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शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षकों की गैर शैक्षिक प्रयोजनों में तैनाती को रोका जाना चाहिए

– राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने शिक्षकों का महत्त्व बताते हुए यह स्वीकार कर लिया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षिक प्रयोजनों के लिए तैनात नहीं किया जाना चाहिए |मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. शशि थरूर ने भी शिक्षकों के व्यावसायिक स्तर को कम करके आंके जाने कि प्रवर्ती पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि 2009 के राष्ट्रीय शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अनुसार किसी भी शिक्षक को [१]जनगणना,[२] आपदा राहत ड्यूटी [३] स्थानीय निकायों [४]राज्य विधान मंडल या संसद के चुनावों से संबंधित ड्यूटी को छोड़ कर किसी अन्य गैर शैक्षिक प्रयोजन के लिए तैनात नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ज्ञान आयोग ने भी सिफारिश की है कि मतदान केंद्रों के प्रबंधन और सर्वेक्षणों आदि के लिए आंकड़े एकत्र करने जैसे अनेक प्रकार के गैर शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों को तैनात करने से शिक्षण के लिए समय में कटौती होती है और शिक्षकों के व्यावसायिक स्तर को कम करके आंका जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों में अन्य श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को लगाया जा सकता है या इन प्रयोजनों के लिए विशेष रूप से कर्मचारी नियोजित किए जा सकते हैं। शिक्षकों पर ऐसे दायित्वों का बोझ कम किया जाना चाहिए। यह जानकारी मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री शशि थरूर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।