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सीएम खट्टर ,कहीं, हरियाणवी अशोक खेमका के केस चक्रव्यूह में अभिमन्यु बनने तो नहीं जा रहे

[चंडीगढ़]सीएम खट्टर ,कहीं, हरियाणवी अशोक खेमका के केस चक्रव्यूह में अभिमन्यु बनने तो नहीं जा रहे|
हरियाणा के १० वें सीएम को भी भ्र्ष्टाचार के चक्रव्यूह का सामना करना पड़ रहा है |जीरो टॉलरेन्स का नारा देने वाले श्री खट्टर अशोक खेमका के केस में अर्जुन के बजाय अभिमन्यु सरीखे मजबूर दिखाई दे रहे हैं |
हरियाणा को भगवान का निवास” कहा गया है लेकिन नाम के विपरीत यहाँ आये दिन अराजकता मुह फैलाये खड़ी दिखाई दे रही हैं |प्रदेश के इस डीएनऐ को बदलने का संकल्प लेकर सत्ता में आये भाजपा के पहले मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर संकटों में घिरते जा रहे हैं |शिक्षक+किसान+ट्रांसपोर्टर+के आलावा आये दिन एक्सीडेंट+लूट की समस्यायों से जूझते हुए चौथे लाल श्री खट्टर भी प्रदेश के पूर्व तीन “लाल” की भांति असहाय दिखने लग गए हैं |
यह शायदप्रदेश के डीएनऐ में ही हैं|
हरियाणा राज्य वैदिक +सिंधु घाटी सभ्यता का मुख्य निवास स्थान है। यूं तो इस क्षेत्र में लड़ी गई विभिन्न लड़ाइयाँ भी इतिहास में दर्ज हैं |इसमें महाभारत के महा युद्ध के अलावा तीन पानीपत की लड़ाइयाँ भी शामिल हैं मगर “गीता” के ज्ञान से यह प्रदेश हरि का निवास कहा गया है|
राजनीतिक इतिहास देखा जाये तो यहां बुराइयों के चक्रव्यूह को भेदने के लिए ९ धाकड़ मुख्य मंत्री आये+बंसी लाल तीन बार तो चौधरी देवी लाल के परिवार को ६ बार सत्ता सुख प्राप्त हुआ भजन लाल ने भी अपने तेवर दिखाए +यहां के पहले सीएम तो राष्ट्रपति भी बने मगर प्रदेश का डी एन ऐ नहीं बदल पाये जिसके फलस्वरूप तीन बार [ नवंबर १९६७+ जून १९७७+ जुलाई १९९१ ]राष्ट्रपति शासन लगाया गया |
हरियाणा, भारत के अमीर राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर यह देश का दूसरा सबसे धनी राज्य है यह आर्थिक रूप से दक्षिण एशिया का सबसे विकसित क्षेत्र है शायद इसीलिए ९ वें मुख्य मंत्री ने राबर्ट वढेरा और डी एल ऍफ़ की लैंड डील से आँखें मूंदे रखीजिन्हें खोलने के लिए व्हिसल ब्लोअर अशोक खेमका चर्चा में आये और उत्पीड़न का शिकार बने |
प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री श्री खट्टर से जनता को अपेक्षाएं हैं लेकिन मात्र चार महीने में ही अशोक खेमका जैसे व्हिसल ब्लोअर को ४६ वें ट्रांसफर का दंश दे दिया|बेशक सरकारी डिक्शनरी में ट्रांसफर को दंड नहीं कहा गया लेकिन ट्रांसपोर्ट विभाग जैसे मलाई दार महकमे से पुरातत्व जैसे काम महत्वपूर्ण विभाग में ट्रांसफर अपने आप में अभूत कुछ कह जाता है| स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपनी सरकार की छवि सुधारने के लिए अशोक खेमका का साथ देने की घोषणा कर दी है इसके बावजूद श्री खट्टर पुराने सियासी ब्यान को ही दोहराने में लगे हैं”यह तो रूटीन ट्रांसफर था” प्रदेश सरकार का यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि स्वयं खट्टर ने २९ मार्च को शासन +प्रशासन में फैले रिश्वत के बाजार को समाप्त करने का बीड़ा उठाया था २९ मार्च के एक ट्वीट में कहा गया है”राजनीती शक्ति अर्जन के लिए नही वरन जनता की सेवा के लिए है
हो सकता है कुछ छेत्रों में शासन के विरोधों की दिशा बदलने के लिए ऐसे जुगाड़ जरूरी समझे गए हों लेकिन क्षति तो हर हाल में क्षति ही है

BJP Also Transferred Haryanavi Whistle Blower IAS officer The Ashok Khemka

[Chandigarh]BJP .Also Transferred Haryanavi Whistle Blower IAS officer The Ashok Khemka At Present He Is On 45th Transfer
Whistle Blower IAS officer Ashok Khemka has once again been transferred This Time By Just Four Months Old BJP government in Haryana.
Mr Khemka, as per the latest orders of the Haryana government, has been posted as Secretary, Archaeology and Museums Department and Director General, Archaeology and Museums.
This is Mr Khemka’s 45th transfer
Dr. Ashok Khemka is a senior Indian Administrative Service officer in the Indian state of Haryana and best known for cancelling the mutation of well known Sonia Gandhi’s son-in-law Robert Vadra’s illegal land deal in Gurgaon
Sh.Khemka, who took on the state government over suspicious land deals between Congress president smt Sonia Gandhi’s son-in-law Robert Vadra and real estate major DLF, has also received earlier death threats.

Whistle Blower Ashok Khemka Is Still Unhappy Over CAG Report On Vadra-DLF Land Deal

[Chandigarh]Whistle Blower IAS Officer Ashok Khemka Is Still Unhappy Over CAG Report On Vadra-DLF Land Deal In Haryana
Khemka Calls CAG Report Incomplete
He has tweeted “On Many issues untouched in CAG Report. Cycle of corruption involved the triad – business, politics and bureaucracy”
Ashok Khemka, a senior IAS officer of Haryana, said on Thursday that his action in Vadra-DLF land-licence deal has been “vindicated in the CAG report but he continues to suffer the stigma of charge sheet.”
During the B S Hooda-led Congress government, the official had ordered the scrapping of the land deal between Skylight Hospitality Pvt Ltd Of Robert Vadra and DLF, terming it as illegal. However, Hooda government gave clean chit to Vadra in the land deal And issued Chargesheet to this whistle blower.
Reacting to the CAG report.On Twitter he said “My action in VADRA-DLF land-licence deal vindicated in CAG report, but continue to suffer the stigma of chargesheet,”
In another tweet he said, “Real culprits sit in judgement over me. My pain and suffering may help to detox and cleanse the body politic.”
Exposing Nexus Of triad – business+politics + bureaucracy in the Haryana government during the Congress regime has come under attack from the Comptroller and Auditor General[CAG]
In its report for the year 2013-14, tabled in the Haryana assembly on Wednesday, the official auditor has come down heavily on the town and country planning department.Stating that ” department neither at the time of granting in-principle approval nor at the time of formal approval for transfer of licenses ensured that net profit beyond 15 % of the total cost accrues to public exchequer.
which resulted loss of sizeable amount,
.Congress however dismissed reports that CAG has found the erstwhile Congress government of Haryana granting “undue favours” to Robert Vadra’s company and said “there is no such finding of wrongdoing”.

मोदी भापे!भूअधिग्रहण के लिए एक्सपर्ट रोबर्ट वढेरा जी की सेवायें लेलो कांग्रेस खुश हो जाएगी और किसान भी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो हद ही हो गई यार देख तो हमने जनता की भलाई के लिए भूमि अधिग्रहण बिल क्या ले आये ये अन्ना से लेकर अरविन्द केजरीवाल ने सड़क और और आनंद शर्मा ने संसद में हंगामा बरपा कर दिया न तो सड़क पर निकल पा रहे है और न ही संसद में कोई काम ही कर पा रहे हैं |अरे भईग्रामणी इलाकों में सड़के+पुल बनाने+गरीबों के लिए मकान बनाने +रक्षा मंत्रालय के लिए ही तो जमीन अधिग्रहित की जानी वहां हमने अपने महल थोड़े ही खड़े कर लेने हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर सेठ जी आप शायद भूल गए कि कांटे को काँटा ही निकालता है इसीलिए जमीन अधिग्रहण में एक्सपर्ट भूपेंद्र सिंह हुड्डा +अशोक गहलोत+डीएलऍफ़ और रोबर्ट वढेरा की विशेष्ज्ञ सेवायें क्यूँ नहीं ले लेते इससे कांग्रेस और किसान दोनों खुश हो जायेंगे

जैसे नौ मन तेल के बिना राधा ना नाचे वैसे ही फ़ाइल के पन्नों के बगैर वढेरा जी थानों में ना नाचें

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाईयों ने क्या पाखंड मचाया हुआ है पहले चिल्लाते फिरते थे कि हसाडे सोणे जवाई राजा रोबर्ट वढेरा जी ने हरियाणा की जमीनों में धांधली करके करोड़ों रुपये अंदर कर लिए अब जब इनकी सरकार बन गई तो घिघिया रहे हैं कि डीएलऍफ़ के साथ हुई वढेरा जी की डील की फ़ाइल के अहम पन्ने ही नहीं मिल रहे|जिस ढीले ढाले अशोक खेमका को हमने तड़ी पार लगाया था वोह अब इस सरकार के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज करने की बात करने लग गया है |ओये इन्होने झूठ का बोलबाला करके सत्ता तो कब्ज़ा ली अब देखते हैं ये खट्टर की मनोहर सरकार न्याय कैसे करती हैंऔर ये आप पार्टी वालों को तो सांप ही सूंघा हुआ है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जैसे नौ मन तेल के बिना राधा ना नाचे वैसे ही फ़ाइल के पन्नों के बगैर वढेरा जी थानों में ना नाचें
ठीक ही है न “नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी” हाँ हाँ ना पन्ने होंगे ना वढेरा जी थानों में नाचेंगे

हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा वृद्धावस्था पेंशन के अपने ही दावं में फंस गये और सदन से वाक आउट कर गए

[चंडीगढ़] हरियाणा के पूर्व मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सियासी दावं उलटे कांग्रेस पर ही भारी पड़ गया | जिसके चलते कांग्रेस को सदन से वाक आउट करना पड़ा|
श्री हुड्डा ने सत्ता रुड भाजपा को घेरने के लिए वृद्धावस्था पेंशन २००० रुपये प्रति माह की दर से वितरित किये जाने के वायदे को पूरा करने को कहा जिसके जवाब में मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पुरानी सरकार द्वारा पेंशन वितरण प्रणाली में अनेकों अवय्वस्थाओं को पहले दूर करने की बात कही |
श्री खट्टर ने कहा कि दो हजार रुपये पेंशन देने का उनका चुनावी वायदा था और उस पर वे अभी भी कायम हैं लेकिन पुरानी कांग्रेस की सरकार द्वारा दी जा रही एक हजार रुपये की वृद्धावस्था पेंशन वितरण प्रणाली में अनेको खामियां है जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है इसके आलावा श्री खट्टर ने पुरानी सरकार से प्राप्त आर्थिक स्थिति पर श्वेतपत्र लाने की भी बात कही|वही विपक्ष में बैठी इनेलो के नेता अभय चौटाला ने रोबर्ट वढेरा और डी एल ऍफ़ में हुई जमीन डील की जांच की मांग कर डाली|
सभी तरफ से घिरा पाकर क्षुब्ध कांग्रेस ने सदन से वाक आउट कर दिया , जबकि बीते दिन श्री हुड्डा ने स्वयं सत्र की कार्यशैली में बदलाव के लिए सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया था |