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कोरोनिलबाबा भगवाधारी को (आईएमए से) माफी मांगने में कैसी शर्म

झल्लीगल्लां
एलोपैथीसमर्थक
ओए झल्लेया!हमने इस व्यवसायी बाबा को सबक सिखा देणा है।इस कोरोनिल बाबा ने हमारे चिकित्सा धर्म और व्यवसाय को गाली दी है।अब हमने इस बाबा को छोड़ना नही।आईएमए देहरादून ने तो मानहानि का नोटिस भी भिजवा दिया।यदि बाबा ने माफ़ी योग नही किया तो इसे शीर्षासन करा के ही मानेंगे।प्रति सदस्य को 50 लाख ₹ की मानहानि राशि देकर ही छूटेगा।
झल्ला
डॉक्टरसाहब!आपके राज्य में आपलोगों का ध्यान क्यूँ भटक रहा है?अरे भाई
उत्तराखण्ड में अब तक कुल 6113 कोरोना संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं और 43520 मामले उपचाराधीन हैं।कहीं आप लोग अपने उन साथियों को आर्थिक सहायता तो नही पहुंचाना चाहते जो बेचारे कैपिटेशन फी देकर मेडिकल कॉलेज में घुसे थे और आजकल क्लीनिक में मखियाँ मार रहे है।रहा सवाल माफ़ी का तो भगवाधारी को मांगने में कैसी शर्म देर सबेर मांग ही लेंगे

Allopathic IMA Serves D Notice on Coronal Baba Ramdev

(DDN,May 26) Allopathic IMA Serves Defamation Notice on Coronal Baba Ramdev for alleged disparaging remarks against allopathy and allopathic doctors, demanding an apology from him within 15 days, failing which it said it will demand a compensation of Rs 1,000 crore from the yoga guru.
The six-page notice served on behalf of IMA (Uttarakhand) secretary Ajay Khanna by his lawyer Neeraj Pandey describes the remarks by Ramdev as damaging to the reputation and the image of allopathy and around 2,000 practitioners of it who are part of the association.
The notice has also asked Ramdev to make a video clip contradicting all his false and defamatory allegations, and circulate it on all the social media platforms where he had uploaded his earlier video clip levelling the allegations.
It has also asked the yoga guru to withdraw a “misleading” advertisement from all platforms endorsing “Coronil kit”, a product of his firm, as an effective medicine for COVID-19, failing which an FIR and a criminal case will be lodged against him by the IMA.
File Photo

केंद्र ने पतंजलि के कोरोनिल पर पोलिटिकल डिस्टेनसिंग अपनाते हुए अज्ञानता दिखाई

(नई दिल्ली) आयुष मंत्रालय ने पतंजलि के कोविड-19 के उपचार से संबंधित दावों पर पोलिटिकल डिस्टेनसिंग अपनाते हुए दवा के विषय मे अज्ञानता दिखाई
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार (उत्तराखंड) के द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में हाल में मीडिया में आए समाचारों का संज्ञान लिया है। उल्लिखित वैज्ञानिक अध्ययन के दावे के तथ्यों और विवरण के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं है।
उपरोक्त समाचार के तत्थों और दावों के सत्यापन के प्रति मंत्रालय को सूचित किए जाने के क्रम में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से उन दवाओं के नाम और संयोजन; स्थानों/ अस्पताल जहां कोविड-19 के लिए शोध कराया गया; प्रोटोकॉल, नमूना आकार, संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई पंजीकरण और शोध के नतीजे के विवरण उपलब्ध कराने तथा इस मसले की विधिवत जांच पूरी होने तक ऐसे दावों के विज्ञापन/प्रचार को बंद करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से भी लाइसेंस की प्रतियां और आयुर्वेदिक दवाओं की उत्पाद स्वीकृति का विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा है, जिसके कोविड-19 के उपचार में कारगर होने का दावा किया जा रहा है।