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Tag: Farm Laws

पीएम मोदी ने गुरुनानक के सिद्धांत का पालन करते हुए कृषि कानून वापिस लिए

(नई दिल्ली) #नरेंद्रमोदी ने आज #गुरुनानक प्रगटोत्सव पर गुरुनानक के पवित्र सिद्धांत “जो नीवां सौं गौरां” को अपनाते हुए विवादित तीन #कृषिकानून वापिस लेने की घोषणा के साथ ही विपक्ष के हाथ से ज्वलंत मुद्दा छीन लिया।इसे भजपा सरकार की हार बता कर विपक्ष लड्डू खाता दिखाई दे रहा है।किसकी जीत और किसकी हार ये तो पांच राज्यों में होने जा रहे चुनावों के बाद ही साफ हो पायेगा लेकिन सरकार के इस यू टर्न से  निश्चित तौर पर किसान को कोई लाभ होगा इस पर संदेह है। ऐसे इसके पश्चात ही अभी यह मुद्दा शांत होता नही दिख रहा।सैंकड़ों किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करवाने की मांग पर नंवबर 2020 से धरना दे रहे हैं।यूपी के किसान नेता #राकेशटिकैत आंदोलन को हाथ से जाने नही देने के मूड में नही है तो कैप्टेन अमरिन्दर ,नवजोतसिंह सिद्धू और एसऐडी ,देवेगौड़ा,भारतीय किसान यूनियन उगराहां धड़े के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां आदि ने इस फैंसले का स्वागत करते हुए भाजपा से दूरी कम करने का प्रयास कर लिया ।जिसका लाभ पंजाब में मिलना तय है। विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि भाजपा सरकार देश के समक्ष झुक गई तो देश के समक्ष तनी हुई सरकार को कही श्रेष्ठ नही कहा गया।कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां अभी संसद में अंतिम दावँ जरूर खेलना चाहेंगी। चिरपरिचित जांच और #श्वेतपत्र की मांग भी की जा सकती हैप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर आखिरकार अपनी सरकार के कदम वापस खींच लिये और देश से ‘‘क्षमा’’ मांगते हुए शुक्रवार को इन्हें निरस्त करने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की।प्रधानमंत्री ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में यह घोषणाएं की और विवादास्पद कानूनों का विरोध कर रहे किसानों व कृषक संगठनों से अपना आंदोलन समाप्त करने की गुजारिश की।
ज्ञात हो कि पिछले लगभग एक साल से कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 के खिलाफ विभिन्न राज्यों व राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों को निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी, जिसके कारण दीये के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाए हैं।’’ 
उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों से अपने घर वापस लौट जाने की अपील भी की।

SGPC Urges UN to Declare 2021 as Int’l Human Rights yr

(Asr,Pb) SGPC Urges UN to Declare 2021 as Int’l Human Rights yr
The SGPC has asked the centre to repeal the recent farm laws, in a set of resolutions that also urges the UN to declare 2021, the 400th birth anniversary year of Guru Tegh Bahadur, as the International Human Rights Year .
The resolutions were moved by Bibi Jagir Kaur, chief of the Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee, an apex gurdwara body, and were passed by its members.
In its resolution on the celebration of the Guru Tegh Bahadur’s birth anniversary, the SGPC also asked the Centre to establish a unique monument of the ninth Guru on the lines of ‘Virasat-e-Khalsa’ at Sri Anandpur Sahib, dedicating it to his 400th birth anniversary.
The resolution also demanded large scale development of all historic sites related to Guru Tegh Bahadur, including his birthplace Gurdwara Guru Ke Mahal in Amritsar and Gurdwara Sis Ganj Sahib, the shrine built in Delhi to commemorate his martyrdom.
The day of martyrdom of the ninth Guru should be celebrated as ‘Religious Tolerance Day’ and the Centre should make the holy ‘baani’ (Gurbani writings) of the ninth Guru available in libraries all over the world by translating them into major languages of the world, the resolution said.
All these works should be done under the supervision of the SGPC, it added.
The resolution also asked the Centre and the state governments to declare the SGPC as the nodal body for the fourth birth centenary celebrations of the ninth Guru, to be held at home and abroad.
Apart from this, the road from Agra, the place of the arrest of the ninth Guru, to his martyrdom site at Delhi, should be declared as ‘Sri Guru Tegh Bahadur Sahib Marg’ and from Delhi to Sri Anandpur Sahib as ‘Sri Guru Tegh Bahadur Sahib Sis Marg’, as his holy ‘Sis’ (head) was carried on this route after the martyrdom, the resolution said.
A resolution was also passed for the reopening of the Kartarpur corridor.
The resolution on the farm laws also condemned the death of a youth Navreet Singh during the farmer tractor rally in Delhi on January 26 and demanding an impartial inquiry into the matter.
The resolution also demanded immediate release of youths and farmers apprehended during the tractor rally and withdrawal of criminal cases lodged against them.
File Photo

नए किसानी कानूनों से कब्जाई जमीनों का राज भ्र्ष्टाचार भी खुल जाना है

झल्लीगल्लां
पंजाबकांग्रेसी
ओए झल्लेया!ये केंद्र में बैठी मोदी सरकार आये दिन हसाडे किसानों के उंगली करती जा रही है।अगर किसान भड़क गए तो सब कुछ उल्टा पुलटा हो जाणा है।ओये हसाडे मुख्य मंत्री कैप्टेन अमरिन्दरसिंह जी ने असेंबली में जता भी दिया कि पंजाब में 1967 से जांची-परखी व्यवस्था चल रहा अब नए आदेशों के अनुसार एफ.सी.आई. की तरफ से किसानों को ई -भुगतान के द्वारा सीधी अदायगी के लिए ज़मीन रिकार्ड मांगने से स्थिति बद से बद्तर होगी।
झल्ला
चतुर सुज़ान जी!
1947 में पाकिस्तान गए मुसलमान और वहां से आये हिंदुओं को अलॉट किये गए कंपनसेशन क्लेम की जमीनों की हुई लूट भी तो खुल जाणी है।पँजांब में अभी भी ऐसी ही कब्जाई गई सम्पत्ति बेनामी है ।मैने तो सुना है कि जमीनों के लुटेरों में एआप लोगों के भी खास कुछ है

राकेश टिकैत कहीं भावनाओं में बह कर कुल्हाड़ी पर ही पैर ना मार बैठें

झल्लीगल्लां
चिंतितदिल्लीवासी
ओए झल्लेया! ये क्या रोज नई मुसीबत गले पड़ रही है।ओए किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के खिलाफ मोर्चा खोले हैं लेकिन हमारी ऐसी की तैसी करने पर तुले हुए है।गाजीपुर पर धरना तो दिया ही हुआ है अब दिल्ली में 4000000 ट्रैक्टर लाने की धमकी दे रहे हैं।ओए 26 जनवरी को हुए राष्ट्र के अपमान से इनका दिल नही भरा जो अब ये नया शगूफा ले आये
झल्ला
भापा जी! चो महेंद्रसिंह टिकैत के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके फरजंद राकेश की 26 जनवरी को लालकिले की तरफ कुल्हाड़ी चल गई थी।लाल किला चूंकि बाबरी मस्जिद की तरह ही मुगलों की शान है
इसीलिए वहां हुई तोड़फोड़ पर केसरी सरकार चुप्पी साध गई।मगर अब तो ये महानुभाव भावनाओं में बह कर भारत की संसद को ही कब्जाने की धमकी देने लग गए।इसे तो राष्ट्रवाद की माला जपने वाली सरकार सहज पचा नही पाएगी सो बाबा टिकैत के जानशीं कुल्हाड़ी पर ही पैर मारने को उतारू हो रहे है ।ईश्वर इनका भला करे।

CM Kejriwal to Address ‘Kisan Mahapanchayat’ at Meerut

(New Delhi) CM Kejriwal to Address ‘Kisan Mahapanchayat’ at Meerut
AAP national convenor and Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal will address a ‘kisan mahapanchayat’ at Meerut on February 28 in support of farmers protesting the Centre’s new agri laws
AAP said in a tweet.
“AAP National Convenor @ArvindKejriwal to address a Kisan Mahapanchayat in Meerut, Uttar Pradesh on 28th February, 2021. Aam Aadmi Party has convened a Mahapanchayat to support the demands of the protesting farmers,”

योगेंद्रयादव ने चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस+बीजेपी से प्रमाण मांगे

(नई दिल्ली)योगेंद्रयादव ने चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस+बीजेपी से प्रमाण मांगे
योगेंद्रयादव ने कांग्रेस+बीजेपी पर चरित्र हनन अभियान चलाने का आरोप लगाया और लालकिले में 26 जनवरी को हुई हिंसा से स्वयम को अलग किया ।
स्वराज अभियान के शीर्ष नेता और किसान आंदोलन में मुख्य भूमिका निभा रहे यादव ने कहा
9 फरवरी को कांग्रेस के लुधियाना के सांसद श्री रवनीत बिट्टू ने लोकसभा के पटल पर संसदीय विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए मेरा नाम लेकर मुझ पर अनर्गल, आधारहीन और दुष्प्रेरित आरोप लगाए और इसके जरिए मुझे लालकिले में 26 जनवरी की घटनाओं से जोड़ने का हास्यास्पद प्रयास किया। जब उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के संसदीय नेता श्री अधीर रंजन चौधरी ने इन आरोपों से पार्टी को अलग कर लिया तो बीजेपी नेता और ट्रोल आर्मी ने इस चरित्र हनन अभियान की कमान संभाल ली है।
जैसा कि पूरा देश जानता है कि 26 जनवरी को कुछ समूह और व्यक्ति संयुक्त किसान मोर्चा और पुलिस के बीच ट्रैक्टर यात्रा को लेकर बनी समझदारी का पालन न करने पर आमादा थे। यह जानकारी दिल्ली पुलिस को थी।फिर भी उनको रोकने के कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किए गए।लाल क़िला में जो उपद्रव और बेहूदा हरकतें की गयीं उसकी संयुक्त किसान मोर्चा और मैंने तत्काल आलोचना और निंदा की, उसी वक्त शांति की अपील की और ट्रैक्टर परेड रोक देने का फैसला घोषित किया।
26 जनवरी को दिल्ली की गणतंत्र किसान परेड में हुई कथित गड़बड़ियों के बारे में दिल्ली पुलिस के शो कॉज नोटिस का जवाब मैं एक सप्ताह पहले ही दे चुका हूं।
आंदोलन को बदनाम करने की इस कुत्सित रणनीति का सच देश के सामने आए इसके लिए जरूरी है कि इस अभियान में जुटे कांग्रेसी और बीजेपी नेता या तो इन आरोपों के पक्ष में कोई प्रमाण पेश करें या फिर इन्हें वापस ले। मैं लोकसभा के अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं की सदन के विशेषाधिकार के इस दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। मैं दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं कि अगर उन्हें 26 जनवरी की घटनाओं में मेरी संलिप्तता का कोई प्रमाण है तो उसे सार्वजनिक करें और उस दिन पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मेरी बातचीत का लॉग और ब्यौरा सार्वजनिक करें।

भगवंतमान ने लोकसभा के बिजनेस में आपा खोया,मतदाताओं का भी किया अपमान

(नई दिल्ली)आप पार्टी के पंजाब से सांसद भगवंतमान ने लोकसभा के बिजनेस में आपा खोया
मंगलवार को देर रात तक चली लोक सभा की कार्यवाही में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए
मान ने किसानों की समस्या को उठाया काव्यात्मक दलीलें देते देते अचानक उतेजित हो गए और सांसद पद को ठोकर मारने की बात करने लग गए।इस प्रकार उन्होंने अपने सांसदीय छेत्र के मतदाताओं का ही अपमान किया ।मान ने कहा कि उन्होंने दो दिन वेल में हंगामा करके सदन की कार्यवाही को बर्बाद कराया इस पर उन्हें ससपेंड करने की धमकी दी गई।इस पर बीच मे रोकते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने पूछा कि किसने बर्खास्त करने धमकी दी तो मान कोई जवाब नही दे पाए।इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा आन्दोलनजीवी को परजीवी कहे जाने पर एतराज करते करते भजपाइयों को रक्तजीवी कह गए।

शिवसैनिक भी बने उँगलीबाज,ये उंगली करेंगे,सेलिब्रेटिज के भी उंगली करेंगे

#महाराष्ट्रियनशिवसैनिक
ओए झल्लेया! ये दिग्गज सेलेब्रेटी भी किसान आंदोलन के विरोध में ट्वीट करने लग गए।#लतामंगेशकर,सचिनतेंदुलकर,अक्षयकुमार आदि जैसे नामवर और कामवर भी राजनीति करने लग गए।
ओए हसाडे गृह मंत्री माननीय अनिल देशमुख ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
ओए ये भजपा वाले सत्ता के नशे में चूर होकर इन हस्तियों पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का अनुचित दबाव बना रहे है
#झल्ला
तुम ठहरे उँगलीबाज। अब उंगली करोगे,सभी जगह उंगली करोगे।

जयंतचौधरी साहिब ! आंदोलन भुनाने के लिए लकीरों की सियासत समझो

रालोदाईचिंतक

 जयंतचौधरी साहिब ! आंदोलन भुनाने के लिए लकीरों की सियासत समझो

जयंतचौधरी साहिब ! आंदोलन भुनाने के लिए लकीरों की सियासत समझो

ओए झल्लेया!बहुत हो लिया।ईब किसानों का उत्पीड़न और बर्दाश्त नही हो रहा। इबलो तो किसानों को अंधाधुंध चुनावी बक्से भरने के बजाय अपने सियासी हित के लियो लाईन खींचनी जरूरी हो गई है।
झल्ला
झल्लाचौधरी साहिब!तुस्सी गल्लां तो उंगली उठा के चंगी चंगी कर रहे हो लेकिन इन आंदोलनों से जो सियासी जमीन आप जी को मिलती हैं उसे भुनाने के लिए लकीरें बदलने में मार खा जाते हो।सो बिखरे तिनको को समेटने के लिए लकीरों की सियासत समझो
फ़ाइल फ़ोटो

किसान आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मसला: बताते भी नही समस्या क्या है : तोमर

(नयी दिल्ली)किसान आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मसला: बताते भी नही समस्या क्या है :कृषिमंत्री तोमर
केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए इन्हें किसानों के जीवन में क्रातिकारी बदलाव लाने वाला करार दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानूनों को लेकर लोगों को बरगलाया जा रहा है और मौजूदा आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मामला है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है।
तोमर ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक राज्य का मसला बताया और कहा कि नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो।
तोमर ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्षी नेता नए कानूनों को काला कानून बता रहे हैं लेकिन वे यह नहीं बता रहे हैं कि इसमें गड़बड़ी क्या है।
कृषि मंत्री ने कहा कि वह पिछले दो महीनों से किसान यूनियनों से सवाल कर रहे हैं कि वे बताएं कि कानून में ‘काला’ क्या है?