेकिन लोक तांत्रिक मर्यादाओं का पालन करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया जाना चाहिए|अगर इन विरोधियों को अपनी बात कहनी थी तो इसके लिए उनसे[डाक्टर वाजपई] उनके घर पर,ऑफिस में या फिर फोन पर बात की जा सकती थी|ऐसा कुछ भी करने के बजाय उनके निवास पर हंगामा करना सुनियोजित षड्यंत्र का संकेत देता है| उन्होंने प्रदेश में अपनी विरोधी पार्टी सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी सपा द्वारा भ्रमित हैं|यदि वास्तव में सपा प्रोमोशन में आरक्षण के विरोध में है तो वह[सपा]केंद्र में यूं पी ऐ की सरकार से समर्थन वापिस क्यूं नहीं ले लेती|इसी परिपेक्ष्य में डाक्टर वाजपई ने सपा के बहकावे में ना आने की सलाह दी|
प्रोमोशन में रिजर्वेशन बिल की प्रति लोक सभा में फटी:सोनिया गांधी की रोकने की कौशिश नाकाम: Promotion In Reservation
प्रमोशन में रिजर्वेशन का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज बुधवार को लोकसभा में प्रमोशन में आरक्षण के बिल को फाड़ा गयाऔर सांसदों में हाथापाई भी हुई |इससे आहत .स्पीकर मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पहले तीन बार स्थगित करने के पश्चात फिर कल तक के लिए सदन स्थगित कर दिया| बिल का भविष्य भी फिलहाल अधर में लटक गया है|
आज संसद की कार्यवाही शुरू होते ही प्रमोशन में कोटा बिल पर एसपी का विरोध शुरू हो गया। बार-बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद जब तीन बजे कार्यवाही शुरू हुई और पीएमओ में राज्यमंत्री नारायणसामी ने बिल पेश करने की कोशिश की तो समाजवादी पार्टी के सांसद[नगीना] यशवीर सिंह खड़े हो गए और उन्होंने श्री सामी के हाथ से बिल छीन लिया। लोकसभा में विभाजित सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सबसे पहले कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक और फिर दोबारा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई। तीसरी बार दोपहर तीन बजे तक के लिए सदन को स्थगित किया गया।
सुबह प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ समाजवादी पार्टी (एसपी), जनता दल (युनाइटेड) व शिवसेना के सदस्य अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गए और विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। शिवसेना के नेताओं की मांग थी कि सरकार कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दे।
विधेयक राज्यसभा में पिछले सप्ताह पारित हुआ था। अब इसे लोकसभा में रखा जाना है। विपक्षी सदस्यों को शांत करने के प्रयास में कांग्रेस सदस्यों ने भी विधेयक के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय चाहते हैं।
दिल्ली में रविवार की सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), अकाली दल और जद (यु) की महिला सांसद अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गईं और उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बहस कराने की मांग की।
.बुधवार को कोटा बिल को लोकसभा में पेश किया जाना था जिस दौरान यह घटना हुई. इस हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है|
समाचार चैनल एबीपी न्यूज के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यशवीर सिंह को रोकने की कोशिश की. सोनिया का यह रुख देखकर अन्य कांग्रेसी सांसद भी भड़के.जिसके बाद छीना-झपटी हुई और उस दौरान बिल की कॉपी फट गई.गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल को असंवैधानिक बताती रही है|संसद से बहार भी इस बिल का विरोध जारी रहा| उत्तर प्रदेश और मेरठ में जगह जगह प्रदर्शन हुए और कांग्रेस तथा बी जे पी के विरुद्ध नारे लगाये गए| मेरठ के व्यस्तम बेगम पुल चौराहे पर बिल विरोधियों ने ट्रेफिक जैम किया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर लक्ष्मी कान्त वाजपई के निवास पर प्रदर्शन भी किया
आरक्षण विरोधी हड़ताल पर तो आरक्षण समर्थक करेंगे अतिरिक्त चार घंटे काम
आरक्षण विरोधी कर्मचारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को चेतावनी दी है कि अगर 117वें संविधान संशोधन को पारित करने में जल्दबाजी की गई या इसे गलत तरीके से पारित किया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हड़ताल में विभिन्न कर्मचारी संगठन, टीचर्स और अलग-अलग विभागों के सामान्य और ओबीसी कैटेगरी के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं
आरक्षण का विरोध कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को वापस लिया जाए। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे ने दावा किया है कि स्वास्थ्य, बिजली और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी विभागों एवं निगमों के 18 लाख कर्मचारियों ने आज शाम से संपूर्ण कार्य बहिष्कार आंदोलन (हड़ताल) शुरू कर दिया है। श्री दुबे का कहना है कि 14 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राजधानी में सभी सरकारी विभागों पर अधिकारी व कर्मचारी विरोध सभाएं करेंगें।
अपवाद
[१] राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वह आरक्षण के समर्थन व विरोध में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि उनके संगठन में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने हड़ताल के निर्णय को शैलेंद्र दुबे की निजी राय बताया।
[२] राज्यकर्मचारी महासंघ के महामंत्री अजय सिंह ने कर्मचारियों की हड़ताल पर अनभिज्ञता जताई है।
[३] कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने भी हड़ताल में शामिल न होने की बात कही है।
आरक्षण समर्थक
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने चार घंटे अतिरिक्त कार्य करने का एलान किया है। समिति पदाधिकारियों का मानना है कि जब कार्य बहिष्कार का कोई असर नहीं पड़ा तो ऐसे ही हड़ताल का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। फील्ड हास्टल में हुई बैठक में समिति के केबी राम ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के अलावा कोई भी दल अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है। उन्होंने हड़ताल के दावे को बेबुनियाद बताया।
वी पी सिंह की सरकार के दौरान भी आरक्षण के मुदे पर ढुल मुल्ता के कारण कई युवाओं ने अपनी जान गवाई थी और सरकार को हार का सामना करना पड़ा था |अब पुनः केवल अपनी राजनीतिक बढत पाने के लिए वोही जिन्न बाहर निकाल दिया गया है|मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा भी इतिहास को दोहराया जा रहा हैजिसके फलस्वरूप अब सरकारी कर्मी तक आमने सामने आने शुरू हो गए हैं| कहना अनुचित नहीं होगा कि सरकारी विभागों में इस प्रकार के टकराव को देश की एकता अखंडता के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता इस विषय में यथा शीघ्र विवेक पूर्ण निर्णय जरूरी हो गया है|
राज्यसभा में सभापति के प्रति आज विश्वास और सम्मान व्यक्त किया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभापति के लिए उनकी सरकार में बहुत आदर है। मैं सदन के तमाम सदस्यों से इसमें मदद की आशा करता हूं। हमलोगों को ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे बिना रुकावट के सदन की कार्यवाही निर्वाध चले।
वहीं नेता विपक्ष [ भाजपा के ]अरुण जेटली ने कहा कि हम सभापति को वादा करते हैं कि पूरा सदन अब से एक सुर में बोलेगा। जिससे इस सदन की मर्यादा बरकरार रहे। इसके बाद हामिद अंसारी ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया और कार्यवाही में सहयोग का आश्वासन दिया|
गौरतलब है कि बीते दिन बुधवार को मायावती ने सीधे सभापति के आसन के समक्ष जाकर अपना विरोध जताया।राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने पर राज्यसभा सभापति पर सवाल उठाए |मायावती ने कहा था कि दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही नहीं चलती है। सभापति दोपहर 12 बजे के बाद सदन से चले जाते हैं। सदन को चलाने की जिम्मेदारी सभापति की है। गौरतलब है कि राज्यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल पास होना है।
लेकिन आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सभापति के प्रति विश्वास व्यक्त किया और उम्मीद जाती कि सभापति द्वारा प्रोमोशन में रिजर्वेशन का बिल पास करवाने को प्रयास करेंगे
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