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Cong Drags “AAP” In Court For Objectionable Advertisements

[New Delhi] Cong Drags “AAP? In Court For Objectionable Advertisements
Cong Leader Maken Said to HC taht AAP Govt is violating SC guidelines on advertisements :
Congress leader Ajay Maken today told Delhi High Court. that AAP government is violating Supreme Court’s guidelines on government advertisement by spending huge sums of public money to run ads in other states criticising the Centre,
Maken made the submission in an affidavit in which he has referred to recent newspaper advertisements taken out by the Aam Aadmi Party (AAP) government, in other states, berating the Centre for transferring officers of GNCTD.
The ads also say that the Centre has not cleared bills of the Government of National Capital Territory of Delhi (GNCTD), the affidavit, placed before a bench of Chief Justice G Rohini and Justice Sangita Dhingra Sehgal,
The affidavit was filed in Maken’s plea, which is one of four that have been moved against the advertisements issued by the AAP government. The petitions alleged that the ads have been issued in violation of the guidelines.
The matters were listed for further hearing on August 4.
Maken in his affidavit has also stated that he had made a representation before the three-member committee, set up to monitor content of government ads, to take action against Delhi government for violating apex court guidelines on advertisements and to restrain it from issuing such ads.
However, despite repeated follow ups, till date the panel has not taken any action on his representation, Maken said.
file Photo

दिल्ली की बनिया सरकार ने लगाया पंजाबियत को तड़का,क्या स्वाद पहुंचेगा पंजाब तक?

[नई दिल्ली]दिल्ली की बनिया सरकार ने लगाया पंजाबियत को तड़का,क्या स्वाद पहुंचेगा पंजाब तक
दिल्ली की बनिया सरकार हुन होई पंजाबियां दे नाल
आज की अखबारों में छपे पूरे पेज के विज्ञापन यही बोल रहे हैं|आधे पेज पर केजरीवाल की फोटो और शेष में पांच लाइन के विज्ञापन में बताया गया है के पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार के अहम फैसले [२ लाइंस]
अब हर सरकारी स्कूल में कम से कम एक पंजाबी शिक्षक जरूर होगा[2 लाइन ]
[२] पंजाबी शिक्षकों का वेतन बढ़ाया [१ लाइन]
शेष स्पेस में सीएम अरविन्द केजरीवाल का फोटो लगा है|
इससे पूर्व बीते दिनों बारापुला फ्लाईओवर का नाम पहले सिख जनरल बाबा बन्दा सिंह बहादुर के नाम पर रखने की घोषणा की जा चुकी है | चूंकि आज कल सरकारें ट्विटर+फेसबुक के अलावा विज्ञापनों के बल पर ही चल रही है इसीलिए आप सरकार से भी कोई अपवाद की आशा नहीं की जासकती|
अपने आप को अग्रवाल [बनिया] साबित करके दिल्ली की सत्ता हथियाने वाले केजरीवाल का हृदय यकायक पंजाबियत के प्रति कैसे परिवर्तित हो गया
यह चर्चा का विषय जरूर होना चाहिए और पंजाब तथा दिल्ली की म्यूनिसिपैलिटीज़ के चुनावों से पहले इस पर चर्चा होनी लाजमी है|
दिल्ली में पंजाबी भाषा को उर्दू के साथ राज्य भाषा का दर्जा मिला हुआ हैलेकिन दुर्भाग्य से इसे अभी तक रोजगारोन्मुख [जॉब ओरिएंटेड] नहीं बनाया जा सका है|
नियमानुसार दिल्ली सरकार और ऑटोनोमस बॉडीज केसाथ ही सरकार के अन्य सैकड़ों विभागों में प्रति बिभाग में एक भाषा अधिकारी+एक ट्रांसलेटर +एक टाइपिस्ट+का होना जरूरी है अर्थार्त एक उर्दू और एक पंजाबी भाषा जानने वाल जरूरी है| भाषा को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए जो प्रयास किये जाने थे वह नहीं किये गए| संस्कृत भाषा को रोजगारोन्मुख नहीं बनाए जाने से आज वह डेड लैंग्वेज के श्रेणी की तरफ अग्रसर है |सिंधी भाषा को जिन्दा रखने के लिए संस्थाओं द्वारा धन मुहैय्या करवाया जा रहा है|
उर्दू के लिए मदरसों को जकात दी जाती है | पंजाबी की शान बनाए रखने के लिए गुरुद्वारा कमेटियां अनेकों आयोजन करती हैं उनमे से गुरुमुखी पढ़ाने के साथ ही प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं |इस सबके बावजूद ये भाषाएं पूरे देश क्या एक प्रदेश में भी[पंजाब को छोड़ कर] में रोजगारोन्मुख नहीं बन सकी है|अब सवाल उठना स्वाभविक है के अरविन्द केजरीवाल ने पंजाबियत का राग क्यूँ छेड़ा |पहले बारापुला फ्लाईओवर का नाम बाबा बन्दा सिंह बहादुर फ्लाईओवर किये जाने के पीछे की राजनीती को देखने से साफ़ दिखाई देता है के पंजाब सरकार पहले सिख जनरल बाबा बन्दा सिंह बहादुर की ३००वे शहीदी दिवस को बढे जोर शोर से मनाने की घोषणा कर चुकी है|चूंकि केजरीवाल की नजर गोवा के साथ ही पंजाब के चुनावों पर है इसीलिए अकाली सरकार द्वारा मनाए जाने वाले शहीदी दिवस के साथ ही अपन नाम जोड़ने का राजनितिक स्वार्थ हो सकता है|
दिल्ली में पंजबियत को तड़का लगाने से पंजाब तक हवा पहुंचनी लाजमी है इसके अलावा दिल्ली की तीनों म्यूनिसिपैलिटीज़ के होने जा रहे चुनावों में पंजाबी कार्ड से पंजाबी वोटों को कांग्रेस और भाजपा से खींचा जा सकता है जो पिछले चुनावों में असफलता मिली थी

“आप” के विज्ञापन,भ्रष्टाचार की ताकत और राजहठ की हठधर्मी दिखाते है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ! ओऐ हसाडे दिल्ली के स्कूलों के रिजल्ट ने तो हसाडी तबियत बाग़ बाग़ कर दित्ती ओऐ इसीलिए हसाडे एजुकेशन और उप मुख्य मंत्री ठाकुर मनीष सिसोदिया जी ने मीडिया में पूरे पेज के विज्ञापन छपवा कर सभी को बधाई दे दी है|

झल्ला

ओ मेरी चतुर सरकार स्कूलों की उपलब्धि को आपजी ने खूब भुनालिया|तत्काल पूरे पेज के विज्ञापन दे डाले और अपनी फोटो भी छपवा ली ,लेकिन अख़बारों के दूसरे पेज पर छपी वित्त मंत्री अरुण जेटली की विज्ञापनों के माध्यम से मीडिया भ्रष्टाचार पर छींटाकशी को अनदेखा कर दिया
इसक अलावा न्यायालय द्वारा सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की फोटो पर एतराज जताया जा चुका है
इसीलिए झल्लेविचारानुसार
आज की बधाई सरकारी सर्कुलर या फिर इंटरनेट के माध्यम से दी जा सकती थी
जिसके सर्कुलर को शिक्षक+स्टूडेंट्स में भी सर्कुलेट किया जा सकता ।
छात्रों के लिए छात्र असेम्ब्ली में बताय जा सकता था| नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जा सकता था|
लेकिन दुर्भाग्य वश राजहठ से वशीभूत दिल्ली में “आप” की सरकार ने जनता के पैसों को उड़ाना जरूरी समझा
जिसके प्रकाश में जेटली की बात में दम नजर आता है और न्यायालय भी कही न कहीं बेबस दिखाई देता है
शायद यह विज्ञापन रिश्वत से पनपे भ्रष्टाचार की ताकत का अहसास कराता है और कहीं न कहीं राजहठ की हठधर्मी भी दिखाता है इसीलिए “आप” के विज्ञापन,भ्रष्टाचार की ताकत और राजहठ की हठधर्मी दिखाते है