[नई दिल्ली] अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के भवन का पता होगा दीनदयाल अंत्योदय भवन
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला के सुझाव पर शहरी विकास मंत्रालय ने नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित पर्यावरण भवन का नाम बदलकर दीनदयाल अंत्योदय भवन रखने का निर्णय लिया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भी इसी परिसर में स्थित है। पर्यावरण मंत्रालय की अब खुद की अलग इमारत है।
शहरी विकास, आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम.वेंकैया नायडू द्वारा डॉ. नजमा हेपतुल्ला को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय ने सीपीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया है कि वह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के साथ सलाह-मशविरा कर इस इमारत का नया नाम तत्काल रखने के लिए आवश्यक कदम उठाये।
डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने 15 मार्च, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय को लिखे पत्र में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर पर्यावरण भवन का नाम रखने का सुझाव दिया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ही ‘अंत्योदय’ का विचार प्रस्तुत किया था।
यह पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष है, अत: इसके मद्देनजर यही उचित रहेगा कि राष्ट्रीय राजधानी में एक महत्वपूर्ण इमारत का नाम अब उनके नाम पर रखा जाए। वहीं, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एक पूर्णकालिक मंत्रालय के रूप में अपनी स्थापना का एक दशक पूरा करने जा रहा है
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अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के भवन का पता होगा दीनदयाल अंत्योदय भवन
वोट बैंक की तुष्टिकरण के कारण अल्प संख्यको के कल्याणकारी कार्यक्रम फाइलों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं
देश में वर्तमान १ ,०२८ ,६१० ,३२८ की जनसंख्या में अल्प संख्यको की संख्या १३८ ,१८८ ,२४० बताई जा रही है जो 13.43%: है| केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेशों में कुल बजट का १५% अल्प संख्यको के कल्याण के लिए रखा जाना है| |बिहार में मदरसों के शिक्षकों के वेतन के लिए दस करोड़ की राशी अवमुक्त की जाती है तो उत्तर प्रदेश में अल्प संख्यकों के लिए बजट का २०% आरक्षित किया जाता है| ये सभी बातें अच्छी लगती हैं वास्तविकता इसके अनुरूप दिखाई नही देती ||
भारत में शिक्षा की मौजूदा गुणवत्ता पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने स्वयम कहा है कि सरकारी मंत्रालयों एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग :यूजीसी: की मानसिकता में तेजी से बदलाव नहीं हो रहा और वे अब भी अंधकार युग में ही जी रहे हैं|
जाहिर है इसीके फलस्वरूप कल्याण कारी कार्यक्रम फाईलों से बाहर नहीं आ पाते हैं| यहाँ तक के शिक्षा का स्तर भी ऊपर नहीं उठ रहा है| इसके आलावा
[अ] राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में वित्त तथा कर्मचारियों की कमी है
[१] केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारियों की संख्या 28 .8 %कम हुई है।
[२]भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने आज लोकसभा को बताया कि 31 मार्च 2012 की स्थिति के मुताबिक कर्मचारियों की संख्या घटकर 13 . 98 लाख रह गयी है जो 1997-98 में 19 . 65 लाख थी।
[३]उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब मेंं बताया कि 31 मार्च 2012 की स्थिति के अनुसार केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या 260 थी। 2010-11 में यह संख्या 248 थी।
[४]कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के कारण एनसीएम में कतिपय पद खाली पड़े हैं|
[५] एनसीएम [ नेशनल माइनॉरिटी कमीशन ]कोई कल्याणकारी परियोजनाएं नहीं चला रहा है|
[६] राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को संवैधानिक दर्ज़ा नहीं दिया गया है|
अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री निनोंग ईरींग ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले तीन वर्षों और मौजूदा वर्ष में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को दी गई निधियों के परिव्यय और एनसीएम द्वारा वास्तविक व्यय के ब्यौरे नीचे दिए गए हैं :
(करोड़ रुपये में)
क्रम संख्या
वर्ष== परिव्यय= =व्यय
[१]2010- ११=5.२६= 4.50
[२]2011-१२==5.६५==4.67
[३]2012-१३=6.३६=3.32 (31.12.2013 तक)
[४]2013-१४=5.६३===-
श्री ईरोंग ने यह भी स्वीकार किया कि
[क]एनसीएम पिछले तीन वर्षों के दौरान आबंटित निधियों को व्यय करने में असमर्थ रहा है ।
[का] एक बजटीय संगठन होने से एनसीएम प्रशासनिक मंत्रालय के आईएफडी के माध्यम से सीधे व्यय वहन कर रहा है ।
[ख ]इसके अलावा कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के कारण एनसीएम में कतिपय पद खाली पड़े हैं ।
[खा]एनसीएम कोई कल्याणकारी परियोजनाएं नहीं चला रहा है ।
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा संविधान में नही हैं फिर भी अल्प संख्यक कल्याणार्थ करोड़ों रुपयों की यौजनाएं बन रही है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा संविधान में नही हैं फिर भी अल्प संख्यक कल्याणार्थ करोड़ों रुपयों की यौजनाएं बन रही है
अल्पसंख्यक’ शब्द की परिभाषा
संविधान में नही हैं| बेशक इसका विवरण संविधान की धाराओं में शामिल है| केंद्र सरकर ने यह स्वीकारोक्ति आज संसद में एक लिखित उत्तर में की|
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री श्री निनॉन्ग ईरिंग ने आज एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का विवरण धारा 29 से लेकर 30 तक और 350ए से लेकर 350बी तक शामिल है। इसकी परिभाषा कहीं भी नहीं दी गई है। भारतीय संविधान की धारा 29 में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को इसके सीमांतर शीर्षक में शामिल तो किया गया किंतु इसमें बताया गया है कि यह नागरिकों का वह हिस्सा है, जिसकी भाषा, लिपि अथवा संस्कृति भिन्न हो। यह एक पूरा समुदाय हो सकता है, जिसे सामान्य रूप से एक अल्पसंख्यक अथवा एक बहुसंख्यक समुदाय के एक समूह के रूप में देखा जाता है।
भारतीय संविधान की धारा-30 में विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों की दो श्रेणियों – धार्मिक और भाषायी, का उल्लेख किया गया है। शेष दो धाराएं – 350ए और 350बी केवल भाषायी अल्पसंख्यकों से ही संबंधित हैं।
इसके अलावा
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए यौजनाओं का विवरण निम्न दिया गया है
वर्ष 2013-14 के वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए जिन योजनाओं को 12वीं पंचवर्षीय योजना में शामिल किया गया था, उन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
योजना
बीई 2013-14
(रुपये करोड़ में)
खर्च की गयी धनराशि
अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी
2.00
अब तक इस मद में कोई खर्च नहीं हुआ है। कोई राज्यवार वित्तीय प्रावधान नहीं है।
संघ लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग आदि द्वारा आयोजित प्रवेश-परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों की सहायता
4.00
‘सीखो और कमाओ’ नामक कौशल विकास पहलें
17.00
योजनाओं के दायरे में मुसलमानों सहित अधिक से अधिक अल्पसंख्यकों को शामिल करने के लिए अल्पसंख्यक बहुल जिलों को प्राथमिकता देते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी प्रदान करने के उपाय किये गए हैं।
आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री निनांग एरिंग ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने उत्तराखंड के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान दिया
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्तराखंड में आई विनाशकारी आपदा के पीडि़तों के लिए अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। आयोग ने प्रधानमंत्री राहत कोष के कार्यालय में 08 अगस्त, 2013 को 31054 रुपये का चेक जमा कराया
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