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नेताजी सुभाषचंद्र बोस संबंधी 25 और गोपनीय फाइलें हुई सार्वजनिक

नेताजी सुभाषचंद्र बोस संबंधी 25 और गोपनीय फाइलें हुई सार्वजनिक
संस्कृति मंत्रालय द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस संबंधी 25 गोपनीय फाइलों की 7वीं किस्त जनता के लिए जारी करके इन्हें वेब पोर्टल www.netajipapers.gov.in पर उपलब्ध
करा दिया गया है
इन फाइलों को संस्कृति सचिव श्री एन.के. सिन्हा ने जारी किया। ये फाइलें 25 फाइलें विदेश मंत्रालय (1951-2006) से सम्बंधित हैं।
याद रहे कि नेताजी से सम्बंधित
100 गोपनीय फाइलों की पहली खेप को 23 जनवरी, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता के लिये जारी किया था।
उसके बाद
50 फाइलों की दूसरी खेप,
25 फाइलों की तीसरी खेप,
25 फाइलों की चौथी खेप,
25 फाइलों की पांचवीं खेप और
25 फाइलों की छठवीं खेप के साथ ही
अब तक कुल 250 फाइलों को जनता के लिए खोल दिया गया है।
जिन 25 फाइलों को आज जारी किया गया है, वे नेताजी से संबंधित फाइलों को जानने के लिए जनता की आकांक्षा के अनुरूप हैं।
इन फाइलों से भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम के बारे में और अनुसंधान करने की सुविधा होगी।
उल्‍लेखनीय है कि 1957 में राष्‍ट्रीय अभिलेखागार भारत को रक्षा मंत्रालय की ओर से आजाद हिन्‍द फौज के संबंध में 990 डी-क्‍लासिफाईड फाइलें प्राप्‍त हुई थीं। इसके बाद 2012 में खोसला आयोग से संबंधित 271 फाइलें/सामग्री तथा न्‍यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग की 759 फाइलें/ सामग्री प्राप्‍त हुई थीं। इस तरह गृह मंत्रालय से कुल 1030 फाइलें/ सामग्री प्राप्‍त हुईं। ये सभी फाइलें सार्वजनिक रिकॉर्ड नियम, 1997 के तहत जनता के लिए खोल दी गई हैं।

ऐतिहासिक महत्त्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे

[नयी दिल्ली]ऐतिहासिक महत्त्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी संविदा कर्मचारियों के ही भरोसे चल रहा है
३००० कर्मचारियों की कमी के चलते 2015-16 में 1720 संविदा कर्मचारियों की भर्ती की गयी।यह स्वीकोरोक्ति संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने लोकसभा में की
सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण [एएसआई]में कर्मचारियों की कमी को स्वीकार किया लेकिन यह भी आश्वासन दिए कि श्रमशक्ति की कमी के चलते ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों का संरक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
संस्कृति मंत्री डॉ महेश शर्मा ने लोकसभा में कलिकेश नारायण सिंहदेव के प्रश्न के उत्तर में स्वीकार किया कि एएसआई में स्वीकृत पदों की संख्या 8,424 है जिसमें केवल 5,501 पद भरे गये हैं।
मंत्री के अनुसार उनके मंत्रालय के अधीन एएसआई समेत समस्त 45 संस्थानों के लिए 15,607 स्वीकृत पदों में 10,284 पद भरे गये हैं। इन सभी संस्थानों में यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाये जाते हैं कि आवश्यक कर्मियों के अभाव में संस्थानों का कामकाज प्रभावित नहीं हो।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पर्याप्त श्रमशक्ति के अभाव में राष्ट्रीय महत्व के किसी स्मारक की अनदेखी नहीं की गयी है।’’ उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति, त्यागपत्र और लोगों की मृत्यु आदि कारणों से खाली होने वाले पदों की आवधिक समीक्षा की जाती है और समय समय पर भर्ती एजेंसियों के साथ रिक्तियों को भरने के लिए उचित कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि संरक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने देने के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की जाती है और इस बाबत 2015-16 में 1720 संविदा कर्मचारियों की भर्ती की गयी।गौरतलब हे के अनेकों विभागों में स्थाई पदों के रिक्तियों के स्थान पर संविदा कर्मी रखे गए हैं

राम बहादुर राय की अध्यक्षता में आईजीएनसीए ट्रस्ट का पुनर्गठन

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने राम बहादुर राय की अध्यक्षता में १९ सदस्यीय आईजीएनसीए ट्रस्ट का पुनर्गठन किया
भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ट्रस्ट का पुनर्गठन किया है। जनहित में इसके न्यासियों का उल्लेख नीचे किया गया है :
१].श्री राम बहादूर राय==========अध्यक्ष
२] डॉ. सोनल मानसिंह==========सदस्य
3 श्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी [टीवी सीरियल चाणक्य]
४].श्री नितिन देसाई
५]श्री के. अरविंदा राव
६]श्री वसुदेव कामथ
७]डॉ महेश चंद्र शर्मा, केवीआईसी के पूर्वाध्यक्ष
८] डॉ. भारत गुप्ता
९] डॉ. एम. सेशन
१०]सुश्री रति विनय झा
११] प्रो. निर्मला शर्मा
१२] श्री हर्ष वेओतिया
१३] डॉ. पद्म सुब्रहमणियम
१४] डॉ. सर्यू दोशी
१५].श्री प्रसून जोशी
१६].श्री डी.पी. सिन्हा
१७\.श्री विराज याज्ञनिक
१८].सचिव, संस्‍कृति मंत्रालय
१९].अतिरिक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, संस्कृति मंत्रालय
२०].सदस्य सचिव, आईजीएनसीए
सदस्य

वाह! ताज कहने वाले भी कहेंगे आह! ताज,ताजमहल का टिकट जो हुआ दोगुना

The President of the Islamic Republic of Pakistan Gen. Pervez Musharraf and Mrs. Musharraf visit the Taj Mahal at Agra on July 15, 2001.

The President of the Islamic Republic of Pakistan Gen. Pervez Musharraf and Mrs. Musharraf visit the Taj Mahal at Agra on July 15, 2001.

[आगरा,यूपी]वाह! ताज कहने वाले भी कहेंगे आह! ताज |ताजमहल का टिकट जो हुआ दोगुना
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ताजमहल और आगरा में आने वाले अन्य सभी स्मारकों में प्रवेश शुल्क आज से बढ़ा दिया है।
एएसआई के अधिकारियों के अनुसार घरेलू पर्यटकों को अब ताजमहल देखने के लिए 20 की जगह 40 रूपए प्रतिव्यक्ति देने होंगे, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क को 750 रूपए प्रतिव्यक्ति से बढ़ाकर 1000 रूपए कर दिया गया है।
शुल्क वृद्धि की आरंभिक योजना के तहत घरेलू पर्यटकों के लिए उसे 50 रूपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 1200 रूपए करना था, लेकिन पर्यटन उद्योग और ट्रैवल एजेंट्स के कड़े विरोध के बाद केन्द्रीय संस्कृति मंत्री ने प्रवेश शुल्क क्रमश: 40 रूपए और 1000 रूपए तय किया।
विदेशी पर्यटकों से मिलने वाले 1000 रूपए प्रवेश शुल्क में से 50 प्रतिशत आगरा विकास प्राधिकरण को मिलेगा जबकि शेष 500 रूपए एएसआई को मिलेंगे।
फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, एतमादुदौला, सिकंदरा और अन्य स्मारकों के प्रवेश शुल्क में भी इसी अनुपात में वृद्धि की गयी है।टूरिज्म लॉबी के दबाब के बावजूद ऐ एस आई के अधीन 116 मोनुमेंट्स क प्रवेश शुल्क बढ़ाया गया है

दशकों से अटकी पढ़ी संग्रहालय+पाक संस्थान परिसर भवनों की संस्कृति मंत्री ने नोएडा में रखी आधारशिला

[नई दिल्ली]दशकों से अटकी पढ़ी संग्रहालय+पाक संस्थान परिसर भवनों की संस्कृति मंत्री ने रखी आधारशिला
केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान और भारतीय पाक संस्थान के परिसर भवनों की आधारशिला रखी
और संस्थानों से रोजगार सृजन, भारतीय संस्कृति और पाक कला को बढ़ावा मिलने का आशा भी व्यक्त की|
पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने आज नोएडा में कला के इतिहास, संरक्षण और संग्रहालय विज्ञान के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान (एनएमआई) और भारतीय पाक संस्थान (आईसीआई) के परिसर भवनों की आधारशिला रखी। एनएमआई संस्कृति मंत्रालय का अंग है जबकि आईसीआई पर्यटन मंत्रालय के अधीन है।
इस मौके पर डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं एक दशक से भी ज्यादा समय से अटके हुए थे परंतु दोनों मंत्रालयों ने कड़ी मेहनत से कम समय में ही इनकी निर्माण प्रक्रिया शुरू करना संभव कर दिया। उन्होंने कहा कि ये संस्थान युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के नए क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने में मददगार होंगे।
पर्यटन और संस्कृति मंत्री ने बताया कि आईसीआई के पहले सत्र की शुरूआत 2017 में हो सकेगी और यह संस्थान अपने तरह के ही विदेशी संस्थानों से भी समझौता करेगा।
संस्कृति सचिव श्री रविन्द्र सिंह ने कहा कि एनएमआई अपना रजत जयंती मना रहा है और इसे छोड़कर देश में कोई दूसरा संस्थान नहीं है जो युवाओं को कला संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रहा हो। यह आगे चलकर देश में पर्यटन को बढ़ावा देगा।
फोटो कैप्शन
The Minister of State for Culture (Independent Charge), Tourism (Independent Charge) and Civil Aviation, Dr. Mahesh Sharma laying the Foundation Stone of the National Museum Institute, Ministry of Culture, in Noida, Uttar Pradesh on January 31, 2015.
The Secretary, Ministry of Culture, Shri Ravindra Singh and the Secretary Ministry of Tourism, Dr. Lalit K. Panwar are also seen.

भारत सरकार के पास नया पुस्‍तकालय स्‍थापित करने का कोई भी प्रस्‍ताव नहीं है:चार सालों में फंड का पूरा उपयोग तक नहीं हुआ

केंद्र सरकार ने आज यह ने स्वीकार किया कि सार्वजनिक नए पुस्‍तकालयों की स्‍थापना के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है भारत सरकार की पुस्तकों के प्रति यह अरुचि आप में एक विरोधाभास है क्योंकि अभी १५ फरवरी को ही अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेले[ Kathasagara] का उदघाटन करते समय सवयम राष्ट्रपति ने बच्चों को साहित्य के सर्व श्रेष्ठय पाठक बताया था और पुस्तकों के प्रकाशन के छेत्र में उल्लेख्नीय भारतीय योगदान की सराहना की थी|पिछले चार सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार की मंशा साफ़ दिखाई देती है बीते चार सालों में सार्वजानिक पुस्तकालयों के लिए आवंटित बजट का पूरा उपयोग तक नहीं किया गया|वर्ष २०१३-१४ के लिए १२१.०६ करोड़ रुपयों के आवंटन के मुकाबिले केवल ६३.९२ करोड़ रुपये ही उपयोग किये जा सके हैं|२०१०-११ में ७५.८६ करोड़ में से ६५.७३ करोड़ का ही उपयोग किय गया| इसीप्रकार २०१२=१३ में भी तीन करोड़ का उपयोग नहीं किया जा सका |
(क) संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्‍तर में बताया कि 6 पुस्‍तकालयों नामत: राष्‍ट्रीय पुस्‍तकालय, कोलकाता, राजा राम मोहन राय पुस्‍तकालय प्रतिष्‍ठान, कोलकाता, दिल्‍ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्‍ली, खुदा बख्‍श ओरिएटंल पब्लिक लाइब्रेरी पटना, रामपुर रज़ा पुस्‍तकालय, रामपुर और केन्‍द्रीय सचिवालय ग्रंथालय, नई दिल्‍ली का प्रशासिनक पर्यवेक्षण करता है। संस्‍कृति मंत्रालय के पास कोई भी नया पुस्‍तकालय स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव नहीं है।
(ख) संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा संचालित सार्वजनिक पुस्‍तकालयों के लिए वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13 और 2013-14 हेतु वार्षिक योजना आबंटन और निधियों के उपयोग संबंधी ब्‍यौरे अनुलग्‍नक-1 पर दिए गए हैं। राज्‍य/संघ-राज्‍यक्षेत्र-वार आबंटन नहीं किए गए हैं।
(ग) और (घ) 12वीं योजना अवधि के दौरान ”राष्‍ट्रीय पुस्‍तकालय मिशन (एनएमएल)- जनता को सेवाएं उपलब्‍ध कराने वाले पुस्‍तकालयों का स्‍तरोन्‍नयन” स्‍कीम का 400 करोड़ रू़ के बजट आबंटन के साथ शुभारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य एक भारतीय राष्‍ट्रीय आभासी पुस्‍तकालय की स्‍थापना करना, मॉडल पुस्‍तकालयों की स्‍थापना करना, पुस्‍तकालयों का मात्रात्‍मक/ गुणात्‍मक सर्वेक्षण करना और क्षमता निर्माण करना है।
(घ) संस्‍कृति मंत्रालय विदेश में कोई भी पुस्‍तकालय संचालित नहीं करता है। विदेश मंत्रालय विदेशों में 37 सांस्‍कृतिक केन्‍द्र और 2 उप-केन्‍द्र संचालित करता है।
सार्वजनिक पुस्‍तकालयों में अंतर्गत योजना आबंटन और उपयोग
(रूपये करोड़ में)
शीर्ष/वित्‍तीय वर्ष
[1]2010-11=================[2]2011-12==============[3]2012-13===========================[4]2013-14
आबंटन=====उपयोग =======आबंटन====उपयोग =======आबंटन===उपयोग =====================आबंटन========उपयोग
सार्वजनिक पुस्‍तकालय
75.86======65.73 ========64.9 ====64.53 =======74.15/71 =====71.25 =============121.96=========63.92

प्राचीन स्मारकों पर हुए अवैध कब्जे हटा लिए गए हैं:केंद्रीय संस्कृति मंत्री

प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों पर हुए अवैध कब्जे हटा लिए गए हैं यह दावा आज राज्य सभा में केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने किया
संस्कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने बताया कि प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल तथा अवशेष 1958 अधिनियम 2010 (संशोधन एवं मान्य) के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्मारकों के परिसर और उनके आस-पास किए गए अति‍क्रमण को हटा दिया गया है।
राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रीमती कटोच ने बताया कि सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1971 (अवैध नियंत्रणकर्ताओं का नि‍ष्‍कासन) के तहत सर्कि‍ल के प्रभारी पुरातत्वविद् अधीक्षक को बेदखली नोटिस/आदेश जारी करने के लिए एक एस्टेट अधिकारी की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल तथा अवशेष 1958 अधिनियम 2010 (संशोधन तथा मान्य) तथा नियम 1959 के तहत उन्‍हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का अधिकार भी दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस अधिनियम के भाग 19(2) तथा भाग 38(2) के तहत ऐसे अवैध निर्माण को हटाने के लिए जिलाधिकारी को भी निर्देश देने का अधिकार होगा। ऐसे अवैध अति‍क्रमण को रोकने और निर्माण की पहचान और उन्‍हें हटाने के लिए संबंधित राज्य सरकार/पुलिस बल की सहायता मांगी गई है। इसमें सफलता न मिलने पर अति‍क्रमण करने वाली के विरुद्ध अदालत में मामला दर्ज कि‍या जाएगा। इसके अतिरिक्त संरक्षित स्मारकों की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा कर्मचारी, राज्य पुलिस बल तथा सीआईएसएफ की सहायता ली जाएगी ताकि इन स्मारकों पर नियमित रूप से निगरानी रखी जा सके।