[नई दिल्ली]नोटबंदी से जूझ रहे केंद्रीय सरकार के कर्मियों को एक महीने का अग्रिम वेतन मिलेगा
केन्द्र सरकार के ग्रुप-सी के कर्मचारियों तथा रक्षा और अर्धसैनिक बलों, रेलवे तथा केन्द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के समकक्ष स्तर के कर्मचारियों को 10,000 रूपये नकद तक वेतन अग्रिम निकालने का विकल्प होगा।
यह राशि नवम्बर, 2016 के वेतन में समायोजित की जाएगी।
500 रूपये तथा 1000 रूपये के प्रचलन को निरस्त किये जाने के बाद केन्द्र सरकार ने किसानों, छोटे कारोबारियों, केन्द्र सरकार के ग्रुप-सी के कर्मचारियों और रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों, रेलवे, केन्द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के समकक्ष स्तर के कर्मचारियों की सहायता के लिए अनेक कदम उठाये है।
18 नवम्बर, 2016 से पूरे देश में बैंकों से 500 रूपये तथा 1000 रूपये के नोटों को बदलने की सीमा 4500 रूपये से घटाकर 2000 रूपये करने का निर्णय लिया गया।
500 रूपये तथा 1000 रूपये के नोटों के लीगल टेंडर स्वरूप निरस्त किये जाने के बाद भारत सरकार ने निम्नलिखित निर्णय लिए है।
[१] किसानों को उनकी खेती की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रति सप्ताह 25 हजार रूपये निकालने की अनुमति होगी। नकद निकासी सामान्य ऋण सीमा और शर्तों के साथ बंधी होगी। यह सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर भी मिलेगी।
[२]एपीएमसी बाजारों/मंडियों से पंजीकृत कारोबारियों को कारोबार के लिए प्रति सप्ताह केवाईसी अनुपालन वाले खातों से 50 हजार रूपये प्रति सप्ताह निकालने की अनुमति होगी।
[३] फसल बीमा प्रीमियम भुगतान की अंतिम अवधि 15 दिन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
[४]चेक और डिजिटल माध्यमों से शादी-विवाह के खर्चों को पूरा करने में प्रोत्साहन देते हुए शादी विवाह वाले परिवारों को अपने बैंक खातों से 2,50,000 रूपये नकद निकालने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। इन खातों के लिए केवाईसी अनुपालन आवश्यक है। यह राशि माता-पिता या विवाह सूत्र में बंधने वाले व्यक्ति ही निकाल सकते हैं। इनमें से केवल एक को राशि निकालने की अनुमति होगी। 2,50,000 रूपये की सीमा लड़के और लड़की दोनों के परिवारों के लिए अलग-अलग लागू होगी। ऐसी राशि निकालने वाले व्यक्ति को अपने ‘पैन’ का ब्यौरा देना होगा। राशि निकालने वाले व्यक्ति को यह स्वत: घोषित करना होगा कि उसके परिवार का केवल एक व्यक्ति ही राशि निकाल रहा है।
[५]वर्तमान में काउंटर से 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट बदलने की सीमा प्रति व्यक्ति 4500 रूपये है। यह सूचना मिली है कि एक ही व्यक्ति बार-बार काउंटर पर जाकर नोट बदल रहे है और इस सुविधा का लाभ स्वयं उठा रहे हैं और नोट बदलने से अन्य लोगों को वंचित कर रहे हैं। यह सूचना भी मिली है कि कुछ संगठित समूह अपने काले धन को सफेद बनाने के खेल में लगे है। यह आशा की जाती है कि लोग अपने पुराने नोट बैंकों में जमा करवायेंगे। लोगों की सुविधा के लिए काउंटर से 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट बदलने की अधिकतम सीमा 4500 रूपये से 2000 रूपये करने का फैसला लिया गया है। यह सुविधा केवल एक व्यक्ति को मिलेगी। 4500 रूपये से नोट बदलने की अधिकतम सीमा घटाकर 2000 रूपये करने का निर्णय 18 नवम्बर, 2016 से लागू होगा।
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नोटबंदी से जूझ रहे केंद्रीय सरकार के कर्मियों को एक महीने का अग्रिम वेतन मिलेगा
प्रमं”मोदी”ने नोटों पर फैसले की सराहना पर पत्रकारों को ‘सलूट’ किया कहा”थैंक यू”
[नयी दिल्ली] प्रधानमंत्री ने नोटों पर अपने फैसले की सराहना पर पत्रकारों को सलूट किया और “थैंक यू” कहा|
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा और कर्नाटक में अपनी रैलियों के दौरान जनता से खड़े होकर तालियां बजा कर समर्थन देने का आग्रह किया |दोनों राज्यों में विशाल जनसमूह ने खड़े होकर तालियां बजा कर मोदी के फैंसले का समर्थन किया |कर्नाटक की रैली में उपस्थित पत्रकारों ने भी खड़े होकर तालियां बजाई |इस पर पी एम् ने मंच से ही पत्रकारों को सलूट किया
बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले भाजपा की एक बैठक में शरीक होने के लिए प्रधानमंत्री आज यहां पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग पहुंचे। वहां कुछ पत्रकारों ने भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट और आतंकवाद वित्तपोषण से निपटने के लिए 500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट को अमान्य करने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
प्रधानमंत्री ने इसे स्वीकार करते हुए और मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘थंक यू भैया।’’ इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री बनारस+गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश में थे वहां भी रैली में जनता ने खड़े होकर तालियां बज कर पी एम् को समर्थन दिया
मोदी सरकार अब माइक्रो ऐ टी एम् से भी कैशट्रांजेक्शन करेगी :नोटबंदी
[नई दिल्ली]मोदी सरकार अब माइक्रो ऐ टी एम् से भी कॅश ट्रांसक्शन करेगी|नोटबंदी के फलस्वरूप ऐ टी एम् और बैंक ब्रांचों पर लोगों की जमा हो रही भीड़ कू सहूलियत के लिए केंद्र सरकार अब देश भर में माइक्रो ऐ टी एम् तैनात करेगी |यह जानकारी आज प्रेस कांफ्रेंस में डी ई ऐ शशि कान्त ने दी |उन्होंने बताया के देश भर में १३०००० पोस्ट ऑफिसेस [डाक घर]हैं यहां से भी कैश ट्रांजेक्शन की जा सकती है
यूपी में सत्तारूढ़ स पा ने नोटबंदी के लिए अंतिम तिथि बढ़ाये जाने की मांग की
[लखनऊ,यूपी] यूपी में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने नोटबंदी के लिए अंतिम तिथि बढ़ाये जाने की मांग की
प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने जनमानस की दुहाई देते हुए ५०० रुपयों के नोटों की वैधता ३० नवम्बर तक बढ़ाये जाने की मांग की है|मुख्य मंत्री ने लिखा है के उनकी सरकार काल धन और नकली नोटों के प्रचलन के खिलाफ है लेकिन वर्तमान में बैंकों और ऐ टी एम् में पर्याप्त पैसा नहीं होने के कारण जनता को परेशानी हो रही है इसीलिए ५०० रुपयों के नोटों की वैधता ३० नवम्बर तक बढ़ा दी जाये
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिव पाल सिंह के अनुसार प्रचलित नोटों पर अचानक रोक लगाने के कारण किसान रबी की बुवाई के वक्त घण्टों सहकारी समितियों एवं दुकानों के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहने के बावजूद चार बोरी खाद व बीज खरीद नहीं पा रहा
क्योंकि उसके पास नई मुद्रा उपलब्ध नहीं है।
शिव पाल सिंह के अनुसार ज नता तक नई नोट पहुंचाने में केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो चुकी है।
पीएम “मोदी” को “कांग्रेस” मरवा सकती है?
[पणजी,गोवा] पीएम मोदी ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया के कांग्रेस उन्हें मरवा सकती है|गोवा में विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह में जनसमूह को संबोधित करतेहुए पीएम् ने कहा के जो लोग ७० सालों से देश को लूटने में लगे थे वोह आज स्वयम लुट गए हैं |८ नवम्बर की रात ८ बजे १००० और ५०० रुपयों के पुराने नोटों को बंदकिए जाने से २ जी +३ जी और कोयला घोटाला आदि में करोड़ों अरबों रुपये डकारने वाले अब सभी लोग लुट गए हैं |ये लोग अब चार हजार रुपयों के लिए बैंकों की लाईनों में लगे हैं|
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक सभा में आरोप लगाया के उन्हें मालूम है उन्होंने किन लोगों से दुश्मनी मोल ली है ये लोग मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे |उन्हें बर्बाद करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं|नमक जैसी जीवन की आवश्यकता को लेकर अफवाहें फ़ैलाने के अलावा ये लोग उन्हें [मोदी]ज़िंदा भी जलवा सकते हैं लेकिन उन्हें परवाह नही है देश के लिए घर परिवार ,संपत्ति छोड़ा |उन्हें कभी भी कुर्सी का मोह नही रहा |
राजनितिक चिंतक गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र की मांग उठाई
[नई दिल्ली] गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र की मांग उठाई
राजनितिक चिंतक के. एन. गोविंदाचार्य ने 500 और 1000 के नोटों को निरस्त करने के कारणों को स्पष्ट करने और उसके लाभ बताने के लिए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है|
गोविंदाचार्य के अनुसार आम जनता नोटों को बदलने के चक्कर में हलकान हो रही है आम जनता इन सब परेशानियों को सह भी लेगी जब वह इस अचानक हुए निर्णय के पीछे के कारणों को जानेगी तथा उस निर्णय से भविष्य में होने वाले लाभों से भी परिचित होगी। उन्होंने निम्न प्रश्न उठाये हैं
सरकार एक श्वेत पत्र जारी करके आम जनता को बताये कि उसने इतना कठोर निर्णय अचानक क्यों लिया ?
देश में कितने नकली नोट हैं ?
500 और 1000 रूपये के नोटों से नगदी के रूप में कितना काला धन बना हुआ है ?
इन पुराने नोटों को छापने में सरकार ने आम जनता का कितना धन व्यय किया था ?
इन नोटों को वापस लेने और नए नोटों को छाप कर उन्हें बदलने में आम जनता का कितना धन सरकार व्यय करने वाली है ?
आजादी के बाद देश में अब तक कितना काला धन बनने का अनुमान सरकार लगाती है ?
काले धन किस-किस रूप में कितना – कितना विद्यमान है ?
500 और 1000 रूपये के नोटों को रद्द करके 500 , 1000 और 2000 के नए नोटों को छापने के पीछे क्या तुक है ?
लोकतंत्र में राज्य को जनता के प्रति उत्तरदायी माना जाता है, उसे सरकार से जानने का पूरा अधिकार रहता है। जनता में फैले संभ्रम और अफवाहों को दूर करने के लिए उपरोक्त सभी प्रश्नों और अन्य सम्बंधित प्रश्नों के तथ्यपरक जानकारी देते हुए सरकार शीघ्र एक श्वेतपत्र जारी करके अपना कर्त्तव्य निभाए।
वित्तमंत्री जेटली ने नोटबंदी पर केजरीवाल के आरोप को अनर्गल बताया
[नयी दिल्ली] केजरीवाल के आरोप को जेटली ने अनर्गल बताया |
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में बिना नाम लिए दिल्ली के सीएम् अरविन्द केजरीवाल के आरोपों को अनर्गल आरोप बताया |जेटली ने बताया के कहा जा रहा है के नोटबंदी के फैसले के विषय में भाजपा द्वारा कुछ लोगों को पहले बता दिया गया था जिसके फलस्वरूप बैंकों में अप्रत्याशित रूप से बैंकों में डिपाजिट बढ़ गया था|इस आरोप का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा के मात्र सितंबर में डिपोसिट बढ़ था और वोह भी वेतन आयोग लागू किये जाने का कारण बढ़ा
इससे पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 500 और 1,000 रु के पुराने नोटों का चलन बंद करने को एक ‘‘बड़ा घोटाला’’ बताते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से काफी पहले ही भाजपा ने अपने सभी ‘‘दोस्तों’’ को फैसले की जानकारी दे दी थी और इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।
उन्होंने केंद्र के इस फैसले को ‘काला बाजारी करने वाले लोगों’’ की बजाय आम आदमी की ‘‘छोटी बचत’’ पर ‘‘लक्षित हमला’’ बताया। केजरीवाल ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए कहा कि भाजपा की पंजाब शाखा के अध्यक्ष संजीव कम्बोज मोदी की घोषणा से कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर 2,000 रपए के नये नोटों के साथ दिखे थे।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जुलाई से सितंबर तक बैंकों में पैसे जमा करने में एकाएक काफी तेजी आयी थी जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा ने 500 और 1,000 रपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने की प्रधानमंत्री की घोषणा से काफी पहले अपने सभी दोस्तों को इसकी जानकारी दे दी थी।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पुराने नोटों का चलन बंद करने से काला धन प्रणाली में वापस नहीं आएगा।
उन्होंने साथ ही एक समाचार चैनल की रिपोर्ट दिखायी जिसमें जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंकों में पैसे जमा करने में तेजी आने का दावा किया गया और कहा गया कि उस अवधि से पहले बैंकों में काफी कम’ पैसे जमा थे।
नए नोटों के नकलीकरण को रोकने के लिए जनता को अभी से जागरूक भी करना होगा
[नई दिल्ली] नए नोटों के नकलीकरण को रोकने के लिए जनता को अभी से जागरूक भी करना होगा|
बढे नोटों के प्रचलन को रोकने के पीछे दिए जा रहे तर्कों में से एक तर्क यह भी है के यह साहसिक कदम नकली नोटों के अपराधियों पर सर्जिकल स्ट्राइक है| बोरियों में भरे पढ़े पुराने नोटों को रद्दी की टोकरी या फिर कूड़ेदानों में डालना मजबूरी हो सकती है लेकिन काले धन का यह स्थाई समाधान नही कहा जा सकता |
एक करन्सी बंद करके दूसरी करन्सी चलाने से करप्शन की फुंसी तो फोड़ी जा सकती है लेकिन इससे नासूर बन चुकी व्यवस्था पर कुठाराघात के दावे पर प्रश्न चिन्ह लगता है|
नकली नोटों की तस्करी के लिए पड़ोसी मुल्कों पर निशाना बनाया जाता है \आये दिन “समझौता एक्सप्रेस”से लेकर बंगला देश और नेपाल आदि सीमाओं पर नकली नोटों की खेप पकड़ी जाती है |इसके बावजूद यह काला धंधा दिन रात फलता फूलता रहा है |
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इस साहसिक कदम से हो सकता है फिलहाल वहां प्रिंटिंग मशीने नकली नॉट उगलना बंद कर दें लेकिन नए नोटों के प्रति उनकी भूख शांत हो पायेगी? यह यक्ष प्रश्न चिन्ह है |
सरकारी दावों के अनुसार भारतीय करेंसी में सिक्योरिटी कोड्स डाले जाते हैं, जिन्हें देख कर नकली और असली नोटों की पहचान की जा सकती है |
असली और नकली नोटों की पहचान के लिए बैंकों या फिर बढ़ी व्यवपारिक संस्थाओं में ही मशीन लगी हुई हैं |
ऐसी संस्थाओं द्वारा पकड़े गए नकली नोटों के आंकड़े कभी भी उत्साहजनक नहीं रहे |
इसके पीछे अनेकों कारण हो सकते हैं|
[१]नकली नोटों के प्रति कानूनी प्रक्रिया जटिल बताई जाती है
[२]नकली नोटों के बदले असली नोटों के परिवर्तन की कोई व्यवस्था नही है
[३]बैंक भी नकली नोटों के प्रति घोषित प्रक्रिया से गुजरने से बचते हैं
[४]आम आदमी नकली नोटों को बैंकों में ले जाने के बजाये कहीं और चलाना ज्याद पसन्द करते हैं |
बेशक नए नोटों में पहले से ज्यादा सिक्योरिटी कोड्स डाले जा सकते हैं
जिन्हें तोड़ने के लिए पडोसी मुल्क जी जान से जुट चुके होंगे
इनके प्रति भी प्रक्रिया तो वोही पुरानी ही रहेगी
आम आदमी द्वारा नकली नोटों को पहचानना टेडी खीर साबित होगा |
नकली नोटों को रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित नहीं होंगे
बैंक भी कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के प्रति उत्साहित नही होंगे
इसीलिए उद्देश्य की पूर्ती के लिए सरकार+आर बी आई द्वारा अभी से जन जाग्रति अभियान चलाया जाना उपयुक्त होगा
फोटो कैप्शन
बैन नोटों को मेरठ के बैंकों में जमा करवाने वालो की भीड़
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