(नई दिल्ली)डायरेक्ट टू होम(डीटीएच)सेवाएं प्रदान करने के लिए अब 20 वर्ष का लाइसेंस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने हेतु दिशा-निर्देश में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस निर्णय की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
डीटीएच के लिए लाइसेंस वर्तमान 10 वर्ष की अपेक्षा अब 20 वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।
लाइसेंस शुल्क को जीआर के 10 प्रतिशत से एजीआर के 8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। जीआर से जीएसटी को घटाकर एजीआर की गणना की जाएगी।
लाइसेंस शुल्क वर्तमान में वार्षिक आधार के स्थान पर अब त्रिमासिक आधार पर इकट्ठा किया जाएगा।
डीटीएच संचालकों को उनके द्वारा दिखाए जाने वाले कुल अनुमति प्राप्त प्लेटफॉर्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 प्रतिशत के संचालन को अनुमति दी जाएगी। एक डीटीएच संचालक से प्रति पीएस चैनल के लिए 10,000 रुपये का नॉन-रिफंडेबल पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा।
डीटीएच अखिल भारतीय स्तर पर संचालित है। डीटीएच क्षेत्र एक अत्यधिक रोजगार प्रदाता क्षेत्र है। यह सीधे तौर पर डीटीएच संचालकों को रोजगार देने के साथ-साथ कॉल सेंटरों में कार्यरत कार्मिकों के अलावा जमीनी स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में इन्सटॉलरों को रोज़गार प्रदान करता है। दीर्घकालीन लाइसेंस अवधि और नवीनीकरण पर स्पष्टता के साथ-साथ सरल एफडीआई सीमा जैसे संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों से स्थिरता की निष्पक्ष स्थिति और डीटीएच क्षेत्र में नए निवेशों के अलावा रोज़गार अवसरों को सुनिश्चित कि
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