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डीडीऐ की नई उज्जवल हाउसिंग स्कीम का भविष्य क्या होगा?

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया मुबारकां! हसाड़े कर्मठ वेंकैय्या नायडू साहिब के अथक प्रयासों से दिल्ली विकास प्राधिकरण[डीडीऐ]अगले महीने से १२ हजार नए मकानों की स्कीम ला रहा है|ओऐ! अब बिल्डर्स के शिकंजे से मुक्त होंगे और सब जरुरत मंदों को सस्ते मकान मिल जायेगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सेठ जी !खैर मुबारक जी! लेकिन १९७९ में भी ऐसी ही स्कीम निकाली गई थी जिसे २००६ में पूरा किया गया लेकिन उनकी फाइलें अभी भी डी डी ऐ के एकाउंट्स सेक्शन में फसी हैं |डी डी ऐ में किसी को यह नहीं पता के
कितने मकान दिए गए+
कितनों से पैसा वसूला गया +
कितनों को माफ़ किया गया
और लंबित पैसे वसूलने के लिए क्या कार्यवाही की गई
इसके पार्श्व में डीडीऐ की नई उज्जवल हाउसिंग स्कीम के भविष्य का क्या होगा?

डीडीए में उदय प्रताप सिंह[आईएएस] बने उपाध्‍यक्ष

[नई दिल्ली]दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी [डीडीए] में उदय प्रताप सिंह[आईएएस] बने उपाध्‍यक्ष
१९८४ बैच के आईएएस उदय प्रताप सिंह,की डीडीए में उपाध्‍यक्ष पद पर नियुक्ति की गई है।
वे तत्काल प्रभाव से अपनी नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
अरुण गोयल, आईएएस की नियुक्ति श्रम और रोजगार मंत्रालय में एएस और एफए के पद पर की गई है। डी डी ऐ की वेबसाइट पर अभी वाईस चेयरमैन के पद पर उन्हें ही दिखाया गया है|
नये पद की जिम्‍मेदारी संभालने तक वे श्रम और रोजगार मंत्रालय में रह सकते है।
इनके आलावा १९८६ बैच के आई ऐ एस क्षत्रपति शिवाजी,की नियुक्ति एशियाई विकास बैंक, मनीला में कार्यकारी निदेशक के पद पर उमेश कुमार, आईएएस के स्‍थान पर की गई है।

डी डी ऐ फ्लैट आरक्षण के लिए पहले तय तो कर लो कि २५ हजार असली दिल्ली वाले कौन हैं ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये अब दिल्ली वालों को ही दिल्ली विकास प्राधिकरण[ DDA ] के पर्यावरण फ्रेंडली+बिजली बचाने वाले पच्चीस हजार फ्लैट मिलेंगे |उपराजयपाल नजीब जंग महोदय ने भी २५ अगस्त से शुरू हो रही स्कीम में ८०% फ्लैट दिल्ली वालों को देने के लिए कलम चला दी हैं|ओये ५७ सालों से लाखों फ्लैट बाहरी लोग ही लेजाते रहे हैं और फिर ब्लैक कर देते हैं |अब कम से कम दिल्ली वालों को तो रहने को सस्ती छत मिलेगी

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी पहले ये तो तय कर लो कि दिल्ली वाला किसे मान रहे हो?आजादी से पहले वाला या आजादी के बाद वाला+पंजाबी या फिर उर्दू वाला+बिहार वाला या फिर यूं पी वाला+ठेले वाला या फिर सरकार वाला तभी तो आप लोगों को चुनावों में अपेक्षित लाभ मिलेगा वरना तो डी डी ऐ में बंद कमरे में नीलामी की प्रथा है ही

दिल्ली में डीडी ऐ द्वारा टैक्स पेयर्स के धन से निर्मित हजारों फ्लैट्स खाली पड़े हैं

भारत में बेघर+बेसहारा+निर्धन लोग खाली पेट खुले आसमान,पाइप लाइन या फिर झोपड़ पट्टी में बसर करने को अभिशिप्त हैं लेकिन शासन+प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते टैक्स पेयर्स के धन से बनाये गए फ्लैट्स ३० वर्षों से खाली हैं| ये और कहीं नहीं वरन देश की राजधानी दिल्ली में ही हैं | दिल्ली में कुल 5,967 डीडीए फ्लैट खाली पड़े हैं|भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार डीडी ऐ द्वारा निर्मित खाली पड़े फलैटों में एचआईजी+ एमआईजी+एलआईजी+एसएफ+ईडब्ल्यूएस सहित विभिन्न श्रेणियों के फ्लैट शामिल हैं।ये फ्लैट्स दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बनाये हैं |
सबसे अधिक 2,744 एलआईजी फ्लैट खाली पड़े हैं,
इसके बाद ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 1,290
एसएफएस श्रेणी के 896 और
एमआईजी श्रेणी के 866 फ्लैट खाली हैं।
सबसे अधिक 1,908 फ्लैट द्वारका में,
उसके बाद 1,811 रोहिणी में और
1,113 उत्तरी दिल्ली में खाली पड़े हैं।
विभिन्न श्रेणियों के इन फ्लैटों का निर्माण 1984 से 2010 के बीच हुआ है।
इन फ्लैटों के खाली रहने से राजकोष को होने वाली हानि का अभी मूल्यांकन नहीं हुआ है और न ही फिलहाल इनकी नीलामी करने का प्रस्ताव है।
यह जानकारी लोक सभा में शहरी विकास राज्य मंत्री श्रीमती दीपा दासमुंशी द्वारा एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी जा चुकी हैं |