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Tag: Dr. ManMohan singh

Former PM Dr Manmohan Singh Greets President,Pranab Mukherjee With R&W Flowers

14th PM Dr Manmohan Singh Greets Current President,Pranab Mukherjee on his 79th birthday
Former Prime Minister Dr Manmohan Singh[82] wished 13th President of India Shri Pranab Mukherjee at Rashtrapati Bhawan on his Birthday,And Former PM Presented Bouquet Of White And Red Flowers
Photo Caption
The former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh greeting the President, Shri Pranab Mukherjee on his birthday, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on December 11, 2014.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खुद को नया रूप देने को कहा

[नई दिल्ली]प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को खुद को नया रूप देने पर बल दिया |उन्होंने योजना आयोग के स्थान पर ऐसे संगठन को जरूरी बताया जो सृजनात्मक रूप से सोच सके, संघीय ढांचे को मजबूत कर सके और राज्यों में ऊर्जा का संचार कर सके।
योजना आयोग के स्थान पर नई संस्था बनाने के बारे में मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बैठक सार्थक रही और सभी मुख्यमंत्रियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
प्रधानमंत्री ने योजना आयोग के संबंध में 30 अप्रैल, 2014 को डॉ. मनमोहन सिंह की टिप्पणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक योजना आयोग से जुड़े रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि सुधारों के बाद की अवधि में इस निकाय में कोई भविष्योन्मुखी दृष्टि नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बने रहने के लिए योजना आयोग को खुद को नया रूप देना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया अपना भाषण भी याद दिलाया और कहा कि योजना आयोग के स्थान पर ऐसा संगठन लाया जाना चाहिए जो सृजनात्मक रूप से सोच सके, संघीय ढांचे को मजबूत कर सके और राज्यों में ऊर्जा का संचार कर सके।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi consultation meeting with the CMs on replacing Planning Commission, in New Delhi on December 07, 2014.

Lord Ram Shows the Path of Humility and Righteousness:Dr Manmohan Singh

Lord Ram Shows the Path of Humility and Righteousness:Dr Manmohan Singh
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh, has greeted the people on the auspicious occasion of Ram Navami.
The Prime Minister said that the life of Lord Ram teaches us to follow the path of humility and righteousness. The festival of Ram Navami is an occasion for us to renew our resolve to discharge our duties and responsibilities with commitment and sincerity.
May the festival bring joy and happiness to all, the Prime Minister added.

Dr. Manmohan Singh Wished ,on Traditional New Year, happiness, peace and prosperity

Prime Minister Dr. Manmohan Singh Greets the Nation on Traditional New Year Gudi Padava+ Ugadi+ Chaitra Sukhladi+ Navreh + Cheti Chand.
The Prime Minister Of India has greeted the nation on the occasion of Gudi Padava, Ugadi, Chaitra Sukhladi, Navreh and Cheti Chand.
In his message, the Prime Minister said that these festivals, celebrated across the country, mark the beginning of the New Year and symbolise renewal of faith and hope. They are representative of our rich and glorious cultural traditions.
The Prime Minister wished the people happiness, peace and prosperity on the occasion.

डॉ मन मोहन सिंह का ,म्यांमार के एयर पोर्ट पर, सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर,यूं .ए मिंट ने स्वागत किया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह दो दिन की यात्रा पर म्‍यांमार पहुँच गए हैं म्यांमार के नय प्यी तव इंटरनेशनल एअरपोर्ट [ Nay Pyi Taw International Airport] पर म्यांमार के लेबर +एम्प्लॉयमेंट+ सोशल सिक्यूरिटी मिनिस्टर ,उ . ए मिंट[U. Aye Mint] ने उनका स्वागत किया भारतीय प्रधान मंत्री म्यांमार में बीआईएमएसटीईसी की शीर्ष बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं,साथ उनकी धर्म पत्नी श्रीमती गुरशरण [ GursharanKaur ] हैं
भारत से रवाना होने से पूर्व डॉ मन मोहन सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा “मैं आज म्‍यांमार के ने पाई तॉ में आयोजित तीसरी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्‍टी सेक्‍टोरल टैक्‍नीकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बीआईएमएसटीईसी) सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए दो दिन के दौरे पर रवाना हो रहा हूं।
बीआईएमएसटीईसी सार्क और आसियान देशों के चौराहे पर स्थित है। इसे बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों से प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। संपर्क और व्‍यापार तथा निवेश, ऊर्जा जलवायु की चुनौतियां जिनमें प्राकृतिक और मानव‍कृत चुनौतियां शामिल हैं, के कारण हमें इनका सामना करने के लिए दृढ़ निश्‍चय और सामूहिक दूरदृष्टि की जरूरत होती है।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh arrives at Nay Pyi Taw International Airport, in Myanmar on March 03, 2014. The Minister of Social Security, Myanmar, Mr. U. Aye Mint is also seen.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh arrives at Nay Pyi Taw International Airport, in Myanmar on March 03, 2014.
The Minister of Social Security, Myanmar, Mr. U. Aye Mint is also seen.


बीआईएमएसटीईसी देशों में शांति, स्थि‍रता और विकास जरूरी है और तभी कुल मिलाकर एशिया आगे बढ़ सकेगा, क्‍योंकि इस क्षेत्र में दुनिया की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है और यहां का सकल घरेलू उत्‍पाद 2.5 खरब अमरीकी डॉलर से अधिक है”
डॉ सिंह ने बताया कि बीआईएमएसटीईसी नई दिल्‍ली में 2008 की बैठक के बाद एक समूह के रूप में परिपक्‍व विचारों के साथ विकसित हुआ । ढाका में इसका स्‍थायी सचिवालय बनाया गया है और वहां पर महासचिव की नियुक्ति की गई है। अब यह संगठन क्षेत्रीय अखंडता और सहयोग में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है। इस क्षेत्र में कई बीआईएमएसटीईसी केन्‍द्र खोले जा रहे हैं, जिनमें से तीन भारत में होंगे। इनके जरिए सदस्‍य देशों में अधिक तकनीकी आदान-प्रदान संभव होगा। जहां तक सुरक्षा का सवाल है, हमने स्थिर रूप से इसके लिए ऐसे दस्‍तावेज तैयार कर लिये हैं, जिनके जरिए अंतर्राष्‍ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्‍ट्रीय अपराध, नशीले पदार्थों का व्‍यापार और आपराधिक मामलों में एक-दूसरे की विधिक सहायता की जरूरत आज के अखंड विश्‍व में पहले ज्‍यादा पड़ रही है। बीआईएमएसटीईसी सहयोग के जरिए हम जो कुछ कर रहे हैं, वो दुनिया वर्षों बाद करेगी और इस दिशा में इस शीर्ष बैठक को महत्‍वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। बीआईएमएसटीईसी देशों के साथ हमारे आपसी संबंध पूरी दुनिया के लिए महत्‍वपूर्ण हैं। इस शीर्ष बैठक से समय निकाल कर मुझे उम्‍मीद है कि मैं अन्‍य सदस्‍य राष्‍ट्रों के नेताओं के साथ विचारों का महत्‍वपूर्ण आदान-प्रदान कर सकूंगा जो आपसी घनिष्‍ठ और दोस्‍ताना संबंधों के लिए महत्‍वपूर्ण होंगे”
मैं एक रचनात्‍मक यात्रा की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा हूं।

गजल को जुगलबंदी में गाने वाले जगजीत सिंह की स्मृति में डाक टिकट जारी

[नई दिल्ली]मशहूर गजल गायक स्वर्गीय जगजीत सिंह के सम्मान में पी एम् डॉ मन मोहन सिंह ने स्मारक[ commemorative postage stamp ] डाक टिकट जारी किया |

Jagjit Singh

Jagjit Singh

इस अवसर पर डॉ मन मोहन सिंह ने जगजीत सिंह को याद करते हुए कहा “हमारे देश में संगीत के इतिहास में जगजीत सिंह जी की एक ख़ास जगह है। वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ और उनके संगीत का जादू हम पर हमेशा गहरा असर करता रहेगा। मुझे खुशी है कि डाक विभाग उनकी याद में एक डाक टिकट जारी कर रहा है।जगजीत सिंह जी एक अनोखे कलाकार थे। संगीत के क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी और जानकारी बहुत गहरी थी। वे एक कामयाब गायक, संगीतकार और गीतकार, ये सभी कुछ थे। यही नहीं, चाहे शास्त्रीय संगीत हो या भक्ति संगीत, लोक संगीत हो या गज़ल, संगीत के सभी क्षेत्रों में उनका अच्छा दखल था। लेकिन गज़ल गायिकी के लिए शायद उनको सबसे ज्यादा याद किया जाता है” आज जगजीत सिंह का जन्म दिन भी है
डॉ सिंह ने जगजीत सिंह की गायकी की प्रशंसा करते हुए बताया ” उन्होंने भारत में गज़ल गायिकी का एक ऐसा अंदाज़ अपनाया जिसने गज़ल को एक नयी जिंदगी दी। उनके द्वारा गाई हुई गज़लों में ख़ास बात यह थी कि वे आसानी से जनता की जुबान पर आ जाती थीं। उन्होंने गज़ल गायिकी में नये प्रयोग भी किए।
गज़ल संगीत में पहली बार पश्चिमी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स[ musical instruments ] का इस्तेमाल एक ऐसा ही प्रयोग था। उन्होंने शायद पहली बार गज़ल को जुगलबंदी में पेश किया। इसमें उनका साथ उनकी पत्नी श्रीमती चित्रा सिंह जी ने दिया, जो आज हमारे बीच मौजूद हैं, और खुद एक मशहूर गज़ल गायिका हैं।जगजीत सिंह जी ने फिल्मों और टी वी सेरिअल्स[ TV Serials ] में भी काम किया और अपनी अलग छाप छोड़ी। “अर्थ” और “साथ-साथ” जैसी फिल्मों और “मिर्जा गालिब” और “कहकशाँ” जैसे टी वी सेरिअल्स में उन्होंने जो गज़लें पेश कीं वे बहुत लोकप्रिय हुईं।
उनका सारा जीवन संगीत को समर्पित रहा। उनकी निजी ज़िंदगी में बड़ी मुश्किलें आईं लेकिन उनका काम जारी रहा”
पी एम् ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा “जगजीत सिंह जी जैसे कलाकार सदियों में एक बार पैदा होते हैं। वे आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका संगीत हमारे मन को छूता रहेगा और हमारा दिल बहलाता रहेगा। मैं एक बार फिर जगजीत सिंह जी को श्रद्धांजलि देता हूँ और डाक विभाग को उनकी याद में डाक टिकट जारी करने के लिए बधाई देता हूँ।”
Photo caption
Prime Minister, Dr. Manmohan Singh releasing the commemorative postage stamp in honour of Shri Jagjit Singh, in New Delhi on February 08, 2014.
The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal and Smt. Chitra Singh, wife of Shri Jagjit Singh are also seen.

डॉ मन मोहन सिंह ने उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध को अधिक स्थान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया

प्राइम मिनिस्टर डॉ मन मोहन सिंह ने आज उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध को अधिक स्थान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया |
राष्ट्रपति भवनमें आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में बोलते हुए डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “हमारी उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लि‍ए ध्‍यान देना आवश्‍यक है, हमारे उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को और अधि‍क शोध पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है। हमें फैकल्‍टी‍ में कमी की समस्‍या सुलझाने के तौर-तरीके भी तलाशने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि‍ इससे उच्‍च शि‍क्षा प्रणाली पर काफी असर पड़ता है। हमें यह सुनि‍श्‍चि‍त करने की आवश्यकता है कि‍ देश में उच्‍च शि‍क्षा संस्‍थानों को उत्‍तरदायि‍त्‍व की आवश्‍यकता से समझौता कि‍ए बि‍ना स्‍वायत्‍ता मि‍ले”
राष्‍ट्रीय उच्‍चतर शि‍क्षा अभि‍यान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा “यह उच्‍च शि‍क्षा के अवसरों तक व्‍यापक पहुंच बनाने में बड़ी भूमि‍का नि‍भाएगा। यह कार्यक्रम शि‍क्षा तथा शोध की गुणवत्‍ता सुधारने के लि‍ए राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों पर अधि‍क ध्‍यान दे रहा है। इसका उद्देश्‍य 286 राज्‍य वि‍श्‍ववि‍द्यालयों तथा राज्‍यों के 8500 कॉलेजों को अवसंरचना अनुदान उपलब्‍ध कराने के अलावा 278 नए वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 388 नए कॉलेज स्‍थापि‍त करना है और 13वीं योजना के अंत तक 266 कॉलेजों को मॉडल डि‍ग्री कॉलेजों में बदलना है”।
पी एम् डॉ सिंह ने बताया “इससे 20,000 नए फैकल्‍टी‍ पदों का सृजन होगा और इसे 12वीं तथा 13वीं योजना अवधि‍ में समर्थन दि‍या जाएगा। अब तक लगभग 400 वि‍श्‍ववि‍द्यालय तथा 20,000 कॉलेजों को इस मि‍शन के तहत उच्‍च गति‍ की ब्रॉडबैंड कनेक्‍टि‍वि‍टी प्रदान की गई है”
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06 फऱवरी 2014 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम. एम पल्लम राजू और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद और श्री शशि थरूर भी सम्मेलन में मौजूद ।

डॉ मन मोहन सिंह ने देश के कर्णधारों में वीरता की भावना को प्रोत्साहित करते हुए बहादुर बच्चों को पुरुस्कृत किया

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज देश के कर्णधारों में वीरता की भावना को प्रोत्साहित करते हुए बहादुर बच्चों को पुरुस्कृत किया
इस अवसर पर डॉ मन मोहन सिंह ने वीर बच्चों कि क़ुरबानी को याद किया और कहा कि “आज सबसे पहले मैं उन पांच बच्चों को श्रद्धांजलि देना चाहूंगा जिन्होंने दूसरों को बचाने की कोशिश में अपनी जान कुर्बान कर दी। उत्तर प्रदेश के मौसमी कश्यप [ Mausmi Kashyap ] और आर्यन राज शुक्ल [ Aryan Raj Shukla ], मणिपुर के म . ख़यिंगथे[M. Khayingthe] , मिजोरम की मॉसवंतलुन्गी [ Malsawmtluangi ] और नागालैंड के ल . मानिओ चाचे [L. Manio Chachei] आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इन बहादुर बच्चोंr की कुर्बानी सारे देश को प्रेरणा देती रहेगी।
मैं वीरता पुरस्कार पाने वाले सभी बच्चों को बहुत बहुत बधाई देता हूं। हमें आप पर फ़क्र है। हमें यह भरोसा है कि इस तरह के बहादुर बच्चों के होते हुए हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल है। आपकी बहादुरी न सिर्फ और बच्चों को बल्कि सभी देशवासियों को अच्छे काम करने के लिए उत्साहित करती रहेगी ।
मैंने कल आपके हैरतअंगेज़ कारनामों के बारे में पढ़ा। आप सब में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ साढ़े सात साल की तन्वी नंदकुमार ओव्हल[ Tanvi Nandkumar Ovhal] हैं। महाराष्ट्र की इस बच्ची ने अपनी चार साल की बहन को डूबने से बचाया। इतनी कम उम्र में दूसरों का सहारा बनना कोई मामूली बात नहीं है।
बाकी बच्चों के कारनामे भी कम आश्चर्यजनक नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश की शिल्पा शर्मा [ Shilpa Sharma ] ने एक बच्चे को एक तेंदुए से बचाया। महाराष्ट्र के शुभम संतोष चौधरी [ Shubham Santosh Chaudhari ] ने दो बच्चियों को आग से बचाया और राजस्थान की मलैका सिंह टाक [ Malieka Singh Tak ] ने तो चार पुरुष हमलावरों का मुकाबला अकेले ही कर डाला।
आप सब दो दिन बाद गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे। परेड के जरिए हमारे देश को आपकी बहादुरी की जानकारी मिलेगी। यह आप सबके लिए भी एक ख़ास दिन होगा जब आप देश की सेना और सशस्त्र बलों के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय त्यौहार को मनाएंगे। मुझे यक़ीन है कि आपको इस मौके से बहुत सी नई चीज़ों की जानकारी भी मिलेगी।
देश को आप जैसे बच्चों से बड़ी उम्मीदें हैं और मुझे कोई शक नहीं कि आप इन उम्मीदों को पूरा कर दिखाएंगे। मैं आपको एक बार फिर मुबारकबाद देता हूं। मैं ईश्वर से यह प्रार्थना भी करता हूं कि वह भविष्य में आपको और भी बड़ी कामयाबियां दिलवाए।मैं अपनी बात खत्म करने से पहले Indian Council for Child Welfare की तारीफ भी करना चाहूंगा। वह 1956 से बहादुर बच्चों का सम्मान करने के सिलसिले को जारी रखे हुए है। मैं उनको भविष्य के लिए अपनी सारी शुभकामनाएं देता हूं। फ़ोटो कैप्शन
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh presenting the National Bravery Award-2013 to Master Hani Sagar Kashyap (Delhi), at a function, in New Delhi on January 23, 2014.
The Minister of State (Independent Charge) for Women and Child Development, Smt. Krishna Tirath is also seen.

India& Korea Agreed To Strengthen National Security Structures &Cyber Affairs Dialogue

India& Korea Agreed To Strengthen National Security Structures & Cyber Affairs Dialogue
While Welcoming President Ms. Park Geun-hye Of Korea Prime minister Dr Man mohan singh said”Our negotiations for revision of the existing Double Taxation Avoidance Convention have concluded. We have been exploring the possibility of establishing a Korean Industrial Park in India. President Park and I have agreed to set up a CEOs Forum comprising captains of industry and commerce from both countries to provide us with new ideas for deepening our economic collaboration”
Indian P M said” I am very happy that the large-scale POSCO steel project in Odisha is set to be operational in the coming weeks, following the revalidation of its environmental clearance. Grant of mining concession for the project is also at an advanced stage of processing. I conveyed to President Park our hope that this project will confirm that economic growth and environmental protection can go hand in hand”
Speaking On Political and security cooperation between These two countries Dr an mohan singh said “Political and security cooperation between India & Korea Is expanding steadily. “President Park and I have decided to establish an annual interaction between the national security structures of our two countries. We also have agreed to launch a Cyber Affairs Dialogue between our Governments”
India and the Republic of Korea recently held the first round of structured consultation between senior defence officials. President Park and I have recognized the possibility of defence trade and joint production by further promoting collaboration between our defence research organizations. The Agreement on the Protection of Classified Military Information signed today will also boost our defence engagement”.
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The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh meeting the President of the Republic of Korea, Ms. Park Geun-hye, in New Delhi on January 16, 2014.

Dr ManMohan Singh Launched E-Literacy Project In Kerala And Promised encouragement growth in IT sector

Lauding Kerala’s pioneering efforts in achieving total e-literacy, Prime Minister Dr Man mohan singh said reducing digital divide was vital to improve the lives of common people across the country.Noting that country has witnessed phenomenal growth in IT sector, PM said Centre was committed to providing enabling environment to encourage growth.in IT sector, PM addressed at the launch of the E-Literacy Project to be implemented by Panicker Vigyan Vikas Kendra

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing after unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh addressing after unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.


Dr Man mohan singh said ,. “We all know that Kerala is the leading State in the country in terms of indices of human development. Literacy is one of these indices and the fact that Kerala took an early lead in literacy has in turn helped it do well in the other dimensions of human development. The success of the literacy movement in Kerala owes much to a great son of the State, Shri P. N. Panicker. I join all of you in paying tribute to him as we launch this E-Literacy Project to be implemented by the P. N. Panicker Vigyan Vikas Kendra. I also compliment the Kendra for this initiative”.
P M Said” In today’s world of instant communication and the Internet, it is not easy to imagine and appreciate the difficulties which a frail man must have faced as he lit the spark of literacy in a small village in North Kerala in the first half of the last century and then spread his message to the whole of the State. Later, Shri Panicker’s initiative, the Grandhasala Sangam ignited a popular cultural movement in Kerala at the end of which the State acquired total literacy in the 1990s.
The Grandhasala Sangam began humbly with 47 libraries in 1945 and grew into a network of more than 6,000 libraries spreading across the towns and villages of Kerala. Shri Panicker also established the Kerala Association for Non Formal Education and Development (KANFED). The activities of these two organizations working together made a profound impact on the education, culture and development of Kerala.
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[1]The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh unveiling the commemoration plaque of the offsite Campus of Central University of Kerala, at Thiruvananthapuram, in Kerala on January 04, 2014.
The Governor of Kerala, Shri Nikhil Kumar, the Chief Minister of Kerala, Shri Oommen Chandy and the Minister of State for Human Resource Development, Dr. Shashi Tharoor are also seen.