झल्ली गललां
कट्टर हिंदूवादी
ओए झल्लेया! ये हसाडे धर्म के साथ क्या मजाक हो रहा है?देख तो सुहागिनों के पवित्र त्यौहार करवाचौथ पर सुहागिनों के व्रत का सोशल मीडिया वालों ने कैसा मजाक बना कर रख दिया।धरती पर असंख्य चांद और उनकी बिखरी चांदनी से शरमा कर आसमान का चांद बादलों में ही छुपा रहा।जिसके फलस्वरूप कई व्रत वर्ता सुहागिनों ने तो चांद के दर्शन किये बगैर ही व्रत खोल लिया ।ओए हिन्दू धर्म और ये अधर्म ? वाकई कलयुग छा ही गया
झल्ला
ओ मेरे भोले भापा जी!
हिन्दू धर्म के मठाधीशों की आपसी लड़ाई/प्रतिस्पर्धा को विराम लगे तो ये लोग समाज का कोई मार्गदर्शन करें।विश्व मे मात्र हिन्दू ही हैं जो अपने खुद में सुधार करने की क्षमता का प्रदर्शन करता आया है।अब इस चांद की मनमानी देखिए,कोई कहता रहा चांद रात आठ बजे दिखेगा,किसी ने फरमाया थाली में ही चावल,/चंदन से चन्द्र बना कर अर्क दे डालों।फिर उपदेश आया कि शिव भगवान के माथे पर विराजे चन्द्र के दर्शन पर्याप्त हैं,।फिर तो सोशल साइट्स पर सलाहों की बाढ़ सी ही आ गई।मोबाइल पर चन्द्र देख कर वर्चुअल चांद को देख कर वास्तविक वृत खोले गए।अब इस भ्रमित समाज/व्यवस्था कोमार्ग दिखाने के लिए धर्माधिकारियों को आगे आना ही चाहिए
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