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गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में कहा कि अरुण जेटली के फोन टेपिंग में सरकार का हाथ नहीं

बीजेपी के राज्यसभा में नेता [एडवोकेट]अरुण जेटली के फोन टेपिंग के मामले में केन्द्रीय गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज १ मार्च , शुक्रवार को संसद में . इस बात से इनकार कर दिया कि जेटली के फोन की टैपिंग हो रही थी|इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अभी जाँच चल रही है और यह आश्वासन दिया कि मामले के तह तक जरूर जायेंगे| .गृहमंत्री ने कहा कि मामले में सरकार का हाथ नहीं है|
गृहमंत्री ने बताया कि जेटली की कॉल डिटेल्स लीक मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. पुलिस ने 14 फरवरी को इस मामले में केस दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस ने जेटली के फोन टैपिंग के मामले में एक कॉन्सटेबल डबास और तीन प्राइवेट जासूसों को गिरफ्तार किया है.|
. उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल्स निकालने का आदेश सरकार ने नहीं दिया था|. गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित एक निजी जासूसी एजेंसी के कहने पर कॉन्स्टेबल ने गैरकानूनी तरीके से कॉल डिटेल हासिल करने की कोशिश की| आरोपी अनुराग सिंह का संबंध इसी जासूसी एजेंसी से बताया गया है.
श्री शिंद ने संसद में बताया कि [५] मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल्स निकाल गए है. गिरफ्तार कांस्टेबल डबास 1500 रुपये में नीरज को डिटेल्स देता था. नीरज ये जानकारी नीतीश को देता था
.शिंद ने बताया कि कांस्टेबिल डबास एक साल से [अनधिकृत ]गैरहाजिर था. वह 6 महीने से एसीपी की आईडी की फिराक में था. दिल्ली पुलिस के नाम का गलत इस्तेमाल करके कॉल डिटेल्स निकाली गई.
इस मुद्दे पर अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि ‘इस मामले में फोन टेपिंग नहीं बल्कि कॉल रिकॉर्ड हासिल किए गए थे।
लेकिन गृह मंत्री के बयान से सदन के कई नेता असंतुष्ट रहे। बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने आरोप लगाया कि सरकार जासूसी केस को हल्के में ले रही है।उन्होंने पूछा कि सरकार क्या छिपा रही है? उन्होंने टाईम बाउंड इन्क्वायरी और दोषियों के नाम उजागर किये जाने की मांग की|
बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या जासूसी एजेंसी ने सरकार से इजाजत ली थी? क्या कोई सरकारी एजेंसी भी जासूसी में शामिल थी? रविशंकर प्रसाद ने यह भी पूछा कि प्राइवेट व्यक्तियों के हाथों में टेप रिकॉर्ड करने वाले यंत्र कैसे गए? उन्होंने कांस्टेबिल डबास की एक साल से अनुपस्थिति और ऐ सी पी की साईट की हैकिंग और उसकू सुरक्षा के लिए सरकार की कार्यवाही पर प्रश्न उठाये |
बीजेपी के अलावा इस इशु को उठाने वाली सपा के नेता नेता प्रो.रामगोपाल ने गृह मंत्री के ब्यान कि आलोचना करते हुए कहा, ‘गृहमंत्री का बयान आधा अधूरा है। किनकी कॉल डिटेल मांगी गई थी, गृहमंत्री ने उनका नाम नहीं बताया। गृह मंत्री जी आपने कोई नहीं जानकारी नहीं दी। आपसे ज्यादा जानकारी तो मीडिया से मिल रही है।उन्होंने मांग की कि फोन टेपिंग के लिए राज्यसभा के सभापति की अनुमति होनी चाहिए। दोनों सदनों के करीब सौ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके फोन कॉल डिटेल हासिल किए गए हैं या फोन टेप किए गए हैं।’ सपा नेता रामगोपाल ने गृहमंत्री से यह भी जवाब मांगा कि एक कांस्टेबल को राजनीतिक नेता के कॉल डिटेल की जरूरत क्यों होगी? इसके घटना के पीछे कौन है?

अकाली दल के एन गुजराल ने स्मरण कराया कि एक बार अजित सिंह के फोन टेपिंग की बात उठाने पर तत्कालीन मंत्री हेगड़े ने इस्तीफा दे दिया था|

माया सिंह+शिवा नन्द तिवारी,+नरेश कश्यप+डी राजा संजय सिंह आदि ने भी चर्चा में भाग लेकर अपनी चिंता व्यक्त की |
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी दावा किया कि उनका फोन कॉल भी टेप किया जा रहा है

।इससे पूर्व सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह मामला उनके द्वारा उजागर किया गया था लेकिन उनकी पार्टी को सबसे पहले बोलने दिया जाना चाहिए था

सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में नेताओं के सवालों की बौछार के बाद जवाब देते हुए कहा, ‘भारत सरकार किसी भी सांसद को फोन टेप नहीं कर रही है। सरकार ने किसी भी नेता के फोन कॉल के रिकॉर्डिंग की मांग नहीं की थी। सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग) के बारे में कोई कानून नहीं है। इस मामले में अभी तक सिर्फ शुरुआती जांच हुई है।’ गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जिनका कॉल डिटेल निकालवाने की कोशश की गई थी वह

( अरुण जेटली) आसान आदमी नहीं है। जब सांसदों ने गृहमंत्री की ‘आसान आदमी’ की टिप्पणी पर चुटकी ली तो उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘मेरा आसान आदमी कहने के पीछे आशय साधारण आदमी से था।’ इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली मुस्कराते हुए नजर आए।

बेशक पुलिस इस बात का पता कर रही है कि पकड़े गए मास्टर माइंड अनुराग सिंह के क्लाइंट कौन-कौन हैं। पुलिस इस बात का भी पता कर रही है कि इन कॉल डिटेल्स में ज्यादातर नेता सिर्फ बीजेपी के ही क्यों हैं। लेकिन सरकार अभी तक अनुराग के क्लाइंट के नामों खुलासा नहीं पाई है।
जो बात अभी तक उभरकर सामने आई है वो यही है कि अनुराग सिंह ने अरुण जेटली के अलावा 60 अन्य लोगों की भी कॉल डिटेल्स निकलवाई थी। अनुराग एक प्राइवेट जासूसी एजेंसी चलाता है। उसके पिता कस्टम विभाग से सेवानिवृत्त आईजी हैं।एक[१] सिपाही एक साल से ड्यूटी से गायब रहता है बकौल शिवा नन्द तिवारी[2] महंगी गाड़ियों में घूमता है [३]अपने ऐ सी पी की साईट का प्रयोग करता है और [४]गैर कानूनी ढंग से फोन डिटेल्स निकलवाता है|इस पर भी दिल्ली की पोलिस की पकड़ से दूर रहता है इसे पोलिस और सरकार की नाकामी कहा जा सकता है और कांस्टेबिल की योग्यता |

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चतुर +चौकन्ना लेकिन चकित कांग्रेसी

ओये झल्लेया माननीय मुलायम सिंह यादव ने ये कौन सी नई भसूडी डाल दी| संसद में राष्ट्रपति के भाषण पर बोलते हुए उन्होंने हैदराबाद और कर्मी संघों कि यूनियनों के हड़ताल का हवाला देकर कह दिया कि यह भाषण केवल इन्ही दो बिदुओं पर टिका है इसीलिए भारत में अराजकता की स्थिति है|इतना ही नहीं अपने सबसे बड़े दुश्मन भाजपा से भी खुले आम पींगे बढानी शुरू कर दी हैं|ओये अभीहमारी सरकार ज़िंदा हैं और इन सपाईयों ने अपना चुल्ला+चौका [रसोई]अलग करने की तैय्यारी शुरू कर दी है|

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?

झल्ला

चतुर सुजाण जी आप जी को मालूम होना चाहिए कि लोअर मिडल क्लास को साईकिल की जरुरत है और समाजवादी पार्टी की साईकिल में दो लोगों को बैठाने की जगह है [१]आगे डंडा [२] पीछे कैरियर |आपने लग्जरी ट्रेन+हवाई जहाज़+और कारों में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया है इसीलिए अब आप लोगों को साईकिल की सवारी की जरुरत नहीं रही | शायद इसीलिए साईकिल के छोटे मोटे खर्चे निकालने के लिए दूसरी वैकल्पिक सवारी की व्यवस्था किये जाने को राजनीतिक अकलमंदी कहा जाता है|

रेल बजट से पेट्रोल और डीजल के दामों की तरह रेल किरायों में.बढ़ोतरी की राह खुल गई.है

रेल मंत्री पवन बंसल द्वारा प्रस्तुत रेल बजट में भारतीय रेल नेटवर्क में ६७ एक्सप्रेस और २६ पसेंजर ट्रेन्स को जोड़े जाने की आज घोषणा कर दी गई है| इसके अलावा८ ड़ेमुस के अलावा ५ मेन लाइन्स मल्टिपल यूनिट्स के लिए भी प्रावधान रखा गया है|जबकि अनेको ट्रेन्स की क्षमता बडाई जानी है|इसके लिए यदपि सीधे सीधे किराया नहीं बढाया गया है लेकिन फिर भी सरचार्ज के नाम पर बेक डोर से रेल को महंगा कर दिया गया है| डीजल के दामो में बढोत्तरी के होने पर यात्री किरायों में 5-6 फीसदी की सालाना बढोत्तरी की ओर इशारा किया गया है |. इस तरह अपने आप से किरायों में पेट्रोल और डीजल के दामों की तरह.बढोत्तरी की राह खुल गई.है|
टिकट रिजर्वेशन+ तत्काल और कैंसिलेशन चार्ज में वृद्धि कर मामूली ही सही लेकिन यात्रियों की जेब हल्की होगी |. सुपरफास्ट रेलगाड़ियों पर सप्लीमेंट्री चार्ज बढ़ाने की भी घोषणा कर डाली है. सभी [१]सुपरफास्ट रेलगाड़ियों में सभी श्रेणियों में रिजर्वेशन और सप्लीमेंट्री चार्जेज में बढ़ोतरी के मायने ५ से २५ रु. का इजाफा है. [२]सेकंड क्लास में रिजर्वेशन फीस नहीं बढ़ाई गई है |सप्लीमेंट्री चार्जेज ५ से बढ़ाकर १५ रु. कर दिया गया है. [३]स्लीपर क्लास में रिजर्वेशन फीस नहीं बढ़ाई गई जबकि सप्लीमेंट्री चार्जेज १० से बढ़ाकर ३० रु. हो गया है. [४]तत्काल चार्जेज में १०० रु. तक की बढ़ोतरी की गई है. कैंसलेशन चार्जेज में ५० रु. तक का इजाफा हुआ है|.
बेशक टिकट महंगी नहीं हुई है लेकिन उससे जुड़ी हर सेवा में मामूली इजाफा हो गया है. अर्थार्त टिकट तो सस्ती ही रहेगी लेकिन रेल का सफर जरूर महंगा होगा.| रेल मंत्री ने माल भाड़े में इजाफा करके भी लोगों की जेब पर अपरोक्ष रूप से डाका डाला है. माल भाड़े में यह वृद्धि डीजल की कीमतों के कारण बताई गई है. लेकिन यह साफ है कि कई तरह के पदार्थों की कीमतों में इजाफा होगा और बाजार में महंगाई बढ़ेगी ही.|
इस बजट को लोक लुभावन और राजनीतिक बजट बता कर विपक्ष ने नकार दिया है| रेलवे को सबसे ज्यादा रेवेन्यु देने वाले झाड़खंड की पूर्णतया अनदेखी की गई है|बिहार और बंगाल से हटा कर रेल विकास का इंजन अब पंजाब की तरफ करने का प्रयास किया गया है|अधिकांश गाड़ियों को रायबरेली और अमेठी से जोड़े जाने और वहां एक और फेक्ट्री खोले जेने के लिए भी इसे राजनीतिक बजट कहा जा रहा है| यहाँ तक की शेयर बाज़ार ने इस बजट को नकार दिया है| बजट से घबरा कर सेंसेक्स 316 अंक गिरकर 19015 पर और निफ्टी 93 अंक गिरकर 5761 पर बंद हुआ|
भाजपा के प्रकाश जावडेकर ने एक टी वी चैनल पर चर्चा के दौरान कहा कि बिना सुविधा दिए सुविधा के नाम पर भाडा बढाया जाना स्वीकारीय नहीं है|

उत्तर प्रदेश में पिछला एलोकेशन खर्च हुआ नहीं और नया बजट पेश;बसपा ने किया बहिष्कार

उत्तर प्रदेश के युवा मुख्य मंत्री [और वित्त] अखिलेश यादव ने आज दो लाख इक्कीस करोड़ रुपयों का बजट पेश किया गया यह बीते बजट से साडे दस प्रतिशत अधिक है| इसे प्रमुख विपक्षी दलों ने औचित्यहीन तथा निराशाजनक करार दिया हैजबकि मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी [बसपा] के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया के समक्ष सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार पिछले बजट का ज्यादातर धन खर्च नहीं कर पायी है। ऐसे में नये बजट का कोई औचित्य नहीं है।मुख्य विपक्षी दल बसपा के विरोध के बीच यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा में वर्ष 2013-14 के लिए 2,21,201 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले साल के बजट के मुकाबले 10.5 % अधिक है। सरकार ने अपने चुनावी एजेंडे को धार देते हुए बजट में गरीबों, किसानों, नौजवानों, मुसलमानों और महिलाओं का खास ख्याल रखा है।बसपा ने बजट पूरा सुने बगैर ही वाक् आउट कर दिया
कृषि क्षेत्र के बजट में भारी बढ़ोतरी करते हुए 17,174 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए पिछले बजट के मुकाबले 29.5 फीसदी अधिक धन का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश ने जहां राजधानी में मेट्रो रेल चलाने की घोषणा की, वहीं लड़कियों को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा देने का भी ऐलान किया।
सपा सरकार बनने के बाद से चल रही कन्या विद्याधन+ हमारी बेटी उसका कल+ टैबलेट-लैपटॉप+बेरोजगारी भत्ता और किसानों की कर्ज माफी जैसी योजनाओं को अगले वित्त वर्ष में भी जारी रखने की घोषणा की गई है। इसके अलावा पर्यावरण का ख्याल करते हुए रिक्शा चालकों को बैटरी चलित रिक्शे देने की योजना के तहत इस बार बजट में चौगुनी बढ़ोतरी करते हुए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही 18 साल से ऊपर की महिलाओं को साल में दो साड़ी और 65 साल से अधिक उम्र के वृद्धों को एक-एक कंबल के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि बजट प्रदेश में न केवल विकास की गति तेज करेगा बल्कि समाज के सभी वर्गों तक इसका लाभ भी पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि कैपिटल क्रिएशन के जरिये विकास की रफ्तार और निवेश बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
बसपा प्रतिक्रया
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, बसपा सदस्य अपनी सीट से खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। सदन में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर खड़े होकर सरकार पर आरोप लगाने लगे कि अभी तक पिछले बजट का धन ही खर्च नहीं किया गया है, लिहाजा नया बजट बेमानी है। उनकी पार्टी इस बेईमानी में सत्ता पक्ष का साझीदार नहीं बनना चाहती।इससे पूर्व राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भे कागज़ के गोले फैंके जा चुके हैं|
भाजपा+कांग्रेस+रालोद और अन्य दलों के सदस्यों ने बसप से दूरी बनांते हुए अपनी सीटों पर शांत बैठे रहे। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बसपा सदस्यों से शांति बनाए रखने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि बजट पेश करते समय विरोध करने की परंपरा नहीं रही है, लेकिन बसपा सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। उधर, बसपा के जबर्दस्त विरोध और शोर-शराबे के बीच विधान परिषद में सदन के नेता अहमद हसन ने बजट पेश किया।

इस बजट में शामिल एक ओवर ब्रिज का जिक्र बढ चढ़ कर किया जा रहा है ४० करोड़ की लागत से बनाने वाले इस ओवर ब्रिज को बसपा सुप्रीमो मायावती के घर के सामने बनाया जाना है|

बजट में शामिल लोक लुभावने एलान
[१]किसी नए टैक्स का ऐलान नहीं।[२]लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना की घोषणा।[३]लड़कियों के लिए स्नातक तक मुफ्त शिक्षा।
[४]अल्पसंख्यकों के बजट में 29.5 फीसदी वृद्धि।[५]किसानों की ऋण माफी के लिए 750 करोड़।[६]3 लाख तक के किसान ऋण 3 फीसदी ब्याज पर।
[७]गरीबों को साड़ी-कंबल के लिए 600 करोड़।[८]गरीब महिलाओं को साल में दो साड़ियां।[९]65 साल से अधिक के गरीब वृद्धों को दो कंबल।
[१०]बेरोजगारी भत्ते के लिए 1200 करोड़ आवंटित।[११]टैबलेट-लैपटॉप और कन्या विद्याधन योजना जारी रहेगी।[१२]कृषि क्षेत्र के लिए बजट में भारी बढ़ोतरी।

हाकी वाले शिन्घम,दबंग, मुम्बईकर बसंत ढोबले पर फेरी वाले की हत्या का आरोप: स्टेट सीआईडी को जांच सौंपी

मुंबई के नाइट क्लब और पबों पर कार्रवाई करने से चर्चित हुए [ दबंग+शिन्घम ] एसीपी वसंत ढोबले एक बार फिर सुर्खियों में है|अब की मामला ज्यादा गंभीर बन गया है|कांग्रेस ,एन सी पी के वोट बैंक का मुख्य आधार आम आदमी या छोटा या गरीब आदमी है और इस बार एक फेरी वाले की मृत्यु के लिए ढोबले की दबंगई जिम्मेदार मानी जा रही है तभी कांग्रेस और एन सी पी के साथ बी जे पी के नेता गण भी ढोबले के खलाफ नज़र आये |बेशक ढोबले ने इस मौत में अपना हाथ होने से इंकार किया है मगर राजनीतिक दबाब के चलते ढोबले को मात्र २४ घंटों में ही मुम्बई से बाहर कर दिया गया है |बताया जा रहा है कि ट्राफिक समस्या में अड़े आ रही फेरी वालों की दुकाने ढाने के लिए ढोबले ने अपने तरीके से दबंग अभियान चलाया था|

हाकी वाले शिन्घम,दबंग, मुम्बईकर बसंत ढोबले


. मुंबई के वकोला पुलिस स्टेशन इलाके में एसीपी बसंत ढोबले की फेरीवालों के खिलाफ कार्रवाई में एक दुकानदार मदन जायसवाल की मौत हो गई है| इसके बाद फेरीवालों के प्रतिनिधि और राजनेताओं की मांग पर ढोबले का तबादला कर दिया गया है और मामले की जांच स्टेट सीआईडी को सौंप दी गई है|
हॉकी स्टिक लेकर गश्त लगाने के लिए मशहूर वसंत ढोबले पर इस बार संगीन आरोप लगा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए रातों-रात ढोबले का तबादला कर दिया गया है । दरअसल शुक्रवार की रात वसंत ढोबले वकोला इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकले तो सड़क पर ठेला और फेरी लगाने वाले उन्हें देखकर अपना माल समेटकर भागने लगे। इसी अफरा-तफरी में 46 साल के मदन जायसवाल नाम के व्यक्ति का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उनके साथियों का आरोप है कि वसंत ढोबले ने उन्हें लाठी मारी जिसे वो गिर गए और हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।
डॉक्टरों के मुताबिक मदन की मौत हार्ट अटैक से हुई, |कांग्रेसी सासंद और स्वर्गीय सुनील दत्त की पुत्री प्रिया दत्त, कृपाशंकर सिंह, एनसीपी सांसद संजय पाटील और बीजेपी मुंबई अध्यक्ष राज पुरोहित ने भी ढोबले के विरुद्ध अपना विरोध जताया है|

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है


झल्ले दी झल्लियाँ गलां

एक आम नागरिक

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे मुल्क को किस की बुरी नज़र लग गई है जिसे देखो मुह में आग लिए घूम रहा है जहां देखा आग उगल दी जाती है | अभिजित मुखर्जी+शशि थरूर+++कांग्रेसियों के बयानों की आग अभी ठंडी भी नही पड़ी कि अब संघ परिवार भी इस मैदान में कूद पड़ा है|आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत+ एम् पी के नंबर दो के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने दिए बयानों को रफ्फू करने में लगे हैं +भाजपा और संघ इन्हें ड्राई क्लीन करके बयानों को नया करने को आगे आई ही थी की मोहन भागवत ने शादी को पति पत्नी के बीच कांट्रेक्ट बता कर फिर से चर्चा छेड़ दी| बड़े मियाँ तो बड़े मियां छोटे मियां भी सुभानल्लाहजी हाँ हिमाचली युवा सांसद अनुराग ठाकुर और महाराष्ट्री मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे ने भी अपने लपलपाते मुह खौल दिए हैं| ठाकरे ने तो दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के लिए दोषियों का राज खोलते हुए सभी बलात्कारियों को बिहारी बता दिया है|ओये ये नेता देश की सेवा को समर्पित हैं या देश को तोड़ने वाले हैं|

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है

झल्ला

भईय्या जी जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब सत्ता या विपक्ष में किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है|क्योंकि मीडिया भी अपने नेताओंके भड़काऊ बयानों को नमक मिर्च[चर्चा]लगा कर पेश करने को सदैव आतुर रहता है इसीलिए ये देश तोड़ने वाले ब्यान २४*७ हवा में तैरते रहते हैं|अगर कहीं ज्यादा पंगा हो जाता है तो कांग्रेसियों की तरह बहादुरी से पीछे हट जाते हैं और मीडिया पर ब्यान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा कर अपना पल्ला झाड लेते हैं| झल्लेविचारानुसार अभी थोड़ी देर में ही मोहन भागवत +अनुराग ठाकुर और राज ठाकरे के खंडन की बाईट एयर पर आती ही होगी|

सर्वदलीय बैठक में प्रथक तेलंगाना के लिए केंद्र सरकार ने एक माह का समय लिया:भाजपा ने दोहरी नीति बताया

प्रथक तेलंगाना Separate Telangana State

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज शुक्रवार को आश्वासन दिया कि आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे पर एक महीने के भीतर निर्णय ले लिया जाएगा|भाजपा ने इसे कांग्रेस की दोहरी नीति बताकर इसकी आलोचना की है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने शनिवार को क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है ।
श्री शिन्दे ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश की आठ राजनीतिक पार्टियों के साथ आज बैठक की और सभी का नजरिया जाना । पार्टियों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि तेलंगाना मुद्दे पर फैसला जल्द से जल्द किया जाएगा ।
६० साल पुराने इस मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय अंतिम बैठक के बाद श्री शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि एक महीने के भीतर कोई निर्णय लिया जाएगा। हमने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों के पक्ष सुने हैं। हमने उनके विचारों पर गौर किया है और उसके बारे में सरकार को जानकारी देंगे।
आंध्र प्रदेश के लोगों की समस्याओं को देखते हुए शिंदे ने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर निर्णय ले रही है। उधर इस मसले पर सर्वदलीय बैठक के नतीजे से नाखुश तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने शनिवार को इस क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है। टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने आज शुक्रवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक से बाहर निकल केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में की जा रही देरी के विरोध में बंद का आह्वान किया।
केसीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस तेलंगाना के मुद्दे पर ड्रामा कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा एक महीने में इस पर निर्णय लिए जाने की बात कहने वाले वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा कि बीते तीन साल में हजारों बार ऐसा कहा जा चुका है|
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर होगी तो वह आज शाम तक इस पर निर्णय ले सकती है। केसीआर ने सर्वदलीय बैठक को व्यर्थ बताया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां अपने पुराने रुख पर ही अड़ी हैं।
आंध्र प्रदेश के बंटवारे और अलग तेलंगाना राज्य की 60 साल पुरानी मांग है| इसके लिए पिछले संसद सत्र में तेलंगाना के सांसदों नेनारे लगाए और प्ले कार्ड्स दिखाए और मतदान में भी भाग नहीं लिया था| आज सर्वदलीय बैठक के बाद भाजपा ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके केंद्र सरकार की नीतिओं की आलोचना की |प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारों को बताया कि तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने यह कहा था कि प्रथक तेलंगाना के लिए प्रतिक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है इस के बाद भी अनेको बैठकें हुई और हर बार कांग्रेस शेष पार्टियों की राय लेने के बाद मुद्दे को टालती रही है और आज भी वोही दोहरी नीति अपना कर मुद्दे को टाल दिया गया है |उन्होंने कहा कि प्रथक तेलगाना क लिए भाजपा पूरी तरह से सपोर्ट करेगी

हाहाकार रैली के लिए भाजपाईयों ने प्रचार वाहन रवाना किया

भाजपाईयों ने प्रचार वाहन रवाना किया

भाजपा की हाहाकार रैली के लिए आज मेरठ के भाजपाईयों ने प्रचार वाहन रवाना किया|संगठन महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज ने धानेश्वर चौक से वाहन रवाना किया|
गौरतलब है कि कानून व्यवस्था में लगातार गिरावट के आरोप मलागा कर भाजपा द्वारा १५ दिसंबर को हाहाकार रैली का आयोजन किया जाएगा| जिसकी सफलता को भाजपा ने प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है| मेरठ में कमिश्नरी चौराहे पर १५ दिसंबर को यह रैली होगी|

वाल मार्ट की लाबिंग के बादल आज प्रमोशन में रिजर्वेशन के मायावती के ड्रीम बिल पर मंडराए:राज्य सभा स्थगित

Indian Parliament

राज्यसभा की कार्यवाही आज वॉलमार्ट की लॉबिंग और रिजर्वेशन में प्रमोशन की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दस मिनट्स उसके बाद डेड घंटे और तीसरी बार सारे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सदन में आज प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल लाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती के समर्थन के बदले और भरोसे सरकार ये बिल ला रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बिल का पूरजोर विरोध कर रही है।
मानसून सत्र में जब इस बिल को पेश किया गया था तो समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बीएसपी के सांसद अवतार सिंह करीमपुरी के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी।
। विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती ने लोकसभा में वॉक आउट करके सरकार को मदद पहुंचाई थी। वहीं, राज्यसभा में मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डालकर सरकार की नाक बचाई थी। उसी समय मायावती ने साफ कर दिया था कि वो जनहित के बिलों के लिए सरकार का समर्थन कर रही हैं और इसमें प्रमोशन में आरक्षण बिल मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर थालेकिन आज सोमवार को आरक्षण का यह बिल राज्यसभा में वॉलमार्ट की लॉबिंग संबंधी रिपोर्ट पर मचे बवाल के चलते पेश नहीं हो पाया। बहुजन समाज पार्टी इससे नाराज है और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार को जल्द से जल्द बिल पास कराने का अल्टीमेटम दे दिया है। माया ने विपक्षी बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी के चलते बिल पेश नहीं हो पा रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी।गौरतलब है कि सरकार को आज राज्यसभा में प्रमोशन में आरक्षण का बिल पेश करना था। आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने वॉलमार्ट की उस रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस रिटेल कंपनी ने भारत में एंट्री के लिए करीब 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च करने का दावा किया था। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा होता रहा और सदन की पूरे दिन की कार्यवाही इसकी भेंट चढ़ गई। कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित होने से बीएसपी को झटका लगा और उसकी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हंगामा किया ताकि प्रमोशन में आरक्षण बिल सदन में पेश न हो पाए।मायावती ने कहा कि वॉलमार्ट की लॉबिंग की जो बात बीजेपी ने राज्यसभा में उठाई उसपर लोकसभा में उसका ध्यान नहीं गया। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि ये विधेयक पास हो जाए। राज्यसभा में पार्टी का हंगामा पहले से तय था और उसे सोचसमझकर अंजाम दिया गया। मायावती ने कहा कि सरकार चलाना यूपीए की जिम्मेदारी है
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने इस बिल को राष्ट्रीय संकल्प बताया| इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आम सहमति के प्रयास कर रहे हैं। हम इस बिल को पास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जबकि संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार समाजवादी पार्टी को मना लेगी।वहीं सपा के तेवर साफ बताते हैं कि वो इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। पार्टी महासचिव रामआसरे कुशवाहा ने कहा कि हम प्रमोशन बिल का लगातार विरोध करते रहे हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाते रहेंगे। सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बसपा को बेवकूफ मना रही है। वो जानती है कि इस बिल को पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है जो कभी हासिल नहीं होगा।जबकि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल का विरोध करेगी। नरेश अग्रवाल के मुताबिक एसपी चाहती है कि संसद चले लेकिन सरकार को भी बिल के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता पी एल पुनिया ने कहा है कि ऐसा इम्प्रेशन दिया जा रहा है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन ख़त्म हो गया है। उसे नए सिरे से लाया जा रहा है। ये गलत है, जनसंख्या से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान खत्म किया जा रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचारों से निजात पाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। इसका सबको समर्थन देना चाहिए और ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक बिहार में पहले से ही प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा है और उनकी पार्टी वर्तमान बिल पर भी नजर बनाए हुई है

इतिहास

1992 में इंद्रा साहनी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले से प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त हो गया। सरकार ने 17 जून 1995 को संविधान में 77वां संशोधन कर अनुच्छेद 16 (4ए) जोड़ा और एससी-एसटी को प्रोन्नति में फिर आरक्षण दे दिया। इस संशोधन से कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया।
सरकार के गले में अभी भी एक फांस अटकी थी क्योंकि 10 फरवरी 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने आरके सब्बरवाल के मामले में कहा कि एससी-एसटी वर्ग को परिणामी ज्येष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार ने साल 2001 में संविधान में 85वां संशोधन किया और अनुच्छेद 16 (4ए) में बदलाव करके प्रोन्नति में आरक्षण के साथ परिणामी ज्येष्ठता भी दे दी।
19 अक्टूबर 2006 को एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी परिणामी ज्येष्ठता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण देने के कानूनी प्रावधान को नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर ही राजस्थान हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के साथ आरक्षण देने के राज्यों के कानून निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई और सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के मामले में एक बार फिर एम नागराज फैसले को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।