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RLD Supremo Ch Ajit Singh Files Nomination From Muzaffarnagar

[Muzaffarnagar,UP] RLD Supremo Files Nomination From Muzaffarnagar
RLD chief Choudhary Ajit Singh on Monday filed his nomination as the SP-BSP-RLD alliance candidate from Muzaffarnagar for the upcoming Lok Sabha polls.
While former Union minister and sitting MP Sanjeev Balyan is the BJP contender, the Congress has not fielded any candidate from the seat.
Meanwhile, Shivpal Yadav’s Pragatisheel Samajwadi Party-Lohia (PSP-L) has fielded Ombir Singh from the constituency.
District Magistrate Ajay Shanker Pandey told reporters here security has been tightened in the district and that the model code of conduct is in place.
Muzaffarnagar will go to polls on April 11

राहुल अमेठी बचाने औरअजित अपनी चौधराहट कब्जाने को मैदान में उतरेंगे

[नयी दिल्ली]राहुल अमेठी बचाने और अजित अपने गढ़ को कब्जाने को मैदान मैं उतरेंगे
कांग्रेस के मजबूत गढ़ अमेठी से एक बार फिर राहुल बनाम स्मृति ईरानी में रोचक मुकाबिला होने की उम्मीद हैं
भाजपा ने अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनाव मैदान में उतारा है जिससे इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
तो ऐसी ही रोचकता मुजफ्फरनगर में लोकसभा सीट पर भी देखने को मिल सकती है
यहाँ भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान को सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार अजीत सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। सिंह रालोद के प्रमुख हैं और पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के वारिस हैं |
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें अमेठी से स्मृति ईरानी को ही टिकट दिया गया है।
श्रीमती ईरानी 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी से हार गई थी लेकिन इनके बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था।
वर्ष 2014 में गांधी को 4,08,651 वोट मिले थे और
श्रीमती ईरानी को 3,00,748 मत हासिल हुए थे।
smriti clean india इस तरह ईरानी को 1,07,903 वोटों से हार का सामना करना पड़ा थालेकिन पराजय के पश्चात् भी उन्होंने अमेठी में आना जाना और विकास कार्य जारी रखे |अब ये प्रयास वोटों को खींच पाएंगे ये चुनावों के नतीजे ही बताएँगे
उधर चौधरी अजित सिंह मोदी लहर में प्रदेश में अपनी चौधराहट बचाने में नाकामयाब रहे जिसके फलस्वरूप उन्हने दिल्ली आवास भी छोड़ना पढ़ा |इसके पश्चात् चौधरी अजित के पुत्र जयंत चौधरी ने कमान संभाली और मथुरा से हारने के पश्चात् भी अपने पारम्परिक वोट बैंक को साधने में जुट गए
सूत्रों की माने तो उन्होंने जाट लैंड में सहानुभूति प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की हैं| इस उपलब्धि को वोटों में कितना तब्दील कर पाएंगे ये तो नतीजे ही बताएँगे लेकिन वर्तमान सांसद और मंत्री बालियान [जाट] और अजित सिंह में रोचक मुकाबिले की उम्मीद तो है
फाइल फोटो

लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने वाला दल समाप्त हो जाएगा:अजित सिंह

[बागपत,यूपी] लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने वाला दल समाप्त हो जाएगा:अजित सिंह
रालोद के मुखिया अजित सिंह ने महागठबंधन को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि अगर अगला लोकसभा चुनाव कोई दल अकेले लड़ता है तो वह समाप्त हो जाएगा ।
पत्रकारों से बातचीत में सिंह ने महागठबंधन को समय की जरूरत भी बताया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के तहत 2019 का चुनाव लडऩा हर दल की मजबूरी है। अगर अगला लोकसभा चुनाव कोई दल अकेले लड़ता है तो वह समाप्त हो जाएगा। भाजपा से गठबंधन के सवाल पर रालोद प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन का सवाल ही पैदा नहीं होता।
रालोद मुखिया ने कहा कि रालोद भाजपा के खिलाफ बन रहे महागठबंधन के साथ मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी। सिंह ने कहा कि परिवर्तन की बयार बहनी शुरू हो गई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। देश में भाजपा का नहीं आरएसएस का राज चल रहा है।
सिंह ने कहा कि भाजपा लोगों को बरगलाने और नफरत की सियासत कर रही है। वह हिंदू-मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदुओं को भी जातिगत आधार पर बांट कर लड़ा रही है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष नहीं बल्कि पीएम की हार हुई है, क्योंकि राहुल गांधी पीएम मोदी के गले लग यह संदेश देने में सफल रहे कि हम प्यार की सियासत करते हैं और भाजपा नफरत की राजनीति करती है।
केंद्र सरकार के सात हजार करोड़ के गन्ना पैकेज को ढकोसला बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को इससे रत्तीभर फायदा नहीं मिलने वाला।
अजित सिंह ने 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की बात को नकारते हुए कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, अब 80 साल का हो गया हूँ। अब और चुनाव नहीं। लेकिन कुछ ही घंटे बाद सिंह ने अपनी ही बात को नकारते हुए कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।

रालोद के निष्काषित [एकमात्र]विधायक ने भाजपा का दामन थामा

[लखनऊ,यूपी] रालोद के निष्काषित [एकमात्र]विधायक ने भाजपा का दामन थामा| किसी समय छपरौली को च चरण सिंह की छपरौली कहा जाता था लेकिन अब यह गढ़ भी ढह गया |च. चरण सिंह के पुत्र च. अजित सिंह की पार्टी रालोद के एक मात्र विधायक
सहेंद्र सिंह रमालाअपने सैंकड़ों समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गये।
बागपत जिले की छपरौली सीट से चुने गये रालोद विधायक सहेंद्र सिंह रमाला भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के समक्ष पार्टी में शामिल हुये। इस पाला बदलने से रालोद की बची खुची छवि को ठेस पहुँच सकती है
भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ला के अनुसार ‘कैराना और नूरपुर का उपचुनाव घोषित हो चुका है। सहेंद्र सिंह रमाला के पार्टी में शामिल होने से इन दोनों सीटों पर पार्टी को मजबूती मिलेगी और पार्टी दोनों सीटों पर निश्चित ही विजय हासिल करेगी।’ कैराना लोकसभा सीट और नूरपूर विधानसभा सीट पर 28 मई को उपचुनाव होगा और 31 मई को मतगणना होगी।
मालूम हो के विधायक रमाला को राज्यसभा में क्रास वोटिंग के कारण पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका है।

चौ अजित सिंह वाया माननीय मुलायम जाएंगे राज्यसभा?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

रालोदाई चीयर लीडर

उररे झल्लेया मुबारकां!अरे म्हारे वड्डे चौधरी साहब के आशीर्वाद से म्हारे छोटे चौधरी अजित सिंह की मुलाकात माननीय मुलायम सिंह यादव से हो गई है |अब यूपी की कमान म्हारे हाथों में आई समझो

झल्ला

ओ मेरे भोले चौधरिया! तवाड़े चौधरी अजित सिंह के गमछे में यूपी की २.५% वोट और ९ विधायक ही हैं, इनके बल पर गन्ना किसानों का बकाया भी नहीं दिलवाया जा सका तो ३०% वालों से यूपी भी नहीं हथियाई जा सकेगी| हाँ झल्लेविचारानुसार सपा मुखिया के पाले में जाकर एक आध राज्यसभा की सीट जरूर कब्जाई जा सकती है इसीलिए प्रश्न है के चौ अजित सिंह वाया माननीय मुलायम जाएंगे राज्यसभा?

बागपत से सांसद सतपाल ने अपने प्रतिद्विंद्वी अजीत सिंह को डूबता जहाज बताया

[मेरठ,यूपी ]बागपत से भाजपा के सांसद सतपाल सिंह ने अपने प्रतिद्विंद्वी रालोद प्रमुख चौ अजीत सिंह को डूबता हुआ जहाज बताया|
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर व बागपत से बीजेपी सांसद सतपाल सिंह ने रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह को उनके ही गढ़ बागपत में करारी शिकस्त दी थी |
सतपाल सिंह ने आज मेरठ सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान अपने प्रतिद्विंद्वी चौधरी अजीत सिंह के साथ ही राष्ट्रीय लोकदल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि रालोद एक डूबता हुआ जहाज है और आगामी चुनाव में भाजपा का रालोद से कोई गठबंधन नही होगा। गौरतलब हे के कांग्रेस से जुड़े हुए रालोद की नए गठबंधन की तलाश में जे डी [यूं] से नजदीकियां बढ़ रही हैं ।

रालोद ने खोये हुए विरासती हक़ को पाने के लिए सियासत का हठी हुक्का गुड़गुड़ा दिया

RALOD RALLY IN MEERUT

RALOD RALLY IN MEERUT

मेरठ,१२ अक्टूबर |रालोद ने खोये हुए विरासती हक़ को पाने के लिए सियासत का हठी हुक्का गुड़गुड़ा दियारालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने आज फिर खोई हुई विरासत को पाने के लिए सियासी हुक्का गुड़गुड़ा दिया |इस हुक्के में कभी चौधरी चरण सिंह के सहयोगी रहे नेताओं के सहयोग का तम्बाकू डाला गया| हठ के हुक्के से निकले विराट प्रदर्शन के धुएं से १२ तुगलक रोड को स्मारक बनाने+चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न के हक़ की मांग उठाई गई जिसके लिए केंद्र सरकार पर दबाब बनाने की कोशिश की गई| वास्तव में अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए रालोद ने किसान संघर्ष समिति के कन्धों पर आज यह सहानुभूति का कार्ड खेला है|चौधरी चरण सिंह के नाम पर आयोजित इस रैली की सफलता तो अगले चुनावों में ही साबित हो पाएगी लेकिन हाँ उससे पहले चौधरी अजित इस शक्ति प्रदर्शन से केंद्र सरकार को ,बातचीत के लिए, टेबल पर लाने में जरूर सफल हो सकते हैं और अपने लिए राज्यसभा की सीट सुनिश्चित कर सकते हैं| लोकसभा चुनाव में अपने ही गढ़ बागपत में भी जबरदस्त झटका खाने वाले चौधरी अजित सिंह ने इस रैली के माध्यम से आक्रामक समाजवादी-लोहियावादी राजनीति के सहारे सहानुभूती बटोरने की तरफ एक कदम जरूर बढ़ा दिया |
RALOD RALLY IN MEERUT HUKKA

RALOD RALLY IN MEERUT HUKKA


आज बाई पास स्थित गायत्री ग्राउंड में किसान स्वाभिमान रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा+जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव+ राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह+बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार+राज्यसभा सांसद केसी त्यागी+रालोद नेता जयंत चौधरी और उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव आदि मौजूद रहे। भाजपा के पूर्व सहयोगी शरद यादव+नीतिश कुमार + चौ. अजित सिंह ने भगवा खेमे पर जम कर जुबानी हमला बोला | चौ. चरण सिंह की शख्सियत के साथ अन्याय का आरोप लगाया गया |सपा के शिवपाल यादव ने भी सहयोग का आश्वासन दिया
|इस रैली में सर्व सम्मति से १२ तुगलक रोड पर पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह की स्मृति में स्मारक के लिए शरद यादव के न्रेतत्व में राष्ट्रपति से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया| इसके अलावा दिल्ली स्थित किसान घाट पर मौन रखने पर भी सहमति बनी |
रैली को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दक्षिण से लेकर उत्तर तक सभी क्षेत्रीय पार्टियों को मिलकर भाजपा का मुकाबला करना चाहिए।
इन्ही की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा ने चौधरी चरण सिंह की विचारधारा और किसान एकता को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत जाटों और मुसलमानों को अलग-अलग किया है।हम ये मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे। शरद यादव ने कहा कि किसान खंड खंड हैं, इसीलिए देश में सियासी पाखंड है। देश के किसान अगर एक हो जाएंगे तो पाखंडियों की सियासत खत्म हो जाएगी और दिल्ली में किसान नेता चौधरी चरण सिंह की स्मारक बनने से कोई रोक नहीं पाएगा।
ralod rally6 रालोद अध्यक्ष अजित सिंह ने कहा कि 12, तुगलक रोड को स्मारक बनाना पूरे देश के किसान का हठ है। हम हठ से अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है। मंच पर कांग्रेस समेत जदयू+सपा+जद (एस) + रालोद के झंडे एक नए राजनीतिक शक्ति की तरफ इशारा कर रहे थे।

चो.अजित सिंह अपनी असफलताओं के प्रति तुगलकी रवैय्या विसर्जित कर देते तो कोठी से बनवास ही क्यूँ मिलता

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हमने जो कहा था करके दिखा दिया ओये चौधरी चरण सिंह की कोठी को खाली करवाने वाले भाजपाइयों की नका में नकेल डाल दी|१२ तुगलक रोड की पुण्य कोठी का बिजली पानी काटने वाली दिल्ली का ही पानी बंद कर दिया | ओये हमने भी खूंटे गाड़ दिए हैं देखे कैसे खाली करवाते हैं ये चौधरी अजित सिंह से कोठी खाली ओये यारा हमने तो इसी कोठी की खातिर चौधरी अजित सिंह को ना चाहते हुए भी कभी एलेकशन जितवाया था अब अगर उपचुनाव हुए तो फिर से जित्वा देंगे मगर कोठी नहीं जाने देंगे | ओये मानता है न कि जाट और जमीन का तो जन्म जन्मान्तर का नाता है

झल्ला

ओ मेरे चतुर चौधरी आपजी के चो. अजित सिंह अपनी असफलताओं पर समय रहते चिंतन कर लेते तो कोठी खाली ही क्यूँ करनी पढ़ती| ये तो बच्चों वाली वोही बात हुई कि हमें भी खिलाओ नहीं तो खेल बिगाड़ेंगे |अरे २००० में जब केंद्रीय मंत्रिमंडल सरकारी कोठियों को स्मारक नहीं बनाये जाने के विषय में निर्णय ले रहा था तब आप लोग क्यूँ अपने नलके को चला नहीं पाये | अब भी कुछ करने के बजाय इमोशनल ब्लैकमेलिंग का लट्ठ ही चला रहे हो| कांग्रेस के साथ मिलकर आम जनता को हलकान किये जा रहे हो | इसी लट्ठ संस्कृति के कारण हरित प्रदेश मूवमेंट से भी आम जनता को जोड़ नहीं पा रहे हो | अरे भापा जी हरित प्रदेश +मेरठ में एयरपोर्ट+हाई कोर्ट बेंच+गन्ना समस्या+ सिविल एविएशन+चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में चौधरी साहब पर शोध +स्मारक+महाभारत सर्किट+साम्प्रदाइक दंगें +++में असफलताओं की तरफ ध्यान दे देते तो हारते ही क्यूँ ?और कोठी खाली करने की नौबत ही क्यूँ आती?

बिजली+पानी कटने के बाद चौ.अजित सिंह१२ तुगलकरोड बंगला खाली करने को राजी हुए

[नई दिल्ली]
बिजली+पानी कटने के बाद चौ.अजित सिंह१२ तुगलकरोड बंगला खाली करने को राजी हुए
१२ तुगलक रोड स्थित कोठी के बिजली+पानी के कनेक्शन काटे जाने के अगले दिन [रविवार] को चो.अजित सिंह ने सरकारी आवास खाली करने का आश्वासन दे दिया है |समाचार एजेंसी के अनुसार यह सरकारी आवास २५ सितम्बर को खाली किया जाएगा| यह आवास खेल मंत्री को एलॉट किया गया है
लोक सभा में हारने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह समेत करीब 30 सांसदों के आवास पर बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए गए है क्योंकि उन्होंने ये बंगले निर्धारित अवधि तक खाली नहीं किए हैं। ये सरकारी आवास १८ जून तक खाली किये जाने थे
लोकसभा सचिवालय ने 265 पराजित सांसदों को नोटिस देकर 18 जून तक सरकारी मकान खाली करने का आदेश दिया था पर इनमें से कई पूर्व सांसदों ने आज तक मकान खाली नहीं किए। जिसके फलस्वरूप लोक निर्माण विभाग ने इनमें से 30 सांसदों के बिजली पानी के कनेक्शन काट दिए। इनमे संप्रग सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह भी शामिल हैं|
सूत्रों के अनुसार सिंह के इस आवास पर जेनरेटर बिजली की व्यवस्था की गई है + पानी की भी वैकल्पिक व्यवस्था है।
यह बंगला यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान आवंटित हुआ था। लेकिन वे इसमें 36 सालों से रह रहे हैं। यह बंगला उनके पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को 1978 में आवंटित हुआ था। गए बुधवार को शहरी विकास मंत्रालय की टीम 12 तुगलक रोड बंगले का कब्जा लेने पहुंची थी मगर वहां पर अजित सिंह के लोगों ने सरकारी मुलाजिमों को बंगले के भीतर घुसने तक नहीं दिया।
अजित यूपीए सरकार के उन चार मंत्रियों में से हैं, जो स्थानीय निकाय की ओर से बार-बार नोटिस भेजे जाने के बाद भी सरकारी घर खाली नहीं कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सर्वोच्च अदालत [एस सी]ने बीते वर्ष एक फैसले में कहा था कि नवनिर्वाचित सांसदों को एक महीने के भीतर सरकारी आवास मिलना चाहिए।इस न्यायिक आदेश का पालन तभी हो सकता है जब पुराने एम पी आवास खाली करें| प्राय देखा गया है कि पूर्व सांसदों के मकान खाली नहीं होने के कारण नए सांसदों को मकान नहीं मिल पाता हैजिस कारण उन पर अतिरिक्त खर्चा किया जाता है
गौरतलब है कि पूर्व मंत्रियों और सांसदों द्वारा आवास खाली नहीं करने से नए सांसदों और मंत्रियों को आवास उपलब्ध कराने में परेशानी आ रही है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है। वहीं, अजित सिंह के घर का बिजली पानी काटे जाने से उनके समर्थक नाराज हैं। उनका कहना है कि एक पूर्व मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार गलत है। उनके मुताबिक भाजपा बदले की भावना से यह काम कर रही है।
अजीत सिंह को जुलाई में ही घर खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। यह बंगला नए खेल मंत्री को अलॉट किया गया है।

रालोद के पैतृक वोट बैंक पर तुगलक रोड की कोठी की भावनात्मक लहर असर डाल पाएगी ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ऐवेंई लोग कहे जा रहे हैं कि हसाडे नलके का पानी उतर गया ओये देख मेरठ के बाद दिल्ली में भी हमने अपनी ताकत दिखा दी है |भाजपा वाले लाख दावे करें मगर चौधरी साहब के घर पर मंगलवार को हजारों किसान इकट्ठा हो गए| अब देखते हैं कि बड़े चौधरी साहब की यादों से जुड़ी १२ तुगलक रोड की कोठी को चौधरी अजित सिंह से कैसे खाली कराते हैं ये तुगलकी हुकमरान?|ओये हमने तो बढे चौधरी की समाधि तक दिल्ली में बनवा दी ये तो सरकारी कोठी ही ठहरी ज्यादा चूं चुपड़ की तो इस कोठी में चौधरी साहब के नाम का संग्रहालय बनवा देणा हैं है

झल्ला

ओ मेरे भोले चौधरी आपके रालोद के पैतृक वोट बैंक पर तुगलक रोड की कोठी की भावनात्मक लहर असर डाल पाएगी ? मोहम्मद बिन तुगलक बेशक चला गया मगर उसके चेले अभी भी हर तरफ मौजूद हैं|तीन महीने तक अगर ये कार्यवाही टल गई तोसमझों गई भैंस छह साल के लिए पानी में |मेरा मतलब है चौधरी साहब गए कोठी में वापिस छह साल के लिए |अरे भाई राज्यसभा के लिए तीन महीने के बाद चुनाव होने हैं और उसके लिए सिविल एविएशन मिनिस्टर रहे चौधरी साहब ने कांग्रेस “प्लेन” की सीट के लिए यूं पी के उपचुनाव की जिलास्तर पर ठेके दारी ले रखी है| अब सोने पे सुहागा ये हुआ कि गन्ने के बाद इस कोठी को लेकर पैतृक वोट बैंक भावना की डोर से बंधने लग गया है | अब आप लोगों के जमघट से हुकूमत तीन महीने तक वहां का रुख करने से पहले कई बार सोचेगी |