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Tag: Farmers Unrest

पँजांब सरकार ने किसान धरना समर्थन संबंधी अपने आदेश वापिस लिए

(चंडीगढ़,पँजांब)पँजांब सरकार ने किसान धरना समर्थन संबंधी अपने आदेश वापिस लिए
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को बी.डी.पी.ओ. का मुख्यालय में तबादला भी कर दिया
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार कोविड महामारी के चलते किसी भी रोष प्रदर्शन करने की बजाय सभी राजसी पार्टियों को ऐसे सार्वजनिक जलसे करने से परहेज करने का अनुरोध कर रही है।
वास्तव में डी.पी.ओ. ने 21 सितम्बर को धरने का ऐलान कर दिया और अपने ब्लॉक अधीन समूह पंचायत सचिवों को पत्र जारी करके सभी सरपंचों को इन धरनों में शामिल होने के लिए कहा।
सरकार के अनुसार कभी भी कृषि ऑर्डीनैंसों के खिलाफ ऐसे धरनों की योजना नहीं बनायी गई और न ही बी.डी.पी.ओ. को पत्र जारी करने के लिए कहा गया

Punjab CM Warns His Predecessor Capt Amarinder Singh Against Provocation Of Farmers sentiments

[Sangrur]Punjab CM Warns His Predecessor Capt Amarinder Singh Against Provocation Of Farmers sentiments
Slamming Capt Amarinder Singh for allegedly issuing baseless statements on “sensitive issues” concerning the farmers of state, Punjab C M Parkash Singh Badal today asked him to refrain from “politicizing” each and every issue for his own vested interests.
SAD Supremo Sardar Badal said before issuing any statement the opposition leaders must remember that the farmers were facing a number of problems due to the nature’s fury in form of unseasonal rain and hailstorm,
CM said it was unfortunate that instead of expressing solidarity with the farmers in this hour of crisis, Amarinder was playing dirty politics over this issue by irrelevantly issuing unwarranted and unjustified statements.
Badal said people and governments were helpless before natural disasters and the damage caused in Nepal due to earthquake was an example of it.
The Chief Minister said on its part the state government has ensured that every single grain was procured in a smooth and hassle free manner from the farmers.
He said it was a well known fact that after the state government had raised the issue of loss suffered by farmers, the NDA government had extended a helping hand by increasing the amount of relief besides bearing the value cut in MSP due to damage in crop.
However, Badal said instead of bailing out the farmers from this grave crisis, the Congress leaders have indulged in politicking for just scoring brownie points before the media.
Referring to the power scenario in the state, he said that due to the concerted efforts of the state government, Punjab was today a power sufficient state.
He said massive steps have been taken to augment power generation in the state, which had produced desired effects

Ch.Ajit Singh,Demands One Lakh Crore Rupees Compensation For Ruined Farmers

[Meerut] Ch.Narendra ModiAjit Singh,Demands One Lakh Crore Rupees Compensation For Ruined Farmers
RLD Supremo Ajit Singh, [Providing Fuel To The Fire Of Congress]Demanded One Lakh Crore Rupees Compensation For Ruined Farmers
Hereditary Kisan Leader Ajit Singh Alleged that PM Is busy abroad Whereas Native Farmers Are committing suicide,
Rashtriya Lok Dal chief today took a swipe at Narendra Modi, saying while farmers are committing suicide the PM is busy in foreign trips.
Addressing a farmers meet at a Farm House Of Kanker Khera , the former Civil Aviation Minister demanded enhanced compensation for farmers who have been affected by un seasonal rain and hailstorm.
He said that If the central government is claiming that it has fetched more than Rs two lakh crore from coal auction, at least Rs one lakh crore should be spent on farmers’ welfare, Singh said, adding that the funds can be used to waive their loans.

OP Dhankar,Adding Fuel To Fire,Refuses Aid To Family Of Farmers Committing Suicide

[Chandigarh,Haryana]OP Dhankar, Adding Fuel To The Fire,Narrates Legal Definition Of Farmer’s Suicide In Haryana And Refused Aid For Family Of Farmers Committing Suicide
At a time when farmers Are Badly Ruined In Current Natural Calamities And Committing Suicide ,minister in Haryana Sh Dhankar has said that farmers who commit suicide are “cowards” and implied that they don’t deserve the government’s support.
“Suicide is a crime. According to Indian law, suicide is a crime. A person who commits suicide runs away from his responsibilities. Such people are cowards and the government cannot stand by such cowards or criminals,” OP Dhankar, the Agriculture Minister in the state’s BJP government, said on Tuesday.
On Monday, Chief Minister ML Khattar had criticised the previous Congress government for being “insensitive” to farmers and then announced a compensation of Rs 1,092 crore for those who have suffered massive crop loss because of unusual rain.
Mr Dhankar’s comments come at a time the BJP-led government at the centre is battling strong opposition to its proposal to make it easier to buy farm land for infrastructure and other key projects.

देश का किसान विपक्ष के दुष्प्रचार से गुमराह नही हों:सरकार हितकारी है:पीएम के”मन की बात”

[नई दिल्ली]देश का किसान विपक्ष के दुष्प्रचार से गुमराह नही हों:सरकार हितकारी है:पीएम के”मन की बात” १५ वीं लोक सभा के १६ वें पीएम नरेंद्रमोदी ने पांचवें महीने में रेडियो पर अपने छठे सम्बोधन में १० मुख्य बिन्दुओं पर मन की बात करके देश में विपक्ष द्वारा भ्रमित किये जा रहे करोड़ों किसानों के मन को छूआ |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किसानों के साथ मन की बात करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के बारे में झूठ बोला जा रहा है, आप गुमराह न हों। सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में सिर्फ खामियों को दूर कर रही ​है।
पीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के लिए सबसे पहले सरकारी जमीन का उपयोग होगा । उसके बाद बंजर भूमि और अगर फिर आखिर में अनिवार्य हुआ तो तब जाकर के उपजाऊ जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा |बंजर भूमि का तुरंत सर्वे करने के लिए भी कहा गया है|पी एम ने बताया कि 2013 के पिछली सरकार के समय बने कानून में जो मुआवजा तय हुआ है, उस में रत्ती भर भी फर्क नहीं किया गया है। चार गुना मुआवजा तक की बात को हमने स्वीकारा हुआ है।
इतना ही नहीं,जो पिछली सरकार की तेरह योजनाओं में शामिल नही था, उसको भी मुआवजे के लिए अब जोड़ दिया गया है।
इतना ही नहीं, शहरीकरण के लिए जो भूमि का अधिग्रहण होगा, उसमें विकसित भूमि, २०% उस भूमि मालिक को मिलेगी ताकि उसको आर्थिक रूप से हमेशा लाभ मिले|परिवार के युवक+खेत मजदूर की संतान को भी नौकरी मिलनी चाहिए,।जिला अधिकारी को लिखित रूप से घोषित करना पड़ेगा कि किसको +,किसमें +कहाँ पर काम मिलेगा, । ये नयी चीज़ जोड़ करके सरकार की जिम्मेवारी को फिक्स किया गया है।
निजी उद्योग + कॉर्पोरेट + प्राइवेट कारखानों के लिए ये ‘सहमति’ का कानून चालू है+है+है।
अभी तक गाँव के किसानों के बच्चे दिल्ली और मुंबई की झुग्गी झोपड़ियों में जिन्दगी बसर करने के लिए मजबूर होते हैं ? क्या उनके घर और गाँव के 20-25 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा भी कारखाना लग जाता है और उसको रोजगार मिल जाता है, तो मिलना चाहिये की नहीं मिलना चाहिये? और ये कॉरिडोर प्राइवेट नही है, ये सरकार बनाएगी। सरकार बनाकर के उस इलाके के लोगों को रोजगार देने का प्रबंध करेगी और इसीलिए जिसकी मालिकी सरकार की है, और जो गाँव की भलाई के लिए है, गाँव के किसानो की भलाई के लिए है, जो किसानों की भावी पीड़ी की भलाई के लिए हैं, जो गाँव के गरीबों की भलाई के लिए हैं, जो गाँव के किसान को बिजली पानी मोहैया कराने के लिए उनके लिए हैं, उनके लिए इस भूमि अधिग्रहण बिल में कमियाँ थी, उस कमियों को दूर करने का हमारे प्रामाणिक प्रयास हैं।…फिर भी किसी को लगता है कोई कमी हैं,तो हम उसको सुधार करने के लिए तैयार हैं।
बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, इस संविधान के तहत आप हिंदुस्तान के किसी भी कोर्ट में जा करके दरवाजे खटखटा सकते हैं। तो ये झूठ फैलाया गया है। हाँ, हमने एक व्यवस्था को आपके दरवाजे तक लाने का प्रयास किया है। “सोयल हेल्थ कार्ड ” की बात लेकर के आये हैं। हर किसान को इसका लाभ मिलने वाला है, आपके उर्वरक का जो फालतू खर्चा होता है उससे बच जाएगा। आपकी फसल बढ़ेगी। आपको फसल का पूरा पैसा मिले, उसके लिए भी तो अच्छी मंडियां हों, अच्छी कानून व्यवस्था हो, किसान का शोषण न हो, उस पर हम काम कर रहे हैं और आप देखना मेरे किसान भाइयो, मुझे याद है, मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री था इस दिशा में मैंने बहुत काम किया था। हमारे गुजरात में तो किसान की हालत बहुत ख़राब थी, लेकिन पानी पर काम किया, बहुत बड़ा परिवर्तन आया। गुजरात के विकास में किसान का बहुत बड़ा योगदान बन गया जो कभी सोच नही सकता था। गाँव के गाँव खाली हो जाते थे। बदलाव आया, हम पूरे देश में ये बदलाव चाहते हैं जिसके कारण हमारा किसान सुखी हो।
बारिश और ओला वृष्टि से हुए नुकसान के प्रति सरकार पूरी संवेदना के साथ, आपकी इस संकट की घड़ी में, आपको पूरी तत्परता से मदद करेगी। जितना हो सकता है, उसको पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।

धान के नए समर्थन मूल्यों से देश के किसानो को ९ हज़ार करोड़ का नुक्सान होगा:भाजपा

भाजपा ने केंद्र द्वारा तय किये गए धान के समर्थन मूल्यों मात्र ६० रुपयों की बढोत्तरी को अपर्याप्त बताते हुए इसकी पुनः समीक्षा की मांग की है| भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कैप्टेन अभिमन्यु ने कहा के वर्तमान मूल्यों पर किसान प्रति क्विंटल १४०० रुपये औसतन खर्च करता है इस नए समर्थन मूल्य पर उन्हें प्रति क्विंटल ९० रुपये का नुक्सान उठाना पडेगा|देश भर के किसानो को कुल ९००० करोड़ का नुक्सान उठाना पडेगा|मुद्रास्फूर्ति के चलते यह बढोत्तरी मात्र ५% के बजाय १४% होनी चाहिए थी|
यह किसानो के साथ धोखा है और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पर भी प्रश्न चिन्ह है|
भजपा ने कपास के समर्थन मूल्यों में मात्र १०० रुपये के स्थान पर ५०० रुपयों की वृद्धि के साथ ही स्वामी नाथन आयोग को लागू किये जाने की मांग की है|

विभिन्न मांगों को लेकर किसानो का अनिश्चित कालीन धरना अभी जारी है

विभिन्न मांगों को लेकर किसानो का अनिश्चित कालीन धरना अभी जारी है

विभिन्न मांगों को लेकर किसानो का अनिश्चित कालीन धरना अभी जारी है

[मेरठ]किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से शुरू किया गया धरना दूसरे दिन भी जारी है २७ फरवरी । धरने के दौरान मंच से मेजर डा. हिमांशु ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश को लागू कराने में कोताही बरत रही है। उन्होंने राजनीतिक दलों और सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप जड़ा। 15 दिन के बाद गन्ना भुगतान देने पर मिलों को मय ब्याज भुगतान करने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं, लेकिन सरकार की मिलीभगत से मिल मालिक न समय से भुगतान कर रहे हैं और न ही किसानों के पैसों का ब्याज दे रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार बीएम सिंह ने स्थानीय प्रशासन से कहा कि जब तक मांगें पूरी नही होंगी धरना अनवरत जारी रहेगा। इसके लिए चाहे कई साल लग जाएं, लेकिन किसान अब मांग पूरी होने के बाद ही यहां से उठेंगे। वहीं डेढ़ साल बाद जागे प्रदेश के गन्ना आयुक्त किसानों के बीच आने के बजाय वार्ता को लखनऊ बुला रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कि किसान अपना हक लेकर ही धरना खत्म करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगर मेरठ मंडल की सरकारी चीनी मिलों से ही पेमेंट शुरू करा दे तो बातचीत अर्थपूर्ण होगी। वहीं विकास बालियान ने कहा कि सरकार 55 लाख गन्ना किसानों को छोड़कर 55 चीनी मिल मालिकों के साथ है। जितेन्द्र चौधरी, उपेन्द्र चौधरी व रामवीर सिंह ने भी विचार रखे। धरनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है|
इसके इतर हापुड़ में भी किसानों ने गन्ने में आग लगाकर अपना विरोध प्रकट किया।