.AAP Demands Apology ,BJP Calls Sania Mirza Pride Of The Nation
.Aam Aadmi Party [AAP] Demanded Apology From B J P For Statement on Sania Mirza Whereas BJP Calls This Tennis Player Pride Of India.
The Aam Aadmi Party strongly condemned the remarks made by a BJP leader from Telangana about Tennis player Sania Mirza. The BJP should apologise to the country for such an unacceptable utterance of its leader.
Aap Says That Such statements are not expected from a ruling party of the country, but the reluctance of the BJP to rein in its leaders and discourage them from making such reprehensible statements, shows that this party is returning to its core divisive agenda.
The remarks clearly smack of parochialism with clear communal overtones.
The AAP is of the clear view that a player who was born and brought up in India and still continues to represent the country, cannot be hurt merely on grounds of her marriage.
While Binding Congress Also In The Same Rope ,AAP Says That Statements from some Congress leaders, echoing the sentiments of BJP also deserve to be condemned.
Supporting Telangana Chief Minister AAP Says That The Telangana Chief Minister is right in calling Sania “a true Hyderabadi” and any attempts to spread misinformation in this regard, need to be strongly curbed.
On The Other Hand , BJP today distanced itself from party’s Local leader Dr Lakshman’s statement on tennis star Sania Mirza calling her a ‘daughter-in-law’ of Pakistan, saying it was not BJP’s position.However B J P Calls Sania Mirza’s Segment an Act Of State Govt.To gain Communal Favor In The Coming Local Elections
Tag: 29th state Telangana
AAP Demands Apology ,BJP Calls Sania Mirza Pride Of India
२९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में आये १५वे पी एम ने शुभ कामनाएं और सहयोग का आश्वासन दिया
भारत के २९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में पहुंचे देश के १५वे पी एम ने शुभ कामनाओं के साथ विकास के लिए सहयोग का आश्वासन दिया |सी एम चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रामाराव और भतीजे टी हरीश राव समेत ग्यारह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस पर पी एम ने ट्वीट किया कि हम 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना का स्वागत करते हैं। आने वाले वर्षो में यह राज्य हमारी विकास यात्रा में ताकत बढ़ाएगा। कई लोगों के संघर्ष और त्याग के बाद तेलंगाना का जन्म हुआ है। आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने तेलंगाना के लोगों और राज्य सरकार को आश्वस्त करके कहा कि राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र हरसंभव मदद देने को तैयार है।
29वें राज्य के रूप में आज तेलंगाना अस्तित्व में आ गया| इसके साथ ही आंध्रप्रदेश से अलग होने के लिए चल रहा दशकों पुराना संघर्ष समाप्त हो गया। पहले सी एम ने सिकंदराबाद के स्टेडियम में परेड[ GuardOfHonour ] की सलामी भी ली |
TRSप्रमुख के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में नवगठित तेलंगाना की सरकार को शपथ दिलवाने के लिए एकीकृत आंध्रप्रदेश में लागू राष्ट्रपति शासन को आंशिक रूप से हटा दिया गया है हालांकि केंद्रीय शासन शेष आंध्रप्रदेश में तब तक जारी रहेगा, जब तक TDPप्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ले लेते।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सीटों में से 65 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
तेलंगाना के गठन के साथ ही सीमांध्र ने भी अलग राज्य का आकार ले लिया। अगले 10 वर्षो तक दोनों प्रदेशों की राजधानी हैदराबाद ही रहेगी। सीमांध्र में तेलुगू देसम पार्टी ने 175 सीटों में 106 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है।
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फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करके राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर मोहर लगाईं
फाड़ दो फैंक दो के कानफोड़ू शोर+कागजों की कतरनों की बारिश और भाजपा के संशोधनों को दरकिनार करते आज राज्य सभा ने ध्वनि मत से तेलंगाना पर को २९ वे राज्य के रूप में अपनी मोहर लगा दी |
इस अवसर पर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने शेष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष छह सूत्री पैकेज का ऐलान भी किया
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा
[प्रथम], केंद्रीय सहायता के उद्देश्यों के लिए, 13 जिलों वाले शेष आंध्र प्रदेश को पांच वर्ष की अवधि के लिए विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा दिया जाएगा जिसमें चार जिले रायलसीमा के और तीन जिले उत्तर तटीय आंध्र के होंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
[दूसरी], विधेयक में पहले ही निर्धारित किया गया है कि केंद्र सरकार विभाजन के बाद दोनों राज्यों में औद्योगीकरण और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए कर छूट सहित समुचित राजकोषीय उपाय करेगी। ये छूट कुछ अन्य राज्यों को दी जा रही छूट की तरह ही होंगी।
[तीसरी], विधयेक में पहले ही कहा गया है कि शेष आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों, विशेष रूप से रायलसीमा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में विशेष विकास पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। यह विकास पैकेज ओडिशा में के-बी-के (कोरापुट-बोलनगीर-कालाहांडी) विशेष योजना तथा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड विशेष पैकेज की तरह ही होगा।
[चौथी], मैं माननीय सदस्यों को पुनः आश्वासन देता हूं कि यदि पोलावरम प्ररियोजना के लिए सुगम और पूर्ण पुनर्वास और पुनर्स्थापना (आर एंड आर) के लिए कोई और संशोधन आवश्यक हुए तो जल्द से जल्द प्रभावी किए जाएंगे। हमारी सरकार पोलावरम परियोजना निष्पादित करेगी -इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
[पांचवी], नए राज्य के बनाने के लिए दिन अधिसूचित तिथि से संबंधित इस तरह से नियत किया जाएगा ताकि कार्मिक, वित्त और परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के वितरण के संबंध में तैयारी करने का काम संतोषजनक ढंग से पूरा किया जा सके।
[छठी], विभाजन के बाद शेष आंध्र प्रदेश में पहले वर्ष, खासतौर से नियुक्ति दिन और भारत सरकार द्वारा 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें स्वीकार करने की अवधि के दौरान होने वाले संसाधन के अंतर की पूर्ति 2014-15 के लिए नियमित बजट में की जाएगी।
डॉ मन मोहन सिंह ने पृथक तेलंगाना के गठन के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने पृथक तेलंगाना के गठन के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई |संसद-सत्र से पूर्व आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने प्रेस-वक्तव्य जारी किया डॉ मन मोहन सिंह ने बताया कि संसद का यह सत्र छोटा होगा और सभी को यह कोशिश करनी चाहिए कि संसद के दोनों सदनों में जो भी समय उपलब्ध होगा, उसका बेहतर और भरपूर इस्तेमाल किया जाए। सरकार की तरफ से हमारा यह भरसक प्रयास होगा कि दोनों सदन भलीभांति चलें और इस संबंध में दोनों सदनों के लिए सभी पक्षों से पूरा सहयोग चाहते हैं।
तेलंगाना के प्रश्न पर उन्होंने कहा ” हमारी सरकार तेलंगाना के गठन के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी यह पूरी कोशिश होगी कि हम तेलंगाना के अस्तित्व के लिए सभी कानूनी तकाजों का पूरा इस्तेमाल करने को यकीनी बनाएं”।
फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh interacting with the media after all party meeting before winter session, in New Delhi on December 03, 2013.
तेलंगाना मुद्दे पर पर्यटन मंत्रालय त्यागने वाले चिरंजीवी ने होटल इंडस्ट्रीज नियमों सुधारों के लिए वित्त मंत्री के कदम का स्वागत किया
तेलंगाना के मुद्दे पर मंत्री पद त्यागने वाले केन्द्रीय पर्यटन मंत्री डा० के. चिरंजीवी ने तेलंगाना के मुद्दे के कुछ ठंडा होने पर अब फिर से अपने मंत्रालय का काम काज देखना शुरू कर दिया है| होटल और सम्मेलनों के प्रति वित्त मंत्री के निर्णय के स्वागत के साथ उन्होंने इसकी शुरुआत की है|
डा० के. चिरंजीवी ने वित्त मंत्रालय द्वारा देश में कहीं भी 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले होटलों और 300 करोड़ की अधिक लागत वाले सम्मेलन केन्द्रों को आधारभूत संरचना क्षेत्र के उप-क्षेत्र मान लेने का स्वागत किया है। ऐसे होटलों और सम्मेलन केन्द्रों को आधारभूत संरचना क्षेत्र के उप-क्षेत्रों की संशोधित मास्टर सूची में शामिल कर लिए जाने संबंधी सुविधाएं तत्संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद तीन वर्ष तक उपलब्ध होंगी। होटलों और सम्मेलन केन्द्रों की उक्त लागत में जमीन की कीमत अथवा उसका किराया शामिल नहीं होगा। किन्तु निर्माण् कार्य की लागत अवश्य शामिल होगी।
डा० के. चिरंजीवी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने, रोजगार सर्जन, और देश के समग्र आर्थिक विकास की दृष्टि से वित्त मंत्रायल का यह एक सकारात्मक और सार्थक कदम है। वह काफी दिन से ऐसा चाहते थे और उन्होंने इस सिलसिलें में वित्त मंत्री श्री पी.चिदम्बरम से भेंट की थी|
तेलंगाना के वर्तमान गठन को बकवास नही बल्कि महा बकवास बता कर तुरंत पुनर्विचार शुरू कर देना चाहिए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
चीयर लीडर कांग्रेसी
ओये झल्लेया देख तो इन राजनितिक पार्टियों ने तेलंगाना को लेकर क्या गुल खिला रखा है पहले सभी दलों ने एक मत होकर एक जुट होकर अलग तेलंगाना राज्य के गठन का समर्थन किया और अब आंध्र प्रदेश के साथ ही दिल्ली में भी राजनीती चमकाने आ रहे हैं ओये और तो और हसाड़े केन्द्रीय मंत्री और मुख्य मंत्री भी आँखें दिखाने लग गए हैं जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में अनशन कर रहे है यहाँ तक कि खुड़ेडे लाइन लगे हुए टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू ने तो दिल्ली में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भाई कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है जो आये दिन अपने फैसले बदलती फिरे
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी महाराज आप ज़रा मेरा ज्ञान वर्धन करने के लिए कष्ट करो और बताओ कि दागी सांसदों के बारे में विधेयक को बकवास बताने भर पर ही आप लोगों ने उसे वापिस ले लिया और अब तक उस के कसीदे पड़े जा रहे हैं लेकिन आंध्र प्रदेश में विभाजन को सब तरफ आग लगी हुई हैं+कर्फ्यू थोप गया है+शूट एट साईट के आर्डर दिए जा चुके हैं +ट्रेने बंद हैं+यहाँ तक कि बिजली भी गुल है इस पर भी आप लोग केवल तेलंगाना की १७ सीटों को हथियाने के लिए ४२ सांसदों वाले प्रदेश को आग में झोंके दे रहे हैंअरे इसे तो बकवास से भी महा बकवास कह कर तुरंत पुनर्विचार शुरू कर देना चाहिए
आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ लड़ाई को देश की राजधानी में ला कर तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने आज दिल्ली में अनशन स्थल बनाया
[नई दिल्ली] आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ लड़ाई को देश की राजधानी में ला कर तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने आज दिल्ली में अनशन स्थल बनाया आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ लड़ाई को देश की राजधानी में ला कर तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने आज अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू की और कांग्रेस पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने का आरोप लगाया।तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आज सोमवार को आंध्र प्रदेश के बंटवारे से बिगड़े हालात को लेकर दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। जंतर-मंतर पर अनशन की इजाजत न मिलने के कारण उन्होंने आंध्र भवन को अपना अनशन स्थल बनाया है अनशन से पहले नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आंध्र की स्थिति को न समझने के लिए ‘इटैलियन’ में बोलकर कटाक्ष भी किया। इटैलियन में उन्होंने कांग्रेस राज्य के लिए ‘इमोब्लिज़मो’ शब्द का प्रयोग किया ‘इमोब्लिज़मो’ का मतलब है कि कुछ भी बदल नहीं रहा।उन्होंने केंद्र सरकार पर आंध्र प्रदेश के बिगड़ते हालात को न समझने का आरोप लगते हुए कहा, ‘पिछले 70 दिन में कांग्रेस सरकार ने जो कुछ किया है, आंध्र प्रदेश के आम आदमी का उन पर से विश्वास उठ गया है। सरकार ही नहीं राजनीतिक दलों से भी लोगों का विश्वास उठा है। आज वहां हालात जस के तस है। सरकार में कोई विश्वास नहीं है। इटैलियन में इसे ‘इमोब्लिज़मो’ कहते है। ‘इमोब्लिज़मो’ का मतलब है कि कुछ भी बदल नहीं रहा।’
आंध प्रदेश के विभाजन के विरोध में 30 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिस वजह से हैदराबाद समेत कई इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो गई है।इसके अलावा कई ट्रेनों पर भी बिजली सप्लाई का असर पड़ा है। इसी वजह से चेन्नई सेंट्रल से विजयवाड़ा को जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। वहीं, चेन्नई से गुंटूर जाने वाली पेसेंजर ट्रेन और विजयवाडा से पिनाकिनी एक्सप्रेस के अलावा और भी कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया |हैदराबाद: विभाजन विरोधी आंदोलकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही हिंसा के कारण विजयनगरम शहर में कफ्र्यू लगा दिया गया है और पुलिस को लोगों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये हैं।
इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए लोग विजयनगरं तथा अन्य स्थलों पर सड़क पर उतर आये और पुलिस के साथ उनका टकराव हुआ। भाषा के अनुसार बाहरी हिस्से कोठापेटा में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया और पाल्लीवेधी इलाके में भीड़ पर लाठीचार्ज किया।
आंध्र प्रदेश राज्य से अलग कर तेलंगाना राज्य बनाने के केन्द्रीय कैबिनेट के निर्णय के बाद से तटीय आंध्र का शहर विजयनगरम में अशांति है।: उधर जगन मोहन रेड्डी का आन्ध्र में धरना भी जारी है |
तेलंगाना के कांटे के दर्द को देश भर में गुंजाने के लिए चन्द्र बाबु नायडू आज दिल्ली में चीखेंगे
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक चिंतित कांग्रेसी
ओये झल्लेया ये हसाड़े नाल क्या खेल हो रहा है ओये विभाजन होना है आन्ध्र प्रदेशका +आग लगी है सीमान्ध्र में कर्फ्यू थोपा गया है तटीय विजयनगरम में और ये चन्द्र बाबु नायडू अपनी राजनीती चमकाने के लिए हसाडी सोणी दिल्ली में अनशन करने आ रहे हैं ओये अब देखो जगन मोहन रेड्डी भी तो विरोध दर्ज़ कार रहे हैं लेकिन वोह आन्ध्र प्रदेश में ही रह कर विभाजन का विरोध कर रहे हैंओ यारा एक तरफ तो हम लोग चुनावों के लिए भाजपा के साथ “आप” पार्टी के साथ सर खपा रहे हैं और अब ये नई नायडू की विपदा भी झेलनी पड़ेगी|
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी अब देखो आन्ध्र प्रदेश में चल रहे जगन मोहन रेडी के अनशन से आप जी के हुकुमरानों के कानो पर जूं तक नहीं रेंगी +विजयनगरम में आगजनी की आंच आप तक नहीं पहुंची+तटीय छेत्रों में फायरिंग के धमाकों से आप लोग चेते नहींयहाँ तक की बी बी सी जैसे अन्तराष्ट्रीय चैनलों पर दिखाए जा रहे हृदय विदारक द्रश्यों से आअप्कि पलकें नहीं झपकी | ऐसे में तो माननीय आपके नजदीक आ कर ही चिल्लाना जरुरी हो जाता है वैसे कहा भी गया है के जब तक अपने पैरों में काँटा नहीं चुभे तब तक दूसरों के कष्टों का अहसास नहीं होता|इतिहास भी गवाह है के दिल्ली में अगर काँटा चुभे तो चीखें दुनिया भर में गूंजने लगती है|
तेलंगाना के गठन की विरोधी भावनाओं को व्यक्त करना हो तो राहुल गाँधी को पहले उचित शब्दों का चयन कर लेना चाहिए
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
उत्साही कांग्रेसी
ओये झल्लेया मुबारकां ओये देखा हसाड़े सोणे ते मन मोहणे पी एम् दा कमाल|एड्दे वड्डे आन्ध्र प्रदेश को फाड़ कर २९वे राज्य के रूप में तेलंगाना को दिया निकाल और भाजपाई कमल को कर दिया निढाल|ओये अब तो हसाडी कांग्रेस और सोनिया जी का परचम वहां भी लहराए ही लहराए
झल्ला
चतुर सुजाण जी खैर मुबारक जी |दूसरे छोटे राज्यों की मांग को दर किनार करके आप जी की केबिनेट ने तेलंगाना के गठन को बेशक मंजूरी दे है लेकिन अपने भावी चेहरे राहुल गाँधी को जरूर समझा देना के तेलंगाना के गठन को लेकर उठ रहे विरोधी स्वरों से उद्वेलित होकर अगर कोई बयाँ देना हो तो कम से कम विरोधी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उचित शब्दों का चयन कर के पहले ही रख लें वरना फिर माँ की डांट खानी पड़ सकती है
चुनावी फायदे के लिए तेलंगाना गठन को केबिनेट ने हरी झंडी क्या दी कि मंत्रियों के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया:चिरंजीवी+सूर्य रेड्डीने मंत्री पद छोड़े
आन्ध्र प्रदेश का विभाजन करके तेलंगाना के रूप में २९वा प्रथक राज्य बनाने के लिए ब्रहस्पतिवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है जिससे आहात होकर फिल्म स्टार और केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी तथा रेल राज्यमंत्री सूर्य प्रकाश रेड्डी ने बृहस्पतिवार को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। आंध्रप्रदेश से कांग्रेस सांसद अनंत रेड्डी+ साई प्रकाश रेड्डी +वी अरुण कुमार ने भी पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी है|
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अलग तेलंगाना राज्य को मंजूरी देते हुए दोनों राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे के लिए मंत्रिमंडलीय समूह बनाने का फैसला लिया गया।बताया जा रहा है कि इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीचगर्म बहस भी हुई|
जाहिर है चुनावों में फायदा उठाने के लोभ में लिए गए इस निर्णय से भी केंद्र सरकार फंसती दिख रही है।
लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गणित दुरुस्त करने के इरादे से केंद्र ने तेलंगाना के गठन को हरी झंडी दी कि कांग्रेस सांसदों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। सबसे पहले करीब सवा घंटे चली कैबिनेट की इस बैठक में तेलंगाना समर्थक और विरोधी मंत्रियों के बीच असंतोष के स्वरों की सुनामी बही जिसके फलस्वरूप सीमांध्र से आने वाले केंद्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी सहित चार कांग्रेसी सांसदों ने इस्तीफा दे दिया। दिल्ली में शाम को प्रधानमंत्री आवास के बाहर भी तेलंगाना विरोधी प्रदर्शन करने पहुंच गए।
इस घटना क्रम से लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह ने बैठक में ही हरित प्रदेश का मुद्दा उठा दिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग हरित प्रदेश बनाने के इस मुद्दे को , प्रधानमंत्री व मंत्रिमंडल के दूसरे सहयोगियों ने, कोई तवज्जो नहीं दी।
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