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Tag: Farm Laws

लालकिले में किसानों के खिलाफ साजिश रची गई तो फिर दंगाईयों को छोड़ने की शर्त क्यूँ

#यूपीकाआशान्वितकिसान
ओए झल्लेया! ओए म्हारी बिरादरी को ख़्वाहमखा बदनाम करके हमे देश द्रोही बताया जा रहा है।भई म्हारे Ch Rakesh Tikaitराकेश टिकैत ने एक बार फिर एलानिया कह दिया है कि सबकी गरिमा का सम्मान करते हुए केंद्र से 12 वें दौर की वार्ता को तैयार हैं
#झल्ला
झल्लाचतुर चौधरी साहब !लालकिले में किसानों के खिलाफ साजिश रची गई तो फिर दंगाईयों को छोड़ने की शर्त क्यूँ
चौधरी साहिब लालकिले में दंगा फैलाने वालों को छोड़ने की शर्त भी तो अड़ा रहे हो। अब ये बताओ कि ये संयुक्त मोर्चा तुमसे अलग राग अलाप रहा है।और कहा जा रहा है कि लाल किले में दंगा करवा कर किसानों के खिलाफ साजिश की गई।अब आप लोग बड़ौत में महापंचायत करके भी पकड़े गए दंगाईयों (अभी साबित होना है)को छोड़ने की शर्त उछाल रहे हो।खुद सोचो कि क्या सन्देश दे रहे हो???

टिकैत की भावुकता काम आई,आप+रालोद+सपा+एसऐडी खुल कर समर्थन में आये

(लखनऊ,चंडीगढ़,दिल्ली)राकेश टिकैत की भावुकता काम आई,आप+रालोद+सपा और एसऐडी खुल कर समर्थन में आये ।मुजफ्फरनगर में महापंचायत में भी हजारों की संख्या में उपस्थिति दर्ज हुई
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत से टेलीफोन पर बात की।
यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित और प्रताड़ित किया है, उसे पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अभी भाजपाई उत्पातियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन पर पथराव किया है। सारा देश देख रहा है कि भाजपा कुछ पूँजीपतियों के लिए कैसे देश के भोले किसानों पर अत्याचार कर रही है। भाजपा की साज़िश और बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग किसानों पर की जाने वाली निर्दयता घोर निंदनीय है।’’
गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत कृषि कानूनों के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं यहां बिजली पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं।बीते दिन उन्होंने स्टेज से भावुक होकर समर्थन की अपील की थी इसके फलस्वरूप दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के उपमुख्यमंत्री मनीष सिशोदिया+राघव चड्डा+सत्येंद्र जैन पानी का टैंकर ले कर पहुंच गए।रालोद के टॉप ब्रास अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी ने समर्थन दर्ज कराया।शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सांसद सुखबीर सिंह बादल ने प्रेस कांफ्रेंस करके बिजली पानी काटे जाने की निंदा की है।इससे पूर्व संसद के बजट सत्र में 20 दलों ने राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार किया।

प्रतिष्ठित पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी मीडिया को दबाने का कुप्रयास;एडिटर्स गिल्ड

(नयी दिल्ली)प्रतिष्ठित पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी मीडिया को दबाने का कुप्रयास;एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने किसानों की गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड तथा उस दौरान हुई हिंसा की रिपोर्टिंग करने पर वरिष्ठ संपादकों एवं पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने के कदम की शुक्रवार को कड़ी निंदा की और इसे मीडिया को ‘‘डराने-धमकाने, प्रताड़ित करने तथा दबाने’’ का प्रयास बताया।
एडिटर्स गिल्ड ने वक्तव्य जारी कर मांग की कि ऐसी प्राथमिकियां तुरंत वापस ली जाएं तथा मीडिया को बिना किसी डर के आजादी के साथ रिपोर्टिंग करने की इजाजत दी जाए।
वक्तव्य में कहा गया कि एक प्रदर्शनकारी की मौत से जुड़ी घटना की रिपोर्टिंग करने, घटनाक्रम की जानकारी अपने निजी सोशल मीडिया हैंडल पर तथा अपने प्रकाशनों पर देने पर पत्रकारों को खासतौर पर निशाना बनाया गया।प्राथमिकियां दस भिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज की गई हैं जिनमें राजद्रोह के कानून, सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ना, धार्मिक मान्यताओं को अपमानित करना आदि शामिल हैं।
गिल्ड ने कहा, ‘‘यह ध्यान रहे कि प्रदर्शन एवं कार्रवाई वाले दिन, घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों तथा पुलिस की ओर से अनेक सूचनाएं मिलीं। अत: पत्रकारों के लिए यह स्वाभाविक बात थी कि वे इन जानकारियों की रिपोर्ट करें। यह पत्रकारिता के स्थापित नियमों के अनुरूप ही था।’’
गिल्ड ने रेखांकित किया कि इन प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया है कि ट्वीट दानिस्ता तौर पर दुर्भावनापूर्ण थे और लाल किले पर उपद्रव का कारण बने। उसने कहा कि कि इससे ज्यादा कुछ भी सच्चाई से परे नहीं हो सकता है
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि किसानों की ट्रैक्टर परेड और उस दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में नोएडा पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया है।
जिन पत्रकारों के नाम प्राथमिकी में हैं, उनमें मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई, विनोद जोस, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ शामिल हैं। एक अनाम व्यक्ति के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

ट्रैक्टर उपद्रव में 25 एफआईआर में 37 नामजद और गिरफ्तार ओनली 19

#दिल्लीपुलिस प्रशंसक
ओए झल्लेया !हमारी दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टरमार्च की आड़ में आतंक फैलाने वाले उपद्रवियों पर 25 एफ आई आर दर्ज करके तुरन्त कार्यवाही शुरू भी कर ली है ।ओए राष्टीय अस्मिता से खिलवाड़ करने वाला कोई उपद्रवी अब बचेगा नही
#झल्ला
भापाजी!कभी बिना आई एफआर के भी कानून व्यवस्था बना ली जाती थी लेकिन आपकी वर्तमान
दिल्लीपुलिस ने यह फिर से स्थापित कर दिया कि नालायक का बस्ता भारी ही होता है क्योंकि 394 पुलिस वाले घायल हुए+करोड़ों ₹ की सम्पत्ति स्वाह हुई +राष्ट्र केअमूल्य सम्मान को चोट पहुंचाई गई +बहुमूल्य लाल किले को दागदार किया गया ।इस पर हुआ ये कि 25 एफ आई आर में 37 किसान नेताओं के नाम और गिरफ्तारी केवल 19 की ही हुई
वैसे #संयुक्तकिसानमोर्चे ने भी अपने बस्ते को हल्का करना शुरू भी कर दिया है

उपद्रवियों ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमानकर खालिस्तानी झंडे लगाए

(नयी दिल्ली)उपद्रवियों ने लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमानकर खालिस्तानी झंडे लगाए
ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह मंगलवार को लालकिले में घुस गया और राष्ट्रीय राजधानी स्थित इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर पीले निशानसाहब के झंडे लगा दिए।
पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया। ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।
इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश कइसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के विभिन्न सीमा बिन्दुओं से दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया और अनुमति न मिलने के बावजूद वे मध्य दिल्ली स्थित आईटीओ पहुंच गए।
दिल्ली पुलिस ने किसानों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद तय किए गए मार्गों पर ही अपनी परेड करेंगे।
हालांकि, आज किसान मध्य दिल्ली की ओर बढ़ने पर अड़ गए जिससे अफरातफरी मच गई।

Agitators Unlawfully Entered In Historical Red Fort ;Tractor Rally

( Delhi,Chd,)CM of @PunjabGovtIndia @capt_amarinder’s Appeal For Peaceful #TractorMarchDelhi Failed .Farmers Leaders Failed to Control Agitators en route
Large Number of Farmers +Tractors ,Breaking Barricades +Damaging Public Property, Entered Historical Pride of India The #RedFort
So Constitutional Ethos Are once again Challenged .Police Reacted with Tear Gas Also.
Police lathicharged Agitators at Chintamani Chowk in Shadara as some tractors taking part in the rally tried to deviate from the scheduled route and enter Delhi, on Tuesday.
The rally was scheduled to head towards Apsara Border but some of the tractors pushed through a police barricade at Chintamani Chowk. This prompted lathicharge by the police who tried to push back the farmers.
In the chaos, windshields of some vehicles were shattered.
The police managed to disperse the farmers.
A group of farmers who refused to follow the pre-decided routes, reached the ITO area in central Delhi. Police put barricades, used tear gas and lathicharge to stop them near Delhi Police headquaters to prevent them from moving towards Tilak Bridge.
Now Capt Gets Opportunity to announce Relief of these So Called ,if any,#Martyr
No Surprise if He Give them a space in Pious #JallianwalaBagh

Punjabi Farmers Burn Copies of Farm Laws on Lohri

(Chd,Pb)Punjabi Farmers Burn Copies of Farm Laws on Lohri
Farmers in Punjab on Wednesday burnt copies of the Centre’s three new farm laws at several places on the festival of Lohri as a mark of protest against the legislations.
Bonfires are an important part of this harvest Festival
Farmers also shouted slogans against the BJP-led Centre and slammed the government for not acceding to their demands. They demanded that the new farms laws should be repealed.
Farmers including women under the banner of Kisan Mazdoor Sangharsh Committee held a protest at Pandherkalan village in Amritsar.
Farmers also burnt copies of the new farm laws at many places including Hoshiarpur, Sangrur and Kapurthala in the state.
Farmers, who have been camping at the Delhi borders, are demanding a repeal of the farm laws and a legal guarantee to the minimum support price for crops.
The Supreme Court on Tuesday had stayed the implementation of controversial new farm laws till further orders and decided to set up a 4-member committee to resolve the impasse over them between the Centre and farmers’ unions protesting at Delhi borders.

Farmers Protesting Should End Their Agitation Now ;Khattar

(Chd,Hary) Farmers Protesting Should End Their Agitation Now ;Khattar
Chief Minister Manohar Lal Khattar on Tuesday said the farmers protesting at Delhi’s borders should end their agitation now following the formation of a committee by the Supreme Court over the new farm laws.
The ball is now in the court of the SC and I feel whatever is its decision, it will be acceptable to all, he said, welcoming the SC order.
The Supreme Court stayed till further orders the implementation the three central agri-marketing laws over which farmers from Punjab and Haryana have been protesting for weeks.
The court also announced the formation of a four-member committee to resolve the deadlock over the new laws between the Centre and farmers’ unions.
On the farmer unions’ refusal to call off their protest after the SC order, Khattar said there was no reason now for them to continue with it.
Khattar has been targeted by farmer unions for supporting the new laws enacted at the Centre in September.
On Sunday, protesters in Karnal vandalised the venue of the kisan mahapanchayat the chief minister had planned to address in support of the laws.

Capt Deputes His AG to Examine SC Order Staying Farm Laws

(Chd,Pb)Capt Deputes His AG to Examine SC Order Staying Farm Laws
Punjab Chief Minister Capt Amarinder Singh on Tuesday asked the state Advocate General to examine in detail the Supreme Court order staying the new farm laws
CM has convened a cabinet meeting on Thursday to discuss the implications of the apex court order.
Earlier in the day, the top court stayed the implementation of the new agricultural laws till further orders and decided to set up a four-member committee to resolve the impasse over the legislation between the Centre and farmers’ unions protesting at Delhi’s borders.
The four members of this committee are
Bhupinder Singh Mann,
President of Bhartiya Kisan Union; Anil Ghanwat,
President of Shetkari Sanghatana, Maharashtra;
Pramod Kumar Joshi,
director for South Asia, International Food Policy Research Institute, and agriculture economist Ashok Gulati.

खट्टर ने विकास के लिए किसान महापंचायत बुलाई लेकिन विरोधियों ने तोड़फोड़ की

(चंडीगढ़,हरियाणा)खट्टर ने विकास के लिए किसान महापंचायत बुलाई लेकिन विरोधियों ने तोड़फोड़ की
करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘‘फायदे’’ बताने वाले थे।सी एम मनोहरलाल खट्टर के अनुसार उन्होंने इस छेत्र के लिए 100 करोड़ ₹ की यौजनाओं की घोषणा भी करनी थी जो अब भविष्य में किसी अन्य कार्यक्रम में कई जाएंगी।
इससे पहले पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े।
बहरहाल, प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया।
उन्होंने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए।
किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था।
किसानों के इस हुड़दंगी व्यवहार के लिए बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरूनी पर आरोप लगाए जा रहे है
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के तत्वावधान में किसानों ने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे। वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसानों पर पानी की बौछारें छोड़ने और आंसू गैस के गोले दगवाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर की आलोचना की।