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यूं पी मेट्रोमैन अखिलेश यादव जी घर के न मरते तो हमारी भी खाट लन्दन तक बिछती

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे , मेट्रोमैन आफ यूं पी, यंगचीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव का दांव|एक तरफ उन्होंने लखनऊ को २३ किलो मीटर लम्बी नॉर्थ साउथ कॉरिडोर मेट्रो ट्रेन का तोहफा दिया तो दूसरी तरफ भूतपूर्व हो चुकी बसपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कह दिया कि मायावती की सरकार में सरकारी खजाना पत्थरों पर नहीं लुटाया जाता तो अब तकयहाँ मेट्रोट्रेन दौडने लगती

झल्ला

अरे पहलवान जी पुराणी कहावत है कि

घर के न मरते तो हमारी खाट भी लन्दन तक बिछती

वैसे अमौसी से मुंशी पुलिआ तक चलने वाली इस मेट्रो ट्रेन का लाभ किसकी मौसी या मुंशी को मिलने वाला है???

आर्थिक आधारित आरक्षण के सुझाव को बेशक रद्दी की टोकरी नसीब हुई मगर इसकी जड़ों की तलाश शुरू हो गई है

जाति आधारित आरक्षण के स्थान पर आर्थिक आधार बनाने के लिए कांग्रेस के महा सचिव जनार्दन द्विवेदी के सुझाव को पार्टी के चुनावी मेनिफेस्टो में शामिल करने के बजाय कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया है लेकिन इस मुद्दे को लेकर आरक्षण के बल पर राजनीती करने वालों ने इस रिजेक्टेड सुझाव की संसद के बाहर और भीतर आलोचना करनी शुरू कर दी है |एक पत्रकारों का धड़ा इस सुझाव पर भाजपा के पी एम् प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को घेरने में लग गया है | यह भी कहा जा रहा है कि चुनावों के मध्य नजर इस मुद्दे को उठाया जा रहा है |
अब ऊपरी तौर से दिख रहा है कि सूत या कपास के बिना ही लट्ठम लठ चल रहा है मगर इस सुझाव की जड़ों की खुदाई तो शुरू हो ही गई है|
चुनावो से ठीक पहले यह मुद्दा उछालना किसी भी तरह से किसी की भी निजी राय नहीं हो सकती और जनार्दन द्विवेदी सरीखे भरोसे मंद +गम्भीर और वरिष्ठ नेता से मजाक की भी उम्मीद नहीं की जा सकती तब ऐसा क्या कारण है कि मुद्दे को उछाला गया |जिस प्रकार से श्री मति सोनिए गांधी ने आगे आकर सामाजिक न्याय के नाम पर आरक्षण की वकालत करते हुए इस दिशा में और अधिक काम का आश्वासन दिया है उससे लगता है कि अपने पुराने और अब दूर छिटक चुके वोट बैंक [आरक्षण के लाभार्थियों] को बसपा+ सपा से काट कर कांग्रेस की तरफ मोड़ना एक कारण हो सकता है इसके अलावा इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कवायद भी दिखाई दे रही है जिस तरह से आर्थिक आधार पर आरक्षण के विषय में भाजपा से राय पूछी जा रही है उससे यह भी दिखता है कि चुनावों के मध्यनजर भाजपा से आर्थिक आधार पर आरक्षण पर राय लेकर भाजपा से आरक्षण के लाभार्थी जातियों के वोट काटे जा सके
अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने कांग्रेस महासचिव के इस सुझाव को सिरे से खारिज कर दिया है।अपने सबसे करीबी माने जाने वाले नेता की दलीलों को खारिज करते हुए सोनिया ने अनुसूचित जाति+ जनजाति + पिछड़े वर्गो को आरक्षण का श्रेय कांग्रेस को देते हुए इसे आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा के रामगोपाल यादव+बसपा प्रमुख मायावती ने संसद के भीतर इसे लेकर हंगामा किया |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इसके समय को लेकर सवाल खड़ा कर दिया।
राज्यसभा में बसपा ने कांग्रेस से स्थिति साफ करने की मांग की और सपा ने केंद्र सरकार पर सामाजिक न्याय से भागने का आरोप लगा दिया।
कांग्रेस के भीतर पीएल पुनिया +अजीत जोगी जैसे दलित और पिछड़े नेताओं ने जनार्दन द्विवेदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इस सबसे बचने के लिए सोनिया गांधी ने अपने बयान में साफ कर दिया कि कांग्रेस शुरू से अनुसूचित जातियों+ जनजातियों + पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रही है और आगे भी रहेगी।
श्रीमती सोनियागांधी ने सांत्वना देते हुए बताया कि कांग्रेस ने ही 1950 के दशक में अनुसूचित जातियों +जनजातियों को सरकारी नौकरियों व शिक्षा संस्थाओं के साथ-साथ संसद और विधानसभाओं में आरक्षण सुनिश्चित कराया था।
पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण भले ही वीपी सिंह की सरकार ने लागू किया हो मगर श्रीमती सोनिया गांधी ने इसका श्रेय भी कांग्रेस को ही दिया। उनके अनुसार अनुसूचित जाति+ जनजाति + पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण की प्रणाली पर कांग्रेस के रुख में कोई शक नहीं है।
उन्होंने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति की भागीदारी बढ़ाने के लिए संप्रग सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। उन्होंने याद दिलाया कि संप्रग सरकार ने इन वर्गो के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृति की शुरुआत की थी, जिसका लाभ हर महीने एक करोड़ से अधिक छात्र उठा रहे हैं। एक कदम आगे बढ़ते हुए सोनिया ने अनुसूचित जाति और जनजाति का विकास सुनिश्चित करने के लिए अलग से बजट आवंटित करने के प्रति भी प्रतिबद्धता जताई है ।

कांग्रेस ने पॉश लुटियन जोंस के तीन आलिशान बंगलें अपने सहयोगी बसपा सुप्रीमो मायावती पर लुटाये

कांग्रेस ने पॉश लुटियन जोंस के तीन आलिशान बंगलें अपने सहयोगी बसपाBSP सुप्रीमो मायावती पर लुटाये |
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती को दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण इलाके लुटियंस जोन में [३] बंगले एलॉट किए गए हैं।
तीनो बंगलों को मिलाकर एक विशाल बंगला तैयार कराया गया है आश्चर्य जनक रूप से CPWD ने इसे बाकायदा मंजूरी भी दी है। इस नए बंगले का क्षेत्रफल २८८०० वर्ग फुट है और इतना बड़ा बंगला किसी मंत्री को भी नहीं दिया गया है।
बंगलों को इस तरह मिलाना और उसमे किसी प्रकार का निर्माण कराना सर्वथा गैरकानूनी है।लेकिन इस सबके बावजूद सरकार खामोश है तो जाहिर है कि दिल्ली राज्य और केंद्र के लिए होने वाले चुनावों के लिए माया वती को प्रसन्न करने का यह एक कांग्रेसी प्रयास है
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये बंगले बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट को दिए गए हैं इस ट्रस्ट की सर्वेसर्वा मायावती ही हैं |

उत्तर प्रदेश की सत्ता में दबंग विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की वापिसी हो गई है

[लखनऊ] उत्तर प्रदेश की सत्ता में दबंग विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की वापिसी हो गई है| मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुंडा प्रतापगढ़: के निर्दलीय दबंग विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को पुन: अपने मंत्रिपरिषद में शामिल कर लिया है।
राजभवन में आयोजित एक सादा समारोह में राज्यपाल बीएल जोशी ने रघुराज प्रताप सिंह को कैबिनेट मंत्री के रुप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और वरिष्ठ मंत्री आजम खां+कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे। |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगों के बाद राजनीतिक संतुलन साधने को सपा सरकार ने निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर मंत्रिपरिषद में जगह दे दी है। राज भैय्या के माध्यम से अब ठाकुरों को मनाने की शुरुआत की जायेगी |
गौरतलब है के इसी वर्ष मार्च में प्रतापगढ़ के कुंडा में पुलिस क्षेत्राधिकारी जियाउल हक की हत्या के मामले में नाम आने पर राजा भैया को मंत्रिमंडल से हटना पड़ा था।
यह डेढ़ साल पुरानी अखिलेश यादव सरकार का चौथा मंत्रिपरिषद विस्तार होगा।
उल्लेखनीय है कि लगातार पांच बार से कुंडा विधानसभा से चुनाव जीतने वाले निर्दलीय विधायक राजा भैया अखिलेश सरकार में खाद्य रसद तथा कारागार मंत्री थे। बीते मार्च में डीएसपी जिया उल हक की कुंडा में हुई हत्या के मामले में डीएसपी की पत्‍‌नी ने राजा भैया के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके चलते राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। डीएसपी हत्याकांड की सीबीआइ जांच में राजा भैया को निर्दोष बताया गया है ।
राजा भैया पहली बार सन 1993 में कुंडा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रिकॉर्ड मतों से जीते थे। इसके बाद से अभी तक उन्होंने कभी हार का स्वाद नहीं चखा है |
2002 में मायावती की अगुवाई में गठबंधन की सरकार बनी तो बगावत करते हुए निर्दलीय विधायकों के अगुवा बन राजा भैया ने 25 अक्टूबर, 2002 को मायावती सरकार से समर्थन ले लिया था।

राहुल गाँधी ने कल किसानो को आलू चिप्स के भाव बताये तो आज अनुसूचित जाति वर्ग को जाति बंधन से निकलने के लिए वेग [Velocity ] के भेद समझाए

[नई दिल्ली]राहुल गाँधी ने कल किसानो को आलू चिप्स के भाव बताये तो आज उन्होंने जाति बंधन से निकलने के लिए जुपिटर गृह के वेग/गति/वेलोसिटी [Velocity ] के भेद समझाए |
राहुल ने अनुसूचित जाति सशक्तिकरण के लिए आयोजित एक राष्ट्रीय जागरूकता शिविर में बोल रहे थे उन्होंने कहा, ‘दलित आंदोलन के दूसरे चरण में नेताओं का आगे आना बंद हो गया, मायावती ने नेतृत्व पर कब्जा कर लिया है और वह लोगों को आगे नहीं आने देती|उन्होंने आज मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी नए दलित नेता को आगे नहीं आने दिया। राहुल गांधी ने कहा कि मेरी दादी [श्रीमती इंदिरा गाँधी ]का मानना था कि कमजोरों के लिए आवाज उठायी जानी चाहिए, अगर आप आवाज नहीं उठा सकते तो कम से कम उनका समर्थन जरूर करें, न कि चुपचाप बैठे रहें।
उन्होंने कहा कि परिस्थिति को समझकर बाबा भीवराव अंबेडकर अमेरिका गये. कांशीराम ने लोगों को जोड़ा और संगठन बनाया लेकिन वर्तमान स्थिति में मायावती नये दलित नेताओं को उभरने नहीं देती हैं.
कांग्रेस उपाध्यक्षने कहा कि आने वाले समय में उनकी पार्टी दलितों के लिए सबसे बड़ा सहारा होगी. उन्होंने जमीनी स्तर पर नेतृत्व देने के लिए लोगों को सशक्त किए जाने की जरूरत बताई. राहुल ‘सामाजिक विषमता पर राष्ट्रीय संवाद’ सभा को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन यहां राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने किया था.
राहुल ने इस बात का जिक्र किया कि खाद्य सुरक्षा विधेयक और सूचना का अधिकार कानून लोगों के कल्याण की उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता को जाहिर करता है.उन्होंने कहा कि जाति बंधन से निकलने के लिए जुपिटर की गति[ Velocity ] को अपनाना होगा |

बसपा सुप्रीमो मायावती के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई

[नयी दिल्ली]बसपा सुप्रीमो मायावती को भी सरकार से नजदीकियों का पुरूस्कार मिलना शुरू हो गया है|इसी कड़ी के रूप में अब आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच बंद करने के प्रक्रिया शुरू हो गई है|
केंद्रीय जांच ब्यूरो[ CBI ] ने आय से अधिक संपत्ति[DA ] के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर कानूनी राय हासिल करने के बाद बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ जांच बंद करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बसपा[BSP ] सुप्रीमो के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के संबंध में प्राथमिकी पिछले साल निरस्त कर दी थी लेकिन एक निजी हस्तक्षेप अर्जी दायर कर दी गई थी | इससे पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी केस वापस लिया जा चुका है ऐसे में सुश्री मायावती को क्लीन चिट मिलने की खबरें आने लग गई थी| इससे पूर्व मायावती को ताज कोरिडोर मामले में भी राहत मिल चुकी है | मुलायम सिंह यादव और मायावती दोनों ही केन्द्र सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।