[New Delhi]Congress Slammed Kejriwal For Wearing Mask Of a Pro Common Man
Congress Leader Ajay Kumar on Wednesday accused Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal of misleading the public by portraying AAP to be pro-common man.
Congress Spokesperson Said “Right after Arvind Kejriwal took charge,he had said that he wouldn’t even use an air conditioner. He also directed the CPWD to remove air containers from his house. So, it is very evident that he says something and does something else, and that the AAP is trying to put out a message that they lead their lives in a very simple manner, which is not true,”
According to reports, the electricity bill of Kejriwal’s Civil Lines residence was about Rs 91,000 for the months of April and May, according to an RTI reply.
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Congress Slammed Arvind Kejriwal For Wearing Mask Of Pro Common Man
शहरी भारत के निर्माण में भागीदारी के लिए प्रवासियों को आमंत्रण के साथ सीपीडब्ल्यूडी के अकर्मण्य इंजीनियर बर्खास्त
[नई दिल्ली] शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने आधुनिक शहरी भारत के निर्माण में भागीदारी के लिए प्रवासी भारतीयों को आमंत्रित किया और प्रशासनिक सुधारों का परिचय देते हुए सीपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ इंजिनियर [इलेक्ट्रिकल] को ड्यूटी से २४ साल तक गैर हाजिर रहने पर बर्खास्त भी किया
शहरी विकास मंत्री एम वेकैंया नायडू ने अनुशासनहीनता के लिए सीपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी को बर्खास्त किया और मामले में देरी के लिए जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए
शहरी विकास मंत्री श्री नायडू ने केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग- सीपीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी को अवैध रूप से ड्यूटी से गैर हाजिर रहने के लिए सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। मामले की जांच में कार्यकारी इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) श्री ए. के. वर्मा के जान-बूझकर कर ड्यूटी से गैर हाजिर रहने का पता चलने पर श्री नायडू ने यह निर्णय लिया।
श्री ए. के. वर्मा ने 1980 में सहायक इंजीनियर के तौर पर विभाग में सेवा की शुरूआत की थी। वह वर्ष 1990 दिसम्बर में अर्जित अवकाश पर चले गए और उसके बाद सेवा में नहीं लौटे। वह अवकाश बढ़ाये जाने के लिए आवेदन करते गए, जिसे स्वीकार नहीं किया गया और उन्हें कार्य पर लौटने के लिए कहा गया। सितम्बर, 1992 में जांच बैठा दी गई।
विभाग की कार्य प्रणाली के अनुसार और जिम्मेदारी तय करने के लिए श्री वेकैंया नायडू ने मंत्रालय का पद भार संभालने के बाद मामले की सतर्कता और अनुशासनात्मक पुनर्समीक्षा करने और आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। इस बीच श्री वर्मा वापस लौट आए हालांकि उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश श्री नायडू ने जारी किए हैं। श्री नायडू ने वर्ष 2007 से मामले में कोई कार्रवाई न किए जाने को गंभीरता से लेते हुए इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी की जवाबदेही तय करने को भी कहा है।
श्री एम वैंकेया नायडू ने 1200 बिलियन अमरीकी डॉलर की नई शहरी योजनाओं में निवेश के अवसरों का शुभारंभ किया और आधुनिक शहरी भारत के निर्माण में भागीदारी के लिए प्रवासी भारतीयों को आमंत्रित किया
उन्होंने कहा महात्मा 100 साल पहले के आंदोलन के नेता थे, जबकि श्री मोदी आज के नेता हैं
सीपीडब्ल्यूडी ने किया 53 शहरों के पौने दो लाख मकानों की शिकायतों को 6घंटे में निबटाने का वायदा
सीपीडब्ल्यूडी ने किया 53 शहरों के पौने दो लाख मकानों की शिकायतों को 6घंटे में निबटाने का वायदा
सीपीडब्ल्यूडी के मेंटिनेंस चार्टर’ में 53 शहरों के पौने दो लाख मकानों की आपातकाल और छोटी शिकायतों का निस्तारण 6 घंटे से 3 दिन के भीतर करने का वायदा किया गया है |
सीपीडब्ल्यूडी ने बेहतर सेवा और वितरण बढ़ाने के लिए पहली बार ‘मेंटिनेंस चार्टर’ की शुरूआत की
देशभर में किए जाने वाले रखरखाव के कार्यों में उपभोक्ता संतुष्टि के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) द्वारा ‘मेंटिनेंस चार्टर’ लागू किया गया है, जिसमें विभिन्न शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण निर्धारित किया गया है। पहली बार लागू किए गए इस चार्टर को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने मंजूरी दी है।
सीपीडब्लूडी देशभर के 53 शहरों में सामान्य पूल रिहायशी आवास के तहत 1,76,000 मकानों का रखरखाव करता है।
इसके अतिरिक्त कुल 22,60,000 वर्ग मीटर कार्यालय क्षेत्रफल का रखरखाव भी सीपीडब्लूडी द्वारा किया जाता है।
आवासीय और गैर आवासीय भवनों जिनमें प्रसिद्ध स्मारक और राष्ट्रपति आवास, संसद भवन, उच्चतम न्यायालय, अस्पताल, महाविद्यालय, खेल परिसर आदि जैसे महत्वपूर्ण भवनों के रखरखाव का कार्य भी सीपीडब्लूडी द्वारा किया जाता है।
मेंटिनेंस चार्टर के तहत विभिन्न शिकायतों के निपटारे की समय सीमा की सूचना सार्वजनिक करेगी। इसका विवरण इस प्रकार है:
क्र. सं.== शिकायत की प्रकृति==================================================शिकायत निस्तारण की समय सीमा
1].आपातकालीन (नाली जाम, बिजली और जल आपूर्ती सुचारू करना, खराब स्विच, पौधों में पानी, बाड़े की कटिंग, मेनहोल्स आदि)=====6 घंटे
2].छोटी शिकायतें (नालियों की सफाई, पानी ओवरफ्लो, पाइपलाइन और स्वच्छता अधिष्ठापन, आंतरिक तारें आदि)===============3 दिन
3]मुख्य शिकायतें (आंतरिक तारें, दरवाजे और खिड़कियों की मरम्मत आदि=========================================30 दिन
4].समयबद्ध सेवाएं (सफेद कपड़े धोना, चित्रकला, पानी के टैंक की सफाई आदि)======================================60 दिन
5]टाइप-I टाइप-IV मकानों कों (सुरक्षा और सुरक्षा बढ़ाने आदि का प्रमुख कार्य) सुधार कार्य===============================60 दिन
6]टाइप-V और उससे ऊपर के मकानों का उन्नयन========================================================= 75 दिन
राष्ट्रपति ने उभरती हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए सीपीडब्लूडी को आगाह किया
[नई दिल्ली]राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने सतत शहरी विकास के लिए स्थाई परिवास और ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। महानिदेशक श्री जीएस तवरमलानी को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया|
देश के प्रमुख इंजीनियरी संगठन (के.लो.नि.वि.), केंद्रीय लोक निर्माण विभाग[ CPWD ]की स्थापना के 160 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उसके योगदान की सराहना की गई लेकिन प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए उसे आगाह भी किया गया।
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और शहरी विकास एवं आवास और गरीबी उन्मूलन मंत्री और भाजपा के मुख्य सचेतक श्री एम. वेंकैया नायडू ने के.लो.नि.वि. के योगदान का स्मरण करते हुए इस विशाल निर्माण संगठन को आगाह किया कि उसे उभरती हुई चुनौतियों का सामना करने के लिए सजग रहना चाहिए।
आज के.लो.नि.वि. की 160वीं वर्षगांठ समारोह का उदघाटन करते हुए राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने इस संगठन से कहा कि विश्व के सर्वोत्कृष्ट संगठनों के बीच स्थान पाने के लिए उसे अधिक चुस्त, अधिक गतिशील और अत्यंत व्यावसायिक संगठन के रूप में विकसित होने के लिए काम करना चाहिए। श्री मुखर्जी ने सुझाव दिया कि के.लो.नि.वि. को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जहां नवाचार और आधुनिकता की बदौलत आर्थिक विकास में तेजी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि विभाग को ग्रामीण सड़क संचार, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं, जलापूर्ति और स्वच्छता पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्थाई परिवास आज समय की आवश्यकता है और सतत शहरी विकास के लिए ऊर्जा सक्षम भवनों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कार्यनीति है। उन्होंने के.लो.नि.वि. कि उसे निर्माण के लिए नए डिजाइनों और पद्धतियों का इस्तेमाल करना चाहिए। श्री मुखर्जी ने परिसंपत्तियों के रख रखाव के लिए अत्याधुनिक प्रक्रियाएं अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राष्ट्रपति ने रण का कच्छ, थार रेगिस्तान, हिमालय के ऊंचाई वाले स्थानों, पूर्वोत्तर क्षेत्र और विदेश में अफगानिस्तान में किए गए निर्माण कार्यों के लिए के.लो.नि.वि. को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति भवन में विभिन्न परियोजनाएं कार्यान्वित करने वाली के.लो.नि.वि. की टीम के प्रयासों को देखने का अवसर मिला है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नायडू ने कहा कि 160 वर्ष के लंबे और घटनापूर्ण सफर के बाद के.लो.नि.वि. को भविष्य में आगे बढ़ने के लिए आत्ममंथन करने की आवश्यकता है। मंत्री महोदय ने हाल ही में निर्माण भवन में रख रखाव कार्यों का निरीक्षण किया था। उन्होंने के.लो.नि.वि. से कहा कि उसे एक ऐसे कार्य वातावरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिसमें कार्य सक्षमता उजागर हो। उन्होंने कहा कि के.लो.नि.वि. को धारणा, प्रतिस्पर्धा और संपूर्णता को लक्ष्य बनाते हुए कौशल, आकार और गति को कार्यनीति का हिस्सा बनाना चाहिए।
श्री नायडू ने के.लो.नि.वि. के महानिदेशक श्री जीएस तवरमलानी को लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया। उन्हें के.लो.नि.वि. के विभिन्न पहलुओं में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। संगठन में बेहतर योगदान करने वाले अन्य अधिकारियों को भी महानिदेशक के पदक और प्रशंसा प्रमाणपत्रों से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सुश्री अनीता अग्निहोत्री, सचिव (आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन तथा शहरी विकास विभाग), श्री वी के गुप्ता, महा निदेशक, के.लो.नि.वि., वरिष्ठ अधिकारी और के.लो.नि.वि. के कई पूर्व महानिदेशक भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि सीपीडब्ल्यूडी की स्थापना 12 जुलाई 1854 को की गई थी। इस विभाग को देश की आजादी के बाद बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अन्य भारी निर्माण कार्यों के अलावा राष्ट्रपति भवन, नार्थ और साउथ ब्लॉक, संसद भवन, लुटियंस दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित भवनों को बनाने का श्रेय प्राप्त है। वर्ष 2013-14 में सीपीडब्ल्यूडी ने 10,000 करोड़ रुपए की लागत से कार्य संपन्न कराए। गांधीनगर, भुवनेश्वर, मंडी, पटना, जोधपुर में भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी), विभिन्न राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, नई दिल्ली में संसद एनेक्सी भवन और सुप्रीम कोर्ट भवन का विस्तार इत्यादि बड़े निर्माण कार्य प्रगतिशील स्थिति में हैं।
सीपीडब्ल्यूडी के सभी निर्माण कार्यों में ‘ग्रीन फीचर्स’ को अपनाया जा रहा है।
वर्तमान में सीपीडब्ल्यूडी में कुल 32,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें 5,400 सिविल इंजीनियर, 2,100 इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियर, 360 वास्तुविद और 170 उद्यान विशेषज्ञ शामिल हैं।
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The President, Shri Pranab Mukherjee and the Union Minister for Urban Development, Housing and Urban Poverty Alleviation and Parliamentary Affairs, Shri M. Venkaiah Naidu releasing a book at the 160th Annual Day of Central Public Works Department (CPWD), in New Delhi on July 12, 2014.
सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों की पत्नियों के संघ ने कल्याणार्थ उपराष्ट्रपति को झंडा बेचा
सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों की पत्नियों के संघ ने उपराष्ट्रपति से चंदा लिया
सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों की पत्नियों के संघ ने भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी से आज मुलाकात की। संघ की अध्यक्ष श्रीमती रेख गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति को एक झंडा दिया। यह संघ प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने को सीपीडब्ल्यूडी कर्मचारी कल्याण महीने के रूप में मनाता है। संघ की कल्याणकारी गतिविधियों के लिए झंडों को बेचकर धन जमा किया जाता है।
केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) अधिकारियों की पत्नियों का संघ एक ऐसा संगठन है जो सीपीडब्ल्यूडी के जरूरतमंद कर्मचारियों की सहायता तथा कल्याण, निर्माणरत स्थलों पर बाल बसेरा (क्रेच) को चलाने तथा जरूरतमंद महिलाओं के उत्थान व व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि के लिए कार्य करता है।
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A delegation of CPWD Officers Wives Association led by its President Mrs Rekha Gupta called on the Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari, in New Delhi on March 14, 2014.
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