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CGHS के विदेश जाने वाले लाभार्थी केवल ३ महीने तक ही दवाएं ले सकेंगें

CGHS के विदेश जाने वाले लाभार्थी केवल ३ महीने तक ही दवाएं ले सकेंगें |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना सीजीएचएस में केवल 1,447 जेनरिक और 622 ब्रांडशुदा दवाओं की ही सलाह दी जाएगी।यह आदेश आज डॉ हर्षवर्धन ने जारी किये
स्वास्थ मंत्री ने बताया कि सीजीएचएस चिकित्सकों द्वारा मान्य दवा सूची के अतिरिक्त ब्रांडशुदा दवाओं की सलाह देने की शिकायतें भी मिलती रही हैं। इसे ध्यान में रखते लाभार्थियों और आम लोगों की सूचना के लिए ऐसी दवाओं की सूची उपरोक्त वैबसाइट पर प्रकाशित करने का फैसला किया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भविष्य में केवल 1,447 जेनरिक और 622 ब्रांडशुदा दवाओं की ही सलाह दी जाएगी। केंसर और उससे मिलती जुलती बीमारियों में अपवाद स्वरूप इसके अतिरिक्त दवाएं लिखी जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त ये भी फैसला किया गया है कि सीजीएचएस लाभार्थियों को अधिकतम केवल एक महीने की दवाएं ही निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि यदि वो अतिरिक्त इलाज के लिए विदेश जाते हैं तो ऐसे मामलों में निशुल्क दवाएं तीन महीने तक उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीजीएचएस चिकित्सक ऐसी जांच और प्रत्यारोपण की सलाह नहीं देंगे जो कि सूचीबद्ध नहीं है। दवा, जांच, प्रणाली, प्रत्यारोपण तथा चिकित्सा प्रणाली की सूची को अपडेट करने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया जा चुका है।
योजना में भ्र्ष्टाचार की रोकथाम के लिए ३० दिन से अधिक समय से लंबित मेडिकल क्लैम्स को वेबसाइट पर डाला जाएगा
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वो मंत्रालय के सभी विभागों में व्यापक स्तर पर सुधार पर विचार कर रहे हैं। “मैं हमारे कामकाज की जांच करने के लिए लोगों, खासकर मीडियो को प्रोत्साहित करता हूं ताकि कर्मचारियों को भ्रष्टाचार की कोशिश में नाकामी का अहसास होने लगे। इसके अतिरिक्त मैं भ्रष्टाचार के स्रोत को समाप्त करने के लिए सूचना और तकनीक का भी इस्तेमाल करूंगा।”
फाइल फोटो

CGHS Opens Doors Of 20 Clinics For Senior Citizens Also,But From Delhi Repeat Delhi

CGHS Opens Doors Of 20 Clinics For Senior Citizens Also,But Only From Delhi Repeat Delhi
The Central Govt. Health Scheme[CGHS] provides comprehensive health care to its Beneficiaries in India. CGHS Scheme is now in operation in Allahabad ,Ahemdabad ,Bangalore , Bhubhaneshwar ,Bhopal ,Chandigarh , Chennai ,Delhi , Dehradun ,Guwahati , Hyderabad , Jaipur , Jabalpur , Kanpur , Kolkatta , Lucknow , Meerut , Mumbai , Nagpur , Patna , Pune , Ranchi , Shillong , Trivandrum and Jammu.But this facility is thrown open for Delhi Only.
Beginning September 1, 2014 the doors of 20 Central Government Health Scheme (CGHS) wellness centres will be thrown open to senior citizens from among the public for free consultation.This provision Is For Delhi Only
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, unveiled today a pilot project with wide ramifications for the future of public health care. There was wide criticism of the CGHS’ closed door policy towards people in need of medical help who were not family members of central government employees.
” Dr Harsh Vardhan said. The service for senior citizens will be available on all working days between 1.30 pm and 3 pm. They will however not be given free medicines which is only for central employees.

AAP Party Lodged Protest Against Union Health Minister Dr Harsh Vardhan

[New Delhi] Aam Aadmi Party[AAP] Lodged Protest Against union health minister Dr Harsh Vardhan
The protest was organised against the health minister’s Alleged compromise with corruption by shunting out whistleblower officer, Mr Sanjeev Chaturvedi from the post of Chief Vigilance Officer of AIIMS.
The protestors From Krishnanagar Vidhan Sabha assembly segment, Assembled outside Dr Harsh Vardhan’s residence And displayed placards +posters demanding minister’s resignation
It Is Alleged that The health minister is changing his stand everyday and is making false statements In support of these allegations following examples are quoted
[1]The health minister had tweeted on Friday (August 22) that Chaturvedi had been twice rejected by the CVC and that his continuation as CVO of AIIMS was “irregular and indefensible”.
[2]The minister on Saturday changed his stand from rejection to opposition by the CVC in 2012 and 2013.
The AAP challenged health minister to put in public domain any document which has support his claim.
It is said by “AAP” that the CVC did not either reject or oppose Chaturvedi’s appointment as the CVO of AIIMS, a clarification sought by the commission is being twisted and wrongly presented by the health minister

“आप” ने खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए एम्स के सी वीओ के कन्धों पर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला

“आप” ने खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए एम्स के सी वीओ के कन्धों पर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला १६ वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों में अपनी प्रतिष्ठा खो चुकी “आप” पार्टी दिल्ली में सत्ता कब्जाने को एक अदद मुद्दे के लिए लगातार हाथ पावँ मार रही है| साम्प्रदायिकता के मुद्दे से हटते हुए “आप” पार्टी ने एम्स के पद्च्युक्त सी वी ओ के समर्थन में उतर आई है |डॉ हर्षवर्धन के इस्तीफे की मांग की गई है |
एम्स के चीफ विजिलेंस अफसर संजीव चतुर्वेदी के कामकाज में बदलाव को लेकर “आप” ने संजीव चतुर्वेदी के समर्थन में मिस्ड काल मुहिम शुरू की है। “पार्टी “सोशल मीडिया पर भी सरकार के फैसले के खिलाफ मुहिम छेड़ेगी जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने चतुर्वेदी को हटाए जाने को सही ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि वह इस पद के योग्य नहीं हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ” हमें सूचित किया गया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग की मंजूरी के बिना, किसी को भी कहीं भी सीवीओ पद नहीं सौंपा जा सकता। यह हमारे संज्ञान में लाया गया। हमने उसका संज्ञान लिया और उन्हें पद से हटाया”गौरतलब है कि एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) संजीव चतुर्वेदी का कार्यभार 1986 बैच के केरल कैडर के आईएएस विश्‍वास मेहता को दिया गया है।
हरियाणा कैडर के 2002 बैच के वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी का कार्यकाल बतौर सीवीओ जून 2016 तक था उन्होंने एम्स में भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था।

डॉक्टर्स की संस्था MCI ने भावी डॉक्टर्स की आकांक्षाओं पर तुषारापात किया,केंद्र ने की आलोचना

चिकित्सकों की संस्था MCI ने भावी चिकित्सकों की आकांक्षाओं पर तुषारापात किया,केंद्र ने की आलोचना
डॉकटरों की संस्था एम सी आई ने नए बनने वाले डॉकटरों की इच्छाओ पर तुषारापात किया|2014-15 के अकादमिक सत्र में 1,170 सीटों का नुकसान हुआ है और कई प्रतिभाशाली छात्रों का सपना टूट गया है।
मेडिकल कालेजों में सीटें रद्द करने के लिए डॉ. हर्षवर्धन ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की आलोचना की|
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मेडिकल कालेजों में सीटें रद्द करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की आलोचना की है और इसे छात्र विरोधी कदम बताया है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इस कदम के कारण 2014-15 के अकादमिक सत्र में 1,170 सीटों का नुकसान हुआ है और कई प्रतिभाशाली छात्रों का सपना टूट गया है।
उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय की उस याचना को खारिज कर दिया था, जिसमें मंत्रालय ने प्रार्थना की थी कि नये मेडिकल कालेजों को मंजूरी देने और पुराने कालेजों में मौजूदा सीटों की अनुमति के नवीनीकरण के लिए समय सारणी में बदलाव करने की जरूरत है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अदालत में हमारे निवेदन को समर्थन देने के बजाय मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसका विरोध किया, जिससे मैं हैरान हूं कि वे किसकी तरफ हैं।
मौजूदा सीटें बढ़ाने के लिए कई आवेदन आये हैं क्योंकि नये मेडिकल कालेज खोले जाने हैं और पुराने मेडिकल कालेजों की सीटें बढ़ाई जानी हैं। इसके मद्देनजर 2,750 सीटों को मंजूरी दी गई है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानदण्डों पर असफल हो जाने के कारण 3,920 सीटों के नवीनीकरण के आवेदनों को रद्द कर दिया गया है। इसके कारण 1,170 सीटों का कुल ऩुकसान हुआ है। प्रभावित होने वाले 46 मेडिकल कालेजों में से 41 निजी कालेज हैं। मंत्रालय ने इस संबंध में 150 मामले, जिनमें ज्यादातर सरकारी कालेजों के हैं, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को समीक्षा के लिए भेजे थे लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। [फाइल फोटो]

डॉ. हर्षवर्धन ने राजनीती में भी ऑर्थोडॉक्स चिकित्सा पद्धति के अनुसार कंडोम और यौन शिक्षा के नुस्खे बदले

केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ हर्षवर्धन राजनीती में भी ऑर्थोडॉक्स चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं |इस पुरानी पद्धति के अनुसार इलाज के दौरान दवाइयाँ बदल बदल कर एक्सपेरिमेंट किये जाते हैं कमोबेश इसी आधार पर आज कल डॉ हर्षवर्धन ने कंडोम से लेकर भोग शिक्षा के विरोध में बाबा राम देव और अपनी आर एस एस के सामाजिक मूल्यों वाली योग शिक्षा के नुस्खों को आजमाना शुरू कर दिया है |
कंडोम के इस्तेमाल को बदलने की कवायद में स्वयं डॉ की ही सेहत जब बिगड़ने लग गई तो उन्होंने तत्काल यौन शिक्षा के स्थान पर योग शिक्षा को प्रेस्क्राइब कर दिया |अब इसके रिएक्शन में मीडिया के साथ ही सत्ता गवाँ बैठे कांग्रेस जन भी हाय हल्ला करने लग गए |इस पर स्पष्टीकरण देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बिना अश्लीलता के यौन शिक्षा की हिमायत की हैं |डॉ हर्षवर्धन के अनुसार यौन शिक्षा जरूरी, लेकिन अश्‍लीलता के बिना ”सभी देशों को सामाजिक मूल्‍यों के साथ यह शिक्षा देनी चाहिए”
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री की व्‍यक्तिगत वेबसाइट www.drharshvardhan.com/ drharshvardhan-views-on-education.aspx में ” त‍थाकथित यौन शिक्षा की ” आलोचना को लेकर मीडिया के एक वर्ग ने विवाद खड़ा किया है। इस पोस्ट को वर्ष २००७ की पोस्ट बताया जा रहा हैं |
सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर अलग-अलग राय रखने की मीडिया की परम्‍परा के आगे नतमस्तक होते हुए, डॉ हर्षवर्धन ने विस्‍तृत रूप से इस बात का खंडन किया है कि उन्‍होंने यौन शिक्षा पर रोक लगाने का प्रस्‍ताव किया था जैसा कि एक प्रमुख अख़बार ने आज अपनी बैनर हेडलाइन में कहा है।
डॉ हर्षवर्धन, जो इन दिनों अमरीका की सरकारी यात्रा पर हैं, ने कहा ”मैं एक मेडिकल पेशेवर हूं जिसने हमेशा तर्कों को अपनाया है और मैं तहेदिल से ऐसी शिक्षा का समर्थन करता हूं जो वैज्ञानिक और सांस्‍कृतिक दृष्टि से लोगों को स्‍वीकार्य हो। ऐसी कोई भी बात, जो आम आदमी को चोट पहुंचाती हो और जो चाहे वह किसी भी जिम्‍मेदार व्‍यक्ति द्वारा स्‍पष्‍ट रूप से कही गई हो उसे अस्‍वीकार कर दिया जाना चाहिए और उसके स्‍थान पर ज्ञान की ऐसी प्रक्रिया अपनानी चाहिए जिस पर सभी की आम सहमति हो। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि वेबसाइट पर उन्‍होंने जो विचार व्‍यक्‍त किए थे वो उनके अपने थे। उन्‍होंने किशोर शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने के बारे में यूपीए सरकार द्वारा 2007 में किए गए फैसले के संदर्भ में यह बात कही थी। यहां तक कि यूपीए शासित राज्‍यों के मुख्य मंत्रियों ने भी इस पर आपत्ति व्‍यक्‍त की थी और इसमें संशोधन किया गया था।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 2013 के चुनाव में अपनी पार्टी के मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार के रूप में उन्‍होंने कहा था कि उन्‍हें शासन के अन्‍य विषयों के अलावा शिक्षा के लिए पारदर्शी एजेंडा बनाने का पूरा अधिकार है। मूल्‍य आधारित स्‍कूली ज्ञान की प्रक्रिया सभी देशों में समान है और उन्‍होंने दिल्‍ली के स्‍कूलों में इस तरह का प्रारूप लागू करने के बारे में सोचा था। उन्‍होंने कहा कि सितम्‍बर 2002 में उच्‍चतम न्यायालय की एक खंडपीठ ने सरकार के इस अधिकार को बरकरार रखा था कि स्‍कूली पाठ्यक्रम में मानव मूल्‍य शिक्षा शुरू की जाये। (2002 की बी.जी.वर्गीज, अरुणा रॉय और अन्‍य बनाम एनसीईआरटी रिट याचिका 98)
डॉ हर्षवर्धन ने स्‍पष्‍ट रूप से यूं पी ऐ पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपीए के तथाकथित यौन शिक्षा कार्यक्रम में सांस्‍कृतिक दृष्टि से आपत्तिजनक प्रतीकों के अपरिष्‍कृत और लिखित बयानों को यौन शिक्षा नहीं कहा जा सकता। प्रत्‍येक शिक्षा प्रणाली में एक आदर्श पाठ्यक्रम अवश्‍य होना चाहिए और उस सीमा तक मेरी राय वैध है।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, जिनके पास 1993 से 1998 के बीच दिल्‍ली सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के साथ-साथ शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी था, ने अनेक विशेषज्ञों की सलाह से दिल्‍ली के स्‍कूलों के पाठ्यक्रम में अनेक स्‍थाई सुधार शुरू किए थे। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि उस समय भी पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को कुछ हद तक शामिल किया गया था लेकिन उस समय किसी के विरोध करने की खबर नहीं आई।
उन्‍होंने कहा कि एईपी में पर्याप्त संशोधन किया गया है। अब इसे नये एचआईवी संक्रमण की रोकथाम और संक्रमण के प्रति सामाजिक संवेदनशीलता को कम करने में प्रमुख हस्‍तक्षेप के रूप में शिक्षा विभाग और राष्‍ट्रीय एडस नियंत्रण संगठन द्वारा उचित स्‍थान मिला है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि इस कार्यक्रम को राज्‍य एडस नियंत्रण सोसाइटियों के सहयोग से शिक्षा विभाग के जरिए देश भर में लागू किया गया है। उन्‍होंने कहा कि एईपी का उद्देश्‍य देश के सभी सीनियर स्‍कूलों में शत-प्रतिशत गुणवत्‍ता प्रदान करना है ताकि नौंवी और दसवीं कक्षा के छात्रों को एचआईवी के बारे में सही और पर्याप्‍त जानकारी मिल सके।
डॉ हर्षवर्धन ने अंत में संक्षेप में कहा, ”यौन शिक्षा का लक्ष्‍य समाज को लिंग भेदभाव, किशोरियों में गर्भधारण, एचआईवी-एडस के प्रसार, अश्‍लील साहित्‍य की लत से मुक्‍त समाज का निर्माण होना चाहिए।
गौरतलब हैं के डॉ हर्षवर्धन ने दो दिन पहले ही एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाते समय कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। उनकी दलील थी कि यदि व्यक्ति अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहे तो कंडोम की जरूरत ही नहीं है।
एड्स के खिलाफ अभियान में जुटे संगठनों ने उनके इस बयान का विरोध किया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री को सफाई भी देना पड़ी थी।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan presenting a copy of his book “A tale of two drops” to the United States Secretary for Health and Human Services, Ms. Sylvia Mathews Burwell, during their meeting, in Washington DC on June 25, 2014.

डॉ हर्षवर्धन ने मरीजों के साथ संबंध सुधारने के लिए एम्‍स के डॉक्‍टरों को प्रिस्क्रिप्शन दिया

डॉ हर्षवर्धन ने मरीजों के साथ संबंध सुधारने के लिए एम्‍स नई दिल्ली के डॉक्‍टरों को प्रिस्क्रिप्शन दिया| एम्स देश का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसका निर्माण इस अस्पताल में हर रोज औसतन 3000 बाह्य रोगी आते हैं इसके अलावा कम से कम 4000 अन्य रोगी विभिन्न विभागों में भर्ती किए जाते हैं।
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन देश की राजधानी के अस्‍पतालों में सफाई अभियान Sanitationनिरीक्षण के दूसरे दिन जन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में नई कार्य संस्‍कृति अपनाने के मिशन पर थे।बीते दिन उन्होंने डॉ आर एम एल अस्पताल का निरीक्षण किया था |
डॉ. हर्षवर्धन ने आज डॉक्‍टरों से कहा कि वे डॉक्‍टर-मरीज संबंध मजबूत करने की जिम्‍मेदारी निभाए।
उन्‍होंने क‍हा, ‘एम्‍स, नई दिल्‍ली को उपचार के उच्‍चस्‍तर को बनाये रखना चाहिए | उन्होंने आज सुबह 9 बजे सबसे पहले बाल चिकित्सा आपातकालीन वार्ड और उसके बाद कैजुअल्टी और ओपीडी के सभी विभागों का निरीक्षण किया। उनके साथ एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम.सी.मिश्रा, चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर डी.के.शर्मा और अन्य पदाधिकारी भी थे।
उन्होंने आपातकालीन विभाग में दो रेजीडेंट डाक्टरों की तैनाती को अपर्याप्त बताया |बड़ी संख्या में मरीज और उनके रिश्‍तेदार भी मंत्री के पास गए और उन्हें अपनी परेशानियाँ बतायी।
एम्‍स के निदेशक प्रो. मि‍श्रा ने घोषणा की‍ कि‍ पर्यावरण अनुसंधान संस्‍था (टेरी) ने इस वि‍शेष लक्ष्‍य को हासि‍ल करने के लि‍ए पहले ही काम शुरू कर दि‍या है। अस्‍पताल के अंदर प्रकाश फैलाने वाले डायोड (एलईडी) लैम्‍पों का खुले क्षेत्रों में सौर लैम्‍प पोस्‍ट का इस्‍तेमाल करके 30 प्रति‍शत तक ऊर्जा की बचत करने का लक्ष्‍य है।
नोबेल पुरस्‍कार वि‍जेता श्री राजेंद्र पचौरी की अध्‍यक्षता में गठित शीर्ष पर्यावरण परामर्शदायी संस्‍था (टेरी) ने एम्‍स में पानी की खपत को 50 प्रति‍शत कम करने और अस्‍पताल के शहरी गर्म द्वीप प्रभाव को कम से कम 3 डि‍ग्री सेंटीग्रेड कम करके सूक्ष्‍म स्‍तर पर लाने का लक्ष्‍य रखा है। ध्‍वनि‍ और धूल प्रदूषण को रोकने के लि‍ए भी कदम उठाए जाएंगे। प्रमाणीकरण के मानदंड एक अर्ध-सरकारी एजेंसी- गृह इंडि‍या द्वारा निर्धारित कि‍ए गए हैं।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting the All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) Hospital to review the sanitation drive in the hospitals of New Delhi, on June 12, 2014.

डॉ.हर्षवर्धन ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निरीक्षण में सरकारी लक्ष्यों को सीमा से पूर्व प्राप्त करने का आह्वाहन किया

[नई दिल्ली]डॉ.हर्षवर्धन ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निरीक्षण में सरकारी लक्ष्यों को सीमा से पूर्व प्राप्त करने का आह्वाहन कियाकेंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने आज दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल का अौचक दौरा किया। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में साफ-सफाई और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस मौके पर डॉ.हर्षवर्धन ने अस्पताल के स्टाफ से भी बातचीत की उनके मुद्दों को जाना। गौरतलब है कि डॉ आर एम एल अस्पताल दिल्ली का एक प्रमुख अस्पताल है।डॉ.हर्षवर्धन ने अपनी चिकित्सक बिरादरी को आग्रह किया कि सरकारी लक्ष्यों की प्राप्ति निर्धारित अवधि से पूर्व कर ली जानी चाहिए |उन्होंने समाज सेवा के हाई स्टैंडर्ड्स की प्राप्ति के लिए भी प्रेरित किया |
गौरतलब है कि दिल्ली में अाये तूफ़ान के कारण राजधानी में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है और लगातार कटौती की जा रही है इससे एक ओर जहां आम जनता बेहाल है, इसका असर अस्पतालों में मरीजों के इलाज पर भी पड़ रहा है।इसीलिए जनता में आक्रोश है और कांग्रेस+आप द्वारा इसे मुद्दा बनाया जा रहा है सम्भवत इसी असंतोष को जवाब देने के लिए केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने अस्पतालों का निरीक्षण करने का बीड़ा उठाया है डॉ आर एम एल अस्पताल के निदेशक डॉ एच के कार ने मंत्री को रेन हार्वेस्टिंग+ अस्पताल में कार्यप्रणली की जानकारी दी
दिलशाद गार्डन स्थित गुरुतेग बहादुर अस्पताल(जीटीबी)में भी आपातकालीन सेवाएं बाधित होने के समाचार हैं
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The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visited Dr. Ram Manohar Lohia Hospital to review the sanitation drive in the hospitals of New Delhi, in New Delhi on June 11, 2014.

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी कबाड़ निकाल कर स्‍वच्‍दता अभियान शुरू किया

मेनका गांधी के बाद अब डॉ हर्षवर्धन ने भी अपने मंत्रालय की सफाई करवानी शुरू कर दी है
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने भी कबाड़ निकाल कर स्‍वच्‍दता अभियान की शुरूआत की |
महि‍ला एवं बाल वि‍कास मंत्रालय के बाद अब स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में टाइमबार्ड दास्‍तावेजों को नष्‍ट करने का कार्य शुरू किया गया |
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने अनपेक्षित फाईलों+ दस्‍तावेजों+ फर्नीचर+ उपस्‍करों+उपकरणों आदि को नष्‍ट स्‍वच्‍दता अभियान की शुरूआत की है। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने कल निर्माण भवन की भूतल से लेकर सातवीं मंजिल तक निरीक्षणों की शुरूआत की।
यह नि‍र्णय लिया गया है कि प्रत्‍येक दिन प्रात: 9.00 बजे तक सभी बरामदों एवं कमरों की सफाई पूरी कर ली जाए ताकि जैसे ही अधिकारी और स्‍टाफ कार्यालय पहुंचे, वे अपना काम शुरू कर दें। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने सभी अनुभागों से कहा कि वे अपने कमरों में किसी अप्रयुक्‍त अथवा बेकार पड़ी मदों न रखें।
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय अपने रिकार्ड रूम के जीर्णोंद्वार की घोषणा की है
इसमें ओल्ड रिकार्डों का समुचित भण्‍डारण एवं रख-रखाव के लिए आधुनिक कम्‍पैक्‍टर[स्टील अलमारी] आदि मुहैय्या कराए जाएगें। सभी अनुभागों से कहा गया कि वे मंत्रालय में रिकार्डिंग व रिकाडों/ फाइलों को नष्‍ट करने हेतु एक विशेष अभियान चलायें।
बरामदों में पड़ी करीब 35 स्‍टील अलमारियों+3 पानी के कूलर+ 40 कुर्सियों व अन्‍य बेकार मदों को हटा दिया गया है। मंत्रालय कंडेम्नेशन बोर्ड / जी एफआर प्रावधानों का पालन करते हुए इनकी तत्‍काल नीलामी करेगा।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने सीपीडब्‍ल्‍यूडी से कहा है कि वे समुचित प्रकाश की व्‍यवस्‍था करें तथा बरामदों में लगे तारों को व्‍यवस्थित करें। सीपीडब्‍ल्‍यूडी से यह भी कहा गया है कि वे शौचालय के निलम्बित कार्य को प्राथमिकता के आधार पर शीध्र पुरा करें।
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World No Tobacco Rally In Delhi

गोपीनाथ मुंडे की दुर्घटना में हुई मृत्यु से सबक लेकर ,डॉ हर्षवर्धन ट्रैफिक के प्रति जागरूकता अभियान चलाएंगे

भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे की सड़क दुर्घटना में मंगलवार को हुई मृत्यु से सबक लेते हुए ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है | डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज दावा किया है कि अगर गोपीनाथ मुंडे ने सीट बेल्ट पहना होता तो उनकी जान बच सकती थी|
मुंडे का मंगलवार को एक कार हादसे में निधन हो चुका है|डाकटरों की रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक चोटें मृत्यु का कारण बनी हैं|
मुंडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के बीड जाने से पहले चांदनी चौक से भाजपा के सांसद और केंद्रीय स्वास्थय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, के ट्रैफिक के प्रति गलत धारणा के कारण उन्होंने अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया|
शोकाकुल सांसद ने पिछली सीट बेल्ट को पहनना उतना ही ज़रूरी बताया जितना आगे की सीट का बेल्ट
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अधिकांश लोग मानते हैं कि कार में पिछली सीट पर लगाई गयी बेल्‍ट केवल सजावट के उद्देश्‍य से लगाई जाती है। वास्‍तव में अगली सीटों की बैल्‍ट की तरह पिछली सीट पर बैल्‍ट लगाना भी अनिवार्य होता है। किसी अप्रिय स्थिति में यह जीवन बचाने का कारण हो सकती है।
मंगलवार को लाल बत्‍ती को पार कर एक प्राइवेट इंडिका कार ने श्री मुंडे की कार को साइड से टक्‍कर मार दी थी। इस दुर्घटना से उनकी कार को तो अधिक क्षति नहीं पहुंची लेकिन कार को लगे तेज धक्‍के की वजह से श्री मुंडे की गर्दन के जोड़ और उनकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर चोट पहुंचीजो घातक सिद्ध हुई
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अगस्‍त, 1997 में ऐसी ही घटी एक अन्य दुर्घटना में ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना की मृत्यु का भी उदाहरण दिया |
इस दुर्घटना ग्रस्त कार में सिर्फ सीट बैल्‍ट लगाने वाला ही एक मात्र बचा था |
इसके अलावा 2007 में दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री साहिब सिंह वर्मा का भी एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि श्री वर्मा ने यदि सीट बैल्‍ट लगाई होती तो उनकी जान बच सकती थी।कभी-कभी ऐसा होता है कि जब व्‍यक्ति दुर्घटना के कारण बाहर नहीं गिरता, तब भी उसके शरीर को गंभीर चोट पहुंचती है। ऐसा ही मुंडे के साथ भी हुआ |
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, अमरीका में अनुसंधान से पता चला है कि सीट बैल्‍ट बांधने से कार की अगली सीट पर बैठे यात्री को जान का जोखिम 45 % कम हो जाता है जबकि सामान्‍य से गंभीर किस्‍म की चोट लगने का जोखिम 50 % घट जाता है। वैन और स्‍पोर्ट युटिलिटी वाहनों की पिछली सीट पर बैठे लोगों ने यदि सीट बैल्‍ट लगा रखी हो तो कार दुर्घटना के दौरान जान का जोखिम 75 % मामलों में बेहतर ढ़ग से टाला जा सकता है।दुर्भाग्य वश भारत में सीट बेल्ट को अब भी गंभीरतापूर्वक लागू नहीं किया गया है। य‍ह गंभीर चिंता का विषय है।
डॉ. हर्षवर्धन ने आश्वासन दिया कि स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय गाड़ी चलाते समय सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले लोगों को जागरूक करने की पहल करेगा।
फोटो कैप्शन
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan flagging off the rally of school students to commemorate World No Tobacco Day, in New Delhi on May 30, 2014.