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बेमौसमी “गंगा” में अवार्ड्स बहाऊ जी ये “गंगा” तो पहले से ही मैली है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये इन भाजपाइयों को जब कोई नहीं मिला तो अब हसाडे बादशाह शाहरुख़ खान के पीछे ही पढ़ गए ||देख तो विजय कैलाश वर्गीस और योगी आदित्यनाथ जैसे हजारों छेदों वाले नेता भी शाहरुख़ खान को आइना दिखाने लग गए| और तो और बिहार के गिरिराज भी इस अखाड़े में ताल ठोकने लग गए हैं||ओये ये तो असहिषुणता की पराकष्ठा है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी! लगता है मौसम की तरह आप जी का टाइम टेबल भी बिगड़ गया है तभी आपजी के समर्थक NGOs साहित्यकार+एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के मारे कलाकार भी आपजी की बहाई बेमौसमी गंगा में हाथ धोने आ रहे हैं जबकि ये “गंगा” तो और मैली होने लग गई |इसीलिए बेमौसमी गंगा में अवार्ड्स बहाऊ जी ये गंगा तो पहले से ही मैली है

भक्ति गायक अनूप जलोटा ने पुरस्कार लौटाए जाने को राष्ट्र का अपमान बताया

[जोधपुर] भक्ति गायक अनूप जलोटाने पुरस्कार लौटाए जाने को राष्ट्र का अपमान बताया | ऍफ़टीआईआई के छात्रों के असंतोष और असहिषुणता को लेकर अवॉड्स लौटाए जाने का विरोध भी शुरू हो गया है
जाने माने भक्ति गायक अनूप जलोटा ने ‘‘बढ़ती असहिष्णुता’’ के विरोध में राष्ट्रीय एवं अकादमी पुरस्कार लौटाने को राष्ट्र का ‘‘अपमान’’ करार दिया है।
राजस्थान संगीत एवं नाटक अकादमी के निमंत्रण पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने शहर में आए जलोटा[६२] ने कहा कि अपना विरोध जताने के बेहतर तरीके हैं।
जलोटा ने कहा, उन्हें दिया गया पुरस्कार राष्ट्रीय पुरस्कार है और किसी विषय पर इसे लौटाना कुछ और नहीं बल्कि पुरस्कार तथा राष्ट्र का अपमान है। स्थिति सुधारने के लिए अपना विरोध जताने के लिए लोगों को एकसाथ बैठना चाहिए और राष्ट्रपति से मिलना चाहिए।’’ एफटीआईआई प्रमुख के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति पर जलोटा ने कहा कि छात्रों को उन्हें काम करने का मौका देना चाहिए और फिर फैसला करना चाहिए कि वह योग्य है या नहीं।