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पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ

[न्यू दिल्ली,वाशिंगटन]पीएम मोदी का डिजिटल इंडिया भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ
भारत का युवा वाकई सकारात्मक परिवर्तन चाहता है जिसका जीता जागता उदहारण फेस बुक पर डिजिटल इंडिया की स्पोर्ट में चले तिरंगे के ट्रेंड का वायरल हो जाना|फेस बुक के अपने पेज पर लिंक को क्लिक करने मात्र से अपनी खुद की फोटो प्रोफाइल राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों में नहा उठती है |बेशक अब कांग्रेस के नेताओं द्वारा डिजिटल इंडिया को लाने का श्रेय स्वर्गीय राजीवगांधी को दिया जा रहा है |यह ठीक भी है के स्वर्गीय राजीव के कार्यकाल में ही डिजिटल इंडिया के विचार को लाया गया था लेकिन यह भी अक्षरः सत्य है के इस प्रोग्राम को नरेंद्र मोदी के मात्र डेड साल के कार्यकाल में
यह वायरल हो चला है |स्वयं सोशल साइट निर्माता इसे प्रोमोट करने में जुटे हैं |फेस बुक के संस्थापक मार्क जुबेरकर ने भी अपनी पी पी तिरंगे में रंग कर इसका सबूत भी दे दिया है |यह डिजिटल इंडिया के व्यापक समर्थन को भी दिखलारहा है|यह ट्रेंड वायरल हो चला है |
सोशल साइट फेसबुक के संस्थापक युवा मार्क जुकरबर्ग ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात में बिलकुल सत्य कहा कि वह भारत को ज्ञान का मंदिर मानते हैं जहां से उन्होंने फेसबुक को फिर से संगठित करने की प्रेरणा ली जब 10 साल पहले कंपनी कठिन दौर से गुजर रही थी और बिकने की कगार पर पहुंच गई थी।इसमें हजारों की संख्या में भारतीय युवाओं का भविष्य जुड़ा हुआ है |अब यह पुनःअपने पावों पर खड़ी हो गई है |इसके बावजूद भी बकौल मार्क एक अरब भारतीय इस सुविधा से दूर हैं वंचित हैं जाहिर है इस चित्र में भी बहुत बढ़ी मार्केट को देखा जा सकता है

मोदी भापे!डिजिटल इंडिया की कामयाबी के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का उत्पादन किस गति से होगा ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चेयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां!ओये हसाडे सोणे पीएम नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी जी ने डिजिटल इंडिया सप्ताह लांच क्या कर ही दिया कि ये कांग्रेस वाले कैसा फड़फड़ा रहे हैं |ओये एक तरफ विश्व में रक्तहीन क्रान्ति का खतरा मंडरा रहा है ,ऐसे में ये कांग्रेसी इस महत्वपूर्ण योजना को भी दबाये बैठे रहे |ओये अब तो देश में गरीब अमीर का अंतर मिट जाएगा+लाखों नौकरियां बरसेंगी+अरबों का विदेशी निवेश आएगा+हसाड़ा मुल्क फिर से कहलायेगा “सोने की चिड़िया”

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जी !खैर मुबारक जी! डिजिटल इंडिया से तो वाकई बहु आयामी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा लेकिन झल्लेविचारानुसार वर्तमान में इस योजना के लिए आवश्यक उपकरण विदेशों से ही आयात होने हैं ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के लिए “मेक इन इंडिया” को प्राथमिकता से आगे नहीं बढ़ाया गया तो समझ लेना कि ये भैंस भी गई पानी में