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दिल्ली विधान सभा के चुनांवों के नतीजों के एग्जिटपोल पर प्रतिबंध

(नईदिल्ली)दिल्ली विधान सभा के चुनांवों के नतीजों के एग्जिटपोल पर प्रतिबंध ,चुना ८ फ़रवरी को होने है
निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव, 2020 के लिए तय मतदान के दिन 8 फरवरी, 2020 (शनिवार) को सुबह 8 बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी तरह का एग्जिट पोल करने और एग्जिट पोल के नतीजे को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य माध्यम से प्रकाशित या प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके साथ ही, जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126(1) (ब) के तहत दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के लिए तय समय से पहले के 48 घंटे के दौरान ओपिनयन पोल के नतीजे या कोई अन्य चुनाव सर्वेक्षण जैसे चुनाव से संबंधित किसी भी सामग्री का किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दिल्ली विधान सभा के लिए ८ फरवरी को चुनाव

(नई दिल्ली) दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 8 फरवरी को , मतगणना 11 फरवरी को
निर्वाचन आयोग ने राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली में विधान सभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है। विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए एक ही चरण में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। नामांकन पत्र 14 से 21 जनवरी तक दाखिल किए जा सकते हैं। इनकी जांच 22 जनवरी को होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 24 जनवरी है।
कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्‍या 1,47,03,692 है।

विधानसभा में बेचारे सांप को पकड़ लिया तो क्या कमाल कर दिया


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

वाइल्ड लाइफ वर्कर

औए झल्लेया दिल्ली विधान सभा में ५ फिट का सांप मिला है |कमीना एयर कूलर की ठंडी हवा का मजा ले रहा था | हमने मौके पर पहुँच कर तुरंत उसे काबू में किया और दिल्ली के विधायकों की जान बचाली

झल्ला

ओ मेरे भोले बादशाहो! कमला नेहरू रिज से भटके इस बेचारे सांप को तो आपने पकड़ लिया लेकिन यहां तो इससे बढे और जहरीले जीव हैं उनका क्या ?उन्हें कौन काबू करेगा ??

“आप” ने मात्र अराजकता फ़ैलाने के लिए ही”एक्ट”के विरुद्ध आयोग गठित कर दिया?डीडीसीऐ

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आप पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये हसाडे सी एम अरविन्द केजरीवाल साहिब ने डी डी सी ऐ घोटाले की जांच के लिए भरी असेंबली में जांच आयोग को पारित करायाऔर अब ये उपराज्यपाल नजीब जंग अरुण जेटली को बचाने के लिए हसाडे असेंबली में पास कराये गए गोपाल सुब्रामियम आयोग को ही असंवैधानिक बता रहे|कहा जा रहा है के कमीशन आफ इन्क्वायरी एक्ट के अनुसार दिल्ली की सरकार को आयोग गठन करने की इजाजत नहीं है हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान “आप” ने मात्र अराजकता फ़ैलाने के लिए ही “एक्ट”के विरुद्ध आयोग गठित कर दियाक्या ?
आप ये कहना चाहते हो के कमीशन आफ इन्क्वायरी एक्ट की जानकारी आपलोगों को नहीं है और आपने डी डी सी ऐ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोग गठित कर दिया तो आप लोग सत्ता सुख भोगने के काबिल ही नही हो और अगर जानबूझ कर अराजकता फैला रहे हो तो भी आपकी जगह विपक्ष में ही होनी चाहिए

दिल्ली विधानसभा से भाजपा के तीनों विधायकों को आज भी बलपूर्वक बाहर निकाला

[नयी दिल्ली] दिल्ली विधानसभा से भाजपा के तीनों विधायक आज भी बलपूर्वक बाहर निकाले गए| ये लोग वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांगकर रहे थे|
भाजपा के सभी तीन विधायकों को आज मार्शल के जरिये दिल्ली विधानसभा से बाहर कर दिया गया जब वे अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और चतुर्थ दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।
भाजपा विधायकों विजेंद्र गुप्ता+ओ पी शर्मा + जगदीश प्रधान को सदन से बाहर किया गया जब वे अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मार्शलों को निर्देश दिया कि वे उन्हें विधानसभा से बाहर ले जाएं और बजट की कार्यवाही जारी रखी।
विधानसभा में आज दिल्ली का साल 2014-15 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया।इस पर बिना विपक्ष के चर्चा हुई
भाजपा विधायक ओ पी शर्मा को कल विधानसभा के बाहर किया गया था जब उन्होंने कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया था। वह पहले अध्यक्ष के आसन के सामने आए और फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास पहुंच गए और उन्हें बयान देने से रोका।

“आप”पार्टी की दिल्ली सरकार टकराव या आलोचना के मूड से कब बाहर निकलेगी

[नयी दिल्ली] “आप”पार्टी की दिल्ली सरकार टकराव या आलोचना के मूड से कब बाहर निकलेगी दिल्ली में एस्मा के डंडे के डर से प्रदेश के १५००० डाक्टरों ने अपनी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी है इससे असंतोष की एक और लहर को दूसरी तरफ मोड़ दिया गया है जोकि लगभग सवालाख नागरिकों के लिए राहत की खबर हो सकती है लेकिन डाक्टरों और सरकार में इस टकराव ने अनेको प्रश्न भी खड़े किये हैं जिनका समय रहते समाधान आवश्यक है| यह कहना आवश्यक ही होगा के प्रदेश सरकार की टकराव नीति से बिजली+पानी +सफाई समस्या और चिकित्सा व्यवस्था चरमरा चुकी है|असेम्ब्ली में भी नाम मात्र के विपक्ष पर मार्शल प्रयोग किया जा रहा है | उपराज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से केंद्र पर निशाने बाजी आम हो चली है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से डाक्टरों पर एस्मा लगाने के लिए फ़ाइल को केंद्र द्वारा नामित गृह सचिव धरम पाल के माध्यम से भेजी गई जबकि अभी तक अरविन्द केजरीवाल अपने सचिव राजेंद्र कुमार को ही गृह सचिव बनाये हुए थे
बिजली+पानी के संकट से जूझ रही दिल्ली ने अभी हाल ही में सफाईकर्मियों के आक्रोश को भी झेला है,उसके तत्काल पश्चात डॉक्टर्स की यह हड़ताल और मरीजों की बेहाली चिंता का विषय है |आम आदमी पार्टी के सवा सौ दिनी शासन में आये दिन एक नई समस्या+एक नई मुसीबत+एक नया झमेला+एक नया आंदोलन क्या किसी अज्ञात नीति के अंतर्गत है?या फिर सरकार की अनुभव हीनता का परिणाम है ?? या फिर कोरी हटधर्मिता ही है ये यक्ष प्रश्न आज जन मानस के मन में तैर रहे हैं|आप पार्टी के विधायकों पर आरोप लगने शुरू हो गए हैं फर्जी डिग्री से लेकर फर्जी एनजीओ की जांच चल रही है यहां तक के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की “कबीर” भी संदेह के घेरे में हैं| सम्भवत इसीलिए सरकार बनाने के पश्चात भी”आप”पार्टी टकराव या आलोचना के मोड़ से बाहर नहीं निकल पाई है| +विपक्ष पर मार्शल का प्रयोग +बिजली +फर्जी डिग्री हो+सफाई कर्मियों का आंदोलन हो सभी का ठीकरा केंद्र सरकार पर ही फोड़ना एक शगल बन चुका है| आश्चर्यजनक रूप से फर्जी डिग्री वाले कानून मंत्री की गिरफ्तार पर असेंबली में बोलते हुए अरविन्द केजरीवाल केंद्र सरकार को ही उपदेश देने में लग गए जिसके फलस्वरूप नाम मात्र के विपक्ष की भूमिका निभा रहे भाजपा के विधायकों ने विरोध किया तो उन्हें मार्शल से बाहर निकलवा दिया गया|
असंतुष्ट डाक्टरों को ट्वीटर के माध्यम से समझाने में नाकाम रहने पर दिल्ली सरकार द्वारा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम [एस्मा]लागू करके दमनात्मक कार्यवाही के लिए टकराव का मार्ग खोला जिसके फलस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों ने दो दिन से चल रही अपनी हड़ताल रात समाप्त तो कर दी लेकिन उनकी २४ मांगें अभी भी ज़िंदा है जिनके समाधान के लिए सरकार की तरफ से मात्र ट्वीटर पर ही आश्वासन दिए जा रहे हैं ऐसे आश्वासन पहले भी दिए जा चुके हैं| इस हड़ताल की समाप्त की सूचना भी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट करके ही दी है
गौरतलब है के सरकारी अस्पतालों के डाक्टर कार्य स्थल पर सुरक्षा की कमी+जीवन रक्षक दवाओं का अभाव + समय पर वेतन भुगतान न होने की शिकायत के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।

दिल्ली में प्रचंड बहुमत वाली केजरीवाल सरकार ने विधानसभा सत्र में नाम मात्र के विपक्ष की आवाज को भी दबाया

[नई दिल्ली] दिल्ली में प्रचंड बहुमत वाली केजरीवाल सरकार ने विधानसभा सत्र में नाम मात्र के विपक्ष की आवाज को भी दबाया|
७० विधायकों वाली सभा में ६७ विधायक आम आदमी पार्टी के हैं जबकि मात्र तीन विधायक भाजपा के हैं|केंद्र के नोटिफिकेशन पर चर्चा के लिए बुलाई गई दो दिवसीय सत्र में भाजपा के विधायक ओ पी शर्मा ने सदन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये |केंद्र की आलोचना कर रही “आप” विधायक अलका लाम्बा से भी बहस हुई| इस पर स्पीकर राम निवास गोयल ने मार्शलों को बुला कर विधायक शर्मा को सदन से बाहर निकलवा दिया |केंद्र द्वारा उपराज्यपाल नजीब जंग को पावर देने सम्बन्धी जारी नोटिफिकेशन पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय सत्र बुलाया गया है |

दिल्ली विधान सभा भंग कराने के लिए अब “आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे

[नई दिल्ली]दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब नीति के अंतर्गत”आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे |
दिल्ली की विधानसभा भंग कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब बनाने के लिए “आप” पार्टी द्वारा पांच सवाल दागे गए हैं
उपराज्यपाल श्री नजीब जंग ने 4 सितंबर को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्यौता देने की अनुमति मांगी है जिसका कांग्रेस और “आप” विरोध करती आ रही हैं |
“आप” पार्टी का कहना है कि उपराज्यपाल का राष्ट्रपति को पत्र लिखना बहुत ही गंभीर घटना है और उपराज्यपाल के इस कदम की संवैधानिक वैद्यता पर कई जटिल सवाल उठ खड़े होते हैं। इस पूरी कवायद में नैतिकता की कमी भी दिखती है।राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर उपराज्यपाल के चुप्पी साधने और दिल्ली में संविधान का हनन करने की कोशिशों पर केंद्र सरकार द्वारा अपनी आंखे बंद करने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताजा हालात के मद्देनजर उपराज्यपाल से अपेक्षित कुछ जटिल सवालों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
विधायकों को रिश्वत देने के बीजेपी के प्रयासों के तमाम सबूत संबंधित अधिकारियों को सौंपे जाने के उपरान्त आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल से पांच सवाल पूछे हैं
[1]माननीय उपराज्यपाल महोदय, क्या यह एक महज संयोग है कि आप दिल्ली में हर कीमत पर बीजेपी की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल के नेता डा. हर्षवर्धन लिखित में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बहुमत न होने के कारण वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, तो क्या अब भाजपा अपने स्टैंड से पलट गई है?
[2] आप बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने से क्यों छूट दे रहे हैं
[3] पिछले वर्ष दिसंबर में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बननी थी तो आपने समर्थन पत्र पर जोर दिया था। आम आदमी पार्टी द्वारा 36 विधायकों का समर्थन पत्र दिए जाने के बाद ही आपने सरकार बनाने की अनुमति दी थी। वही मानदंड आज बीजेपी के लिए क्यों नही?
[4]इस वर्ष फऱवरी में जब अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस्तीफा दिया था तब भी बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी थी। तब आपने बीजेपी को न्योता क्यों नहीं दिया ?
[5] संवैधानिक पद पर आसीन होते हुए आप कैसे असंवैधानिक तरीके से सरकार गठन की अनुमति दे सकते हैं जबकि इस मामले में हम आपको अहम सबूत पहले ही सौंप चुके हैं ?

“आप”ने ,अबकी बार, भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप दोहराने के लिए रिकार्डेड वायस मैसेज का सहारा लिया

आप पार्टी ने एक बार फिर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा कर राजनीतिक सनसनी पैदा करने का प्रयास किया|लेकिन इस बार पार्टी के मुखिया ने रिकार्डेड वायस मैसेज जारी किया है| आम आदमी पार्टी[आप]के सर्वोच्च नेता अरविन्द केजरीवाल ने रिकार्डेड वायस मैसेज जारी किया है जिसमे भाजपा पर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है और इस सियासी तिजारत के लिए २० करोड़ रुपये प्रति विधायक बताई गई है|
दिल्ली विधान सभा में आप पार्टी के 27 और भाजपा के 28 विधायक हैं। कांग्रेस के खाते में केवल आठ विधायक हैं।दो निर्दलीय+जदयू + भाजपा समर्थक शिरोमणि अकाली दल से एक-एक विधायक हैं।कुल ७० विधायकों वाली वि सभा में तीन सीटें खाली भी हैं | ऐसे में सरकार बनाने के लिए५०% =३४ विधायकों की जरुरत होगी|इन आकंड़ों के अनुसार २८ विधायकों वाली भाजपा द्वारा ,बहुमत के लिए, खरीद फरोख्त की संभावना जताई जा रही है |इसके लिए केजरीवाल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने का भी आग्रह किया है