पहली पेंशन अविलम्भ पाने के लिए पेंशनर को सम्बंधित बैंक में आवश्यक शपथ पत्र [हलफ नामा] तत्काल जमा करवा देना चाहिए|
केंद्र सरकार[DOPT]का मानना है कि सेवानिवृत्ति के बाद पहली बार पेंशन के भुगतान में देरी मुख्यत: दो कारणों से होती है।और इन्हें दूर करने के लिए प्रोसीजर को सरल बनाया गया है| गौरतलब है कि यूं पी सरकार ने सरकारी लाभ के लिए लागू शपथ पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है|अब केंद्र ने यधपि इसे पूर्णतया समाप्त नहीं किया लेकिन इसका सरलीकरण करने का प्रयास जरूर किया है |अब सेवानिवृत हो रहे कर्मी से उसके कार्यालय अध्यक्ष शपथ पत्र लें कर पेंशन कार्यालय भेजेंगे |वर्तमान में पेंशन मिलने में डायरी के बताये गए २ कारण निम्न हैं :
[१] पेंशनधारी से यह जानकारी मिलने में देरी कि पेंशन के कागज बैंक में पहुंच चुके हैं
[२] पेंशनधारी की तरफ से बैंक को यह शपथ पत्र [ undertaking ]देने में देरी कि वह उस धनराशि को लौटा देगा अथवा ऐसी किसी भी राशि की क्षतिपूर्ति करेगा जिसका वह हकदार नहीं है।
राज्य सरकारों के पेंशन सचिवालयों के साथ हाल में एक कार्यशाला में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह[ Dr. Jitendra Singh, Minister of State for Personnel, Public Grievances & Pensions ] ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है आवश्यक ‘’शपथ पत्र’’ सरकारी कर्मचारी के कार्यालय के प्रमुख द्वारा प्राप्त किया जा सकता है और इसे पेंशन भुगतान आदेश के साथ पेंशन देने वाले बैंक के पास भेजा जा सकता है। पेंशन संबंधी दस्तावेजों के साथ यह शपथ पत्र मिलने पर बैंक जल्दी से जल्दी पेंशनधारी के खाते में पेंशन राशि जमा कर सकता है। पेंशनधारी को पहली पेंशन शुरु कराने के लिए बैंक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
इस प्रक्रिया में बदलाव का एक अतिरिक्त फायदा होगा कि पेंशन भुगतान आदेश सेवानिवृत्त कर्मचारी को अन्य सेवानिवृत्ति बकायों के साथ दिया जा सकता है। इससे पहले पेंशनधारी को पेंशन भुगतान आदेश की अपनी प्रति लेने के लिए बैंक जाना पड़ता था।
सुधारों की पहल राज्य मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने राज्य सरकार के पेंशन सचिवालय के साथ 12 जून 2014 को हुई बैठक में की।
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