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Bhubaneswar[Odisha],Imphal[Manipur] Airports Are Up Graded As international airports

Airports Of Bhubaneswar and Imphal Are Up Graded As international airports
The Union Cabinet today gave its approval for declaring the Bhubaneswar and Imphal airports as international airports to fulfill the long pending demand of people as well as the State Governments of Odisha and Manipur.
Declaration of these airports as international airports will offer improved connectivity, wider choice of services at competitive cost to the air travelers resulting in boosting international tourism and economic development of the region and the country.

इंडिगो ने मुनाफे की ऊंचाई को छह गुना बढ़ा कर वधाई की पात्रता हासिल कर ली, अब तो ऐ ऐ आई को सवा करोड़ मिल ही जाएगा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

इंडिगो एयर लाइन्स का एक चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े लो कॉस्ट+बजट एयरलाइंस इंडिगो का कमाल ओये ऐ टी ऍफ़ की कीमतों में बेतहाशा बढोत्तरी और डालर के मुकाबिले रुपये में गिरावट के बावजूद हमने अपने मुनाफे की रफ़्तार को छह गुना बढा कर 787 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया

Low Cost Indigo air lines

Low Cost Indigo air lines

झल्ला

हाँ बाऊ जी वाकई आप जी बधाई के बड़े वड्डे पात्र हो ही गए हो अब तो आप जी का दिल भी उतना ही वड्डा हो गया होगा अब तो आप जी ऐ ऐ आई का सवा करोड़ का कर्जा मय ब्याज चुका ही दोगे|क्यों ठीक हैं ना ठीक???

यूं पी सरकार ने आखिरकार मेरठ सहित चार हवाई पट्टियों को भारतीय विमानपत्तन को हस्तांतरित करने का निर्णय ले ही लिया

उतर प्रदेश सरकार ने आखिरकार मेरठ सहित चार हवाई पट्टियों को भारतीय विमानपत्तन को हस्तांतरित करने का निर्णय ले लिया है|
अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद् की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया |
यह स्थानान्तरण यथा स्थिति में किया जाएगा| बताया गया है के उत्तर प्रदेश में बेहतर एयर कनेक्टिविटी को विकसित करने और सी श्रेणी के हवाई जहाजों का सिविल शेड्यूल आपरेशन प्रारम्भ करने के उद्दश्य से यह निर्णय लिया गया है|
[१]डॉ भीम राव आंबेडकर मेरठ परतापुर
[२]मुरादाबाद
[३]फैज़ा बाद
[४]सैफई
मुरादाबाद और फैज़ा बाद में आवश्यक अतिरिक्त भूमि को क्रय /अर्जन करके निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा| व्यय की व्यवस्था २०१३-१४ में अनुपूरक मांग के माध्यम से की जायेगी|

नागरिक उड्डयन मंत्रालय,निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा

नागरिक उड्डयन मंत्रालय+निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को वर्तमान आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है संभवत इसीलिए अब राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय + निजि एयर लाइन्स और सरकारी उपक्रम एयर इंडिया आज कल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं|सरकारी नीतियों के कारण यौजनाएं अपेक्षित परिणाम नही दिखा रही है यहाँ तक कि इस लाइन की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है|
[१] एयर इंडिया के मुंबई महानगर स्थित 23 मंजिले भवन को किराये पर लेने के लिए कोई आवेदन नहीं आया है|इस विफलता के पश्चात ऐ आई ने अब अपनी कुछ आवासीय संपत्तियों को ई नीलामी के लिए रखा है।एयर इंडिया ने अब ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।एयरलाइन्स की वेबसाइट पर जारी बोली दस्तावेज में कहा गया है”एयर इंडिया ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव करती है”
[२] इंडिगो और स्पाईस जेट आदि जैसी ७ एयर लाइन्स से कर्जे का २१११ .४३ करोड़ रूपया वसूलने में अभी तक असमर्थ रहे नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब विमान कंपनियों को राहत देने के लिए राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है|नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब राज्य सरकारों को हवाई जहाज़ों के तेल[ ATF ] के टैक्स में कमी करने को दबाब बनाया जाने लग गया है| नागर विमानन मंत्रालय के हवाले से भाषा ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा विमान ईंधन पर करों में कमी लाने के लिए राज्य सरकारों को राजी करने का प्रयास जारी रखा जाएगा|इससे नकदी के संकट से जूझ रही विमानन कंपनियों को कुछ राहत मिल सकेगी|विमानन कंपनियां इस समय रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की मार से ग्रस्त हैं।

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89

मध्य प्रदेश ने तीन हवाईपट्टियों के स्वामित्त्व को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

मध्य प्रदेश सरकार ने पन्ना, सतना तथा खंडवा में स्थित हवाईपट्टियों के स्वामित्त्व को लेकर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|
मध्य प्रदेश सरकार ने एएआई [AAI ]को पन्ना+ सतना तथा खंडवा में स्थिति हवाईपट्टियों को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पन्ना हवाईअड्‍डे के स्वामित्व का दावा राजस्व रिकॉर्डों के आधार पर किया जा रहा है। तथापि, पन्ना हवाईपट्टी वैमानिकी सूचना परिपत्र (एआईसी) सं. 18/1986 में नागर (डीजीसीए) को स्थानांतरित कर दिया गया था। उसके पश्चात राष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण को तथा उसके बाद एएआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुरुप एएआई को दे दियागया
नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि इसके स्थानांतरण करने की कार्य-प्रणाली को पूर्ण करने के लिए एएआई स्तर पर कोई निश्चित समय-सीमा नहीं निर्धारित की जा सकती है।