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मेरठ के टाप कॉप ने निर्धन कूडा बीनने वालों का दुःख दर्द बांटा : पाठ्य सामग्री भी दी

[मेरठ]मेरठ की पोलिस ने अंतिम नागरिक तक सहायता का हाथ पहुँचाने के लिए पहल कर दी है| इस कड़ी में डी आई जी पोलिस के सत्यनारायण ने निर्धन कूडा बच्चों ना केवल पढाई के लिए प्रेरित किया वरन उन्होंने बच्चों को पाठ्य सामग्री भी वितरित की।

एफोर्ट एकेडमी द्वारा कूड़ा बीनने वाले व गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसी कड़ी में रविवार को कई गरीब बच्चों की डीआईजी मेरठ रेंज के. सत्यनारायण से मुलाकात कराई गई | पोलिस अधिकारी ने बच्चों का दु:ख-दर्द बांटा। उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। इसके बाद डीआईजी ने सभी बच्चों को पाठ्य सामग्री भेंट की। इस दौरान एकेडमी के संचालक एवं फैज-ए-आम कालेज के एनसीसी के कैप्टन डा. आईए खान, मो. आबिद, फिरोज खान, प्रदीप कुमार, मो., शोएब, माजिस सलमानी, मो. रिजवान, हाफिज जफर व मो. इमरान मौजूद रहे। डीआईजी ने एकेडमी के सदस्यों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

पोलिस की शिकायत पेटियों वाला प्रयोग लगता है असफल हो गया

पोलिस की शिकायती पेटियों वाला प्रयोग लगता है असफल हो गया

पोलिस की शिकायती पेटियों वाला प्रयोग लगता है असफल हो गया

[मेरठ]उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने एक साल पूरा कर लिया है|इसीलिए उपलब्धियों के ड्रम पीट कर इस परिपाटी को आगे बढ़ाया जा रहा है|इसीके साथ ही कमियों की आलोचना की ओपचारिकता भी निभाई जा रही है| इसीलिए यहाँ सरकार की असफलता में लिपटी उपलब्धता का जिक्र करना जरुरी है|
उत्तर प्रदेश के मेरठ में महिलाओं से छेड़ छाड़+चैन लूट आदि अपराधों की रोक थाम के लिए यहाँ की पोलिस ने बीते साल की १३-१४ जुलाई को शहर में २५ स्थानों को चिन्हित किया और शिकायत पेटियां लगवाईं |इन पेटियों के माध्यम से शिकायतें आमंत्रित की गई|शिकायत कर्ता का नाम पता गुप्त रखे जाने का आश्वासन भी दिया गया| प्रत्येक रविवार को एस एस पी कार्यालय में इन्हें खोल कर इनमे प्राप्त जानकारी पर तत्कालीन एस एस पी के सत्यनारायण [अब डी आई जी]द्वारा कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया गया था| शुरुआती दौर में पेटियों का पेट भरने लगा फिर पोलिस को उत्तेजित करने के लिए इनमे उलटे सीधे सन्देश डाले जाने लगे |पोलिस भी इस झांसे में आ गई|उत्तेजित होने के साथ ही हतोत्साहित भी हुई|इसके फलस्वरूप पेटियों से मोह भंग होने लगा और अब ये आलम है कि जगह जगह पेटियां खुली पड़ी है और व्यवस्था का मज़ाक उड़ा रही है|
|कहते चलें की छेत्र में इस किस्म की चैन लूट + छेड़ खानी की घटनाएँ +प्यार के नाम पर धोके की घटनाएँ हो रही है इससे कानून व्यवस्था की भी समस्या बनती जा रही हैं|इसके प्रति पोलिस पर अनदेखी के आरोप भी लगते हैं| इस सब की रोक थाम के लिए ये शिकायत पेटिओं की व्यवस्था की गई थी|फिल्मो और टी वी सीरियल्स से प्रेरणा लेकर किया गया यह प्रयोग सराहनीय था | अनिल कपूर स्टारर फिल्म नायक और फिर सीरियल अफसर बिटिया में ऐसा ही प्रयोग किया गया था जिसकी सराहना भी हुई थीप्रदेश सरकर के मात्र तीन माह की यह उपलब्धि सराहना थी लगने लगा था कि पूर्व कि गलतियों से सबक ले कर अखिलेश यादव की सरकार अपरोधों पर नियंत्रण के पार्टी गंभीर है लेकिन मात्र एक साल में ही इस छेत्र में किया गया पहला प्रयोग इन पेटियों के माध्यम से असफलता की कहानी कहने लगा हैयह तब है जब इसके जनक |एस एस पी अब यहीं डी आई जी है और बढ़ते अपराधों से शहर चीखने लगा है