झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
बसपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये मीडिया वाले हसाड़ी सोणी बहन मायावती की चुप्पी पर आये दिन वड्डे वड्डे सवाल उठाये जा रहे थे लो अब बहन जी ने मुंह खोल दिया है |भाजपा और सपा की ऐसी की तैसी कर दी है |बहन जी ने माननीय स्वर्गीय कााँशीराम जी को भारत रत्न नहीं देने के लिए लखनऊ में बैठ कर प्रेस के सामने खुल्ल्म खुल्ला दिल्ली की भाजपा सरकार की जम कर खिंचाई कर दी है|ओये सारे अवार्ड्स ब्राह्मणों [मालवीया+वाजपई]को दिए जा रहे हैं |दलित+पिछड़ों के लिए एक अवार्ड भी नही रह गया है क्या ?औए ये मुन्ना अखिलेश की सरकार में दलित और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।बदायूं ही इनसे नहीं सम्भल रहा आये दिन यहां बलात्कार होने लगे हैं |ओये सूबे में धर्मांतरण तो केंद्र +राज्य सरकार की मिलीभगत है| ओये यूंपी में सपाइयों द्वारा सैफई में बैठ कर जनता को ठगा जा रहा है और केन्द्र में भाजपाई पूरे देश में नौटंकी किये जा रहे हैं|
झल्ला
ओ मेरे भोले गुलफाम ये तो आप भी मान रहे हो कि भाजपा और सपा में मिली भगत है और अगर इसे सच भी मान लिया जाये तो फिल्म “पीके” के जरिये सपा ने मुस्लिम और भाजपा ने हिन्दू वोटों पर पकड़ मजबूत कर ली है +आप वालों ने भीअलग से ताल ठोक रखी है |
ऐसे में बसपा और आपकी कांग्रेस के हाथ में तो रह गया बाबा जी का ही ठुल्लु
|इसीलिए झल्लेविचारनुसार दिल्ली के चुनावों से पहले अपना दलित वोट कार्ड खेलना आपलोगों की मजबूरी है
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