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पीजीआई रोहतक ने भी दान में मिली सैंकड़ों आँखें कूड़ेदान में फेंकी

[चंडीगढ़]पूर्व मुख्य मंत्री के इलाज में कोताही बरतने वाले पीजीआई रोहतक ने दान में मिली सैंकड़ों आँखें कूड़ेदान में फेंकी |हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने दान में मिली इंसानी आँखों को कचरे में फेंकने के मामले में जाँच के आदेश दिए हैं यह जांच पूर्व मुख्य मंत्री के इलाज में कोताही की जाँच कर रहे प्रदीप कासनी को ही सौंपी गई है| हरियाणा से ही इनेलो युवा सांसद दुष्यंत चौटाला ने भारतीय सँसद में यह मामला उठाया है |
पुरानी कहावत है कि दान में मिली बछिया के दाँत नहीं गिने जाते लेकिन दान में मिली आँखें तो मानव के लिए हजार नियामत है
और ऐसे सबसे बढे दान में मिले अमूल्य नेत्रों को कूड़े दान में डालने का अपराध अक्षम्य ही होना चाहिए| दान में मिली आँखों को कूड़ेदान में डाले जाने का अपराध सांसद दुश्यंत चौटाला ने बुधवार को संसद में उठाया था |एक आरटीआई के जवाब में प्राप्त जानकरी के आधार पर यह आरोप लगाया गया है |सांसद ने सरकार से मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग करते हुए इस घ्रणित कार्य में लिप्त देश के बढे चार अस्पतालों को उजागर किया इनमे से दो हरियाणा में हैं [1]पीजीआई चंडीगढ़ [2] पीजीआई रोहतक सहित अस्पतालों में बीते पांच साल के दौरान दान की 2000 आंखों को कूड़े में फेंक दिया गया।
इससे पूर्व पीजीआई रोहतक में पूर्व सीएम चौ हुकुम सिंह के इलाज में कोताही बरते जाने कि भी जांच के आदेश दिए गए हैं यह जाँच भी श्री कासनी को ही सौंपी गई है इस रहस्योद्घाटन को संज्ञान में लेते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के महानिदेशक प्रदीप कासनी को जांच दी गई है
मंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि एक तरफ तो हम कह रहे हैं कि मरने से पहले हर आदमी को अपनी आंखों का दान करना चाहिए, वहीं दूसरी तरफ जो आंखें जरूरतमंद व्यक्तियों को लगाने लिए दान की जाती हैं, उन्हें डस्टबिन में फेंका जा रहा है। इससे बड़ा अपराध नहीं हो सकता है। गौरतलब है कि इनेलो के छात्र संगठन ने वर्ष 2013 में एक कैंप लगा कर 10 हजार आंखें दान करवा कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था