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Tag: Congres

राज्यसभाईयों को वरिष्ठ+अपर+बुजुर्ग का संवैधानिक दर्जा है और बढे+बच्चे एक समान ही होते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया इन कांग्रेसियों की तो मति ही मारी गई है|देख तो राज्य सभाके शीतकालीन सत्र के पूरे सप्ताह को धर्मांतरण के प्रदूषण से बर्बाद करके हसाडे विकास के अजेंडे को ठप्प करके रख दिया |इन्होने प्र्रे सत्र में ओनली ५९% काम होने दिया इसीके फलस्वरूप हम सदस्यों द्वारा उठाये गए प्रश्नों में से आधे का जवाब भी नहीं दे पाये |ओये देश के विकास के मुद्दों को ठप्प करके अब ये सारे शर्मिंदा होने के बजाय कितना फूल के कुप्पा हो रहे हैं

झल्ला

ओ मेरे परेशान सेठ जी बुजुर्गों ने कहा है कि बूढ़े और बच्चे एक समान होते हैं| देश के संविधान ने भी राज्य सभाईयों को वरिष्ठ+बुजुर्ग+सीनियर+अपर का दर्जा दिया हुआ है इसीलिए ये बुजुर्ग बचपना तो दिखाएंगे ही |झल्लेविचारनुसार बुजुर्गों को अपने घर से कोई भारतीय निकाल तो नहीं देता न

भाजपाई चक्रव्यूह में फंसी कांग्रेस के हाथों से, महाराष्ट्र में, विपक्ष की कुर्सी भी गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया वोह मारा पापड वाले को |ओये दिल्ली में नरेंद्र और महाराष्ट्र में अपने देवेन्द्र फड़नवीस के साथ स्पीकर भी हसाड़ा हरिभाई बागडे हो गया |ओये देख तो ये एनसीपी वाले हसाडे दुश्मन होकर भी हसाडे फड़नवीस को देवेन्द्र मान रहे हैं और शिव सैनिक हसाडे डीएनऐ भाई होने के बावजूद हसाड़ी काट पर लगे हुए हैं |अब ये लोग हसाडे खिलाफ विपक्ष में बैठने को तैयार हो गए हैं |खैर इस सब के बावजूद हसाड़ी सरकार अल्पमत वाली नहीं रहेगी

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण होते जा रहे सेठ जी !ये भाजपाई+एनसीपी+शिव सेना के रचे हुए चक्रव्यूह में बेचारे कांग्रेसी फंस कर रह गए हैं |ये अब “ना तीन के रहे और ना तेरह के”
इनकी सरकार तो पहले ही छिन गई थी अब दिल्ली+हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के विपक्ष का पद भी हाथ से जाता |

भापेयो !दिल्ली की जनता तो पहले ही आ+भा+कां को गद्दी नकार चुकी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

एक स्वर में आप+कांग्रेसी चीयर लीडर्स

ओये झल्लेया दिल्ली में संविधान का कैसा मजाक उड़ाया जा रहा है? देख तो दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग साहब भी अब दिल्ली में अल्पमत वाली भाजपा की सरकार बनवाने पर तुल गए हैं |ओ यारा तू ही बता ये दिल्ली की जनता ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं दिया ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग से भाजपा को सरकार बनाने देना अपने आप में संविधान का उल्लंघन है कि नहीं?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणों दिल्ली की जनता पहले ही आ+भा+कां को गद्दी नकार चुकी है |
दिल्ली की जनता ने तो “आप” और कांग्रेस को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया था तब आपलोगों ने खिचड़ी सरकार बना कर जनता के दिलों में जख्म दिए फिर सरकार छोड़ करके उन जख्मों पर नमक छिड़का था कि नहीं?
इसीलिए झल्लेविचारानुसार जनता ने तो भाजपा+कांग्रेस+आप के साथ सभी दायें बाएं दलों को दिल्ली में सरकार बनाने के लायक नहीं समझा सभी को नकार दिया है अब आप सभी नकारे गए दोबारा जनता में जाने को खो-खो खेल रहे हो |
भापा जी क्या ये जनता की भावना के खिलाफ नहीं है ?संविधान की भवन का मजाक है कि नहीं?अपने ही असूलों से यूं टर्न लेना है कि नहीं ?