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संसद में ९ मुद्दे उठे मगर कार्यवाही आज भी नही हुई

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शुक्रवार को भी बिजनेस ठप्प रहा| प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके कारण सारे दिन कार्यवाही बाधित हुई| लोक सभा में यधपि ९ मुद्दे उठाये गए मगर हंगामे के चलते कार्यवाही नही हो पाई|स्पीकर मीरा कुमार और राज्य सभा में हामिद अंसारी प्रश्न काल की कार्यवाही भी नहीं चलवा पाए| शुक्रवार का दिन ओड़िसा के लिए विशेष राज्य का दर्ज़ा+आज़म खान का अमेरिका में अपमान+कोयला घोटाला+२ जी स्कैम की भेंट चड गया|
[१] बीजेपी ने कोयला ब्लॉक + 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मामला उठाया | सीबीआई द्वारा कोयला ब्लॉक आवंट की जांच से सम्बंधित स्थिति रपट में सरकार के हस्तक्षेप के सम्बंध में दायर किए गए शपथपत्र[हलफ नामा] का भी मुद्दा उठाया.
[२] उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाजवादी पार्टी ने अपने कद्दावर नेता +यूपी के नगरीय विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान के अमेरिका के बोस्टन हवाईअड्डे पर हुई बदसुलूकी का मामला उठाया.
गौरतलब है कि आजम खान,अपने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में कुम्भ मेले पर व्याख्यान देने गए थे. उन्हें बोस्टन लोगान अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को पूछताछ के लिए लगभग 10 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया गया था|
दोनों सदनों की कार्यवाही 11 बजे शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका. शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही परम्परानुसार पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी|
राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे शुरू होने के बाद दोबारा हंगामा शुरू हुआ, और उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी|.
2जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही [३]]संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पद से पीसी चाको को हटाने और[४] पश्चिम बंगाल में चिट फंड घोटाले समेत कई मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा[५],बीजद सदस्य ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए।
[६]अन्नाद्रमुक के सदस्य एक अंग्रेजी समाचार पत्र की प्रति दिखा रहे थे जिसमें जेपीसी के आधे सदस्यों की पीसी चाको को अध्यक्ष पद से हटाने संबंधी मांग की खबर छपी है। [७]वाममोर्चा सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के समीप आकर पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों का पैसा लौटाने की मांग की|
कल्याण बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य भी आसन के समक्ष चिटफंड को बंद करने और इस घोटाले में कथित रूप से शामिल केंद्रीय मंत्रियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे।[८] सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उन्हें चीन का मुद्दा उठाया | [९]तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेस सांसद पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विषय को उठा रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी जिस पर लिखा था, `तेलंगाना विधेयक पेश करो।’
दोपहर 12 बजे पीठासीन गिरिजा व्यास ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। लेकिन हंगामे से परेशां होकर उन्होंने बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक अब सोमवार को होगी।

कांग्रेस और भाजपा ने २०१४ के अश्वमेघ के लिए पारंपरिक मुस्लिम और हिन्दू वोट बैंक को मोहित करने का प्रयास शुरू किया

राहुल गाँधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद केंद्र में सत्ता रूड कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने २०१४ के अश्वमेघ की तैय्यारी शुरू कर दी है तभी दोनों पार्टियों ने अपने विश्वस्त +भरोसे मंद अश्वों को तबेले से निकाल लिया है अब इनके भरोसे पारंपरिक मुस्लिम और हिन्दू वोट बैंक को मोहित करने का प्रयास शुरू हो गया है| |कांग्रेस का अश्व है हिन्दू आतंकवाद [सेफ़्रोन टेरोरिस्म] और भाजपा के लिए कांग्रेस के वंश वाद के साथ हिन्दू वोट बैंक रहा है|
रविवार को कांग्रेस के चिंतन शिविर में देश के गृह मंत्री सुशिल कुमार शिंदे ने अपने भाषण में पार्टी की वैचारिक धरोहर को आगे लाते हुए भगवा आतंकवाद के लिए भाजपा और आर एस एस को निशाना बनाया|इसके बाद कांग्रेस के नेताओं के बयाँ आने शुरू हो गए इससे साफ जाहिर हो गया कि विकास के मुद्दे पर गुजरात चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब २०१४ में कोई नया रिस्क नही लेना चाह रही | इसीलिए सपा बसपा आदि में बंटे उनके अल्प संख्यक वोट बैंक के लिए एक पुराना जांचा परखा भगवा आतंकवाद रूपी चुम्बक का प्रयोग शुरू हो गया है|भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस को घेरने में कोई देर नहीं की और कांग्रेस को वंशवाद और आतंक के सरंक्षक बता दिया |इसके अलावा तमाम टी वी चेनलों पर शिंदे और दिग्विजय सिंह के डायलाग्स रिपीट किया जा रहे हैं जिनमे उन्होंने ओसामा बिन लादेन के लिए श्री और हाफ़िज़ सईद को साहब कहा है|भाजपा इसे मुस्लिम तुष्टिकरण बता रही है|

Congress V/S B.J.P.

भाजपा ने भी अपने पत्ते फेंटने शुरू कर दिए

पूर्व मुख्य मंत्री लोध नेता कल्याण सिंह

को भाजपा में पुनः शामिल कर लिया |गौर तलब है कि कल्याण सिंह ने एतिहासिक अयोध्या काण्ड के कारण अपनी गद्दी छोड़ी थी और उनकी छवी एक कट्टर हिंदूवादी की रही है|
कांग्रेस और भाजपा में एक जुबानी जंग भी शुरू हो गई है जिसमे बढत लेने के लिए भाजपा ने २४ जनवरी को देश में आन्दोलन छेड़ने की चेतावनी दे डाली है|इनकी आपसी तू तू में में पाकिस्तान में बैठे हाफ़िज़ सईद ने फायदा उठाते हुए भारत में सेकुलरिज्म की खिल्ली उडाई | भारत को एक आतां वादी राष्ट्र घोषित करने में देर नहीं लगाई और शिंदे की तारीफों के पुल बांध दिए|जिस हाफ़िज़ को पूरा देश आतंकवादी कह रहा है और उस के सहारे पाकिस्तान में चल रहे दहशत गर्दी के कैम्पों को उजागर किया जा रहा था अब उसी हाफ़िज़ को भारत के गृह मंत्री के एक ब्यान मात्र से भारत पर लांछन लगाने का अवसर मिल गया| इस विषय में अनेकों चिंतकों से पूछने पर एक स्वर में जवाब आया कि देश के गृह मंत्रीके पास अगर आर एस एस और भाजपा के कैम्पों में चल रहे आतंकवादी गतिविधिओं की जानकारी है तो उस पर तत्काल कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए उसे देश के सामने लाना चाहिए|अपनी पार्टी के शिविर में उसे नेताओं के मार्ग दर्शन के रूप प्रस्तुत करके इसे पब्लिसिटी का आधार नहें बनाया जाना चाहिए

मेरठ के विशाल और भव्य मायावती स्टाईल पार्कों से सुरक्षा कर्मी नदारद

चलती चार्टर्ड बस में एक फ़िजिओथेरेपिस्त महिला के साथ किये गए जघन्य सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध पूरे देश में आक्रोश की सुनामी आई हुई है| मेरठ से लेकर अमेरिकी मीडिया तक कानून और सुरक्षा व्यवस्था में लचरता पर चिंता व्यक्त की जा रही है और लचरता के इस अभिशाप को समाप्त करने के लिए सर्वत्र मांग की जा रहे है प्रदेश के युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने भे ब्लाताकार की भर्त्सना करके पांच लाख रुपयों की मदद पीडिता को देने कीघोषणा कर दी है सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कवायाद शुरू करने के आदेश दे दिए गए हैं|स्कूली बसों में सुरक्षा व्यवस्था की जाँच चल रही है मगर चिराग के नीचे के अँधेरे को नज़रंदाज़ किया जा रहा है|
सुरक्षा के इंतज़ाम देखने को आज गंगानगर और रक्षा पुरम के पार्कों को देखने पर यहीइ अन्धेरा दिखाई दिया|

AKHILESH YADAV V/S MAYAVATI

मवाना रोड स्थित गंगानगर में तीन और रक्षापुरम में भी तीन विशाल भव्य मायावती स्टाईल पार्क है|इनकी सुरक्षा के लिए प्रति पार्क चार सुरक्षा कर्मी की तैनाती की जाती है अर्थार्त २४ सुरक्षा कर्मी लगाए जाते है|इन्हें प्रति कर्मी ३७५०/=दिए जाते हैं|यानि ९००००/=रुपये प्रति माह का खर्च है|आज सुबह यहाँ एक भी सुरक्षा कर्मी दिखाई नहीं दिया| घने कोहरे में भी स्वास्थ्य लाभ लेने आये मार्निंग वाकर्स को गंगानगर के पार्क से यह कह कर जाने को कहा गया की कोई गार्ड नहीं है ताला लगाना है |
गौरतलब है कीइन पार्क का निर्माण मुलायम सिंह यादव की सरकार ने कार्या था और इसका जीर्णोधार मायावती की सरकार में किया गया है|कहने का अभिप्राय है के इस पार्क में दो दो मुख्य मंत्रियों के प्रतिष्ठा जुडी है और आज कल सुरक्षा के लिए इंतज़ाम किये जा रहे हैं मगर सरकारी तंत्र में यह अन्धकार वाकई चिंता और जांच का विषय है|
ताला लगाने वाले से जब इसका कारण पूछा तो उसने बताया की साहब में तो केवल माली हूँ और यहाँ सुरक्षा कर्मी आउट सोर्सिंग से आते हैं इनके लिए अभी एम् डी ऐ से टेंडर पास नहीं हुए हैं|

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए

सुप्रीम कोर्ट ने आज ब्रहस्पतिवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों मुख्य मंत्री अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए सीबीआइ को हरी झंडी दे है| जांच एजेंसी इस मामले में तत्काल एफआइआर दर्ज करने के मूड में नहीं है। सीबीआइ द्वारा प्रारंभिक जांच को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ एक राहत देते हुए अखिलेश यादव की धर्म पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव को इस सब से अलग रखने को कहा गया है |आदेश में कहा गया है की डिम्पल किसी सरकारी पद पर नहीं थी|
कांग्रेस के अहमद पटेल ने कहा है कि इस फैसले से कांग्रेस और सपा के रिश्तों पर कोई असर नहीं पडेगा|उधर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने कोर्ट पर भरोसा व्यक्त किया है और न्याय पाने की उम्मीद व्यक्त की है|

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए


गौर तलब है कि वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली थी और 2009 में ही इसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी।
राजनीतिक रूप से अतिसंवेदनशील इस मामले में सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख कई बार बदल चुकी है। 2007 में अदालत ने सीबीआइ को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया। लेकिन सीबीआइ ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से आदेश में सुधार की अपील की थी। जांच एजेंसी का कहना था कि वह जांच रिपोर्ट सिर्फ अदालत को दे सकती है। लेकिन कुछ महीने के भीतर ही सीबीआइ ने इरादा बदल लिया और पुरानी अपील वापस लेने की अर्जी लगा दी। गुरुवार को अदालत ने 2007 के फैसले में संशोधन करते हुए जांच एजेंसी को सरकार के दखल से मुक्त करते हुए जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया है।हाल ही में संसद में सपा और बसपा के नेताओं पर सी बी आई के दबाब के आरोप लगाए गए हैं|

प्रोमोशन में आरक्षण के विरोध में हंगामा :राज्य सभा दस मिनट्स के लिए स्थगित:सपा का बहिष्कार

प्रोमोशन में आरक्षण के विरोध में हंगामा :राज्य सभा दस मिनट्स के लिए स्थगित

राज्यसभा आज फिर दस मिनट्स के लिए स्थगित हुई |आज सरकार की सहयोगी पार्टी सपा ने प्रोमोशन में आरक्षण का विरोध करके कार्यवाही नहीं चलने दी |इसीलिए चेयर पर्सन ने सपा सांसद अरविन्द यादव के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए अरविन्द को सदन से बाहर किया| आज सपा के सांसद वेळ आ गए और प्रोमोशन में आरक्षण नहीं चलेगा |प्रोमोशन में आरक्षण नहीं चलेगा के नारे लगाने लगे इस से आहत चेयरपर्सन ने राम गोपाल यादव और नरेश अग्रवाल को अपनी मित्रता की दुहाई देते हुए व्यवस्था बनाए रखने को कई बार कहा मगर सपा आज सदन की कारवाही नहीं चलने देने की जिद पर अड़ी थी|
चेयर पर्सन ने पहले तो कार्यवाही स्थगित करने से इंकार कर दिया मगर अरविन्द यादव को बाहर करने पर भी शान्ति नहीं हुई तब सदन की कार्यवाही [ढाई बजे] दस मिनट्स के लिए स्थगित कर दी गई|

    • सपा सांसदों ने राज्य सभा से वाक् आउट किया

प्रोमोशन में आरक्षण के विरोध में सपा ने राज्यसभा से वाक् आउट किया|बिल में संशोधन के विरोध में सपा के सानद वेळ माँ कर जब शोर करने लगे और आरक्षण के विरोध में नारे लगाने लगे तब चेयर पर्सन ने अरविन्द सिंह और चौधरी मुनवर को सदन से बाहर जाने को कहा और मार्शल के प्रयोग की धमकी दी इस पर राम गोपाल यादव के न्रेतत्व में सांसदों ने बहिष्कार कर दिया |सपा का कहना है कि उक्त विधेयक असंवैधानिक है और 80 प्रतिशत कर्मचारियों को पदोन्नति से वंचित करेगा। सपा के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि विधेयक पर चर्चा नहीं होने देने के लिए अगर जरूरत हुई, तो वह राज्यसभा में रोज कार्यवाही बाधित करेंगे

सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या लोक तंत्र का संसद में खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है ? एक तरफ तो ऍफ़ डी आई के विरोध में बंद कराते हैं|संसद में गला फाड़ते हैं और वोट देने के नाम पर ऍफ़ डी आई को जितवा देते हैं| पहले लोक सभा में बहस करने के बावजूद वोटिंग के टाईम पर बेहद बचकाना बहाना बना कर बाहर निकल गए फिर राज्यसभा में तो हद ही हो गई | इन्होने उच्च सदन में सी बी आई बनाम भाजपा बनाने का प्रयास कर दिया| यहाँ तक की उच्च सदन की मर्याद को तार तार करते हुए सदन की कार्यवाही को बेशक दस दस मिनट्स के लिए ही सही मगर दो बार स्थगित करवा दिया| एन सी पी ने भी ऍफ़ डी आई का विरोध का संकेत देकर महाराष्ट्र में दोबारा अपना उप मुख्यमंत्री बनवा लिया| इन सभी ने साबित कर दिया है दिया है की सारी बातें मत्थे मगर पतनाला वहीं गिरेगा|खैर ये डाल डाल तो हम भी पात पात|हमने भी इन्हें यूं पी में बेनकाब करके इन्हें कांग्रेस की गोद में बैठा साबित कर ही दिया |अबदेखेंगे की ये चुनावों में कांग्रेस की मुखालफत कैसे करते हैं|

सोणी मनमोहनी सरकार कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है

झल्ला

ओ भोले सेठ जी बड़ी पुराणी कहावत है की रब्ब नेड़े[नजदीक]या घुसन्न[घूँसा]|जिस बेचारे को हर समय घूंसा दिखाई देता हो तो उसको रब्ब की परवाह नहीं रहती|एक पार्टी के मुख्यमंत्री ने तो सरे आम यह स्वीकार भी कर लिया की उनकी पार्टी ने हमेशा यूं पी ऐ को बचाया है मगर वक्त पड़ने पर उन्हें कौन बचाएगा?इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी सी बी आई को फटकार लगाई जा चुकी है| सेठ जी वास्तव इन दोनों संकट मौचक पार्टियों की गर्दन सरकार के हाथ में हैं| इसीलिए हसाड़ी सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से घड़ी घड़ी साईकिल और हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है|

रिटेल में ऍफ़ डी आई पर लोक सभा में हुए मतदान में आज फिर भरोसेमंद तीन एम् ने आज सरकार की साख सजाई

भरोसेमंद तीन एम् ने [मायावती+मुलायम सिंह यादव और एम् करूणानिधि ]आज रिटेल में ऍफ़ डी आई पर हुए मतदान में सरकार की साख लोक सभा में सजा कर विपक्ष के प्रस्ताव को वोट आउट करा दिया |अब खुदरा में ५१% ऍफ़ डी आई के लिए रास्ते खुल गए हैं| आज लंबी बहस के बाद रिटेल में एफडीआइ पर विपक्ष का प्रस्ताव संसद में खारिज हो गया। एफडीआइ के समर्थन में 253 तथा विरोध में 218 मत पड़े। जबकि ७० सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया| बहस के दौरान ही सपा, बसपा और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति ने सदन से वॉकआउट कर दिया था।

Indian Parliament


आज लोक सभा में ११८ राजनीतिक दलों ने चर्चा में भाग लिया इनमे से १४ दलों ने ऍफ़ डी आई का विरोध कियाइनमे सपा और बसपा भी शामिल थी | इन दलों के सांसदों की संख्या २८२ और सरकार के पक्ष में बोलने वाले चार दलों की संख्या २२४ ही थी मगर मतदान के दौरान सपा और बसपा ने बड़े नाटकीय अंदाज़ में सदन से वाक् आउट कर दियाइनके साथ तेलंगाना के सांसद भी थे| इसी के फलस्वरूप केवल ४७१ सांसदों ने मतदान में भाग लिया|इनमे से जीत के लिए केवल २३६ वोट जरूरी तह जबकि सरकार के पक्ष में १७ वोट अधिक मिले|यह बहस नियम १८४ के अंतर्गत हुई थी इसमें अगर सरकार हर भी जाती तो भी गिरने का खतरा नहीं था हाँ नैतिक हार अवश्य हो जाती|
इससे पूर्व बहस के दौरान लोकसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने एफडीआइ का विरोध किया और कहा कि केंद्र सरकार अपनी गर्दन कटवाएं, देश का नहीं। इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि बीजेपी किस मुंह से एफडीआइ का विरोध कर रही है। उनके होने वाले पीएम तो दुनिया भर की कंपनियों को देश में बुलाते हैं।
, फेमा संशोधन बिल रद्द करने का भी प्रस्ताव खारिज हुआ है।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने पहले ही साफ कर दिया कि एफडीआई लागू किया जाए या नहीं ये राज्य सरकारों पर निर्भर होगा। सिंगलब्रैंड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत है।जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार को एफडीआइ पर जनता के हितों की चिंता नहीं है, वह बस अपनी सत्ता बचाए रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार एफडीआइ पर सदन के भीतर तो जीत जाएगी, परंतु विपक्ष का संघर्ष जारी रहेगा।यदि सरकार एफडीआइ रिटेल पर रोलबैक नहीं करेगी तो वह जनता के बीच जाकर सरकार का रोलबैक करेंगेपृथक तेलंगाना राज्य की माग को लेकर आध्र प्रदेश से आने वाले काग्रेसी सांसदों ने भी वोटिंग के दौरान मतदान का बहिष्कार किया।

मेरठ में एयर पोर्ट को लेकर सपा, रालोद बसपा और भाजपा में राजनीतिक धमासान

बचपन से एक कहावत सुनते आ रहे हैं कि झोतटों की लड़ाई में झुंडों का नाश होता है यह कहावत आज कल यूं पी और ख़ास कर मेरठ की राजनीती में अक्षरह प्रासंगिक है| यहाँ में एक बात साफ़ कर देना चाहता हूँ कि झोतटों का अर्थ बिजार नहीं बल्कि शक्तिशाली और झुण्ड का अर्थ निरीह लिया जा रहा है|शक्ति शाली हैं सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह और यूं पी के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव|जबकि निरीह हैं मेरठ में एयरपोर्ट का मामला|
बेहद क्षमा के साथ यह कहना चाहता हूँ कि मेरा इरादा किसी का अपमान करने या उनकी तुलना जानवरों से करने कि नहीं है मगर आज कल राजनीति में आये दिन मच्छर+ नाली के कीड़े+डेंगू मच्छर +घोड़ा+बैल और ना जाने किस किस जानवर के रूप में नेताओं को देखा जा रहा है| अब चूंकि कलम समाज के रूप को ही उजागर करती है सो समाज में प्रचलित भाषा का ही प्रयोग का ही चलन है|

मेरठ में एयर पोर्ट को लेकर सपा, रालोद बसपा और भाजपा में राजनीतिक धमासान


मेरठ में विकास की गंगा बहाने के लिए अखिलेश यादव और अजित सिंह दोनों ही आये दिन दावे करते नज़र आ रहे हैं|लेकिन वास्तव में दोनों ही अपने सियासी अहम में फंसे दिखाई दे रहे हैं| चौधरी अजित सिंह जहां मेरठ में एयर पोर्ट के लिए फ्री में जमीन चाहते हैं तो मुख्य मंत्री ऐसी किसी परिपाटी से इनकार करते हुए आगरा या वाराणसी में एयरपोर्ट का विकास करने की सलाह दे रहे है।अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस बयान पर राजनीति में भूचाल आ गया है,
विपक्षी दलों का कहना है कि जब अजित सिंह मेरठ में एयरपोर्ट की स्थापना के लिए देश के 37 एयरपोर्ट की तर्ज पर मुफ्त में जमीन मांग रहे हैं तो मुख्यमंत्री को तत्काल जमीन देकर उनका आग्रह स्वीकार कर लेना चाहिए। इस तरह के बयान देकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वह मेरठ मंडल की उपेक्षा कर रहे हैं। वह भी तब जब राजस्व वसूली के मामले में प्रदेश में यह क्षेत्र अव्वल है। उद्यमियों व व्यापारियों ने भी इन विपक्षी दलों की बात का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्लानिंग बोर्ड (एनसीआरपीबी) की सिफारिश लागू हुए छह साल बीत गए हैं पर उप्र सरकार की उपेक्षा के चलते एनसीआरपीबी की महायोजना-2021 के तहत एक भी प्रोजेक्ट मेरठ मंडल में लांच नहीं हुआ है। यानि मेरठ मंडल के लिए एनसीआर में शामिल होने का अनुभव भी अच्छा नहीं है।मेरठ में एयर पोर्ट के प्रति उपेक्षा या राजनीती को लेकर बसपा और भाजपा विधान सभा में आवाज उठाने जा रही है जबकि भाजपा इसे लोक सभा में भी उठाने की बात करने लगे हैं|

चौधरी अजित सिंह

केंद्रीय टीम के निरीक्षण के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन के अलावा खुद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख चुके हैं। मेरठ एयरपोर्ट के लिए उन्होंने 133 एकड़ में फैली हवाई पट्टी मुफ्त में एएआइ को हस्तांतरित करने का आग्रह किया है। मुफ्त में जमीन देने की बाबत उन्होंने देश के 18 राज्यों में स्थापित उन 37 एयरपोर्ट की सूची भेजी है, जहां एएआइ को मुफ्त में जमीन मिली है। उप्र के वाराणसी में ही 64.73 एकड़ व लखनऊ में 77 एकड़ जमीन एएआइ को लीज पर मिली है, जिसमें एएआइ के अधीन एयरपोर्ट संचालित है। उन्होंने कहा है कि यदि यह जमीन मिल जाए तो शीघ्र ही इस हवाई पट्टी पर कुछ व्यवस्था कर लखनऊ व इलाहाबाद के लिए उड़ान शुरू की जा सकती है। 7500 वर्ग फीट का रन-वे, समानांतर में टैक्सी ट्रैक, टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टॉवर, फायर स्टेशन, हैंगर्स, कारगो के साथ-साथ सिविल शेड्यूल प्रचालनों के लिए सी श्रेणी के विमान हेतु विकसित तथा उन्नत करने के लिए अतिरिक्त 433 एकड़ भूमि का अधिग्रहण तथा हस्तांतरण का कार्य एएआइ बाद में कराएगी। इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाला करीब 250 करोड़ रुपये एएआइ के पास है।
अजित सिंह के अनुसार मेरठ में ही वह हैदराबाद व तमिलनाडु की तरह 600 करोड़ की लागत से विमान रखरखाव, मरम्मत एवं ओवर हॉल (एमआरओ) सेवा शुरू कराने के इच्छुक है, ताकि देश-विदेश से विमान यहां ठीक होने के लिए आएं। इस प्रोजेक्ट के लांच होने पर मेरठ ही नहीं आसपास में न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि औद्योगिक विकास भी होगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

मेरठ की हवाई पट्टी छोटी है, फिर भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह उप्र में एयरपोर्ट का विकास करना चाहते हैं तो वह अपना ध्यान मेरठ के बजाए आगरा व वाराणसी पर लगाएं। यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए बेहतर होगा।

एयरपोर्ट निर्माण के लिए शर्तें

[१]एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार राष्ट्रीय स्तरपर हवाई अड्डे के लिए चाहिए- रनवे 18045 फुट यानि करीब 5552.615 मीटर लंबा व 296 मीटर चौड़ा[२]वर्तमान में मेरठ हवाई पट्टी पर 47 एकड़ जमीन पर रनवे- 1736 मीटर लंबा व 80 मीटर चौड़ा।[३]86 एकड़ जमीन विस्तारीकरण के बाद रनवे- 2700 मीटर लंबा और 200 मीटर चौड़ा[४] 433 एकड़ जमीन और अधिग्रहण करने के बाद रनवे- 7200 मीटर लंबा व 310 मीटर चौड़ा

विपक्षी दलों की दलीलें

बसपा द्वारा यह मामला राज्यसभा में उठाया जाएगा|
बसपा सरकार में यह हवाई पट्टी विकसित हुई। विस्तारीकरण को 86 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई और चारदीवारी कराई गयी। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप अन्तर्गत मेरठ एयरपोर्ट के लिए परामर्शी का चयन कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर), संभावना तलाशने के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार हुई और मेरठ विकास प्राधिकरण की महायोजना-2021 में 1350 एकड़ जमीन का संशोधन प्रस्ताव भी पारित किया गया। मेट्रो सिटी होने के कारण मेरठ में एयरपोर्ट जरूरी है। अजित सिंह की पहल भी सही है। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री मेरठ हवाई पट्टी को छोटी बताकर कहीं और एयरपोर्ट की वकालत कर रहे हैं तो वह गलत है। ।
भाजपा इसे लोक सभा में उठायेगी| भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, के अनुसार वर्ष 2006 में बनी एनसीआरपीबी की महायोजना-2021 में मेरठ में एयरपोर्ट की बात की गई है। एमडीए की महायोजना में भी यह प्रस्ताव शामिल है। ऐसे में अजित सिंह की पहल स्वागत योग्य है, पर मुख्यमंत्री ने मेरठ एयरपोर्ट को लेकर जो बयान दिया है, उसे लोस में उठाया जाएगा।
अजित सिंह की पार्टी – रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, के अनुसार उनके नेता मेरठ ही नहीं प्रदेश के छह शहरों में एयरपोर्ट बनवाना चाहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने जिस तरह केवल आगरा में एयरपोर्ट की बात की है, उससे लगता है कि वह सपा के गढ़ वाले क्षेत्र की पैरवी कर रहे हैं। अजित सिंह ने मेरठ के साथ ही आगरा, मुरादाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर में भी एयरपोर्ट विकसित करने की बात की है।
मेरठ के व्यापारियों और उधमियों ने आरोप लगाया है के मेरठ एयरपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री का बयान इस बात का प्रमाण है कि वह इस क्षेत्र का विकास नहीं चाहते हैं। दस नवम्बर को मुख्यमंत्री मेरठ आए तो उन्होंने उद्यमियों व व्यापारियों से मिलने का समय देने के बाद भी उनसे बात नहीं की। पिछले 15 साल से मेरठ मंडल में उद्योग के लिए एक इंच जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बदहाल है। ऐसे में यदि मेरठ से हवाई यात्रा का सपना पूरा हो जाता तो उद्यमियों व व्यापारियों को राहत मिलती। मेरठ से रोज 250 लोग विभिन्न स्थानों के लिए दिल्ली से हवाई उड़ान भरते हैं। यदि एयरपोर्ट मेरठ में होगा तो इनकी संख्या दस गुणा तक होगी। हर वर्ष करीब 1200 करोड़ से अधिक का खेल उत्पाद, सोने के आभूषण, दवाई, मीट, आदि उत्पाद विदेशों में यहां से जाते है, वह भी मेरठ एयरपोर्ट से जा सकेगा। इन इकाइयों में तैयार माल मुंबई या कोलकाता बंदरगाह से विदेशों में जाता है। बंदरगाह तक पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन यहां माल वायुयान से जाने के बाद कुछ हीं घंटों में बंदरगाह पर पहुंच जाएगा।
इतिहास गवाह है मेरठ शुरू से ही उपेक्षा का शिकार रहा है|एन सी आर के लाभ से लेकर हाई कोर्ट की बेंच और रेलवे के लिए डबल लाईन और अब ये एयर पोर्ट का मुद्दा जिस तरह से राजनीती का शिकार हो रहा है उसे देखते हुए कहा जा सकता है के झोत्टों की लड़ाई में झुंडों का नाश हो रहा है|

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समाज नारी की पूजा और प्रतिनिधि नारी का अपमान कर रहे हैं

एक तरफ समाज का बड़ा हिस्सा नवरात्र में दुर्गा +दशहरा में और दिवाली में अधिकार+ लक्ष्मी देवी के रूप में नारी शक्ति की पूजा कर रहा है|कन्यायों में देवी का स्वरुप देख कर उन्हें जिमाया[पूजा] जा रहा है तो दूसरी तरफ इसी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले समाज के प्रतिनिधि नारियों पर हो रहे अपराधों के विरुद्ध आवाज उठाने के बजाये नारी को ही सभी अपराधों की जड़ बता रहे हैं और तमाम तरह की बंदिशें लगाने की वकालत करते फिर रहे है|

समाज नारी की पूजा और प्रतिनिधि नारी का अपमान कर रहे हैं


मुजफ्फर नगर में एक पंचायत सभा में जिस बसपा की मुखिया एक महिला हैं,उसी बसपा के सांसद राज पाल सैनी ने लापता चल रही एक कन्या की तलाश करवाने के बजाय लेक्चर झाड़ते हुए सारा दोष कन्या के सर पर मड़ते हुए कह दिया कीलडकियां मोबाईल से बिगड़ जाती हैं इसीलिए लड़कियों को मोबाईल नहीं देना चाहिए और जिन्हें दिया हुआ है उनसे वापिस ले लेना चाहिए||
इस ब्यान की सपा ने कड़ी आलोचना की है|इसके अलावा महिला संघठन भी आगे आ रहे हैं|
इससे पूर्व अभी हाल ही में कांग्रेस के सांसद ने हरियाणा में फरमाया था की ९०% बलात्कार आपसे रजामंदी से होते हैं|उनके कहने का अभिप्राय है की बलात्कार कोई अपराध नहीं है इसीलिए उनकी सरकार को बदनाम किया जाना अनुचित है|उनकी अध्यक्षा एक महिला होने के बावजूद यह दलील देती हैं की ये बलात्कार तो देश भर की समस्या है|
योग गुरु बाबा राम देव ने तो सारी मर्यादाएं तक पर रख कर इस अध्यक्षा की बेटी के विषय में सार्वजानिक रूप से अप्रिय टिपण्णी कर दी
खाप पंचायतों ने तो सीधे सीधे प्रेम विवाह को नाजायज़ बताते हुए नारी को घर में रहने और बिना की साथी के बाहर जाने पर भी रोक लगा दी है|
यह वास्तविकता है की देश में अपराध बढ रहे हैं और नारियां ही शिकार हो रही हैं|चैन स्नैचिंग से लेकर किडनैपिंग और बलात्कार की घटनाएँ बढ रहे हैं यह समाज और सरकारों पर कलंक है |हो सकता ही की इसी अव्यवस्था से पीड़ित समाज नारी को ही परदे में रखने के वकालत करने लगा है लेकिन आज के दौर में जब नारी अन्तरिक्ष में जा रही है| हमारा समाज नव रात्रा और दशहरा मन कर नारी की पूजा कर रहा है ऐसे में उसके पर कतरना जागरूक समाज में स्वीकार्य नहीं होगा|यह महिलाओं को उनके मूल अधिकारों से वंचित करना होगा|