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Tag: Directorate General of Civil Aviation

मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी युवा अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने ३६५ दिन पूरे कर भी लिए

 मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी युवा अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने ३६५ दिन पूरे कर भी लिए

मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी युवा अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने ३६५ दिन पूरे कर भी लिए

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के फ़िलहाल राजनीतिक उत्तराधिकारी युवा अखिलेश यादव की सरकार ने आज ३६५ दिन पूरे भी कर लिए | सरकार दवारा मंहगे अखबारों में पहले पेज से लेकर अन्दर तक महंगे पेड और अनपेड विज्ञापन से छपवाए गए हैं |इनमे सरकार की उपलब्द्धियों के सभी ड्रम जोर से पीटे गए हैं| साईकिल रैली निकाली जा रही हैं| कन्याधन+बेरोजगारी भत्ता+वूमेन पावर लाईन+समाजवादी एम्बुलेंस सेवा+लैपटॉप वितरण यौजना के बाद अंत में अवस्थापना और ओद्यौगिक विकास को रखा गया है| वैस इस दिशा में केंद्र भी पीछे नहीं हैअमेठी में विकास के लिए ३ नए राजमार्गों का आज उदघाटन करवाया जाना है|यानि तू डाल डाल तो मे पात पात |
क्योंकि आज कल केंद्र और राज्य विकास की दौड़ में एक दूसरे को पछाड़ने में लगे हैं सो बस इसी श्रेणी पर नज़र टिक कर रह गई|इसमें सूचना एवं प्रोद्यौगिक निति+ उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्यौग यौजना+चीनी उद्योग + सौर ऊर्जा+कुक्कुट प्रोत्साहन को रखा गया है| आश्चर्यजनक रूप से इसमें एयर पोर्ट्स के विकास की बात नहीं कही गई है| इस सरकार में कानून व्यवस्था और महंगाई की दुहाई देने का कोई फायदा नहीं है |
अब इसे तो सभी मानेंगे कि मौजूदा दौर में किसी भी उद्योग को बढावा देने के लिए यातायात की सुविधा का होना जरुरी है |ट्रेन से लोगों का मोह भंग होता जा रहा है|दशकों पहले मेरठ केतत्कालीन जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने ड्राई पोर्ट की घोषणा की थी जिसके लाभ से अभी तक लोग वंचित हैं|अब आते हैं हवाई यात्रा की सुविधा पर तो मेरा मानना है कि विकास के लिए एयर ट्रेफिक को बढावा दिया जाना जरुरी है| लेकिन दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश में नागरिक उड्डयन मंत्री की चौधराहट खत्म करने के लिए प्रदेश में इस दिशा में कोई कदम उठते नहीं दिख रहे|समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल में वर्चस्व के लिए राजनीतिक लड़ाई जारी है| जैस जैसे २०१४ के चुनावों से नजदीकी बाद रहे है वैसे ही उत्तर प्रदेश कोई सरकार और केंद्र के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच कागजी घोड़ों के साथ साथ जुबानी तेवर बगावती रुख अख्तियार करने लगे हैं| प्रदेश सरकार अधिग्रहण के ग्रहण से मुक्त रहने का रौना रो रही है तो केन्द्रीय मंत्रालय मुफ्त में जमीन का अधिग्रहण प्रदेश सर्कार के हाथों ही करवाने पर तुली है| बेशक मौजूदा हवाई पट्टी प्रदेश सर्कार कि मिलकियत है और उसे केंद्र सरकार को देने को राजी है लेकिन अतिरिक्त भूमि के लिए किसानो से ओउने पौने दामो पर जमीन अधिग्रहण करके केंद्र को देने में आना कानी की जा रही है|
इस टालमटोली इसमें एक पेंच बताया जा रहा है| अगर प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण करती है तो छेत्र के सर्किल रेट्स जो शायद ९०० से १५०० रुपयों तक है ही देय होगा जबकि किसान अपनी भूमि के लिए कम से कम पांच हज़ार रुपये प्रति वर्ग मीटर की उम्मीद लगाये बैठे हैं|किसानो और प्रदेश सरकार को यह ज्ञान प्राप्त हो चूका है कि केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किसानो से कोडियों के भाव भूमि लेकर बहु राष्ट्रीय कंपनियों को सोने के भाव दी जायेंगी|अब बताईये अपने सोने को कौन कोडियों के भाव दूसरों को देगा ?
अब ज़रा चीनी उद्योग के विकास का दावा भी देख लिया जाए तो मेरठ में ही गन्ना किसानो के उत्पीडन को लेकर चल रहे धरने को आज तीसरा सप्ताह हो चला है| गन्ना किसानों की इस उपेक्षा का दोष केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कहीं ना कहीं जोडती जरुर हैं|

देश की सर्वोच्च अदालत ने फ्लाइट्स सेफ्टी मानदंडों को नहीं अपनाने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट्स सेफ्टी को पायलट्स फटीग नहीं रोकने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट्स सेफ्टी को पायलट्स फटीग नहीं रोकने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

देश की सर्वोच्च अदालत ने सुरक्षा मानदंड नहीं अपनाए जाने के लिए नागरिक उड्डयन नियामक की खिंचाई करते हुए अवमानना का नोटिस जारी किया है|
गौरतलब है कि यात्री विमानों को उड़ाने के लिए पायलट्स की ड्यूटी समय [फ्लाईंग हावर्स]निश्चित किये जाने के लिए मई २०११ में Civil Aviation Regulations [सी ऐ आर] के गठन करके पायलट्स को श्रम दंड[fatigue] से बचाने के लिए नियम बनाने को कहा गया था |इस विषय में कहा गया था कि थकान भरे श्रम अवधि से पायलट्स में थकावट आती है जिसे उड़ानों के लिए असुरक्षित माना गया था| इसी लिए फ्लाइट्स की सेफ्टी हेतु पायलट्स के लिए फ़्लाइंग समय सीमा निश्चित की जानी आवश्यक है|यदपि डी जी सी ऐ द्वारा बीते साल की फरवरी में नियमवाली जारी कर दी गई थी लेकिन उसे सभी एयर लाइन्स के लिए जरुरी नहीं किया गया था|इसके फलस्वरूप पायलट्स के कार्य समय के विषय में तो कहा गया मगर फलाईट्स के समय के विषय में कोई दिशा निर्देश शामिल नहीं किया गया|
इस उपेक्षा को गंभीरता से लेते हुए एपेक्स कोर्ट ने कोर्ट कि अवमानना माना और डी जी सी ऐ को नोटिस जारी किया है|