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Def.Accts.Deptt,Handling Budget Of 3,44,000 Crores, Celebrates 268th Anniversary

[New Delhi]Def.Accts.Deptt,Handling Budget Of 3,44,000 Crores Celebrates 268th Anniversary
Defence Accounts Department[DAD] Celebrates its 268th Anniversary This Department Handles a Defence Budget Of 3,44,000 Crores
Minister of State for Defence Rao Inderjit Singh has called upon the officers and staff of the Defence Accounts Department to maintain total transparency and probity in the spending of defence finance. Addressing the 268th Defence Accounts Department Day function at New Delhi Shri Singh said the role of the department is very important since it is handling a budget of 3,44,000 crores which is almost 14% of the Union Budget. Giving emphasis on the full utilisation of the Defence Budget in a time-bound manner, he appealed to department officials to look into this aspect. On this occasion as part of the ‘Digital India’ initiative of the Government, the Minister formally launched ePPO for Ex-Servicemen and a Handbook on delegation of powers to Integrated Financial Advisors (IFA).
He also commended the role of the department for its sincere efforts in helping the Government to implement the long overdue One Rank – One Pension (OROP) scheme for the Ex-Servicemen.
Speaking on the occasion Chairman Chiefs of Staff Committee and Chief of Air Staff Air Chief Marshal Arup Raha congratulated the officers and staff of the DAD for observing the Foundation Day. Dwelling upon the role of the Department he highlighted the importance of Internal Audit in the prompt and efficient use of Defence Budget.
On this occasion the Minister presented the ‘Raksha Mantri Awards for Excellence’ to selected DAD employees for their outstanding contribution during the year 2014-15. Among others, Defence Secretary Shri G Mohan Kumar and Financial Advisor (Defence Services) Shri Sudhanshu Mohanty also addressed the gathering.

भारत के राष्ट्रपति ने रक्षा लेखा विभाग [सीडीऐ] को वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी

[नई दिल्ली]भारत के राष्ट्रपति ने रक्षा लेखा विभाग [सीडीऐ] को वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई दी
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने रक्षा लेखा विभाग[डी ऐ डी] के वार्षिक दिवस की पूर्व संध्या पर अपनी बधाई दी है।
अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि “ मुझे ये जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि रक्षा लेखा विभाग अपना वार्षिक दिवस 1 अक्टूबर 2015 को मना रहा है।
रक्षा लेखा विभाग लेखा+बजट प्रबंधन+सैन्य बलों को भुगतान+वित्तीय सलाह के क्षेत्र में सैन्य बलों और सहयोगी संगठनों को बहुमूल्य सेवा प्रदान कर रहा है। प्रेजिडेंट ने कहा के विभाग अपनी जिम्मेदारी “सेवाओं की सेवा” को दक्षतापूर्वक निभा रहा है। इसने तेजी से हो रहे बदलावों के साथ तारतम्य बना कर स्वंय को अवसरों और चुनौतियों के लिए तैयार किया है। प्रेजिडेंट ने कहा\
“मुझे विश्वास है कि रक्षा लेखा विभाग अपने उच्च व्यवसायिक मापदंडो को बरकरार रखते हुए सैन्य बलों की आशाओं को पूर्ण करने में असाधारण प्रतिबद्धता प्रदर्शित करेगा। मैं इस अवसर पर संपूर्ण रक्षा लेखा परिवार को अपनी शुभकामनाएं और बधाई देता हूं और उनके भविष्य में सभी प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।“

IAF Received Shot in Arm by Launch of e-audit Initiative at PCDA[AF] in Dehradun

ARVIND KAUSHAL RANA [IDAS]CGDA

ARVIND KAUSHAL RANA [IDAS]CGDA

IAF Received Shot in Arm by Launch of e-audit Initiative at PCDA[AF] in Dehradun
The Integrated Material Management Online System (IMMOLS) of the Indian Air Force (IAF) received a shot in the arm by the launch of the e-audit initiative at the PCDA[AF]in Dehradun,
The audit function of IMMOLS, which had hitherto not been digitised, was launched formally by Shri Arvind Kaushal,[IDAS] Controller General of Defence Accounts (CGDA) along with Shri AN Saxena, Addl CGDA (IT).
Air Marshal Sukhchain Singh , Air Officer-in-charge Maintenance (AOM) with Air Vice Marshal RP George, Asst Chief of Air Staff (ACAS) (Logistics) and the team of officers from Directorate of IMMOLS, Air Headquarters. The software partner M/s Tata Consultancy Services was represented by Shri KV Narayanan.
The digitisation of the audit function is a huge step in the direction of enhancing transparency and probity in various functions related to stores, financing and accounting of the logistics chain management system of the IAF. The digitised system has now replaced the manual system of originating vouchers and sending them through mail to PCDA [AF]Dehradun. Now the entire information and data required by these offices for audit would be made available on the digital medium at all times.
The two key offices of Defences audit i.e the Principal Controller of Defence Accounts, Air Force (PCDA, AF) Dehradun and the Joint Controller of Defence Accounts (JCDA), Nagpur have now been provided online connectivity with the IMMOLS system of IAF.
The Defence Accounts Department (DAD) which has lived through more than two and half centuries is one of the oldest departments under the Government of India. The Defence Accounts Department (DAD) which is headed by Controller General of Defence Accounts(CGDA) is at present responsible for the Financial Advice, Payments, Accounting and Internal Audit of the Expenditure and Receipts of the Defence Services and other Defence-related Organizations

रक्षा लेखा विभाग [DAD]की ट्रांसफर पालिसी के खिलाफ एक बार फिर से असंतोष के स्वर उठने लगे

[नई दिल्ली]रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा लेखा विभाग [ CGDA ]की स्थानांतरण नीति [विशेषकर हार्ड स्टेशन] के खिलाफ स्टाफ में एक बार फिर से असंतोष के स्वर उठने लग गए हैं |कठिन स्टेशनों पर निर्धारित टेन्योर पूरा कर चुके कर्मियों को उनके एैच्छिक स्टेशनों पर तत्काल ट्रांसफर की मांग की जा रही है |
गौरतलब है कि चार दशकों के पश्चात इस वर्ष की मार्च २८ को विभागीय स्थानांतरण नीति को फार्मूलेट किया जा चूका है जिसमे अनेकों बदलाव के दावे भी किये जा रहे हैं लेकिन स्टाफ एसोसिएशन्स का आरोप है कि विभागीय मनमानी चलाने के लिए अनेकों आदेश/परिपत्र ऐसे निकाले गए है जिनसे ट्रांसफर नीति की मूल भावना की हानि हो रही है|इसीके फलस्वरूप पीड़ित कर्मियों को को न्याय नहीं मिल पा रहा है|
आल इंडिया डिफेन्स एकाउंट्स एम्प्लाइज एसोसिएशन [कलकत्ता] के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्द्र चौधरी ने विभाग से यह मांग की है कि कठिन छेत्रों में अपना टेन्योर पूरा कर चुके कर्मियों को तत्काल उनके एैच्छिक स्टेशन पर ट्रांसफर किया जाये |इस विषय में कानूनी कार्यवाही के लिए कानून विशेष्ज्ञों से सलाह मशविरा भी प्रारम्भ हो गया है|
इसके अलावा मेरठ कार्यालयों से बाहर कार्यरत कर्मियों के साथ भी अन्याय के आरोप हैं| एसोसिएशन का मानना है कि एकेडेमिक सेशन में ही कर्मियों के ट्रांसफर होने चाहिए| अन्यथा उनके बच्चों के शैक्षिक सत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जोकि अमानवीय है और पूरे परिवार का उत्पीड़न है | इसीके फलस्वरूप एसोसिएशन द्वारा अकेडमिक सेशन के अलावा किया गए ट्रांसफर को तत्काल निरस्त किये जाने की मांग भी उठाई गई है| इसके अलावा महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए उन्हें नजदीक के कार्यालयों में ही ट्रांसफर किया जाना चाहिए |एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि यदि मेरठ में कार्यरत महिला कर्मियों को ट्रांसफर करना बहुत आवश्यक ही हो तो उन्हें केवल और केवल नजदीक के मुरादनगर में ट्रांसफर किया जाना चाहिए|

केंद्र सरकार रक्षा लेखा कर्मचारियों के हितों को दबाने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

AIDAEA PRESIDENT Yatinder Choudhry Addressing P C In C D A Meerut

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के हितों को दबाये रखने के लिए निरंतर न्यायालयों के चक्कर लगा रही हैं जिसमे सरकार स्वयं ही फंसती जा रही हैंजिसके फलस्वरूप कर्मचारियों में अपनी ही सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है इसका खामियाजा सत्ता रुड दलों को चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है|कमोबेशयही आरोप आज रक्षा लेखा विभाग के शीर्ष नेताओं ने लगाए |नेताओं के अनुसार विभाग द्वारा कर्मचारियों के उत्पीड़न के लिए माननीय कोर्ट की भी घोर अवमानना की जा रही है |
आयुध पथ स्थित आर टी सी हॉस्टल में अखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ[कलकत्ता] की आहत एक बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी और महा सचिव जी पी दत्ता ने अपने सदस्यों को एक मेनिफेस्टो के रूप में अपनी एसोसिएशन की उपलब्धि+प्रतिबद्धता+समस्याओं की जानकारी दी और सदस्यता अभियान को गति देने को प्रेरित किया|यतीन्द्र चौधरी ने बताया कि पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों पर वेतन मान नहीं देने के लिए रक्षा लेखा विभाग ने फ़ाइल डी ओ पी टी की तरफ सरका दी जहाँ से अदालत का रास्ता दिखाया गया |अदालत में हारने के बावजूद रिव्यू जैसे गड्डों में डाला जा रहा है| इससे केवल रक्षा लेखा विभाग के ही ६००० कर्मचारी प्रभावित हैं इनमे से कई तो रिटायर भी हो चुके हैं|
विभाग ने चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के साथ भी सहानुभूति नहीं दिखाई है इनके प्रोमोशन के लिए ट्रेनिंग और परीक्षा पर लगभग डेड करोड़ रूपये खर्च किये जा चुके हैं उसके बावजूद इनका रिजल्ट नहीं डिक्लेअर किया जा रहा|
अनुकम्पा मूलक आधार पर न्युक्ति के सैकड़ों मामलों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही |
सेवानिवृति के पश्चात सी एस डी कैंटीन की सुविधा समाप्त कर दी गई हैयदपि यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है लेकिन कर्मचारियों के हितों की पैरवी नहीं की जा रही यह मामला भी अब जबल पुर की अदालत में चल रहा है
अधीनस्थ कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों के स्थाई पहचान पत्र नहीं बनाये जा रहे
लेखा नगर आदि आवासीय कालोनियों में रखरखाव में कोई रूचि नहीं ली जा रही यतीन्द्र चौधरी ने इन समस्यायों को जॉइंट कौंसिल आफ मेंबर्स[ JCM ] की आगामी बैठक में उठाने और सातवें वेतन आयोग के समक्ष उठाने का का आश्वासन दिया
उपाध्यक्ष करण प्रदीप ने सेवानिवृति के लिए निर्धारित तिथि में परिवर्तन की मांग की उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी को एक जुलाई से वेतन वृद्दि[ AnnualIncrement ] का प्रावधान हैयदि किसी कर्मचारी ने ३० जून को एक वर्ष पूरा कर लिया है और उसकी सेवा निवृति एक जुलाई से पूर्व होती है तो उसे एनुअल इन्क्रीमेंट नहीं मिलता है
बैठक में राकेश मालिक +महेंद्र सिंह+महक सिंह+सतीश ग्रोवर आदि ने भाग लिया