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अनिलविज ने गौवंश हत्या में सीधे दखल देते हुए”गाय”को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठाई

[चंडीगढ़]अनिलविज ने गौवंश हत्या में सीधे दखल देते हुए”गाय”को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठाई पहले छापामारी और अब अपने तीखे बयानों से लगातार चर्चा का विषय बने हुए अनिल विज ने आज गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित किये जाने की मांग कर दी है|हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिलविज ने इस विषय में ट्वीट करके गौवंश हत्या विवाद में सीधा दखल दे दिया है|
इस ज्वलंत विवाद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अम्बाला से इस दबंग विधायक अनिल विज ने ट्वीट किया है के “रॉयल बंगाल टाइगर के स्थान पर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए” इससे पूर्व श्री विज ने डेंगू त्रासदी को लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला को सीधे सीधे चुनौती दे डाली थी

“बाबर”ने भी स्वीकारा था,गौमांस खा कर भारतवासियों के दिलों पर राज नहीं किया जा सकता:राजनाथ सिंह

[नयी दिल्ली] “बाबर”ने भी स्वीकारा था,गौमांस खा कर भारतवासियों के दिलों पर राज नहीं किया जा सकता:राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री राज नाथ सिंह के अनुसार मुग़ल राज के संस्थापक “बाबर” ने भी स्वीकार किया था कि गौमांस खा कर भारत वासियों के दिलों पर राज नहीं किया जा सकता |श्री सिंह राष्ट्रीय गोधन महासंघ द्वारा कृषि मंत्रालय के सहयोग से आयोजित गोरक्षा पर एक सम्मेलन में बोल रहे थे
गृह मंत्री ने कहा कि मुगलों तक को पता था कि गोवध का समर्थन किया तो भारत में शासन नहीं कर सकते
गोरक्षा पर जोर देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि मुगलों तक को पता था कि यदि उन्हें शासन करना है तो ‘गोवध को खुला समर्थन’ व्यावहारिक नहीं होगा जबकि ब्रिटिश लोग इस पहलू को समझने में विफल रहे ।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि गृह मंत्री के रूप में उन्होंने सुनिश्चित किया है कि बांग्लादेश को होने वाली मवेशियों की तस्करी रूके । सीमा सुरक्षा बल [बीएसएफ] के जवानों ने इसके लिए लगातार प्रयास किये ।
राजनाथ ने कहा, ‘‘मेरे पास मुगल शासकों के बारे में जो भी अल्प जानकारी है .. मैं कह सकता हूं कि मुगल शासकों को ये बात पता थी । वो समझते थे कि गोवध कर और गोवध को खुला समर्थन कर, वे लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि बाबर ने भी अपनी वसीयत में लिखा कि हम एक बार में दो चीजें नहीं कर सकते । या तो जनता के दिलों पर राज करो या गोमांस खाओ केवल एक बात हो सकती है .. साथ साथ ये दोनों काम नहीं हो सकते ।’’
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘जब ब्रिटिश भारत आये, भारतीय परंपरा का जिस तरह आदर होना चाहिए था .. वैसा नहीं हुआ । वस्तुत: ये और खराब हो गयी । आजादी की पहली लडाई [१८५७] की वजहों में से एक मुख्य वजह गाय की चर्बी थी, जो कारतूस में इस्तेमाल होती थी । इससे गाय के प्रति जनता की आस्था का पता चलता है ।’