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रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटा :प्रदेश अध्यक्ष ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी

[मेरठ]राष्ट्रीय लोक दल[रालोद] ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने उखाड़े जा रहे पैरों को पुनः जमाने के लिए अपना पुराना आजमाया हुआ पारंपरिक गन्ना मन्त्र जपना शुरू कर दिया है|रालोद प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने १८ मार्च सोमवार को मेरठ के सर्किट हॉउस में प्रेस कांफ्रेंस की और गन्ना किसानो के हितो को लेकर प्रदेश में सत्ता रुड सपा सरकार पर जम कर प्रहार किये| उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मौजूदा सरकार में गन्ना किसानों की हालत दिनोंदिन बिगड़ रही है। सरकार के ढुलमुल रवैए से गन्ने की बकाया रकम किसानों को नहीं मिल पा रही। उन्होंने मिल मालिको के प्रति सरकार के विशेष प्रेम पर हमला बोलते हुए कहा कि केवल निजी मिलों पर किसानों का

साड़े चार हज़ार करोड़ रुपये बकाया

है। हालात देखकर ऐसा लगता है जैसे

साठगांठ से सपा राज में गन्ना माफिया पैदा हो गए हैं

। यह आरोप लगाते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस रवैए के विरोध में पार्टी निर्णायक आंदोलन करेगी।

रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटी :प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी

रालोद अपने पारंपरिक किसान वोट बैंक की तरफ लौटी :प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने दी निर्णायक लड़ाई की चेतावनी


सर्किट हाउस में चौहान ने कहा कि गेहूं, धान, गन्ना पर सरकार ने 50 % बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन जब रालोद ने विधानसभा में इसे उठाया तो आर्थिक हालत ठीक न होने की बात कहकर बोनस देने से इनकार कर दिया गया | रालोद इस मुद्दे को नहीं छोड़ेगा। किसानों की लागत 25 % तक बढ़ी है, ऐसे में उन्हें बोनस मिलना ही चाहिए। इतना ही नहीं आलू किसानों की भी इस सरकार में हालत खस्ता हो चली है। मूल्य घोषित नहीं होने से उचित दाम मिल नहीं पा रहे। भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की ओर से पौने दो रुपये प्रति किलों का किराया भी उनकी कमर तोड़ रहा है।
राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि

पार्टी का सदस्यता अभियान

12 मार्च तक सदस्यता अभियान चलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी मौजूदा समय में प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए मजबूत नहीं है, लेकिन संगठन मजबूत कर रालोद २०१७ के स्टेट एसेम्बली चुनावों में अकेले मैदान में उतरेगा।
गौरतलब है कि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चो.अजित सिंह की पार्टी रालोद को लगातार प्रदेश की राजनीती में झटके मिल रहे हैं |दो सांसद पार्टी छोड़ गए+ मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच+मेरठ में ही एयर पोर्ट+ ड्रीम प्रोजेक्ट महाभारत सर्किट+के प्रति राज्य सरकार की अदावत तो पहले ही उजागर हो चुकी थी अब किसानो की लड़ाई में सरदार वी एम् सिंह से चुनौती मिलने लगी है| बताते चलें कि गन्ना किसानो के बकाये के भुगतान को लेकर वी एम् सिंह पिछले २१ दिनों से कमिशनरी चौराहे पर धरना दे रहे हैं और रोजाना नया समर्थन हासिल कर रहे है|ऐसे में रालोद ने अपने पारंपरिक वोट किसान वोट बैंक की तरफ लौटना शुरू कर दिया है|

बीडी के बण्डल के भाव ५० गुना बढ गए इसीलिए गन्ना भाव भी एक हज़ार रुपये क्विंटल होना चाहिए

बीडी के बण्डल के भाव ५० गुना बढ गए इसीलिए गन्ना भाव भी एक हज़ार रुपये क्विंटल होना चाहिए

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[मेरठ]किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से शुरू किया गया धरना आज ब्रहस्पति वार को भी जारी है |किसानो के जत्थे आने का क्रम जारी है|सरदार वी एम् सिंह की जिदाबाद के नारों से प्रशासन को जगाने का प्रयास जारी है|मेजर डा.हिमाशु ने आन्दोलन को लम्बा खिंचता आन्दोलन को सफल बनाने के लिए कमेटियों का ऐलान किया |आज वक्ताओं ने हक़ लिए बगैर धरना समाप्त करने से इंकार करते हुए लम्बी लड़ाई का ऐलान किया |वक्ताओं का कहना था कि बीडी के बण्डल से लेकर सोने[गोल्ड] का भाव पचास गुना बड़ा है उसके अनुपात में गन्ने का भाव कम से कम एक हज़ार रुपये तो होना ही चाहिए| ऐसे ही गेंहूं का भाव भी तय किया जाना चाहिए|