(मंदसौर,मध्यप्रदेश)कमलनाथ के एमपी में ३०००० ₹ की प्याज चोरी
अपने किस्म के एक अनोखे मामले में जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर एक गांव में अज्ञात चोर एक किसान के खेत से 30,000 रुपये कीमत की प्याज की फसल ही उखाड़ कर चुरा ले गये।
जिले के रिछा बच्चा गांव के किसान जितेन्द्र कुमार ने मंगलवार को आवेदन देकर शिकायत की है कि सोमवार रात को अज्ञात बदमाश उसके खेत से चार बीघा रकबे में बोई गई प्याज की लगभग सात क्विंटल फसल उखाड़ कर ले गये। इससे उसे लगभग 30,000 रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि किसान ने अपने आवेदन में यह भी लिखा है कि बदमाश खेत से कच्ची प्याज उखाड़ ले गये जबकि उसके हरे पत्ते खेत में ही पटक गये।
पिछले कई माह से बाजार में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं और सामान्यत: 15-20 रुपये प्रति किलो के भाव से मिलने वाला प्याज 80 -100 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
पिछले सप्ताह एक व्यापारी ने नासिक से गोरखपुर के लिये जाने वाले ट्रक में लदी 20-22 लाख रुपये कीमत की प्याज की चोरी की शिकायत पुलिस को की थी। यह ट्रक खाली हालत में शिवपुरी में मिला था जबकि उसमें लदा 40 टन प्याज ट्रक में नहीं था।
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कमलनाथ के एमपी में ३०००० ₹ की कच्ची प्याज चोरी
मध्य प्रदेश में अवैध रेत की खदान धंसने से पांच मजदूरों की मौत
[बड़वानी’मध्यप्रदेश] कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में अवैध रेत की खदान धंसने से पांच मजदूरों की मौत
हादसा उस वक्त हुआ, जब अभागे मजदूर खदान से खोदी गई रेत को ट्रैक्टर-ट्रॉली में डाल रहे थे।
मृतकों में
लल्लू लाल (32),
परसराम (32),
लखन उर्फ संजय (25),
राकेश (32)
एवं प्रभु दास (45) हैं
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करेगी और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मायावती ने कांग्रेस की एमपी और भाजपाई यूपी की सरकारों को बता डाला “आतंकी सरकार “
[लखनऊ,यूपी]मायावती ने कांग्रेसी कमलनाथ और भाजपाई योगी सरकार दोनों की ही कर दी आलोचना
सपा की नई नई वेलेंटाइन बनी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा गोहत्या के शक में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर कथित ‘बर्बर’ कार्रवाई करने और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 14 छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने की निंदा की है।
मायावती ने ट्वीट किया ‘मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा की तरह गोहत्या के संदेह में मुसलमानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत बर्बर कार्रवाई की।’
दोनों सरकारी आतंक है और अति—निन्दनीय हैं। लोग फैसला करें कि दोनों सरकारों में क्या अंतर है?’
मालूम हो कि मध्य प्रदेश सरकार ने गोहत्या के संदेह के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ रासुका की कार्यवाही की है। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कल 14 छात्रों पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
सज्जन कुमार को उम्र कैद,१९८४ सिख संहार के दूसरे दोषी कमल नाथ पर भी कार्यवाही की मांग
[लखनऊ,यूपी]सज्जन कुमार को उम्र कैद,१९८४ सिख संहार के दूसरे दोषी कमल नाथ पर भी कार्यवाही की मांग
भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने 1984 में हुए सिख संहार के मामले में सज्जन कुमार को सोमवार को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताते हुए कहा है कि इस पार्टी को इसी नरसंहार के आरोपी कमलनाथ के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए।गौरतलब हे के सज्जन कुमार +जगदीश टाईटलर कांग्रेस के सांसद रहे हैं और दूसरे आरोपी कमल नाथ को कांग्रेस द्वारा आज ही मध्यप्रदेश का मुख्य मंत्री बनाया गया है |दिल्ली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के मंजीत सिंह जी के और विधायक सिरसा ने आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग की है | प्रेम सिंन्ह चंदूमाजरा ने १९८४ के दंगों को नरसंहार घोषित करने की मांग संसद में उठाई |
१९८४ के दंगों को वित्त मंत्री अरुण जैटली ने न्यायप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कमल नाथ को आज के दिन मुख्य मंत्री बनाये जाने की निंदा की है |
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया में कहा कि 1984 का सिख विरोधी दंगा कोई फसाद नहीं बल्कि एकतरफा नरसंहार था। इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन सिंह को सोमवार को सुनाई गई उम्रकैद की सजा कांग्रेस के लिए झटका है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर सफाई न दे बल्कि अपने एक और वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर कार्रवाई भी करे, जिन पर इन दंगों में शामिल होने का आरोप है।
कमल नाथ ने पंजाब प्रभार से तो अजित जोगी ने कांग्रेस से ही किनारा किया
[नयी दिल्ली,रायपुर ]कमल नाथ ने पंजाब प्रभार से तो अजित जोगी ने कांग्रेस से ही किनारा किया
कमलनाथ १९८४ के दंगों को लेकर विवादों में घिरे जबकि अजित जोगी ने छत्तीसगढ़ में अपनी अलग पार्टी बना ली है
वरिष्ठ कांग्रेस नेता छिंदवाडिया एमपी कमलनाथ ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका संबंधी विवाद को लेकर आज रात आगामी चुनावी राज्य पंजाब में पार्टी प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा |
श्रीमती सोनिया गांधी ने इस्तीफा तुरंत मंजूर किया और उन्हें पार्टी महासचिव पद से मुक्त कर दिया ।
पंजाब और हरियाणा के तीन दिन पहले प्रभारी महासचिव बनाए गए कमलनाथ ने सोनिया को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘..मैं आग्रह करता हूं कि मुझे [पंजाब में]मेरे पद से मुक्त किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो कि पंजाब से असल मुद्दों से ध्यान नहीं भटके।गौरतलब हे के कमल नाथ को पंजाब का प्रभार देने से वहां की राजनीती में भूचाल सा आ गया| सत्तारूढ़ एस ऐ डी और “आप” पार्टी ने जम कर विरोध किया जिसके फलस्वरूप यह बदलाव किया गया है
उधर छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने नई पार्टी के गठन के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
जोगी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक लाइन का इस्तीफा भेज कर इस्तीफे की औपचारिकता पूरी की है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से बगावत कर अजीत जोगी ने नई पार्टी की घोषणा कर दी है। जोगी ने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया था। हालांकि कांग्रेस ने जोगी को सभी महत्वपूर्ण पदों से पहले ही अलग कर दिया था।
छिंदवाडिया कमलनाथ की पंजाब में नियुक्ति पर भड़के सत्तारूढ़ एसऐडी और “आप”
[चंडीगढ़,पंजाब] छिंदवाडिया कमलनाथ की पंजाब में नियुक्ति पर भड़के सत्तारूढ़ एसऐडी और “आप”
सी एम बादल ने इसे सिखों का घोर अपमान बताया |
आम आदमी पार्टी[आप] और शिरोमणि अकाली दल[एसऐडी] ने कांग्रेस नेता कमलनाथ को पंजाब में पार्टी का प्रभारी महासचिव बनाये जाने पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इसे ‘सिखों का घोर अपमान’ करार दिया।
वयोवृद्ध बादल ने कहा, ‘‘यह सिखों के प्रति संवेदनहीनता की अविश्वसनीय शर्मनाक हरकत है और नवंबर 1984 में कांग्रेस के गुंडों द्वारा हजारों बेगुनाह सिख बच्चों, पुरषों और महिलाओं के नरसंहार के दोषियों को लेकर राष्ट्रीय राय का मूखर्तापूर्ण और अशिष्ट अपमान है।
मैं विश्वास नहीं कर सकता कि कोई राजनीतिक दल सिखों की भावनाओं के प्रति इतना संवेदनहीन हो सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से हैरान हूं कि कांग्रेस आलाकमान सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने की इस हद तक जा रहा है और वहीं उसी समय अपने पापों को लेकर प्रधानमंत्री के स्तर पर पछतावा दिखाने का नाटक कर रहा है।
क्या ये वास्तविक पछतावे के संकेत हैं या पुराने जख्मों को कुरेदा जा रहा है।’’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए 1984 के दंगा पीड़ितों के वकील और आप नेता एच एस फुलका ने कहा कि कमलनाथ को पंजाब का कांग्रेस प्रभारी बनाकर पार्टी ने पीड़ितों के जख्मों पर नमक रगड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दो नवंबर, 1984 को एक राष्ट्रीय अखबार ने खबर प्रकाशित की थी कि रकाबगंज साहिब पर हमला करने वाली भीड़ की अगुवाई कमलनाथ कर रहे थे। तीन नवंबर को एक और राष्ट्रीय अखबार ने भी यही खबर छापी।’’ फुलका ने कहा कि कांग्रेस ने कमलनाथ की नियुक्ति के माध्यम से संकेत दिया है कि पार्टी को पीड़ितों की भावनाओं की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस केवल धनबल और बाहुबल वाले लोगों की फिक्र करती है।’
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