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दिल्ली के तेवर बदलते ही कश्मीर में हालात सुधरने लगे घाटी में आज भी कफ्र्यू नहीं

[श्रीनगर,कश्मीर] दिल्ली के तेवर बदलते ही कश्मीर में हालात सुधरने लगे घाटी में आज भी कफ्र्यू नहीं
कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में स्थिति के सामान्य होने के संकेत दिखाई देने लगे हैं।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी के आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उपजे तनाव के कई दिनों के बाद फिलहाल घाटी में स्थिति मोटे तौर पर शांतिपूर्ण है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कश्मीर के किसी भी इलाके में आज कफ्र्यू नहीं है
लेकिन घाटी के कई हिस्सों में लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने पर अभी भी प्रतिबंध लागू हैं।
कल किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है |
अलगाववादियों द्वारा किए गए बंद के कारण लगातार 81वें दिन भी आम जनजीवन बाधित ही रहा।
दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सार्वजनिक यातायात सड़कों से नदारद रहा।
घाटी में स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे।
हालांकि श्रीनगर के मध्य में कारों और ऑटोरिक्शा की आवाजाही में वृद्धि दिखाई दी। कुछ इलाकों में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर नजर आए।
घाटी में जारी अशांति के दौरान हुई झड़पों में अभी तक दो पुलिस कर्मियों समेत कम से कम 82 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हो चुके हैं।
फाइल फोटो

जुम्मे की नमाज के बाद हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के दसों जिलों में कफ्र्यू

[श्रीनगर,जे &के]जुम्मे की नमाज के बाद हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर कश्मीर के दसों जिलों में कफ्र्यू,मोबाइल निलम्बित
जुम्मे की नमाज में जुटने वाली भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ताजा हिंसा की आशंका के मद्देनजर कश्मीर में आज कफ्र्यू लगा दिया।
पिछले सप्ताह हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद हुई झड़पों में 36 लोग मारे जा चुके हैं और 3100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार ‘‘कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतिहाती कदम के तहत कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में कफ्र्यू लगा दिया गया है।’’
बीते शनिवार से कश्मीर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है और एक बेचैन करने वाली चुप्पी यहां पसरी हुई है। हालांकि कश्मीर के किसी भी हिस्से से कल किसी बड़ी झड़प की खबर नहीं आई थी।
कफ्र्यू लगाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि इस बात की आशंका है कि जुम्मे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोगों का कुछ निहित स्वार्थ के तहत ताजा हिंसा भड़काने के लिए फायदा उठाया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस और अर्धसैन्य बलों के जवानों को बड़ी संख्या में घाटी में तैनात किया गया है ताकि निषेधाज्ञा का सख्ती के साथ पालन हो।
अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने मोबाइल टेलीफोन सेवाओं को फिलहाल निलंबित कर दिया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सिर्फ बीएसएनएल के पोस्टपेड कनेक्शन ही काम कर रहे हैं।