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Tag: DrJitendraSingh

33K Complaints Pending In Central Information Commission

(New Delhi) 33K Complaints Pending In Central Information Commission
Over 33,000 complaints and appeals are pending with the Central Information Commission, the Lok Sabha was informed on Wednesday.
“As far as Central Information Commission is concerned, 33,487 number of second appeals/complaints are pending as on November 28, 2019,” Minister of State for Personnel Jitendra Singh said in a written reply.

सीबीआई में भरे ४५०३ पदों से सभी परेशान,स्वीकृत 5532 हो गए तो ?

(नईदिल्ली) #सीबीआई में अभी 4503 पद भरे हुए हैं तो सभी परेशान हैं अगर स्वीकृत 5532 हो गए तो क्या होगा ?
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) में उसकी स्वीकृत संख्या की तुलना में 1,029 पद रिक्त हैं।
राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 31 अक्टूबर 2019 की स्थिति के अनुसार, सीबीआई में विभिन्न रैंक में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 5,532 है जिनमें से 4,503 पद भरे हुए हैं
सिंह ने बताया कि इन पदों को भरने के लिए सीबीआई कदम उठा रही है।
जांच एजेंसी में कार्यपालक रैंक के स्वीकृत पदों की संख्या 5000 है जिनमें से 860 पद रिक्त हैं। विधि अधिकारी के 370 स्वीकृत पदों में से 74 पद रिक्त हैं तथा
तकनीकी अधिकारी के स्वीकृत 162 पदों में से 95 पद रिक्त हैं।

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस से मधुमेह जैसे राजरोग के विरुद्ध अभियान

[नई दिल्ली]राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस से मधुमेह जैसे राजरोग के विरुद्ध अभियान
28 अक्टूबर को पूरे देश में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा
इस राष्ट्रीय दिवस से आयुर्वेद के माध्यम से मिशन मधुमेह” की शुरूआत की जाएगी |
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा 28 अक्टूबर 2016 को ”आयुर्वेद के माध्यम से रोकथाम और मधुमेह के नियंत्रण” पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का दिल्ली में आयोजन किया जाएगा
डॉ जितेन्द्र सिंह इस समारोह का उद्घाटन करेंगे और आयुष मंत्री श्रीपद नाइक इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
केंद्र सरकार ने धनवंतरि जयंती के दिन प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाने का निर्णय लिया है।

भारतीय एयर लाइन्स संघ ने विदेशी और नए एयरलाइन्स के बराबर दर्जा मांगा

[नई दिल्ली] भारतीय एयर लाइन्स संघ ने केंद्र सरकार को ज्ञापन देकर विदेशी और नए एयरलाइन्स के बराबर दर्जा मांगा |
भारतीय एयरलाइंस संघ के एयरलाइंस ऑपरेटरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास के केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह को एक ज्ञापन दिया जिसमे संघ ने सरकार से अपनी राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति को अंतिम रूप देने के दौरान उनकी कुछ चिंताओं के बारे में सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की | इस नीति को उड्ययन मंत्रालय तैयार करने वाला है। संघ ने कहा कि यह आवश्‍यक है कि उनके साथ भेदभाव न होने दिया जाए और विदेशी और नए एयरलाइंस के बराबर उन्‍हें भी रखकर देखा जाए।
प्रतिनिधिमंडल में इंडिगो अध्‍यक्ष आदित्‍य घोष+जेट एयरवेज के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष डॉ. नारायण हरिहरन+स्पाइस जेट के मुख्य प्रबंध निदेशक अजब सिंह और गो एयरलाइन के प्रबंध निदेशक जे वाडिया शामिल थे |

नार्थईस्ट के विकास के लिए इनके स्‍वयं का होगा फिल्‍म संस्‍थान

[नई दिल्ली]पूर्वोत्तर क्षेत्र[Northeast] के विकास के लिए पूर्वोत्‍तर का स्‍वयं का होगा फिल्‍म संस्‍थान
केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेन्‍द्र सिंह के अनुसार पूर्वोत्‍तर क्षेत्र का स्‍वयं का फिल्‍म संस्‍थान होगा। डॉ. जितेन्‍द्र नई दिल्‍ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित 3 दिवसीय पूर्वोत्‍तर फिल्‍म समारोह के दौरान, मणिपुर के जाने माने ‘’ग्रांड प्रिक’’ और ‘’राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार ‘’ विजेता फिल्‍म निर्माता श्री अरिबम स्‍याम शर्मा के लिए आयोजित अभिनंदन समारोह में अपने विचार व्‍यक्‍त कर रहे थे।
डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि संपूर्ण पूर्वोत्‍तर क्षेत्र प्राकृतिक खूबसूरती से सराबोर है जिनकी तुलना दुनिया के सर्वाधिक खूबसूरत स्‍थलों से की जा सकती है लेकिन दुर्भाग्‍य से इस क्षेत्र की इस अपार क्षमता का फिल्‍म जगत ने कम उपयोग किया है।
उन्‍होंने केन्‍द्रीय वित्‍त और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरूण जेटली को अरूणाचल प्रदेश में एक फिल्‍म संस्‍थान की स्‍थापना के लिए अपने बजट में शामिल करने के लिए धन्‍यवाद दिया। इससे ना सिर्फ पूर्वोत्‍तर में फिल्‍म उद्योग को बढ़ाने में मदद मिलेगी बल्‍कि बॉलीवुड, टॉलीवुड और देश के अन्‍य क्षेत्र के फिल्‍म निर्माता भी इसका लाभ उठा सकेगें।

पेंशन भोगी बुजुर्गों ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान से सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया

[नई दिल्ली]रिटायर्ड पेंशन भोगी बुजुर्गों ने भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में योगदान देकर समाज सेवा के जज्बे का प्रेरणादायक उदारहण प्रस्तुत किया
६४८ संघों के समूह ,भारत पेंशनभोगी समाज ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में आज उल्लेखनीय योगदान दिया
भारत में पेंशनभोगियों के सबसे बड़े एवं सबसे पुराने संगठन भारत पेंशनभोगी समाज (बीपीएस) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी +भू-विज्ञान मामलों के राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार)+प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री, कार्मिक+जन शिकायत एवं पेंशन+अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में बतौर योगदान एक चेक सौंपा है। इसके साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने राशन + कपड़े समेत राहत सामग्री से भरे दो ट्रक जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किये हैं।
पेंशनभोगियों के संगठन द्वारा दिये गये योगदान की सराहना करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वैसे तो इनके द्वारा दी गई धनराशि व सामग्री राहत कार्यों को आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि यह इन बुजुर्ग सेवानिवृत्त पदाधिकारियों का सांकेतिक अनुग्रह है। यह हम सभी के लिए एक वरदान जैसा है जो जम्मू-कश्मीर को मौजूदा संकट से उबारने में जुटे हुए हैं।
संकट के इस दौर में जम्मू-कश्मीर के लोगों से एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए बीपीएस के महासचिव श्री एस. सी. माहेश्वरी ने डॉ. जितेन्द्र सिंह को सूचित किया कि उनका संगठन विभिन्न विभागों के पेंशनभोगियों के 648 संघों का एक समूह है और इसकी शाखाएं देशभर में फैली हुई हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पेंशनभोगियों के इन विभिन्न समूहों की ओर से जम्मू-कश्मीर में राहत के लिए और भी योगदान दिया जाएगा।
श्री माहेश्वरी ने बताया कि बीपीएस ने अंगदान के लिए एक अभियान शुरू किया है और जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के बचाव एवं राहत कार्यों के लिए जहां भी जरूरत पड़ेगी, वहां वे चिकित्सा मदद भी उपलब्ध कराने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
फोटो कैप्शन
A delegation of Bharat Pensioners’ Samaj handing over donation to Prime Minister’s National Relief Fund for J&K flood victims to Minister of State for Science & Technology (I/C), Earth Sciences (I/C), Prime Minister Office, Personnel, Public Grievances & Pensions, Deptt. of Atomic Energy and Deptt. of Space, Dr. Jitendra Singh, in New Delhi on September 20, 2014.

रक्षा लेखा विभाग में अनुकम्पा के आधार पर सैंकड़ों नियुक्तियां बरसों से लंबित हैं

C D A [ARMY]MEERUTकेंद्र सरकार के तमाम दावों के बावजूद उसके अपने विभागों में बढ़ी संख्या में अनुकम्पा मूलक आधार पर नियुक्तियां लंबित हैं|इनमे से ढाई सौ साल पुराना एक रक्षा लेखा विभाग[DAD]भी हैं|इस ऐतिहासिक महत्पूर्ण विभाग में अनुकम्पा मूलक आधार के कोटे की १०५ रिक्तियां हैं जबकि कनिष्ठ स्तर के पदों पर लगभग ५००० रिक्तियां हैं |
सरकारी नौकरियों में अनुकम्पा के आधार पर नियुक्तियां कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर की जाती हैं।इसी विभाग के आदेशानुसार अनुकम्पा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों में पूर्व की तीन वर्षीय समय सीमा को समाप्त कर दिया गया है| अब एक वर्ष में समूह ‘सी’ के पदों पर अनुकम्पा के आधार पर रिक्तियों पर ५ % सीधी भर्ती की जा सकती है।
इसके विषय में समय-समय पर संशोधित 09 अक्टूबर 1998 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/6/94-कार्य.(डी) का पालन किया जाता है। इन सभी निर्देशों को 16 जनवरी, 2013 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/02/2012-कार्य.(डी) में संलग्न कर दिया गया है। इन निर्देशों के आधार पर कार्मिक+लोकशिकायत + पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का राज्यसभा में यह दावा रक्षा लेखा विभाग में खरा नही उतरता|यहाँ बरसों से इस कोटे की रिक्तियां फाइलों का वजन बढ़ा रही हैं| नई दिल्ली स्थित रक्षा लेखा महानियंत्रक के दिनाक १८ जुलाई के पत्रांक AN/VII/8201/2/Rectt/02/2012-13 में स्पष्ट तौर पर अधीनस्थ २८ नियंत्रक कार्यालयों को २४७५ ऑडिटर्स और १० हिंदी अनुवादकों की भर्ती के लिए स्टाफ सलेक्शन बोर्ड से संपर्क करने को कहा गया है |
इन घोषित रिक्तियों का ५% जो कि १०५ है और इनकी भर्ती अधीनस्थ कार्यालयों दवारा की जानी है |
इसके अनुसार मेरठ स्थित सी डी ऐ [आर्मी] पेंशन+फंड्स कार्यालयों में १० रिक्तियां हैं |रोचक बात यह है कि विभाग के मुख्यालय में भी इसी मद में २ रिक्तियांभरी नहीं जा सकी हैं |
इस विभाग का महत्व बताना भी जरूरी है रक्षा लेखा विभाग का रक्षा मंत्रालय में वोही महत्व है जो सिविल में कैग [ CAG ]का है|रक्षा लेखा विभाग के लगभग २५० स्टेशनों पर १००० कार्यालय हैं जहाँ लगभग १७००० कनिष्ठ कर्मी कार्यरत हैं|
सेना के तीनों अंगों के साथ सेना की सहायक सेवाओं के एकाउंट्स का ऑडिट और उन्हें वित्तीेय सलाह देने का दायित्व रक्षा लेखा विभाग पर है लेकिन दुर्भाग्य से जिस विभाग में ५००० पद खाली हों वहां चौकीदार से लेकर आडिटर और अधिकारीके पदों पर आउट सोर्सिंग के भरोसे चलते हुए ऑडिट में गुणवत्ता की आशा करना हास्यास्पद लगता है| अब बरसों के पश्चात जा कर २४८५ रिक्तियां घोषित की गई हैंयदि ये पूरी हो भी जाएंतो भी इससे कही अधिक वेकेंसीज पेंडिंग रहेंगी |इस विषय मेंअखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ [कलकत्ता]के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतिंदर चौधरी ने इन रिक्तियों को यथा शीघ्र भरे जाने की मांग करते हुए विभाग में ट्रांसफर पालिसी की भी आलोचना की है| उन्होंने विभाग के गौरव को बनाये रखने के लिए एसोसिएशन को मजबूत बनाने का आह्वाहन किया है|