DGCA Relaxes Rules Relating to Air Safety And Allows Use of Cellphones During Flight
DGCA Has Relaxed Rules Relating to Air Safety And Allowed the Use of Portable Electronic Devices (PEDs) Including Cellphones
During Flight.
The Directorate General Civil Aviation (DGCA) has amended its CAR Section 5 Series X Part I relating to air safety today and decided to allow the use of Portable Electronic Devices (PEDs) including cellphones. The use of PEDs shall be in the non-transmitting mode commonly called flight/airplane mode.
The amended CAR also directs all operators for reporting of any suspected or confirmed PED interference or smoke or fire caused by PEDs to the DGCA. It also lays down the guidelines for the crew training.
The scheduled operators, during their meeting on April 17 with the Director General Civil Aviation, raised the demand for allowing use of PEDs during all phases of flight in the flight/airplane mode. The DGCA examined their demand in view of the new and current regulations of the Federal Aviation Administration (FAA) and the European Union Aviation Safety Agency (EASA). Under the FAA and the EASA Regulations, the use of PEDs is allowed in the airplane mode in all phases of flight
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इंडिगो एयर लाइन्स के एयर क्राफ्ट से काठमांडू एयर पोर्ट पर धुंआ उठा :सभी यात्री सकुशल
: बजट एयर लाइन “इंडिगो” की एक फ्लाइट में बीते दिन धुंआ उठ गया गनीमत रही के यह हादसा काठमांडू एयर पोर्ट पर लैंड करने के बाद हुआ जिसके फलस्वरूप प्लैन में सवार सभी यात्रियों सकुशल इमरजेंसी गेट से निकाल लिया गया | दिल्ली के आई जी आई एयर पोर्ट से काठमांडू के लिए उड़ान भरने वाली एक फ्लाइट में डेस्टिनेशन पर पहुँच कर आग लग गई|विमान में पौने दो सौ सवार थे | यधपि एयर लाइन +काठमांडू एयर पोर्ट अथॉरिटी +डी जी सी ऐ ने अभी तक इस विषय में कोई विवरण शेयर नहीं किया लेकिन सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो वर्ष पुराने इस एयर क्राफ्ट के ब्रेक में खराबी के कारण यह हादसा हुआ| सभी यात्री सुर्लक्षित बताये जा रहे हैं
इंडिगो+स्पाइस जेट+गो एयर में हड़कम्प:टिकेट्स75 %तक सस्ते:क्या वाकई ये बजट एयर लाइन्स हैं
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
चिंतित हवाई यात्री
ओये झल्लेया ये एयर लाइन्स वालों को कौन सी भसूड़ी पड़ गई|गो एयर की रीस में इंडिगो+स्पाइस जेट जैसी बजट एयर लाइन्स ने भी अपने टिकेट्स ७५ % तक सस्ते कर दिए हैं | लेकिन यारा स्पाइस जेट ने एक अप्रैल शुरू होने वाली यात्रा में यह रियायत देने की घोषणा की है ओये अगर ये अप्रैल फूल नहीं हुआ तो यात्रा में स्वाद आ जायेगा
झल्ला
भापा जी इस छूट से एक बात तो साबित होती है कि ये एयर लाइन्स अभी तक सस्ती या बजट एयर लाइन्स होने का ढोल पीट रही थी मगर वास्तव में सबसे महंगी एयर लाइन्स साबित हो रही हैं झल्लेविचारानुसार बेशक टाटा की एयर एशिया के आने की धमक से इंडिगो +स्पाइस जेट+गो एयर में भी हड़कम्प मच गया हैलेकिन इसके साथ ही एक अप्रैल से छूट देने के पीछे एक सन्देश दिया जा रहा है कि देश में एयर ट्रैवेलर्स के साथ राष्ट्रीय नियामक को भी अप्रैल फूल बनाने में ये लोग कितने सक्षम हैं|
एयर एशिया के भारतीय आकाश में आने से इंडिगो+ स्पाइस जेट आदि के सस्ती एयर लाइन होने के ढोल की पोल खुल जानी है
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
चीटेड हवाई यात्री
ओये झल्लेया मुबारकां ओये भारतीय आकाश पर कब्ज़ा करने के इंडिगो जैसी कथित सस्ती एयर लाइन्स[FIA] और भाजपाई सुब्रामणियम स्वामी के मंसूबों पर पानी फिर गया ओये सिविल एविएशन रेगुलेटर [DGCA] ने शायद पहली बार किसी एस एल पी पर इतना जल्दी निर्णय दिया है ओये अब तो टाटा के साथ एयर एशिया जैसी वास्तविक [GENUINE]सस्ती एयर लाइन्स को उड़ान[ AOP] भरने की आज्ञा मिल ही जायेगी
झल्ला
भापा जी अभी तक भारतीय आकाश पर इंडिगो+स्पाइस जेट +
का ही कब्ज़ा था इसीलिए ये मन मर्जी से स्टाफ +यात्रियों की सुविधाओं को काटते हुए सस्ती एयर लाइन्स होने का ढोल पीटते आ रहे हैंऐसे में अगर कोई जेन्युइन सस्ती एयर एशिया सरीखी एयर लाइन्स आ गई तो इंडिगो आदि के ढोल की पोल खुल जानी हैं इसके साथ ही लुभाव में ३० मिलियन $ भी तो आ जायेंगे|
ऍफ़ ऐ ऐ ने सुरक्षा दावों को आइना दिखाते हुए भारतीय सिविल एविएशन को डाउन ग्रेड किया
अमेरिकन एविएशन फेडरेशन[FAA] ने भारतीय एविएशन मिनिस्ट्री के तमाम विकास के दावों को झुटलाते हुए भारत को एविएशन के छेत्र में डाउन ग्रेड करते हुए सेकंड केटेगरी में डाल दिया है जबकि भारत के एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह का दावा है कि उनका विमानन सुरक्षा रिकार्ड विश्व के औसत से बेहतर है| ऍफ़ ऐ ऐ कि इस रिपोर्ट के पश्चात अब भारतीय हवाई जहाज़ों के लिए अमेरिका की उड़ान कठिन हो जायेगी| इससे ओवरसीज फ्लाइट्स के लिए प्रसिद्द जेट एयरवेज और एयर इंडिया को विशेष रूप से परेशानी हो सकती है|इस विषय में एयर इंडिया की वेबसाइट पर कोई स्प्ष्टीकरण नहीं दिया गया है|
भारतीय सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का दावा है कि वैश्विक गुणवत्ता के लिए केवल संगठन[ Organisation] के छेत्र में ही पर्याप्त सफलता नहीं मिल पाई है जबकि शेष अन्य ७ महत्पूर्ण छेत्रों में आशातीत सफलता मिली है |इसके समर्थन में आंकड़ें निम्न हैं
अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) का यूनीवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडिट प्रोग्राम (यूएसओएपी) के बारे में भारत का आकलन विश्व के औसत से बहुत अच्छा है। यूएसओएपी के अधीन आईसीएओ ने आठ महत्वपूर्ण तत्वों यथा विधान, संगठन, लाइसेंसिंग, संचालन, उड़ान क्षमता, दुर्घटना जांच, विमान नौवहन और हवाई अड्डों की पहचान की है। 31 दिसंबर 2012 को यूएसओएपी की लेखा-परीक्षा परिणामों पर आधारित आईसीएओ 2013 सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार भारत की उन देशों में गिनती है, जिनका कारगर कार्यान्वयन विश्व के औसत 61 प्रतिशत से ऊपर है। भारत का कारगर कार्यान्वयन 79.1 प्रतिशत है।
31 दिसंबर 2012 को भारत की स्थिति का वैश्विक सुरक्षा के साथ संक्षिप्त तुलनात्मक ब्यौरा निम्नलिखित है:-
महत्वपूर्ण तत्व
=================================कारगर कार्यान्वयन
वैश्विक औसत (31 दिसंबर 2012 को)=====वैश्विक औसत (वर्तमान स्थिति )==========भारत की स्थिति (31 दिसंबर 2012 को )
[1]विधान========70.0========================66.9===========================85.7
[2]संगठन========63.0========================63.5=============================57.1
[3]लाइसेंसिंग=====71.0=========================71.5==============================89.6
[4]संचालन=======66.0=========================66.0==============================87.7
[5]उड़ान क्षमता====72.0=========================72.9==============================91.1
[6]दुर्घटना जांच====51.0=========================53.6==============================75.3
[7]विमान नौवहन===53.0=========================54.7==============================55.8
[8]हवाई अड्डा========58.0=======================57.7=============================87.4
महत्वपूर्ण तत्वों के कारगर कार्यान्वयन में केवल एक क्षेत्र है, जिसमें भारत मामूली कमजोर है, वह है ‘संगठन’। इसके लिए भारत ने उड़ान संचालन के मुख्य निरीक्षक (सीएफओआई), उप-सीएफओआई, वरिष्ठ सीएफओआई और एफओआई के 75 पद बनाए हैं। आशा है कि इन पदों की भर्ती के बाद इस तत्व का कारगर कार्यान्वयन भी विश्व के औसत से बेहतर हो जाएगा। वास्तव में, ‘विधान’ तत्व के क्षेत्र में अमेरिका का स्थान (80.95) भारत के (85.71) से नीचे है| गौरतलब है कि संसद में सरकार स्वीकार कर चुकी है कि डी जी सी ऐ के अंतर्गत हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी है और इसी सप्ताह केवल ७५ पदों कि रिक्तियों को भरने की घोषणा की गई है इसके अलावा सुरक्षा के मानकों के दावों को झुटलाते हुए इंडिगो जैसी अग्रणी निरंतर लाभ कमाने वाली निजी एयर लाइन्स भी खतरनाक उड़ान भर रही हैं | मालूम हो कि डीजीसीए, कोहरे के समय सभी एअरलाइनों के साथ लगातार संपर्क में रह कर सीएटी III अनुवर्ती विमानों और सीएटी III प्रशिक्षित पायलटों की तैनाती सुनिश्चित करता है लेकिन उड़ानों समय रहते उन पर रोक थाम नहीं लगा पा रहा शायद इसी अकर्मण्यता के कारण ही इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, दिल्ली पर 29 जनवरी को दृश्यात्मकता शाम 1730 बजे के बाद कम होने लगी थी जबकि रनवे की दृश्यात्मकता दूरी रात 2030 बजे के बाद कम होनी शुरू हो गई थी। इस प्रवृत्ति को सभी एअरलाइनों के ध्यान में लाया गया। । लेकिन इस संबंध में बार-बार प्रयासों के बावजूद जेट एअरवेज+, गो एअर + इंडिगो की दो-दो फ्लाइटों का मार्ग बदलकर दिल्ली से जयपुर भेजा गया।यह यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ ही कहा जाएगा|उड़ान कम्प्लीट होने पर डी जी सी ऐ ने इन कंपनियों के टाइम्स स्लॉट केंसिल करके औपचारिकता पूरी कर दी है
उड़ान मानक निदेशालय को विमानों और हेलीकॉप्टर संचालन के लिए 75 पद सृजित करने की अनुमति मिली
उड़ान मानक निदेशालय में 75 पद सृजित करने की अनुमति मिली |
केंद्र सरकार ने नागर विमानन महानिदेशालय के अंतर्गत उड़ान मानक निदेशालय में 75 पद सृजित करने की अनुमति प्रदान की है। इसके अंतर्गत चीफ फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (सीएफओआई), डिप्टी चीफ फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (डिप्टी सीएफओआई), सीनीयर फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर्स (सीनियर एफओआई) और फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर (एफओआई) की नियुक्ति की जाएगी। इन पदों को अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के आधार पर बनाया गया है और यह विमानों और हेलीकॉप्टर संचालन के लिए होंगे। इन पदों के लिए भत्ते उद्योग मानकों के आधार पर दिए जाएंगे।
पद का नाम======पदों की संख्या
======================================विमान
सीएफओआई============01
डिप्टी एफओआई=========06
एसएफओआई===========17
एफओआई=============40
======================================हेलीकॉप्टर
डिप्टी एफओआई=========01
एसएफओआई===========03
एफओआई ================07
डीजीसीए के अंतर्गत उड़ान मानक निदेशालय (एफएसडी) सभी नियत और गैर-नियत संचालकों, जिसमें विमान के कर्मचारी भी सम्मिलित है का विभिन्न सुरक्षा और अन्य मानकों के लिए निरीक्षण करता है। इसके साथ ही एफएसडी विमान सेवा चालकों के लिए परीक्षण कार्यक्रमों विमान चालकों के लिए मानकीकरण, विमान संचालकों के लिए प्रमाणीकरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है।गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी को पार्लियामेंट में स्वीकार किया जा चुका है
आंकड़ों की बाजीगरी से भारतीय नियामक बड़ी हवाई दुर्घटना को छोटी बता रहा है: ICAO ने भारत को १३वा अनसेफ देश बताया
झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक चिंतित हवाई यात्री
ओये झल्लेया ये नागरिक उड्डयन के महा निदेशक हसाडी सोणी जान के साथ कैसा घटिया मजाक कर रहे हैं|ओये इम्पोर्टेड खबरें आ रही हैं और हमारा दिमाग ख़राब कर रही हैं|अभी इस साल की शुरुआत में ही हसाडी राष्ट्रीय कैरियर एयर इंडिया को विश्व में तीसरी सबसे असुरक्षित एयर लाइन्स बता कर हंगामा खडा कर दिया गया था और अब कुत्तों कि तरह से सूंघने वाली संयुक्त राष्ट्र एविएशन की इंटर नॅशनल सिविल एविएशन आर्गेनाईजेशन ICAO ने एयर लाइन्स की सुरक्षा के लिहाज़ से अब भारत को विश्व का सबसे असुरक्षित [१३वा] देश बता दिया है| ओये इसका मतलब ये हुआ कि हवाई जहाजों की सुरक्षा के लिए आधे आधे किलो के पे पॅकेज लेने वाले अधिकारी अपने वेतन के लिफाफों का वज़न ही तोलते रहते हैं?और आये दिन हवाई दुर्घटनाएं होती रहती हैं| कोई पूछने वाला नहीं है|
झल्ला
सर जी दरअसल ये सब पैसे का खेल ही है | सुलभ+किफायती का टैग लगा लो+एक आध मंत्री को अपनी जेब में रखो और स्टाफ को कम करके अपना मुनाफ़ा बड़ा लो|आये दिन स्टाफ की कमी +तनख्वाह में देरी + कर्मियों की छटनी का रौना रोया जाता है|कर्मियों की संख्या+ यात्रा के टिकेट्स +पायलट्स के वर्किंग हावर्स तक के लिए कोई निर्णय लेने को तैयार नहीं है| सुरक्षा व्यवस्था तो स्टाफ ही देखेगा लेकिन स्टाफ को लगातार कम करते जा रहे अधिकारी अपना वजन बड़ा रहे हैं और इस स्थिति को बनाये रखने के लिए दुर्घटना के आंकड़ों का खेल खेलते रहते हैं|ये केवल झल्ला ही नहीं कह रहा वरन मोहन रंगराजन भी मीडिया में कहते फिर रहे हैं|अब देखो न सबसे सस्ती और समयबद्ध एयर लाइन्स का दावा करने वाली इंडिगो और स्पाईस जेट के अलावा एयर इंडिया +जेट एयरवेज़ आदि के प्लेन लैंड करने के बाद भी आपस में टकराने लग गए हैं|कम्प्यूटरों में ग्लिच आने लग गए हैं| हद तो ये है कि पिछले दिनों एक भारतीय छोटे जहाज़ की खराबी के कारण उसे पाकिस्तान में इमरजेंसी लैंड करवाया गया| जहां तक बात मंत्री जी कि है तो बेचारे चौधरी अजित सिंह अपने प्रदेश यहाँ तक कि गृह मंडल तक में अपनी चौधराहट बचाने के लिए दुबले हुए जा रहे हैं|ऐसे में आगे कौन हवाल?
“
देश की सर्वोच्च अदालत ने फ्लाइट्स सेफ्टी मानदंडों को नहीं अपनाने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया
गौरतलब है कि यात्री विमानों को उड़ाने के लिए पायलट्स की ड्यूटी समय [फ्लाईंग हावर्स]निश्चित किये जाने के लिए मई २०११ में Civil Aviation Regulations [सी ऐ आर] के गठन करके पायलट्स को श्रम दंड[fatigue] से बचाने के लिए नियम बनाने को कहा गया था |इस विषय में कहा गया था कि थकान भरे श्रम अवधि से पायलट्स में थकावट आती है जिसे उड़ानों के लिए असुरक्षित माना गया था| इसी लिए फ्लाइट्स की सेफ्टी हेतु पायलट्स के लिए फ़्लाइंग समय सीमा निश्चित की जानी आवश्यक है|यदपि डी जी सी ऐ द्वारा बीते साल की फरवरी में नियमवाली जारी कर दी गई थी लेकिन उसे सभी एयर लाइन्स के लिए जरुरी नहीं किया गया था|इसके फलस्वरूप पायलट्स के कार्य समय के विषय में तो कहा गया मगर फलाईट्स के समय के विषय में कोई दिशा निर्देश शामिल नहीं किया गया|
इस उपेक्षा को गंभीरता से लेते हुए एपेक्स कोर्ट ने कोर्ट कि अवमानना माना और डी जी सी ऐ को नोटिस जारी किया है|
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